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Pregnancy Journey
30 November 2023 को अपडेट किया गया
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प्रेग्नेंसी का सफ़र जितना ख़ूबसूरत होता है उतना ही दिलचस्प भी. इस सफ़र में एक महिला को कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलावों से गुज़रना पड़ता है. लेकिन बहुत ही ऐसी महिलाएँ होती हैं, जिन्हें प्रेग्नेंसी की हर तिमाही के लक्षण पता नहीं होते हैं. वे समझ नहीं पाती हैं कि प्रेग्नेंसी (Pregnancy in Hindi )की हर तिमाही के अनुसार उनकी बॉडी में किस तरह के परिवर्तन हो रहे हैं. माइलो के इस आर्टिकल में जानें कि प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही (pregnancy ke shuruaati lakshan) से लेकर तीसरी तिमाही (Pregnancy symptoms in hindi) तक एक गर्भवती महिला को किस तरह के लक्षण महसूस होते हैं!
एग का स्पर्म से फर्टिलाइजाइजेशन होने के बाद ही प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही शुरू हो जाती है. इस दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं. प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीनों में कुछ इस तरह के लक्षण (Pregnant hone ke lakshan in Hindi) महसूस होते हैं;
प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्टर में कुछ महिलाओं को सुबह उठकर उल्टी करने की प्रॉब्लम होती है. इसके साथ-साथ कुछ महिलाओं को पेट फूलने की समस्या भी होती है. इसे मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है. प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में ऐसा होना आम है. दरअसल, हार्मोन्स में बदलाव होने के कारण मॉर्निंग सिकनेस की समस्या होती है. इस दौरान कुछ भी खाना-पीना मुश्किल हो जाता है.
प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्टर में महिलाओं को बहुत थकान भी महसूस होती है. दरअसल, इस समय आपकी बॉडी बेबी के लिए एक्सट्रा ब्लड प्रोडक्शन करती है, जिसके कारण आप ख़ुद को थका हुआ महसूस करते हैं. इस समय आपको अधिक आराम करना चाहिए और हेल्दी डाइट फॉलो करना चाहिए. अगर आपको अधिक थकान और चक्कर महसूस होते हैं, तो ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए..
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प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में आपको बार-बार वॉशरूम के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. दरसअल, इस समय यूटरस ग्रो हो रहा होता है, जिसके कारण आपको बार-बार यूरिन पास करने की इच्छा महसूस हो सकती है.
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में आपको ब्रेस्ट में सूजन, कोमलता या फिर दर्द महसूस हो सकता है. यह भी हार्मोन्स में बदलाव के कारण होता है. इसलिए इस समय कंफर्टेबल ब्रा पहनें और अपने ब्रेस्ट को सही तरीक़े से सपोर्ट दें.
प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्ट में हार्मोनल बदलाव के कारण आपका मूड भी बार- बार बदल सकता है. आपको कभी खुशी महसूस हो सकती है, तो कभी गुस्सा आ सकता है. इस दौरान आपको मेडिटेशन करना चाहिए. इससे आपको काफ़ी फ़ायदा होगा.
ऊपर बताए गए लक्षण प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में महसूस हो सकते हैं. लेकिन याद रखें कि हर प्रेग्नेंसी अलग होती है, इसलिए हर महिला के लिए लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं.
चलिए अब बात करते हैं प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में महसूस होने वाले लक्षणों की!
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प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही (32 week pregnancy in Hindi) में आते ही आप कुछ इस तरह के लक्षण (pregnancy ke lakshan) महसूस हो सकते हैं;
प्रेग्नेंसी के दूसरे ट्राइमेस्टर (28 week pregnancy in Hindi) की शुरुआत में गर्भवती महिला को अपने बच्चे की हलचल महसूस होने लग जाती है. जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी आगे बढ़ती है, उसके अनुसार बेबी की मूवमेंट और किक्स भी बढ़ने लगती है.
दूसरी तिमाही (29 week pregnancy in Hindi) में पेट के आकार में बदलाव देखने को मिलता है. महिलाओं का पेट बाहर की ओर निकलने लगता है. साथ ही, इस दौरान आपको पेट और कमर में दर्द भी महसूस हो सकता है. इस दौरान आपको अपने उठने-बैठने के पोस्चर पर विशेष ध्यान देना चाहिए. साथ ही, अचानक से उठने और बैठने से बचना चाहिए.
