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      PCOS Drink | पीसीओएस को कंट्रोल करने में मदद कर सकती हैं ये ड्रिंक्स!

      PCOS & PCOD

      PCOS Drink | पीसीओएस को कंट्रोल करने में मदद कर सकती हैं ये ड्रिंक्स!

      6 September 2023 को अपडेट किया गया

      पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक हार्मोनल डिसॉर्डर है जो कई दिक्कतें पैदा कर सकता है; जैसे कि अनियमित पीरियड्स, अधिक हेयर ग्रोथ, मुँहासे और वज़न बढ़ना आदि. इन लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए दवाइयों के अलावा कुछ ख़ास तरह की ड्रिंक्स (pcos drink) का प्रयोग करने से बहुत मदद मिलती है.

      क्या पीसीओएस को मैनेज करने में कोई ड्रिंक काम आती है? (Can a drink help reduce PCOS Symptoms?

      हालाँकि ऐसी कोई स्पेशल ड्रिंक नहीं है जिसे पीने से पीसीओएस को पूरी तरह ठीक हो जाए, लेकिन कुछ ख़ास चीजों से बने हुए ड्रिंक्स (best drinks for pcos in Hindi) या काढ़े के सेवन से आप इसके लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं. आइये ऐसी ही कुछ पीसीओएस ड्रिंक्स (drinks for pcos in Hindi) के बारे में जानते हैं.

      पीसीओएस को मैनेज करने वाले टॉप 10 ड्रिंक (10 Best Drinks for PCOS in Hindi)

      इन ड्रिंक्स में से आप अपने शरीर की प्रकृति और मौसम के अनुसार एक या दो को चुनें और कुछ समय तक रेगुलर सेवन करें.

      1. पीसीओएस टी (PCOS tea)

      पीसीओएस में कुछ ख़ास इंग्रिडिएंट्स की चाय से असरदार रूप से फ़ायदा होता है. माइलो पीसीओएस और पीसीओडी टी (Mylo PCOS & PCOD Tea) भी ऐसा ही एक प्रोडक्ट है जिसमें शंखपुष्पी, कैमोमाइल, मंजिष्ठा और शतावरी से बने 100% नेचुरल टी बैग्स उपलब्ध हैं जो पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में बेहद इफेक्टिव है.

      इन टी-बैग्स के साथ आप माइलो की एक्टिव फोलेट से बनी हुई च्युएबल मायोइनोसिटोल टैबलेट (Myo-inositol Chewable Tablets for PCOS & PCOD) भी ट्राई कर सकते हैं जो बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल को कम करने के अलावा फर्टिलिटी और हार्मोनल बैलेंस को भी ठीक करती हैं.

      2. ग्रीन स्मूदी (Green smoothie)

      पालक और केल जैसे पत्तेदार सब्ज़ियों से भरपूर, ये स्मूदी, विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट का रिच सोर्स हैं जिनसे हार्मोनल इंबैलेंस को कंट्रोल किया जा सकता है. फाइबर से ब्लड शुगर कंट्रोल और इंसुलिन रेसिस्टेंस को कम करने में मदद मिलती है. इसमें आप ओमेगा- 3 फैटी एसिड और लिगनेन से भरपूर, अलसी और चिया सीड्स को भी मिला सकते हैं जिससे हार्मोनल हेल्थ इंप्रूव होती है.

      3. हल्दी लट्टे (Turmeric latte)

      हल्दी के मुख्य एक्टिव कंपोनेंट करक्यूमिन में एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज़ होती हैं जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और हार्मोनल असंतुलन को कम करती हैं और इंसुलिन रेसिस्टेंस को ठीक करती हैं. इससे मेटाबॉलिज्म बढ़ता है. साथ ही, इससे बने ड्रिंक्स स्ट्रेसबस्टर की तरह काम करते हैं.

      4. दालचीनी कॉफ़ी (Cinnamon coffee)

      दालचीनी के नेचुरल कंपाउंड और कॉफी की एनर्जी बूस्टिंग प्रॉपर्टीज़ पीसीओएस में बहुत लाभकारी हैं. दालचीनी, इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाने और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती हैं. जब इसे कॉफी में मिलाया जाता है, तो यह कैफीन के साइड इफेक्ट को घटा कर इसके फ़ायदों को बढ़ा देती है.

