Baby Care
6 December 2023 को अपडेट किया गया
पारंपरिक रूप से की जाने वाली बादाम के तेल की मालिश शरीर और दिमाग दोनों के लिए कई तरह से लाभकारी है. एमोलिएंट प्रॉपर्टीज़ से भरपूर बादाम का तेल स्किन को गहराई से मॉइस्चराइज़ करता है, इसकी प्राकृतिक चमक को बढ़ाता है और ड्राइनेस व जलन को कम करने में भी मदद करता है. इसकी एंटी एन्फ़्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट क्वालिटीज़ के कारण यह बच्चों की मालिश का पॉपुलर ऑप्शन है. आइये जानते हैं बादाम के तेल से बच्चों की मालिश के कई सारे (almond oil massage benefits for baby) फ़ायदों के बारे में.
बादाम के तेल से बच्चे की स्किन और हड्डियों को कई तरह से फ़ायदा (almond oil massage benefits for baby) मिलता है जिसमें सबसे पहला है,
स्किन को नमी और पोषण देने के मामले में बादाम का तेल एक नेचुरल पावरहाउस है. विटामिन ए और ई के साथ-साथ फैटी एसिड से भरपूर, बादाम का तेल स्किन के रूखे- सूखे टेक्सचर को हाइड्रेट रखने में मदद करते है, जिससे त्वचा मुलायम और कोमल हो जाती है. यह स्किन पोर्स को बंद किए बिना बहुत आसानी से अब्ज़ॉर्ब हो जाता है और नियमित उपयोग से त्वचा में चमक और रंगत लाता है.
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पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण बादाम का तेल हड्डियों और माँसपेशियों की ग्रोथ में मदद करता है और विटामिन ई और डी के साथ-साथ कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स से भरपूर होने के कारण बोन डेंसिटी बढ़ाकर उन्हें मज़बूत बनाता है. बादाम के तेल में एंटी-एन्फ़्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो मसल पेन को कम और टिशूज़ की रिकवरी में मदद करते हैं. बच्चों के लिए ये हड्डियों और माँसपेशियों दोनों की ग्रोथ बढ़ाने के लिए लाभदायक है.
बादाम का तेल एक हल्का और नॉन स्टिकी तेल है और इसलिए बच्चों की मसाज के लिए एक बेस्ट सूदिंग ऑप्शन है. इसका हल्का टेक्सचर और हाइपोएलर्जनिक नेचर इसे बच्चे की नाजुक त्वचा के लिए परफेक्ट बनाता है. वहीं, विटामिन्स और मिनरल्स से ये तेल मालिश के लिए न केवल एक नेचुरल ग्लाइड देता है; बल्कि स्किन में गहराई तक जाकर उसे मॉइस्चराइज़ भी करता है. इसकी हल्की खुशबू को बच्चे बेहद पसंद करते हैं.
बादाम का तेल बच्चे के डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए भी फ़ायदेमंद है. पेट पर हल्के हाथ से इसकी मालिश से कब्ज़ और गैस जैसी समस्याओं को कम करने में भी मदद मिलती है.
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एक्स्ट्रा-वर्जिन बादाम का तेल कोल्ड-प्रेस एक्सट्रैक्ट टेक्निक से कच्चे बादाम से निकाला जाता है जिससे इसके प्राकृतिक गुण, पौष्टिक सुगंध और स्वाद मेंटेन रहता है. वहीं ऑर्गेनिक बादाम तेल, सिंथेटिक प्रिसर्वेटिव्स और फर्टिलाइजर के बिना उगाए गए बादामों से सोर्स किया जाता है जो इसका प्राकृतिक शुद्ध रूप है. इन दोनों तरीक़ों के प्रयोग से निकाला गया तेल विटामिन ई, एंटीऑक्सिडेंट और हेल्दी फैट से भरपूर होता है और स्किन और बालों के लिए कई तरह से लाभकारी है. इसलिए हमेशा ऑर्गेनिक और कोल्ड-प्रेस्ड बादाम का तेल ही चुनें जो बेहतर पोषण और मेडिसिनल गुणों के साथ शुद्ध और हाई क्वालिटी वाला होता है.
प्योर और नेचुरल बादाम का तेल यानी कि केमिकल फ्री और किसी भी तरह के एडिटिव्स के प्रयोग के बिना बादाम की कोल्ड-प्रेसिंग से प्राप्त किया गया. विटामिन ई और ए के साथ-साथ मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड से भरपूर यह बादाम का तेल अपनी हल्की, हाइपोएलर्जेनिक प्रकृति के कारण सभी प्रकार की त्वचा को सूट करता है.
हल्का और नॉन-स्टिकी वाला बादाम का तेल वही है जिसमें किसी भी तरह के मिनरल ऑइल को न मिलाया गया हो. ऐसा तेल चिपचिपाहट रहित होगा और इसमें विटामिन ई, एंटीऑक्सिडेंट और ज़रूरी फैटी एसिड्स भरपूर मात्रा में होते हैं. इन गुणों के कारण यह त्वचा में आसानी से अब्ज़ॉर्ब हो जाता है और एक बेस्ट मॉइस्चराइज़र का काम करता है.
