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    Lodhra in Hindi | महिलाओं की हर समस्या का समाधान है लोधरा!

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    Lodhra in Hindi | महिलाओं की हर समस्या का समाधान है लोधरा!

    4 September 2023 को अपडेट किया गया

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    बुज़ुर्गों के समय से चले आ रहे प्राकृतिक उपचार के तरीक़ों में कुछ जड़ी बूटियाँ ऐसी भी हैं जिनका नाम शायद बहुत लोग नहीं जानते हैं, लेकिन उनमें उपचार की अद्भुद शक्ति है. लोधरा या लोध्रा ऐसा ही एक पौधा है जिसकी छाल, पत्ते और बीजों में अनेक गुण होते हैं. आइये जानते हैं क्या होता है लोधरा.

    लोधरा क्या होता है? (What is lodhra in Hindi)

    लोधरा (lodhra herb) भारतीय आयुर्वेदिक दवाओं में हमेशा से ही प्रयोग किया जाता रहा है. इसका साइंटिफिक नाम सिम्प्लोकोस रेसमोसा रॉक्सब (Symplocos racemosa Roxb) है जिसका पेड़ मीडियम साइज़ का होता है और पत्तियाँ, मुलायम और ओवल शेप की होती हैं. यह कई सारे रोगों की अचूक दवा है जिसमें त्वचा, आँखों और दाँतों से जुड़ी समस्याएँ, घाव का भरना, अल्सर का इलाज़, एनीमिया और ब्लीडिंग को रोकना मुख्य हैं. इसके अलावा इसे महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के इलाज़ के लिए ख़ास तौर पर प्रयोग किया जाता है.

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    लोधरा के फ़ायदे (Benefits of lodhra in Hindi)

    लोधरा (लोध्रा) गर्भाशय के रोगों और हार्मोनल असंतुलन में बेहद असरदार है. इसके अलावा मासिक धर्म की अनियमितता, पीरियड्स के दौरान होने दर्द, पॉलीसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम (PCOS) और यहाँ तक कि फर्टिलिटी (lodhra for infertility) से जुड़े रोगों में भी लाभकारी है. इसके कई सारे फ़ायदों के बारे में आइये विस्तार से जानते हैं.

    लोधरा हार्मोन्स को संतुलित करती है (Lodhra balances hormones)

    लोधरा (लोध्रा) में स्त्री हार्मोन्स को बैलेंस करने के असरदार गुण होते हैं. इसकी छाल महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन के लेवल को नियंत्रित करने में बेहद कारगर है जबकि एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्टेरोन के उचित बैलेंस को बनाए रखती है. लोधरा (लोध्रा) में फाइटोएस्ट्रोजेन पाया जाता है जिससे सेरोटोनर्जिक सिस्टम पर पड़ने वाले प्रभाव से प्री और पोस्ट मेंस्ट्रुअल डिप्रेशन में भी कमी आती है.

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    लोधरा मासिक धर्म चक्र को नियमित करती है (Lodhra regulates menstrual cycle)

    लोधरा (लोध्रा) में फाइटोकेमिकल्स, कई सारे पोषक तत्‍व और मिनरल्स पाये जाते हैं जो मासिक की अनियमितता और इस से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में बहुत मददगार हैं. ये जड़ी-बूटी (lodhra herb) अनियमित माहवारी, अधिक रक्तस्राव (ब्लीडिंग) और पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं में अधिकतर उपयोग की जाती है. इससे यूट्रस को मजबूती मिलती है, हार्मोन्स से संबन्धित गड़बड़ियाँ ठीक होती हैं और रीप्रोडक्टिव सिस्टम में सुधार आता है.

    लोधरा स्त्री रोग संबंधी समस्याओं को दूर करती है (Lodhra alleviates gynecological problems)

    लोधरा (लोध्रा) महिलाओं के पूरे रीप्रोडक्टिव सिस्टम पर एक टोनिंग प्रभाव डालती है जिससे कई तरह की गड़बड़ियाँ ठीक होती हैं. इससे यूट्रस का फंक्शन सुधरता है और इससे जुड़ी अन्य समस्याएँ जैसे कि अनियमित मासिक चक्र, पीरियड्स का दर्द, हार्मोनल इंबैलेंस जैसी समस्याओं में भी कमी आने लगती है. यह शरीर पर कूलिंग प्रभाव डालता है जिससे मेनोपॉज़ के दौरान होने वाले लक्षणों में भी राहत मिलती है. इंफर्टिलिटी के (lodhra for infertility) इलाज़ में भी लोधरा से काफी मददगार है.

