Breast Lump
11 September 2023 को अपडेट किया गया
अक्सर ब्रेस्टफ़ीडिंग कराने वाली महिलाएँ अपने ब्रेस्ट में कुछ बदलाव महसूस करती हैं और ब्रेस्ट में गाँठ महसूस (breast lump meaning in Hindi) होने पर वह परेशान होने लगती हैं. कई बार वह स्तन की गाँठ को कैंसर समझने की ग़लती भी कर बैठती हैं. स्तनपान के दौरान ब्रेस्ट में (lump in breast meaning in Hindi) गाँठ पड़ना एक कॉमन बात है. इन गाँठों के कई कारण हो सकते हैं. ब्रेस्ट में ज्यादातर गाँठें या तो दूध से भरी ग्रंथियां होती हैं या फिर सूजन होती है. कभी-कभी यह गाँठें अपने आप या घरेलू उपचार से ही ठीक हो जाती हैं या फिर आप दूध की गाँठ का इलाज डॉक्टर की सलाह से भी कर सकती हैं.
आइये जानते हैं कि ब्रेस्ट में गाँठ (breast lumps in Hindi)का क्या मतलब होता है?
हर महिला का ब्रेस्ट कुछ टिश्यूज़ से बना होता है और जब यह टिश्यू कठोर हो जाते है तो ब्रेस्ट में गाँठ (meaning of lump in breast in Hindi) का अनुभव होता है. यह गाँठें एक या उससे ज़्यादा भी हो सकती हैं. इन गाँठों के बनने से ब्रेस्ट के साइज़ में बदलाव, सूजन और दर्द और कई बार ब्रेस्ट के निप्पल से चिपचिपे लिक्विड का रिसाव तक होने लगता है.
ब्रेस्टफ़ीडिंग बच्चे के पोषण के लिए की गयी एक प्राकृतिक व्यवस्था है और इस दौरान ब्रेस्ट में गाँठ होना एक सामान्य है. लेकिन आमतौर पर इस तरह की गाँठें नुकसानदायक नहीं होती हैं और इनका इलाज आसानी से किया जा सकता है.
ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौयरन गाँठ बनने के कई कारण हो सकते हैं; जैसे- मिल्क डक्ट्स के बंद होने के कारण टिश्यू का कड़ा हो जाना, मास्टिटिस (mastitis) और गैलेक्टोसेले (galactocele) आदि. यह गाँठे अक्सर अपने आप ठीक भी हो जाती हैं.
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ब्रेस्टफ़ीडिंग के समय ब्रेस्ट में गाँठ दिखाई देने के लक्षण (breast lump symptoms in Hindi) कुछ इस प्रकार होते हैं.
किसी महिला के ब्रेस्ट में मिल्क डक्ट्स के बंद होने के कारण टिश्यू में कड़ापन आ जाता है. जिससे ब्रेस्ट में एक या कई गाँठों का अनुभव होता है.
ब्रेस्टफ़ीडिंग के समय ब्रेस्ट में पड़ने वाली गाँठों के कारण ब्रेस्ट के आकार में भी बदलाव आ जाता है. कई बार निप्पल अंदर की तरफ सिकुड़ जाते है और ब्रेस्ट की स्किन का रंग भी बदलने लगता है.
ब्रेस्ट के टिश्यू में इन्फेक्टेड फ्लुइड जमा होने से भी उसमें गाँठें बन जाती हैं. जिसके कारण ब्रेस्ट में दर्द, सूजन और स्किन का कलर बदल जाता है.
अक्सर ब्रेस्ट में गाँठों के बनने के कारण निप्पल में से चिपचिपा लिक्विड भी बहने लगता है. इन्फेक्शन अधिक होने पर कई बार निप्पल से खून तक निकलने लगता है.
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ब्रेस्टफ़ीडिंग कराने वाली महिलाओं में मास्टिटिस इन्फेक्शन सबसे आम है, यह तब होता है जब बैक्टीरिया निप्पल के माध्यम से ब्रेस्ट डक्ट्स के अंदर चला जाता है जिसके कारण ब्रेस्ट की त्वचा गर्म होने लगती है और कई बार उसका रंग भी बदल जाता है.
ब्रेस्ट की गाँठ आमतौर पर आकार में गोल या अंडाकार होती है और इसके किनारे चिकने होते हैं. यह एक बड़ी, ठोस महसूस होने वाली गाँठ होती हैं जो त्वचा के नीचे आसानी से हिलती-डुलती रहती हैं.
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ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान ब्रेस्ट में गाँठ होने के कई कारण हैं; जैसे कि-
ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान मिल्क डक्ट्स बंद होने से ब्रेस्ट में गाँठ बनना एक आम समस्या है, इसके कई कारण हो सकते हैं; जैसे- बच्चा ठीक से दूध ना पी रहा हो, जिसके कारण दूध पूरी तरह ब्रेस्ट से बाहर ना निकल रहा हो या महिला ने अपने ब्रेस्ट पर बहुत टाइट कपडे पहने हों या फिर वह बच्चे को नियमित अंतराल पर दूध ना पिला रही हो.
ब्रेस्ट के टिश्यूज़ की सूजन को मास्टिटिस कहते हैं. इसके होने के कई कारण हो सकते हैं; जैसे- मिल्क डक्ट्स में रुकावट, इन्फेक्शन या किसी तरह की एलर्जी. मास्टिटिस होने पर भी ब्रेस्ट के टिश्यूज़ में गाँठें बन जाती हैं जिससे ब्रेस्ट में सूजन, स्किन में बदलाव, ब्रेस्टफ़ीडिंग कराते समय दर्द या जलन, ठंड लगना, सिरदर्द, तेज बुखार या फ्लू जैसे लक्षण उभरने लगते हैं. यदि आपको मास्टिटिस का संदेह हो तो अपने डॉक्टर से तुरंत सलाह लें.
