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    Anovulation Meaning in Hindi | एनोवुलेशन क्या है और यह गर्भधारण में कैसे बनता है परेशानी?

    Ovulation

    Anovulation Meaning in Hindi | एनोवुलेशन क्या है और यह गर्भधारण में कैसे बनता है परेशानी?

    7 September 2023 को अपडेट किया गया

    Medically Reviewed by

    Dr. Shruti Tanwar

    C-section & gynae problems - MBBS| MS (OBS & Gynae)

    View Profile

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    साधारण शब्दों में यदि कहा जाए तो एनोवुलेशन का मतलब है (anovulation meaning in hindi) एक ऐसी स्थिति जिसमें महिला की ओवरी से अंडा निकलना होना बंद हो जाता है. क्योंकि प्रेग्नेंसी के लिए एग बनना ज़रूरी है इसलिए एनोवुलेशन के कारण गर्भधारण नहीं हो पाता. लंबे समय तक रहने पर यह स्थिति इनफर्टिलिटी पैदा कर सकती है. आइये एनोवुलेशन को (anovulation in hindi) विस्तार से समझें.

    एनोवुलेशन क्या होता है (Anovulation meaning in Hindi)

    एनोवुलेशन (Anovulation) एक मेडिकल शब्द है जो महिलाओं में (anovulation in hindi) ओव्यूलेशन (ovulation) न हो पाने की समस्या के लिए प्रयोग किया जाता है. फ़ीमेल रीप्रोडक्टिव सिस्टम में हर महीने ओवरी कुछ अंडे रिलीज़ करती है और इसमें से सबसे स्वस्थ अंडा फ़ेलोपियन ट्यूब्स (fallopian tubes) में पहुँच कर स्पर्म के साथ मिलता है जिसे फर्टिलाइज़ेशन कहते हैं. ये प्रेग्नेंसी का पहला चरण है. लेकिन एनोवुलेशन (Anovulation) होने पर (anovulation meaning in hindi) ओवरी से एग निकलना रुक जाता है और इस कारण प्रेग्नेंसी के चांसेज घटने लगते हैं. अगर ये स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो इसे क्रोनिक एनोवुलेशन (Cronic Anovulation) कहा जाता है जिसमें साल भर तक भी ओवरी में अंडे नहीं बनते. ऐसा होने पर गर्भाधान नहीं हो पाता और इसे एनोवुलेटरी इंफर्टिलिटी (Anovulatory infertility) कहा जाता है.

    एनोवुलेशन होने के क्या कारण होते हैं? (Anovulation causes in Hindi)

    एनोवुलेशन के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि;

    1. पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS)

    पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम भी एनोवुलेशन का एक मुख्य कारण है जिसमें ओवरी में छोटी- छोटी सिस्ट बनने लगती हैं और इस वजह से हार्मोनल असंतुलन पैदा हो जाता है. हार्मोनल असंतुलन से एग बनने की प्रक्रिया पर असर पड़ता है.

    2. हार्मोनल गड़बड़ी (Hormonal imbalance)

    फ़ीमेल रीप्रोडक्टिव सिस्टम को नियंत्रित और संतुलित करने वाले हार्मोन्स; जैसे कि एस्ट्रोजेन-प्रोजेस्ट्रोन, लुटिनाइजिंग हार्मोन (LH) और फोलिकल-स्टिमुलेटिंग हार्मोन (FSH) के आपसी असंतुलन के कारण भी ओवरी में अंडा बनने की प्रक्रिया डिस्टर्ब हो सकती है.

    3. थायराइड (Thyroid imbalance)

    थायराइड ग्रंथि का सामान्य से कम या ज़्यादा एक्टिव होना भी एनोवुलेशन का एक कारण है. ऐसा इसलिए क्योंकि थायराइड हार्मोन्स में गड़बड़ी आने पर ओवरी की काम करने की क्षमता में कमी आने लगती है.

    4. अन्य शारीरिक समस्याएँ (Other medical disorders)

    कुछ मेडिकल कंडीशन जैसे कि ओवेरियन सिस्ट (ovarian cyst), स्ट्रेस (stress), शारीरिक कमज़ोरी, मोटापा (obesity), शरीर में ज़रूरी न्यूट्रिएंट्स की कमी और कुछ खास तरह के मेडिकेशन के अलावा ऐसे कठिन और भारी व्यायाम करना जिससे बॉडी मास इंडेक्स BMI) बहुत कम जो जाए, एनोवुलेशन का कारण हो सकते हैं.

    एनोवुलेशन के लक्षण क्या होते हैं? (Anovulation Symptoms in Hindi)

    एनोवुलेशन के लक्षण रीप्रोडक्टिव सिस्टम की असामान्यता से जुड़े अन्य लक्षणों जैसे ही होते हैं. जैसे कि;

    1. अनियमित मेंस्ट्रुअल साइकिल (Irregular menstrual cycles)

    एनोवुलेशन के कारण पीरियड अनियमित हो सकते हैं, जिसमें दो पीरियड्स के बीच का अंतराल कभी बहुत कम या बहुत ज़्यादा हो जाता है.

    2. मेंस्ट्रुअल साइकिल का बेहद कम या ना होना (infrequent periods)

    कुछ महिलाओं में एनोवुलेशन के कारण ब्लीडिंग बहुत कम हो जाती है और किसी को तो पीरियड्स होते ही नहीं हैं जिसे एमेनोरिया (Amenorrhea) कहा जाता है.

    3. ओव्युलेशन के लक्षणों का अभाव (Lack of ovulation signs)

    एनोवुलेशन के कारण ओव्युलेशन से जुड़े सामान्य लक्षण; जैसे- सर्विकल म्यूकस में बदलाव या फिर बढ़ा हुआ बेसल बॉडी ट्रेम्प्रेचर जैसे बदलाव नहीं दिखाई देते.

