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    आख़िर क्या होता है IVF का मतलब और किसे पड़ती है इसकी ज़रूरत? 

    In Vitro Fertilization (IVF)

    आख़िर क्या होता है IVF का मतलब और किसे पड़ती है इसकी ज़रूरत? 

    19 May 2023 को अपडेट किया गया

    पिछले कुछ वर्षों में आईवीएफ तकनीक उभर कर सामने आई है. यक़ीनन आपने भी आईवीएफ का नाम सुना होगा, और हो सकता है कि आईवीएफ (IVF) के बारे में तरह-तरह की जानकारी ने आपको कंफ्यूज़ भी कर दिया हो. अगर आपका जवाब 'हाँ' है, तो चिंता न करें, क्योंकि इस आर्टिकल के ज़रिये हम आपको आईवीएफ के बारे में कुछ बेसिक जानकारी; जैसे कि आईवीएफ क्या होता है (IVF kya hota hai) या (IVF ka matlab kya hota hai), आईवीएफ की प्रोसेस क्या होती है (IVF ki process), जैसे आम सवालों के जवाब देंगे.

    आईवीएफ क्या होता है (IVF meaning in Hindi)

    आईवीएफ (IVF) का पूरा नाम इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization ) है. यह एक फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है और यह ट्रीटमेंट उन कपल्स के लिए होता है, जो कई बार कोशिश करने के बाद भी नेचुरल तरीक़े से बेबी को जन्म नहीं दे पाते हैं. इस प्रोसेस में एक महिला पार्टनर के एग्स और पुरुष पार्टनर के स्पर्म को लैब में आर्टिफिशियल तरीक़े से फर्टिलाइज़ किया जाता है. जब यह एक भ्रूण (एम्बियो) के रूप में डेवलप हो जाता है, तो इसे महिला पार्टनर के गर्भ में ट्रांसफर कर दिया जाता है. इस प्रोसेस से जन्म लेने वाले बेबी को टेस्ट ट्यूब बेबी (Test tube baby) कहा जाता है. आईवीएफ को हिंदी में भ्रूण प्रत्यारोपण कहा जाता है.


    आईवीएफ की ज़रूरत कब पड़ती है? (When is the time to go for an IVF in Hindi)

    आमतौर पर आईवीएफ की ज़रूरत तब पड़ती है, जब नेचुरल तरीक़े से गर्भधारण कर पाना लगभग असंभव हो जाता है. ऐसी स्थिति में डॉक्टर्स आईवीएफ का सुझाव देते हैं. यहाँ पर हम कुछ ऐसी स्थितियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो फर्टिलिटी से संबंधित समस्या की ओर इशारा करते हैं और ऐसे में आईवीएफ को एक विकल्प के तौर पर देखा जाता है.

    1. ओव्यूलेशन से संबंधित डिसऑर्डर होना (Ovulation Disorders)

    यह एक ऐसी स्थिति होती है, जब एक महिला के शरीर में एग्स ठीक तरीक़े से रिलीज़ नहीं हो पाते हैं, जिसके कारण गर्भधारण में समस्या आती है. ऐसी स्थिति में आईवीएफ को एक सुरक्षित और सफल विकल्प के तौर पर अपनाया जा सकता है.

    2. फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक का होना (Blockage in fallopian tube)

    फैलोपियन ट्यूब का खराब या ब्लॉक होना एक महिला के लिए गर्भधारण को बहुत मुश्किल बना देता है. ऐसी स्थिति में ओवरी से एग्ज रिलीज़ नहीं हो पाते हैं और एग से स्पर्म नहीं मिल पाते है.

    3. एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)

    इस डिसऑर्डर से पीढ़ित महिलाओं के गर्भाशय (Uterus) के बाहर असामान्य रूप से टिश्यू का डेवलप हो जाते हैं और यह फैलोपियन ट्यूब, ओवरी व गर्भाशय को प्रभावित करते हैं.

