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7 September 2023 को अपडेट किया गया
प्रेग्नेंसी के दौरान लगभग हर महिला को मॉर्निंग सिकनेस का सामना करना पड़ता है. इसमें जी मिचलाना, बार-बार उल्टी करने का मन करना या उल्टी होना और मतली जैसे लक्षण महसूस होते हैं. आमतौर पर मॉर्निंग सिकनेस (Morning sickness in hindi) प्रेग्नेंसी के पहली तिमाही में महसूस होती है. हालाँकि, कुछ महिलाओं को यह प्रेग्नेंसी के पूरे नौ महीनों तक भी महसूस हो सकती है. चलिए इस आर्टिकल के ज़रिये आपको डिटेल में बताते हैं कि आख़िर मॉर्निंग सिकनेस होती है क्या है (Morning sickness during pregnancy in Hindi) या मतली क्या होती है (Nausea meaning in Hindi) और आप इससे राहत पाने के लिए किन उपायों का सहारा ले सकते हैं!
मॉर्निंग सिकनेस प्रेग्नेंसी का एक आम लक्षण है. वैसे, भले ही इसे 'मॉर्निंग सिकनेस' कहा जाता है, लेकिन यह समस्या दिन या रात के किसी भी समय हो सकती है. मॉर्निंग सिकनेस का सबसे आम लक्षण है मतली (Nausea in Hindi), जिसमें आपका जी मिचलाने लगता है और उल्टी करने का मन करता है. कभी-कभी उल्टी बार-बार होने भी लगती है.
मॉर्निंग सिकनेस का मुख्य कारण है प्रेग्नेंसी के हार्मोन्स; जैसे कि ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) और एस्ट्रोजन. इन हार्मोन्स के लेवल बढ़ने से आपका डाइजेस्टिव सिस्टम स्लो हो जाता है, जिससे आपको खाना डाइजेस्ट करने में परेशानी आती है और आपको मतली (Nausea vomiting meaning in Hindi) की समस्या होने लगती है.
इसके अलावा, कुछ एक्सपर्ट्स की मानें तो मॉर्निंग सिकनेस एक प्रकार का नेचुरल डिफेंस मैकेनिज़्म है. दरअसल, प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में जब बेबी के अंग डेवलप हो रहे होते हैं, तो इस दौरान आपको कुछ चीज़ों से परहेज़ करना होता है, ताकि बेबी को कोई नुक़सान न हो. ऐसे में मॉर्निंग सिकनेस आपको कुछ ऐसे फूड्स और गंध से दूर रखती है.
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मॉर्निंग सिकनेस से राहत पाने के लिए आप इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं;
एक बार में ज़्यादा खाना खाने के बजाय आप थोड़ी-थोड़ी देर में खाना खाते रहें. ऐसा करने से आपका पेट एकदम ज़्यादा नहीं भरेगा और आपकी उल्टी नहीं आएगी.
अदरक मतली (Nausea in Hindi) और उल्टी को कम करने में मदद करता है. आप अदरक की चाय पी सकते हैं. इसके अलावा आप अदरक के छोटे पीस करके भी उसका सेवन कर सकते हैं. ध्यान रखें आपको अदरक का सेवन सीमित मात्रा में ही करना है.
ऑरेंज या नींबू का रस भी आपको प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस से राहत दे सकता है. इनके अलावा, आप सौंफ पाउडर, दालचीनी और जीरे जैसे कुछ मसालों को भी अपने खाने में इस्तेमाल कर सकते हैं. ये मसाले मॉर्निंग सिकनेस की समस्या पर इफेक्टिव तरीक़े से काम करते हैं.
प्रेग्नेंसी में पानी की कमी मॉर्निंग सिकनेस को बढ़ावा दे सकती है. इसलिए मॉर्निंग सिकनेस से बचने या राहत पाने के लिए आपको ख़ुद को हाइड्रेटेड रखना चाहिए. आप इस दौरान जूस भी पी सकते हैं.
तेज़ गंध वाली चीज़ों और जगह से दूर रहें. ये मॉर्निंग सिकनेस (Morning sickness during pregnancy in hindi) या मतली (Nausea vomiting meaning in Hindi) को बढ़ावा देते हैं.
प्रेग्नेंसी के दौरान पुदीना न केवल आपको मतली से राहत दे सकता है; बल्कि आपको ताज़गी और ठंडक का एहसास भी दे सकता है. मॉर्निंग सिकनेस से राहत पाने के लिए आप पुदीने की कुछ पत्तियों को चबा सकते हैं या इसे सूँघ भी सकते हैं.
नारियल पानी में विटामिन, मिनरल और फाइबर के गुण होते हैं, जिसके कारण यह आपको कब्ज़ और मॉर्निंग सिकनेस की समस्या से राहत दे सकता है.
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पर्याप्त नींद लें और आराम करें. ऐसा करने से आपको मॉर्निंग सिकनेस से राहत मिलेगी.
प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस होना नॉर्मल है, लेकिन कभी-कभी ये किसी गंभीर स्थिति को जन्म दे सकती है. मेडिकस भाषा में इस स्थिति को हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (Hyperemesis gravidarum) कहा जाता है. अगर आपको लगता है कि आपको मॉर्निंग सिकनेस की समस्या ज़्यादा हो रही है, तो ऐसी स्थिति में आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करने में देरी नहीं करना चाहिए.
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प्रेग्नेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस (Morning sickness in Hindi) होने पर घबराएँ नहीं! याद रखें, यह समस्या आम है. अगर प्रेग्नेंसी में आपको मतली या मॉर्निंग सिकनेस की समस्या अधिक होती है, तो ऐसे में आपको डॉक्टर से बात करने में बिल्कुल भी देरी नहीं करना चाहिए.
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