    इसे भी पढ़ें : ओव्यूलेशन के लक्षण क्या होते हैं?

    4. प्रेग्नेंसी में दिक्कत (Difficulty in getting pregnant)

    एनोवुलेशन का मुख्य लक्षण है प्रेग्नेंसी होने में कठिनाई होना. जिन महिलाओं को एनोवुलेशन की समस्या होती है, उनके लिए गर्भधारण करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है.

    5. हार्मोनल असंतुलन (Hormonal imbalances)

    एनोवुलेशन का संबंध हार्मोनल असंतुलन से भी होता है और इसलिए इसके लक्षणों में मुँहासे, वज़न बढ़ना और मूड स्विंग्स भी शामिल हो सकते हैं.

    क्या एनोवुलेशन को ठीक किया जा सकता है? (Anovulation treatment in Hindi)

    जी हाँ, एनोवुलेशन की स्थिति को ठीक किया जा सकता है. इसके लिए सबसे पहले इसके लक्षणों को समय से पहचानने की ज़रूरत है. जल्द से जल्द इसे डायग्नोज करके इलाज़ शुरू करने पर आप इससे निज़ात पा सकते हैं. वहीं क्रोनिक स्थिति को ठीक करने में लंबा समय लगता है. इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गयी मेडिसिन के साथ लाइफस्टाइल में बदलाव लाना बेहद ज़रूरी है.

    आइये जानते हैं एनोवुलेशन के ट्रीटमेंट के लिए प्रचलित इन तरीक़ों के बारे में.

    1. लाइफस्टाइल में बदलाव (Lifestyle modifications)

    ओव्युलेशन की अनियमितता को दूर करने के लिए एक स्वस्थ और संतुलित लाइफस्टाइल अपनाने से बेहद मदद मिलती है. इसमें वज़न घटाना, स्ट्रेस पर नियंत्रण, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम या सैर को शामिल करना ज़रूरी है.

    2. मेडिसिन का प्रयोग (Medications)

    ओव्युलेशन को दोबारा शुरू करवाने के लिए कुछ दवाइयों की भी मदद ली जाती है जिनमें ओरल मेडिसिन; जैसे कि क्लोमिफेन सिट्रेट या लेट्रोज़ोल दी जाती हैं जिनसे ओवरी को स्टिम्युलेशन मिलता है. इसके अलावा रोग की स्थिति को देखते हुए इंजेक्टेबल दवाओं का भी प्रयोग किया जाता है.

    3. हार्मोन थेरेपी (Hormone therapy)

    एनोवुलेशन की स्थिति अगर हार्मोन के असंतुलन के कारण पैदा हुई है तो ऐसे में हार्मोन थेरेपी की सलाह दी जाती है. इसमें ओरल कांट्रेसेप्टिव पिल्स या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी मुख्य हैं.

    4. सर्जरी (Surgery)

    कुछ खास स्थितियों में एनोवुलेशन को ठीक करने के लिए सर्जरी का प्रयोग भी किया जाता है. ऐसा तब होता है जब ओवरी की बनावट में ही किसी तरह की कमी हो या फिर ओवेरियन सिस्ट हो जिन्हें सर्जरी के द्वारा निकाला जाता है.

    क्या एनोवुलेशन होने पर गर्भधारण हो सकता है? (Can a woman with anovulation get pregnant?)

    एनोवुलेशन से जूझ रही महिलाओं को प्रेग्नेंट होने में काफ़ी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि उनके शरीर में नेचुरल तरीक़े से एग रिलीज़ नहीं हो पाते हैं. हालाँकि, फिर भी ऐसी महिलाओं के लिए गर्भधारण करना संभव है. दवाइयों द्वारा ओव्युलेशन को दोबारा शुरू करवाना या फिर हार्मोन थेरेपी इस के लिए बेहद उपयोगी हैं. इसके अलावा असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलोजी (Assisted reproductive technologies (ART) जैसे कि इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (IVF) या इंट्रा-यूट्रीन इंसेमिनेशन (IUI) की मदद से एनोवुलेशन वाली महिलाओं को गर्भधारण करने में मदद मिल सकती हैं. इन तरीक़ों से ओव्युलेशन की प्रक्रिया को ठीक करने पर प्रेग्नेंसी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. साथ ही साथ लाइफस्टाइल के बदलाव आपको इस स्थिति से उबरने में दोहरी मदद कर सकते हैं.

    प्रो टिप (Pro Tip)

    एनोवुलेशन वाकई एक जटिल स्थिति है लेकिन इसका इलाज़ संभव है. अगर आप भी इस वजह से प्रेग्नेंट नहीं हो पा रही हैं तो सबसे पहले लाइफस्टाइल में ज़रूरी बदलाव करें और जल्द से जल्द डॉक्टर की सलाह से इसका ट्रीटमेंट शुरू कर दें. अगर एनोवुलेशन के इलाज के बाद भी आपको गर्भवती होने में मुश्किल हो रही है, तो आप इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) या इंट्रा-यूट्रीन इंसेमिनेशन (IUI) के ऑप्शन पर विचार कर सकते हैं.

    रेफरेंस

    1. Katsikis I, Kita M, Karkanaki A, Prapas N, Panidis D. (2006). Anovulation and ovulation induction.

    2. Hamilton-Fairley D, Taylor A. (2003). Anovulation.

    3. Balen AH, Rutherford AJ. (2007). Managing anovulatory infertility and polycystic ovary syndrome.

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    Anovulation Meaning in English

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