      5. बेरी ब्लास्ट स्मूदी (Berry blast smoothie)

      कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और रास्पबेरी से बनी स्मूदी ऐसे पोषक तत्व प्रदान करती है जो पीसीओएस से जुड़े ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं. लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले ये फल, ब्लड शुगर लेवल को स्थिर करने में मददगार हैं. साथ ही, इनमें मौजूद फाइबर वेट को कंट्रोल में रखने और डाइज़ेशन को बढ़ाने में भी मदद करता है.

      6. एप्पल साइडर विनेगर (Apple cider vinegar)

      एप्पल साइडर विनेगर इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाने, ब्लड शुगर लेवल को कम करने और वेट मैनेजमेंट में मदद करता है और एक नेचुरल ट्रीटमेंट है. पीसीओएस में यह बढ़े हुए वज़न को असरदार रूप से कम करता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है.

      7. अदरक नींबू डिटॉक्स वॉटर (Ginger lemon detox water)

      अदरक में एंटी इन्फ़्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ होती हैं जबकि नींबू विटामिन सी का रिच सोर्स है इसलिए अदरक-नींबू डिटॉक्स वॉटर पीसीओएस में बेहद लाभकारी है. इसके एंटीऑक्सीडेंट इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ ही हार्मोन रेगुलेशन में भी मदद करते हैं. डेली रूटीन में अदरक नींबू डिटॉक्स वॉटर के प्रयोग से मेटाबोलिज्म मज़बूत होता है.

      8. ग्रीन टी (Green tea)

      ग्रीन टी के एंटीऑक्सिडेंट, ख़ास तौर पर एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (EGGC) से भरपूर ग्रीन टी, पीसीओएस के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से निपटने में मदद करती है. इसके अलावा, यह इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार लाने और एनर्जी लेवल को मेंटेन करने में भी मददगार है.

      9. चिया सीड स्मूदी (Chia seed smoothie)

      चिया सीड्स, फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं और इन्हें पीसीओएस डाइट में ज़रूर शामिल करना चाहिए. फाइबर ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर रखने, इंसुलिन रेसिस्टेंस को कम करने और पेट के देर तक भरा रखने में मदद करता है जिसे वेट लॉस में मदद मिलती है. ओमेगा-3 फैटी एसिड में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं हार्मोनल संतुलन बढ़ाते हैं.

      10. हर्बल इंफ्यूजन (Herbal infusions)

      पीसीओएस में कुछ जड़ी-बूटियों; जैसे- पुदीना, दालचीनी, और मुलेठी की जड़ से बने हर्बल इंफ्यूजन हार्मोन रेगुलेशन, अनियमित पीरियड्स और एण्ड्रोजन के बढ़े हुए लेवल को कम करने में मददगार हैं. ये हर्बल इन्फ्यूजन एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड्स के प्राकृतिक स्रोत हैं जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को घटाते हैं.

      पीसीओएस ड्रिंक को कैसे करें तैयार? (Steps to prepare drinks for PCOS in Hindi)

      आइये अब जानते हैं कि पीसीओएस ड्रिंक (pcos drink) को कैसे बनाना चाहिए.

      1. सही इंग्रेडिएंट को चुनें (Choose the right ingredients)

      सबसे पहले रोग के लक्षणों और अपने शरीर की प्रकृति के आधार पर सही इंग्रेडिएंट को चुनें.

      2. इंग्रेडिएंट को साफ़ और तैयार करें Clean and prepare the ingredients

      पीसीओएस ड्रिंक बनाने से पहले इन इंग्रेडिएंट्स को अच्छे से धोकर साफ़ कर लें और ज़रूरत होने पर धूप में सुखा लें.

      3. मिलाएँ (Blend or infuse)

      अब इन्हें सही मात्रा में मिलाकर खरल में कूट लें और फिर पानी में उबाल कर चाय या काढ़े की तरह ड्रिंक तैयार कर लें. आप इसे रात भर पानी में भिगा कर इंफ्यूज भी कर सकती हैं.