जब ब्रेस्टफ़ीडिंग कराते समय निप्पल का छेद बंद हो जाए तो उस स्थिति को दूध का छाला (Milk bleb or Blister) कहते हैं. ऐसा तब होता है जब ब्रेस्ट के निप्पल का छेद, स्किन ग्रोथ या दूध के जमने की वजह से बंद हो जाए. ऐसा होने पर दूध की गाँठ का इलाज ब्रेस्ट की सिकाई और बार-बार दूध पिलाने या ब्रेस्ट पंपिंग से किया जा सकता है.
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गैलेक्टोसेले दूध से भरी हुई सिस्ट होती है जो विशेष रूप से स्तनपान कराने वाली महिलाओं में होती है. इसे लैक्टोसेले (lactocele) या लैक्टियल सिस्ट (lacteal cyst) के रूप में भी जाना जाता है.
फाइब्रोसिस्टिक बदलाव तब आते हैं जब ब्रेस्ट के टिश्यूज़ टाइट हो जाते हैं और इससे एक या दोनों ब्रेस्ट में लिक्विड से भरे हुए सिस्ट बन जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि मासिक धर्म के दौरान ओवरीज़ में बनने वाले हार्मोन से ऐसा होता है और इससे हर महीने मासिक धर्म के समय या उससे पहले ब्रेस्ट में सूजन, गाँठ या दर्द महसूस होने लगता है.
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ब्रेस्टफ़ीडिंग के समय ब्रेस्ट में गाँठ बन जाने का इलाज (breast lump treatment in Hindi) कई घरेलु उपचारों से किया जा सकता है.
ब्रेस्ट में गाँठ का घरेलू उपचार करने का पहला नियम है कि नियमित रूप से अपने ब्रेस्ट की जाँच करते रहें. अपने हाथों से छू कर चेक करें कि क्या आपके स्तनों के रंगरूप या टाइटनेस में कोई अंतर आ रहा है.
ब्रेस्ट में गाँठ होने पर उस पर गर्म सेंक करने से आराम मिलता है. इससे ब्रेस्ट में बनी गाँठें धीरे-धीरे घुलकर खुद ही ख़त्म तक हो जाती हैं. कुछ लोग दर्द से आराम पाने के लिए आइस पैक लगाने की सलाह भी देते हैं.
ब्रेस्टफ़ीडिंग कराने वाली महिलाओं को नियमित रूप से अपने ब्रेस्ट की मालिश करते रहना चाहिए. ब्रेस्ट में ग्लैंड्स होते हैं जो दूध का प्रोडक्शन करते हैं. इसके साथ ही इसमें टिश्यू और डक्ट्स का एक कॉम्प्लेक्स नेटवर्क होता है लेकिन मालिश करने से ब्रेस्ट और निप्पल के दर्द में कमी आती है.
ब्रेस्टफ़ीडिंग कराते समय टेक्निक का ध्यान रखें. इससे मिल्क डक्ट्स की ब्लॉकेज और गाँठों को रोकने में मदद मिलती है.
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हर बार ब्रेस्टफ़ीडिंग कराते समय अपने ब्रेस्ट को पूरा खाली होने दें. यदि बच्चा दूध कम पीता हो तो उसे बार-बार दूध पिलाने का रूटीन सेट करें जिससे उसकी आदत पड़ेगी. साथ ही, एक ब्रेस्ट को पूरी तरह खाली कराने के बाद ही बच्चे को दूसरी ब्रेस्ट से दूध पिलायें.
अपने ब्रेस्ट की साफ़-सफाई का पूरी तरह ध्यान रखें ताकि किसी भी तरह का इन्फेक्शन न हो. त्वचा को नुकसान पहुँचाने वाले केमिकल युक्त और तेज़ ख़ुशबू वाले साबुन की बजाय हर्बल साबुन का उपयोग करें. अच्छी क्वालिटी के कपड़े और बढ़िया फिटिंग की ब्रा पहनें जिससे आपके ब्रेस्ट को पूरा सपोर्ट मिले.
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ब्रेस्टफ़ीडिंग कराने वाली महिलाओं को एक हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करना चाहिए. जिसमें संतुलित आहार और नियमित व्यायाम का बहुत योगदान है. इसके साथ ही अपने शरीर में पानी की कमी ना होने दें और स्ट्रेस फ्री रहें.
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स्तनपान के दौरान स्तन में गाँठ को ठीक करने का पहला आसान तरीका है घरेलू उपचार. लेकिन अगर घरेलू उपचार आजमाने के बाद भी कुछ लक्षण रह जाएँ; जैसे- जैसे निपल्स से फ्लुइड का आना, ब्रेस्ट में लगातार दर्द, बुखार रहना और ब्रेस्ट में गाँठ का बने रहना आदि तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें.
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अगर ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान आपको ब्रेस्ट में अधिक दर्द महसूस होता है और यह दर्द लगातार बना रहता है, तो अपने डॉक्टर से बात करने में देरी न करें!
1. Gada, P. B., & Bakhshi, G. (2023). Galactocele. PubMed; StatPearls Publishing.
2. Lee, S., & Bae, Y. K. (2020). Breast lesions during pregnancy and lactation. Ultrasonography.
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kavitauprety
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