    4. यूटेराइन फाइब्रॉइड्स (Uterine Fibroids)

    महिलाओं में होने वाली इनफर्टिलिटी के कई कारणों में से एक है यूटेराइन फाइब्रॉइड्स. ऐसी स्थिति में एक महिला के गर्भाशय (यूट्रस) का शेप और साइज़ बदल सकता है. मामलों में गर्भाशय के निचले हिस्से यानी कि सर्विक्स बदलाव भी देखे जाते हैं.

    5. स्पर्म की क्वालिटी खराब होना (Low Sperm quality)

    ऐसा नहीं है कि फर्टिलिटी से संबंधित समस्या हमेशा महिलाओं को ही होती है. इनफर्टिलिटी की समस्या पुरुष पार्टनर को भी हो सकती है. स्पर्म की लो क्वालिटी और क्वांटिटी होने पर नेचुरल तौर पर गर्भधारण नहीं हो पाता है. ऐसी स्थिति में आईवीएफ (IVF) के साथ-साथ आईसीएससी (ICSC) का उपयोग किया जाता है.

    6. आनुवंशिक विकार (Genetic Disorder )

    कुछ मामलों में देखा गया है कि आनुवंशिक विकार (जेनेटिक डिसऑर्डर) के चलते भी नेचुरल तरीक़े से गर्भधारण नहीं हो पाता है.

    7. अस्पष्टीकृत इनफर्टिलिटी (Unexplained Infertility)

    हर तरह के चेकअप करवाने के बाद भी जब इनफर्टिलिटी का सटीक कारण पता नहीं चल पाता है, तो ऐसी स्थिति को अस्पष्टीकृत इनफर्टिलिटी की स्थिति कहा जाता है. ऐसी स्थिति में आईवीएफ को एक बेहतर विकल्प माना जाता है.


    आईवीएफ से जुड़े आम सवाल (IVF FAQs in Hindi)

    सवाल 1 : क्या आईवीएफ की प्रोसेस में दर्द होता है?

    जवाब : जब बात आईवीएफ की आती है, तो सबसे पहले कपल्स के मन में सवाल आता है कि क्या यह एक दर्दनाक प्रोसेस है! बता दें कि आईवीएफ प्रोसेस की अलग-अलग स्टेज के दौरान पेट में मरोड़ जैसी असुविधा का अनुभव हो सकता है, जिसमें फर्टिलिटी दवाएँ देना और एग रिट्रीवल भी शामिल हैं.

    सवाल 2 : आईवीएफ कितने दिन में होता है?

    जवाब : औसतन आईवीएफ प्रोसेस में लगभग 6 से 8 सप्ताह लगते हैं. लेकिन स्टेप के अनुसार हर पेशेंट का शरीर अलग प्रतिक्रिया कर सकता है.

    सवाल 3 : आईवीएफ में कितना खर्च आता है?

    जवाब : औसतन भारत में आईवीएफ प्रोसेस का खर्च 75000 रुपये से लेकर 1,25,000 रुपये तक आ सकता है. हालाँकि, पेशेंट की मेडिकल कंडीशन के आधार पर इस खर्च में बदलाव हो सकता है.

    सवाल 4 : आईवीएफ फेल क्यों होता है?

    जवाब : भ्रूण (एम्बियो) की क्वालिटी में कमी, क्रोमोसोमल और गर्भाशय की असामान्यताओं, खराब ओवेरियन रिस्पोंस, कपल की उम्र, और खराब जीवनशैली, आदि आईवीएफ साइकिल के फेल होने का सामान्य कारण हो सकते हैं.

    सवाल 5 : आईवीएफ कैसे किया जाता है?

    जवाब : आईवीएफ की प्रोसेस में एक महिला पार्टनर के शरीर में 10 से 15 एग्ज को बनाया जाता है और फिर उन्हें बाहर निकालकर लैब में पुरुष पार्टनर के स्पर्म के साथ मिलाकर फर्टिलाइज़ किया जाता है. इससे जो एम्बियो डेवलप होता है, उसे महिला पार्टनर के यूटरस में ट्रांसफर किया जाता है.

    उम्मीद है कि इस आर्टिकल के ज़रिये आपको आईवीएफ के बारे में ज़रूरी जानकारी मिल गई होगी.

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