back search
Browse faster in app
ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART
  • Home arrow
  • How to Get Pregnant with PCOS in Hindi | PCOS होने पर भी हो सकता है गर्भधारण! बस इन बातों का रखें ध्यान arrow

In this Article

    How to Get Pregnant with PCOS in Hindi | PCOS होने पर भी हो सकता है गर्भधारण! बस इन बातों का रखें ध्यान

    Pregnancy

    How to Get Pregnant with PCOS in Hindi | PCOS होने पर भी हो सकता है गर्भधारण! बस इन बातों का रखें ध्यान

    6 September 2023 को अपडेट किया गया

    अक्सर PCOS और PCOD से पीड़ित महिलाओं को लगता है कि वे कभी माँ नहीं बन पाएँगी. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. यह एक ऐसी समस्या है जिस पर अगर समय रहते ध्यान दिया जाये तो इसके असर को काफ़ी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है.पीसीओएस यानी कि पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक ऐसी समस्या है, जो पिछले कुछ सालों में तेज़ी से बढ़ रही है. इस आर्टिकल के ज़रिये हम आपको PCOS और PCOD से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी बताएँगे, ताकि आप भी इस समस्या पर समय रहते काबू कर सकें.

    पीसीओएस क्या है? (What is PCOS in Hindi)

    चलिए अब जानते हैं कि पीसीओएस क्या (PCOS kya hai) होता है. पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (PCOD) ओवरी से संबंधित एक ऐसी समस्या है, जिसके कारण महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं; जिसके चलते महिलाओं के शरीर में फीमेल हार्मोन की बजाय मेल हार्मोन (एण्ड्रोजन) का स्तर ज्यादा बढ़ने लगता है. ऐसी स्थिति में ओवरी में कई गाँठें (cyst) बनने लगती है. ये गाँठें छोटी-छोटी थैली के आकार की होती हैं और जिनमें तरल पदार्थ होता है. जब यही छोटी-छोटी गाँठें बड़ी होती हैं, तो यह ओव्यूलेशन की प्रोसेस में रुकावट डालने लगती है. ऐसे में समय पर ओव्यूलेशन न होने पर गर्भधारण की संभावना कम होने लगती है.

    इसे भी पढ़ें : PCOD और PCOS को लेकर कंफ्यूजन? जानें क्या है इन दोनों के बीच अंतर!

    पीसीओएस के आम लक्षण (PCOS Symptoms in Hindi)

    पीसीओएस की समस्या होने पर इस तरह के लक्षण (PCOS symptoms in Hindi) दिखाई देते हैं;

    1. अनियमित मासिक चक्र
    2. वज़न बढ़ना
    3. मुँहासे होना
    4. अनचाहे अंगों; जैसे- ठोड़ी, चेहरे, छाती, पीठ और पेट आदि पर बालों का उगना
    5. ओवरी में सिस्ट होना
    6. गर्भधारण में समस्या होना
    7. व्यवहार या स्वभाव में अचानक बदलाव होना (अचानक से उदास होना, चिंता करना, आदि)
    8. हेयर फॉल होना
    9. त्वचा से संबंधित समस्या होना बार-बार गर्भपात होना
    10. थकावट महसूस करना
    11. इंसुलिन रेसिस्टेंट
    12. हाई टेस्टोस्टेरोन लेवल होना

    इसे भी पढ़ें : गर्भधारण की कोशिश के दौरान कैसे होता है सेक्स लाइफ पर असर?

    पीसीओएस होने पर कैसे करें गर्भधारण? (How to get pregnant with pcos in hindi)

    1. डाइट में बदलाव करें (Follow healthy diet)

    पीसीओएस की समस्या होने पर सबसे पहले अपनी डाइट में बदलाव करें. अपनी डाइट में ताज़े फल,सब्ज़ियों, बीन्स, सूखे मेवों और गेहूँ से बनी चीज़ों को शामिल करें. साथ ही, कार्बोहाइड्रेट व शुगर युक्त खाद्य पदार्थों को भी न कहना सीखना होगा. इससे न सिर्फ़ आपका वज़न कम होगा, बल्कि हार्मोंस भी संतुलित रहेंगे. डिब्बाबंद और वसा युक्त खाद्य पदार्थों से भी दूरी बनाएँ.