      4. छान लें (Strain (if needed)

      ठंडा होने पर कप में छान लें.

      5. परोसें और आनंद लें (Serve and enjoy)

      आपकी पीसीओएस ड्रिंक पीने के लिए तैयार है.

      पीसीओएस ड्रिंक के विकल्प (Alternatives of PCOS Drink in Hindi)

      अब आप जानना चाहेंगे कि क्या पीसीओएस ड्रिंक (pcos drink) के कुछ ऑप्शन भी हैं? जी हाँ कुछ अन्य चीज़ें अपनाकर भी आप पीसीओएस के लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं; जैसे -

      1. संतुलित डाइट (Balanced diet)

      संतुलित आहार से न केवल ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल होता है; बल्कि इंसुलिन सेंसटिविटी भी बढ़ती है. इससे वज़न घटाने में भी मदद मिलती है. होलग्रेन्स, लीन प्रोटीन, फल और सब्ज़ियों से भरपूर आहार में वो सभी ज़रूरी पोषक तत्व और फाइबर होते हैं जो हार्मोनल संतुलन लाने में मदद करते हैं और वेट मैनेजमेंट के साथ डाइज़ेशन को भी मज़बूत करते हैं.

      2. रेगुलर एक्सरसाइज (Regular exercise)

      पीसीओएस में नियमित व्यायाम ज़रूरी है क्योंकि इससे वेट मैनेजमेंट, पीरियड्स और एण्ड्रोजन लेवल को रेगुलेट करने में मदद मिलती है.

      3. स्ट्रेस मैनेजमेंट (Stress management)

      स्ट्रेस मैनेजमेंट, क्रोनिक हेल्थ कंडीशन के रिस्क को कम करता है, मेंटल क्लेरिटी और फोकस में सुधार लाता है. ध्यान या माइंडफुलनेस जैसी टेक्निक से व्यक्ति अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर स्ट्रेस के प्रभाव को कम कर सकता है.

      4. स्लीप हाइजीन (Sleep hygiene)

      नियत समय पर सोने का शेड्यूल जिसमें गहरी और आरामदायक नींद लेना और सोने से पहले उत्तेजक पदार्थों का सेवन न करने से स्लीप क्वालिटी में काफी सुधार आता है. इससे सर्कैडियन रिदम सेट होती है और मूड स्टेबिलिटी आती है.

      5. मेडिकेशन और सप्लीमेंट्स (Medication and supplements)

      पीसीओएस के इलाज़ के लिए अक्सर मेडिकेशन का सहारा लिया जाता है. जहाँ हार्मोनल बर्थ कंट्रोल से पीरियड साइकिल को रेगुलेट करने में मदद मिलती है वहीं, एंटी-एंड्रोजन दवाएँ एक्सट्रा हेयर ग्रोथ और मुँहासों को कम कर सकती हैं. इनोसिटोल और मेटफॉर्मिन जैसी दवाओं से इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार और वेट मैनेजमेंट में मदद मिलती है.

      प्रो टिप (Pro Tip)

      याद रखें पीसीओएस ड्रिंक्स काअसर और प्रतिक्रिया हर व्यक्ति पर अलग हो सकती है. जल्दी और ज़्यादा लाभ के लिए आप किसी न्यूट्रीशनिस्ट की सलाह से सही इंग्रिडिएंट्स का प्रयोग करें. साथ ही मेडिकेशन और सप्लीमेंट्स हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही लें.

      रेफरेंस

      1. Wu D, Kimura F, Takashima A, Shimizu Y, et al. (2013). Intake of vinegar beverage is associated with restoration of ovulatory function in women with polycystic ovary syndrome.

      2. Shen W, Pan Y, Jin B, Zhang Z, You T, Qu Y, Han M, Yuan X, Zhang Y. (2021). Effects of Tea Consumption on Anthropometric Parameters, Metabolic Indexes and Hormone Levels of Women with Polycystic Ovarian Syndrome: A Systematic Review and Meta-Analysis of Randomized Controlled Trials. Front Endocrinol (Lausanne).

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      PCOS drink in English

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