प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में आपको अपनी रंगत में सुधार देखने को मिल सकता है. इस समय आपकी त्वचा चमकने लगती है. इसे प्रेग्नेंसी ग्लो कहा जाता है. हालाँकि, इसके विपरित कुछ महिलाओं को त्वचा से संबंधित कुछ समस्याओं; जैसे कि- कील, मुँहासों आदि का सामना करना पड़ सकता है.
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प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में गर्भवती महिला के पेट और शरीर के अन्य हिस्सों पर स्ट्रेच मार्क्स दिखने लगते हैं. समय के साथ यह स्ट्रेच मार्क्स और बढ़ने लगते हैं. स्ट्रेच मार्क्स के प्रभाव को कम करने के लिए आपको अभी से स्ट्रेच मार्क्स क्रीम और ऑइल का उपयोग करना शुरू कर चाहिए.
प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में महिलाओं के बाल बढ़ने लगते हैं. हालाँकि, कुछ महिलाएँ ऐसी भी होती हैं, जो इस दौरान बाल झड़ने की शिकायत भी करती हैं.
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प्रेग्नेंसी की तीसरी यानी (35 week pregnancy in Hindi) कि अंतिम तिमाही में महिलाओं को कुछ इस प्रकार के लक्षण (Pregnancy ke lakshan) महसूस होते हैं;
पहली और दूसरी तिमाही की तुलना में इस तिमाही (36 weeks pregnant symptoms in Hindi) में गर्भवती महिला का वज़न अधिक बढ़ता है. दरअसल, इस समय बेबी का विकास तेज़ी से हो रहा होता है, जिसका असर माँ के शरीर और वज़न पर पड़ता है.
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इसे भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी में हेल्दी तरीक़े से कैसे बढ़ाएँ वज़न?
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही (37 week pregnancy in Hindi) तक आते-आते महिलाओं की नींद भी उड़ जाती है. पेट का आकार बढ़ने के कारण इस दौरान कंफर्टेबल पोजीशन में सोना भी मुश्किल हो जाता है. इस समय आप ठीक से सोने के लिए प्रेग्नेंसी पिलो की मदद ले सकती हैं.
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही (37 week pregnancy symptoms in Hindi) में महिलाएँ अधिक तनाव महसूस करती हैं. जैसे-जैसी डिलीवरी का समय नज़दीक आता है (pregnancy ka 32 week in Hindi), महिलाएँ छोटी-छोटी बातों पर अधिक सोचने लग जाती हैं. यही कारण है कि इस दौरान महिलाओं को अजीबोगरीब सपने भी आते हैं. ध्यान रखें, इस दौरान (pregnancy ka 9 mahina) आपको स्ट्रेस लेने से बचना चाहिए, क्योंकि इसका असर आपके गर्भ में पल रहे बेबी पर पड़ सकता है.
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही (38 week pregnancy in Hindi) में अक्सर महिलाओं को पैरों में सूजन होती है. पेट का आकार बढ़ने के कारण पैरों पर दबाव पड़ने लगता है. इसके अलावा, इस दौरान आपको पेट और कमर दर्द भी महसूस हो सकता है.
हर प्रेग्नेसी यूनिक होती है, इसलिए इस दौरान महिलाओं को महसूस होने वाले लक्षण भी अलग हो सकते हैं. स्मूथ और हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए आपको अपनी डाइट और लाइफस्टाइल पर विशेष ध्यान देना चाहिए. साथ ही, तनाव से दूर रहना चाहिए. याद रखें (37 week pregnancy in hindi), अगर आप खुश रहेंगी तो बेबी भी हेल्दी रहेगा.
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1. Lutterodt MC, Kähler P, Kragstrup J, Nicolaisdottir DR, Siersma V, Ertmann RK.(2019). Examining to what extent pregnancy-related physical symptoms worry women in the first trimester of pregnancy: a cross-sectional study in general practice.
2. Pascual ZN, Langaker MD. (2023). Physiology, Pregnancy.
3. Soma-Pillay P, Nelson-Piercy C, Tolppanen H, Mebazaa A. (2016). Physiological changes in pregnancy. Cardiovasc J Afr.
4. Fowler JR, Mahdy H, Jack BW. (2023). Pregnancy.
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Written by
Jyoti Prajapati
Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more
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