    2. PCOS/PCOD चाय लें

    आपको जानकर थोड़ी हैरानी हो सकती है, लेकिन यह सच है कि आप डेली एक कप चाय पीकर भी पीसीओएस और पीसीओडी को ठीक कर सकते हैं. यहाँ हम नॉर्मल चाय की नहीं; बल्कि पीसीओएस/पीसीओडी टी के बारे में बात कर रहे हैं. इस प्रकार की चाय (टी) पीसीओएस और पीसीओडी की समस्या पर इफेक्टिव तरीक़े से काम करती हैं. आप चाहे तो माइलो 100% नेचुरल PCOS और PCOD टी (Mylo 100% Natural PCOS & PCOD Tea) को ट्राई कर सकते हैं, जो कि कैमोमाइल, शतावरी, शंखपुष्पी और मंजिष्ठा जैसी आयुर्वेदिक चीज़ों के गुणों से भरपूर है. इस टी के कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं है, क्योंकि सुरक्षा के लिहाज़ से यह FSSAI लाइसेंस प्राप्त है, NABL लैब टेस्टेड है और ओरल सेफ्टी के लिए क्लिनिकली टेस्टेड है. इसके अलावा, इसमें कैफ़ीन, प्रिजरवेटिव, आर्टिफिशियल कलर और शुगर का इस्तेमाल भी नहीं हुआ है.

    3. गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन बंद कर दें (Stop taking contraceptive pills)

    गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है. ऐसे में अगर आप गर्भवती होना चाहती हैं तो गर्भधारण के एक साल पहले ही गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करना बंद कर दें.

    4. ओव्‍यूलेशन का समय (Track your ovulation period)

    पीरियड्स शुरू होने के 14 दिन बाद आप गर्भवती हो सकती हैं, क्योंकि यह समय ओव्यूलेशन के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इस दौरान अगर आप संबंध बनाते हैं, तो गर्भधारण की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं. दरअसल, इस समय ओवरी से एग रिलीज होते हैं, जो कि 12 से 24 घंटे तक रहते हैं. हालाँकि, इसके लिए आपका ओव्‍यूलेशन चक्र का सही होना बहुत जरूरी है. इसलिए आप अपने ओव्यूलेशन पीरियड का ध्यान रखें.

    5. विटामिन डी (Vitamin D)

    गर्भधारण के लिए विटामिन डी को बहुत ज़रूरी माना गया है. इसलिए अगर आप फैमिली प्लानिंग के बारे में सोच रहे हैं, तो पहले विटामिन डी की कमी को पूरा कर लें.विटामिन डी की पूर्ति के लिए सुबह की धूप में 10 मिनट बैठें. इसके अलावा अपनी डाइट में पनीर, अंडे और मशरूम, आदि शामिल करें.

    6. तनाव से दूर रहें (Stay away from stress)

    अपने स्ट्रेस को कम करें. स्ट्रेस पीसीओएस का एक मुख्य कारण है, इसलिए आप इसे कम करने के लिए योग, मेडिटेशन या अन्य तरीक़ों की मदद ले सकते हैं.

    7. डॉक्टर से परामर्श करें (Consult your doctor)

    अपने डॉक्टर से सलाह लें. वह आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और आपको सही उपाय बताएँगे.

    उम्मीद है कि अब आप समझ गए होंगे कि पीसीओएस की समस्या होने पर आपको किन बातों का ध्यान रखना है!

    प्रो टिप (Pro Tip)

    पीसीओएस/पीसीओडी होने पर गर्भधारण मुश्किल हो सकता है, असंभव नहीं. सही बेहतर डाइट, लाइफस्टाइल, और एक्सरसाइज आदि को फॉलो करके PCOD और PCOS को ठीक किया जाता है और प्रेग्नेंसी की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है.

    रेफरेंस

    1. Cunha A, Póvoa AM. (2021) Infertility management in women with polycystic ovary syndrome: a review.

    2. Melo AS, Ferriani RA, Navarro PA. (2015). Treatment of infertility in women with polycystic ovary syndrome: approach to clinical practice. Clinics (Sao Paulo).

    3. Sawant S, Bhide P. (2019). Fertility Treatment Options for Women With Polycystic Ovary Syndrome. Clin Med Insights Reprod Health.

    4. McDonnell R, Hart RJ. (2017). Pregnancy-related outcomes for women with polycystic ovary syndrome.

    Tags

    How to manage PCOS/PCOD in English, How to manage PCOS/PCOD in Bengali, How to manage PCOS/PCOD in Tamil, How to manage PCOS/PCOD in Telugu

    Is this helpful?

    thumbs_upYes

    thumb_downNo

    Written by

    newagemum

    newagemum

    Read from 5000+ Articles, topics, verified by MYLO.

    Download MyloLogotoday!
    Download Mylo App

    RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

    our most recent articles

    100% Secure Payment Using

    Stay safe | Secure Checkout | Safe delivery

    Have any Queries or Concerns?

    CONTACT US
    +91-8047190745
    shop@mylofamily.com
    certificate

    Made Safe

    certificate

    Cruelty Free

    certificate

    Vegan Certified

    certificate

    Toxic Free

    About Us
    Mylo_logo

    At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:

    • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
    • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
    • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.

    All trademarks are properties of their respective owners.2017-2023©Blupin Technologies Pvt Ltd. All rights reserved.