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      Yoga For Fertility in Hindi | जानें फर्टिलिटी योग से कैसे बढ़ती है गर्भधारण की संभावनाएँ

      Yoga

      Yoga For Fertility in Hindi | जानें फर्टिलिटी योग से कैसे बढ़ती है गर्भधारण की संभावनाएँ

      15 September 2023 को अपडेट किया गया

      क्या आप जानते हैं इनफर्टिलिटी से जूझ रहे कपल्स के लिए उम्मीद की अगली किरण है फर्टिलिटी योग? लेकिन फर्टिलिटी योग (fertility yoga kya hota hai) क्या होता है? इंफर्टिलिटी होने पर जहाँ अक्सर लोग आईयूआई और आई वीएफ जैसे महँगे इलाज़ करवाने के लिए विवश होते हैं वहीं भारतीय योग पद्धति में कई आसन ऐसे भी हैं जिनके अभ्यास से आप अपनी फर्टिलिटी को बढ़ा सकते हैं. इनका नियमित अभ्यास आपके रीप्रोडक्टिव सिस्टम को मज़बूत बना कर गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाता है. इन्हीं का मॉडर्न नाम है- फर्टिलिटी योग.

      फर्टिलिटी योग के फ़ायदे (Fertility yoga benefits in Hindi)

      फर्टिलिटी योग फ़ीमेल और मेल रीप्रोडक्टिव सिस्टम दोनों को बेहतर बनाने में बेहद असरदार होते हैं. आइये जानते हैं नेचुरल रूप से गर्भधारण के लिए फर्टिलिटी योग (fertility yoga for conception) के कुछ मुख्य फ़ायदों के बारे में.

      1. रिप्रोडक्टिव हेल्थ में सुधार (Improved Reproductive Health)

      फर्टिलिटी योग से ओवरियन फ़ंक्शन में सुधार आता है जिससे अंडों के क्वालिटी बेहतर होती है साथ ही पुरुषों में स्पर्म मोबिलिटी बढ़ती है जिससे प्रेग्नेंसी की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं.

      इसे भी पढ़ें : गर्भधारण के लिए कैसे करें असंतुलित हार्मोन्स को संतुलित?

      2. तनाव कम होता है (Stress Reduction)

      फर्टिलिटी योग से मांसपेशियाँ रिलेक्स होती हैं, शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार आता है जिससे शारीरिक और मानसिक तनाव कम हो जाता है.

      3. हार्मोन्स संतुलित होते हैं (Hormonal Balance)

      योग आसन के अभ्यास और प्राणायाम के द्वारा शरीर के हार्मोन संतुलित होते हैं जिससे रिप्रोडक्टिव सिस्टम में सुधार होत है.

      इसे भी पढ़ें : असंतुलित हार्मोन्स और फर्टिलिटी प्रॉब्लम? चेस्टबेरी कर सकती है आपकी मदद

      4. ब्लड सर्कुलेशन में सुधार (Increased Blood Circulation)

      योगाभ्यास से पूरे शरीर में ब्लड का फ्लो बढ़ता है जिससे बॉडी ऑर्गन्स को पर्याप्त ऑक्सीज़न मिलती है और उनके स्वास्थ्य में सुधार आता है. विशेष रूप से रीप्रोडक्टिव ऑर्गन्स स्ट्रांग होते हैं.

      5. शरीर और दिमाग़ शांत होता है (Relaxation and Mind-Body Connection)

      योग से शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है जिससे शारीरिक स्फूर्ति और दिमागी अलर्टनेस बढ़ती है और व्यक्ति मानसिक शांति और स्थिरता महसूस करता है.

      इसे भी पढ़ें : गर्भधारण में परेशानी? ये फर्टिलिटी टेस्ट कर सकते हैं आपकी मदद!

      6. सेक्शुअल इच्छा बढ़ती है (Enhanced Libido and Sexual Connection)

      योग के अभ्यास से मानसिक उथल-पुथल शांत होती है और शरीर में हल्कापन आता है. मूड बेहतर होने के कारण सेक्स के प्रति रुचि बढ़ती है.पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं (Strengthened Core and Pelvic Floor) – फर्टिलिटी योग का अभ्यास महिलाओं के पेल्विक एरिया की मसल्स में मजबूती और हड्डियों में लचीलापन लाता है जिससे पूरा फ़ीमेल रीप्रोडक्टिव सिस्टम मज़बूत बनता है.

      फर्टिलिटी योगासन क्या होते हैं? (Fertility yoga poses in Hindi)

      अब तक हमने जाना कि फर्टिलिटी योग क्या (fertility yoga kya hota hai) है और प्रेग्नेंसी के लिए इसके (fertility yoga for conception) क्या फ़ायदे हैं. अब जानेंगे ऐसे कुछ योगासनों के बारे में जो इंफर्टिलिटी को ठीक करने और गर्भधारण में मददगार हैं.

      1. पश्चिमोत्तासन (Seated Forward Bend or Paschimottanasana)

      पश्चिमोत्तासन (Paschimottanasana) का अर्थ है "पश्चिम दिशा में झुकना". इस आसन में बैठकर पैरों को आगे खोला जाता है और फिर धड़ को आगे झुकाते हुए नाक से घुटनों को छूने की कोशिश की जाती है. इससे हृदय और पाचन तंत्र मज़बूत होता है, पीठ की मांसपेशियों में स्थिरता आती है और दिमाग़ भी शांत होता है.

      इसे भी पढ़ें : महिलाओं की फर्टिलिटी में सुधार करते हैं ये टॉप 5 हर्ब्स!