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    लोधरा त्वचा को हेल्दी बनाती है (Lodhra improves skin health)

    लोधरा (लोध्रा) में कमाल के एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जिनसे हार्मोनल इंबैलेंस के कारण होने वाले मुँहासों में तुरंत कमी आती है. इसके अलावा स्किन की अन्य समस्याओं जैसे कि त्वचा में सीबम का बनना, दाग धब्बे, व्हाइट और ब्लैक हेड जैसी समस्याओं में राहत मिलती है. लोध्रा जड़ी (lodhra herb) की छाल को घिस कर लगाने से मुँहासों का घरेलू उपचार होता है. इसकी छाल में एंटी एक्ने प्रभाव वाला इथेनॉलिक एक्सट्रैक्ट होता है जिससे मुुंँहासों को फैलने से रोकने में मदद मिलती है.

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    लोधरा श्वसन संबंधी समस्याओं और सूजन को दूर करती है (Lodhra fights respiratory issues and inflammation)

    लोधरा जड़ी-बूटी (Symplocos racemosa Roxb) रेस्पिरेट्री सिस्टम और साँस की समस्याओं में भी बहुत लाभ पहुंचाती है. यह अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और श्वासनली से संबंधित कई रोगों का प्रभावशाली इलाज है. इससे श्वासनली की सूजन कम होती है और दमे की बीमारी में भी राहत मिलती है. छाती में कफ जमा होने और खाँसी में इससे आराम आता है. यह सीने में जमे कफ को निकालने में बहुत असरदार है जिससे रेस्पिरेट्री ट्रैक साफ़ हो जाता है और खुल कर साँस लेने में मदद मिलती है.

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    लोधरा के साइड इफेक्ट्स (Side Effects of lodhra in Hindi)

    लोधरा (लोध्रा) एक सुरक्षित हर्ब है और इसके दुष्प्रभाव बहुत ही कम होते हैं लेकिन इसके सेवन की दौरान उचित सावधानी और मात्रा का ख़्याल न रखने पर कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जैसे कि,

    • कुछ लोगों में लोधरा के सेवन से पेट में दर्द की समस्या हो जाती है जिसका कारण है इसका खाली पेट सेवन करना. इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिस्टरबेंस होने के कारण आपको पेट का भारीपन, उल्टी और कब्ज जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं.

    • लोधरा (लोध्रा) महिला हार्मोन्स पर सीधा असर डालता है और टेस्टोस्टेरोन के स्तर को घटाने के अलावा एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है. पुरुषों को इसका लंबे समय तक उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि एंटी-एंड्रोजन इफेक्ट होने के कारण यह टेस्टोस्टेरोन जैसे मेल सेक्स हार्मोन के स्तर को कम कर सकता है.

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    • लोधरा (लोध्रा) कुछ अन्य दवाओं या फूड आइटम्स के साथ कॉन्बिनेशन में लेने पर भी दिक्कत कर सकता है इसलिए किसी भी अन्य दवा या फूड सप्लीमेंट के साथ इसका उपयोग अपने डॉक्टर की सलाह से ही करें.

    प्रो टिप (Pro Tip)

    लोधरा पूरी तरह से एक प्राकृतिक और सुरक्षित औषधि है. आप इसकी छाल के लेप को स्किन से जुड़ी समस्याओं में एक घरेलू दवा के तौर पर लगा सकते हैं. हालाँकि, इसका सेवन हमेशा आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए, जो आपके रोग की स्थिति के आधार सही मात्रा और अवधि के लिए इसके सेवन की सलाह देंगे.

    रेफरेंस

    1. Acharya N, Acharya S, Shah U, Shah R, Hingorani L. (2016). A comprehensive analysis on Symplocos racemosa Roxb.: Traditional uses, botany, phytochemistry and pharmacological activities

    2. Butala MA, Kukkupuni SK, Vishnuprasad CN. (2017). Ayurvedic anti-diabetic formulation Lodhrasavam inhibits alpha-amylase, alpha-glucosidase and suppresses adipogenic activity in vitro. J Ayurveda Integr Med.

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