हाई क्वालिटी वाले बादाम से प्राप्त तेल त्वचा, बालों और पूरे स्वास्थ्य के लिए कई तरह से लाभकारी है. सर्वोत्तम क्वालिटी के बादाम वो हैं जिन्हें ऑर्गेनिक तरीक़े से उगाया गया हो और हार्वेस्टिंग के दौरान सभी तरह के कूड़े कचरे के साथ ही कीड़े लगे हुए बादाम के बीजों को अलग कर के केवल साफ़ बीजों को चुन कर उनका तेल निकाला गया हो. ऐसा तेल न केवल बाहरी उपयोग के लिए बेस्ट होता है; बल्कि इसे खाने के काम में लेने के भी बहुत सारे फ़ायदे हैं.
कई बार आपके बच्चे की स्किन बहुत ज़्यादा सेंसटिव होने के कारण किसी एक तेल से स्किन एलर्जी हो सकती है. ऐसे में आपको अपने पीडियाट्रिशियन की सलाह से ही एक सही तेल का चयन करना चाहिए. हालाँकि, ज़्यादातर पीडियाट्रिशियन बच्चे के लिए केवल नेचुरल और केमिकल फ्री प्रोडक्टस को ही यूज़ करने की सलाह देते हैं; जैसे कि कोकोनट या बादाम का तेल लेकिन वो आपको कोई ऐसा ब्रांड सजेस्ट कर सकते हैं जिसके प्रोडक्ट 100% शुद्ध और ऑर्गेनिक हों.
बादाम तेल के फ़ायदों के बारे में बात करने के बाद (Badam Tel Ke Fayde) आगे आपके साथ शेयर करेंगे बच्चे की मसाज से जुड़े कुछ ऐसे टिप्स जो आपके बहुत काम आएँगे.
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किसी भी तेल से बच्चे की मसाज के पहले पैच टेस्ट ज़रूर करें. इसके लिए बच्चे की त्वचा के एक छोटे हिस्से पर बादाम का तेल लगाकर लगभग 24 घंटे के लिए छोड़ दें. इस दौरान अगर उसकी त्वचा पर स्किन एलर्जी के कोई संकेत न दिखें तो ही आपको उस तेल से बच्चे की मालिश करनी चाहिए. अगर शुद्ध बादाम के तेल के प्रयोग से बच्चे को एलर्जी हो तो इसकी जगह पर आप गाय का शुद्ध घी या उससे बने मसाज ऑइल भी यूज़ कर सकते हैं; जैसे कि माइलो का लक्षादि तैलम.
बच्चे की मसाज करते हुए उसकी बॉडी को सिर से शुरू करते हुए पैरों की तरफ़ धीरे-धीरे और लयबद्ध तरीके़ से मलना शुरू करें. इसके लिए बच्चे को पीठ के बल लिटा दें और उसके शरीर के प्रत्येक हिस्से में तेल लगाते हुए जेंटल और सर्कुलर स्ट्रोक देते हुए मलें. ध्यान रखें कि आपके हाथों के स्ट्रोक और प्रेशर बहुत ही हल्के होने चाहिए. थोड़ा से भी अधिक प्रेशर बच्चे से बच्चे को रगड़ लगने का डर होता है.
बच्चे की मालिश करने के लिए ऐसा समय बेस्ट है वह पूरी तरह से अलर्ट हो. साथ ही दूध पिलाने के तुरंत बाद भी मालिश नहीं करनी चाहिए. सबसे अच्छा वक़्त है सुबह दूध पिलाने के लगभग 1 घंटे बाद या रात को सुलाने से पहले. रात की मालिश के बाद बच्चा दूध पीकर अच्छी नींद लेता है.
बच्चे की मालिश के लिए एक साफ़ सुथरे स्थान को चुनें. मालिश के लिए नीचे बिछाई गयी चादर धुली हुई होनी चाहिए और मालिश करने वाले व्यक्ति को अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह धो लेने चाहिए.
मालिश करते हुए बच्चे को दिक्कत न हो इस बात का ख़ास ख़्याल रखें. छोटा बच्चा अपने मुँह से अपनी असुविधा नहीं बता सकता लेकिन अगर मालिश के दौरान बच्चा रोता रहता है तो इसका मतलब है कि उसे डिसकंफर्ट हो रहा है. आप उसके संकेतों को समझिए और अगर मालिश के दौरान वह विरोध करे या फिर रोने लगे तो उसी वक़्त उसकी मालिश बंद कर दें. इसके अलावा हर बार बच्चे के पूरे शरीर की मालिश करने की ज़रूरत नहीं है. आप केवल पैरों और टाँगों की मालिश के बाद भी मालिश को वहीं पर बंद कर सकती हैं. कुल मिलाकर यह ज़रूरी है कि बच्चा मालिश को एन्जॉय करे न कि उसके लिए दुखदाई अनुभव हो जाए.
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बच्चे की मालिश करते हुए मौसम के अनुसार कुछ बदलाव ज़रूरी हैं; जैसे- ठंड में तेल को माइक्रोवेव या डबल बोइलिंग मेथड से हल्का गरम लें और बच्चे के कपड़े एक साथ न खोलकर पहले नीचे की बॉडी की मालिश करें और उसके बाद नीचे के हिस्से को कवर कर लें और तब ऊपर के कपड़े हटाएँ. इसके अलावा सर्दियों में हल्की गुनगुनी धूप में बच्चे को लिटाकर उसकी मालिश करने से उसे विटामिन डी मिलता है और मालिश के फ़ायदे कई गुना बढ़ जाते हैं.
1. Mrljak R, Arnsteg Danielsson A, Hedov G, Garmy P. (2022). Effects of Infant Massage: A Systematic Review. Int J Environ Res Public Health.
2. Ahmad Z. (2010). The uses and properties of almond oil. Complement Ther Clin Pract.
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