      2. सुप्त भद्दा कोनासन (Supta Baddha Konasana)

      सुप्त भद्दा कोनासन (Supta Baddha Konasana) करने से पेल्विक मसल्स (pelvic floor) में मजबूती, जांघों की मसल्स की टोनिंग (inner thighs), ग्रोइन एरिया (groins) में मजबूती के साथ ही पेट की मसल्स भी टोन होती हैं. इसे करने के लिए बटरफ्लाई पोज (Butterfly Pose) के अभ्यास को ही पीठ के बल लेटते हुए किया जाता है.

      3. भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama)

      भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama) एक ब्रीडिंग मेथड है जिससे मन को शांति और स्थिरता मिलती है और तनाव कम होता है. इससे मस्तिष्क की क्षमता बढ़ती है और दिमाग़ को ताज़गी मिलती है. साँसों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए आप साँस लेते और छोड़ते हैं और इस प्रक्रिया में नाक को बंद करके.एक भँवरे की तरह हम्म का साउंड निकाला जाता है.

      इसे भी पढ़ें: पुरुषों की फर्टिलिटी क्षमता में सुधार करते हैं ये योगासन!

      4. बद्ध कोनासन (Butterfly Pose or Baddha Konasana)

      बद्ध कोनासन में दोनों पैरों को जोड़कर बटरफ्लाई पोज़ (butterfly pose) बनाया जाता है और तितली के उड़ने की तरह ही पैरों को ऊपर- नीचे किया जाता है. इससे आपके घुटनों, ग्रोइन एरिया, पेट की मांसपेशियों और जांघों में मजबूती के साथ ही पेट में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और रीप्रोडक्टिव सिस्टम में मजबूती आती है.

      5. जानु शिरसासन (Janushirasana)

      जानु शिरासासन (Janushirasana) बैठे हुए किया जाता है जिसमें एक पाँव को आगे की ओर सीधा रखते हुए दूसरे को घुटने से मोड़ते हैं जिससे उसका तलवा दूसरे पैर की जाँघ के पास आता है. अब धीरे-धीरे आगे झुकते हुए हाथों को पैर से मिलाने की कोशिश करते हैं. इससे हड्डियों में मजबूती, पेट, पीठ और हेम्स्ट्रिंग मसल्स की टोनिंग, डाइजेस्टिव सिस्टम में मजबूती और मन को शांति मिलती है.

      6. बालासन (Child's Pose)

      बालासन को चाइल्ड पोज़ (child pose) भी कहा जाता है जिसमें जमीन पर घुटनों के बल बैठते हुए शरीर को धीरे-धीरे आगे झुकाते हैं. अब हाथों को आराम से आगे भूमि के पास ले जाएँ और सिर को धरती पर टिका दें. यह मानसिक शांति के साथ स्ट्रेस को कम करने में भी मदद करता है.

      7. हस्तपदासन (Standing Forward Bend or Hastapadasana)

      हस्तपदासन या स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड (standing forwar bend) में सीधे खड़े होकर, हाथों को ऊपर की ओर उठाते हुए सामने झुकते हैं और अपने हाथों से पैरों को छूते हैं. इससे हृदय को मजबूती मिलती है, डाइजेस्टिव सिस्टम एक्टिवेट होता है, पीठ की मसल्स मज़बूत होती हैं और पूरे शरीर में खिंचाव आता है. यह मेंटल स्ट्रेस को कम भी कम करता है.

      8. विपरीत करणी (Legs Up the Wall Pose or Viparita Karani)

      विपरीत करणी को लेग्स अप द वॉल पोज (Legs-Up-the-Wall) भी कहा जाता है जिसमें पैरों को दीवार के सहारे ऊपर उठाते हैं. विपरीत करणी के अभ्यास से शरीर को आराम मिलता है और मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने से स्ट्रेस कम होता है, गहरी नींद आती है और शरीर का एनर्जी लेवल बढ़ता है.

      9. शवासना (Shavasana)

      शवासन को ‘कोर्पस पोज’ (Corpse Pose) भी कहते हैं जिससे आंतरिक शांति और विश्राम मिलता है. साथ ही, मानसिक और शारीरिक तनाव कम होता है. इसमें आँखें बंद कर के एक शव की तरह धरती पर सीधा लेटते हैं और शरीर को ढीला छोड़ देते हैं.

      10. अनुलोम विलोम (Anulom Vilom)

      अनुलोम विलोम (Anulom Vilom) एक नाड़ी शोधन प्राणायाम है जिसमें कंट्रोल्ड ब्रीदिंग के द्वारा नाड़ियों की शुद्धि होती है, शरीर की ऊर्जा बढ़ती है तथा शारीरिक और मानसिक संतुलन में सुधार आता है. इसमें आप अपनी दायीं और बायीं नाक से बारी-बारी साँस लेते और छोड़ते हैं.

      तो ये थे वे योगासन जो गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने में मदद करते हैं.

      प्रो टिप (Pro Tip)

      फर्टिलिटी और प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्याओं के लिए योग एक प्रभावी इलाज़ है जिससे नेचुुरल रूप से रिप्रोडक्टिव सिस्टम को मज़बूत बना कर गर्भधारण के लिए तैयार किया जा सकता है. हालाँकि, योग को किसी अनुभवी गुरु के मार्गदर्शन में सीखकर ही अभ्यास करना चाहिए.

      इसे भी पढ़ें : रहना है फ़िट तो रोज़ाना अपने बच्चे के साथ करें ये 5 आसान योगासन

      रेफरेंस

      1.Darbandi S, Darbandi M, Khorram Khorshid HR, Sadeghi MR. (2018). Yoga Can Improve Assisted Reproduction Technology Outcomes in Couples with Infertility.

      2.Khalsa HK. (2003). Yoga: an adjunct to infertility treatment.

      3.Rooney KL, Domar AD. (2018). The relationship between stress and infertility.

      Tags

      Yoga for Fertility in English

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