Pregnancy
19 September 2023 को अपडेट किया गया
माँ बनना एक बहुत ही ख़ूबसूरत एहसास है. लेकिन जब कोई महिला नेचुरल तरीक़े से माँ नहीं बन पाती है, तो डॉक्टर उसे आईवीएफ ट्रीटमेंट की सलाह देते हैं. आईवीएफ (IVF) यानी कि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization) एक फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है, जिसमें एक महिला पार्टनर के एग्स और पुरुष पार्टनर के स्पर्म को लैब में आर्टिफिशियल तरीक़े से फर्टिलाइज़ किया जाता है और जब यह एक भ्रूण (एम्बियो) के रूप में डेवलप हो जाता है, तो इसे महिला पार्टनर के गर्भ में ट्रांसफर कर दिया जाता है. आईवीएफ करवाने के बाद कपल्स को कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखना होता, वरना आईवीएफ के असफल होने की आशंका बढ़ जाती है.
इस समय आपको टेंशन-फ्री रहना चाहिए. कुछ मामलों में डॉक्टर एहतियात के तौर पर अपने पेशेंट को बेड रेस्ट करने के लिए कहते हैं. दरअसल, भ्रूण (एम्ब्रियो) ट्रांसफर करने के बाद हार्मोनल बदलाव के कारण शरीर में कमज़ोरी आ जाती है. इस समय पॉजिटिव सोचें, म्यूज़िक सुनें, अपने क़रीबियों से बात करें और अपने पसंदीदा काम करें. इसके अलावा, निर्धारित सप्लीमेंट्स और मेडिसिन लेते रहें. कुछ महिलाओं को एम्ब्रियो ट्रांसफर करने के कुछ दिनों बाद तक प्रोजेस्टेरोन लेना होता है. प्रोजेस्टेरोन एक हार्मोन है जो एक हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए ज़रूरी होता है. इसलिए अपनी मेडिसिन को याद से लेते रहें.
शरीर को हेल्दी रखने में डाइट का बहुत बड़ा रोल होता है और जब बात प्रेग्नेंसी की आती है, तो यह और भी मुख्य भूमिका निभाती है. ऐसे में एम्ब्रियो ट्रांसफर के बाद आपको हेल्दी डाइट फॉलो करना चाहिए. कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, विटामिन बी और अन्य न्यूट्रिशन से भरपूर हरी सब्ज़ियों और फलों को अपनी डाइट में शामिल करें.
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पर्याप्त तरल पदार्थों यानी कि फ्यूइड लेते रहें. ख़ूब पानी पिएँ. ध्यान रहें इस समय आपको अपने शरीर में पानी की बिल्कुल भी कमी नहीं होना चाहिए, वरना अन्य कॉम्पिलिकेशन बढ़ सकते हैं.
एम्ब्रियो ट्रांसफर के बाद एक महिला को फोलिक एसिड लेना शुरू कर देना चाहिए. एक्सपर्ट की मानें तो इस समय आपके शरीर को प्रतिदिन कम से कम 400 एमसीजी फोलिक एसिड की ज़रूरत होती है. इससे बच्चे को जन्मजात बीमारियों का खतरा नहीं रहता है. फोलिक एसिड के डोज़ के लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं.
आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद आपको अपने लाइफस्टाइल पर ख़ास ध्यान देना चाहिए. अल्कोहल का सेवन न करें. धूम्रपान और जंक फूड से दूर रहें. ध्यान रखें, शरीर को हेल्दी रखने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करना बहुत ज़रूरी होता है.
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इस समय आपको अधिक भार नहीं उठाना चाहिए. ज़्यादा झुकने, अचानक उठने और तेज़ चलने से भी बचना चाहिए. ऐसे काम न करें, जिसमें शरीर को ज़्यादा मेहनत करनी पड़े. ध्यान रखें, इस समय आपको अधिक फिजिकल एक्टिविटी नहीं करना है.
ऐसी एक्सरसाइज न करें, जो शरीर को थका देती हो. आप इसकी जगह पर पार्क में वॉक कर सकते हैं या फिर मेडिटेशन कर सकते हैं. योग ट्रेनर की मदद से आप योगासन का अभ्यास करें. ऐसा करने से आप शारीरिक और मानसिक तौर पर हेल्दी रहेंगे.
इस समय आपको अपने शरीर में दिखने वाले लक्षणों पर ग़ौर करना चाहिए. पेट दर्द, जी मिचलाना, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण अधिक महसूस हो, तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें. हालाँकि, अधिकतर मामलों में ये लक्षण बहुत कम महसूस होते हैं.
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इस समय आपको अपने बॉडी टेम्परेचर का विशेष ध्यान रखना चाहिए. एक्सपर्ट के अनुसार अधिक गर्मी (102 से 103 डिग्री फ़ारेनहाइट से अधिक) प्रेग्नेंसी के हार्मोन, एम्ब्रियो ट्रांसफर और भ्रूण के विकास को बाधित कर सकती है. इसलिए गर्म टब, स्टीम बाथ के संपर्क में आने से बचें. इसके साथ ही गर्म तापमान वाले फूड्स न खाएँ.
आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद आपको सेक्शुअल एक्टिविटी से दूर रहना चाहिए. एम्ब्रियो ट्रांसफर होने के कम से कम 2 हफ़्तों तक सेक्स करने से बचना चाहिए. ध्यान रखें, प्रेग्नेंसी की शुरुआती दिनों में संबंध बनाने से कई तरह के कॉम्पिलिकेशन हो सकते हैं. आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद आपको अधिक सतर्क होना पड़ता है. इसलिए आप ऊपर बताई गई 10 बातों का विशेष ध्यान रखें.
आईवीएफ प्रोसेस की शुरुआत से अंत तक पॉजिटिव रहें. अपना ख़ूब ख़्याल रखें और अनावश्यक तनाव न लें. याद रखें आप सिर्फ़ कोशिश कर सकते हैं, रिज़ल्ट आपके हाथ में नहीं होता है.
रेफरेंस
1. Choe J, Shanks AL. (2023). In Vitro Fertilization.
2. Kathpalia SK, Kapoor K, Sharma A. (2016). Complications in pregnancies after in vitro fertilization and embryo transfer.
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parul_sachdeva
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