back search
Browse faster in app
ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART
  • Home arrow
  • Pregnancy Journey arrow
  • Fish in Pregnancy in Hindi | क्या प्रेग्नेंसी में मछली खा सकते हैं? arrow

In this Article

    Fish in Pregnancy in Hindi | क्या प्रेग्नेंसी में मछली खा सकते हैं?

    Pregnancy Journey

    Fish in Pregnancy in Hindi | क्या प्रेग्नेंसी में मछली खा सकते हैं?

    6 September 2023 को अपडेट किया गया

    गर्भवती महिलाएं जो खाती हैं उनमें से कई तरह के फूड के सुरक्षित होने को लेकर वे आश्वस्त नहीं होती हैं. इनमें से एक है मछली. इसमें कोई शक नहीं है कि मछली खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है लेकिन गर्भावस्था में इसे खाना क्या वाकई में फायदेमंद होता है? क्या गर्भावस्था के लिए मछली सुरक्षित हती है. यहां इसके बारे में विस्तार से बताया गया है.

    Is eating fish safe during pregnancy?
    गर्भावस्था में मछली खाना सुरक्षित होता है?

    अगर सही मछली खाई जाए तो गर्भावस्था में मछली सुरक्षित होती है. मछली असल में कैल्शियम, विटामीन डी, आयरन, जिंक, कोलीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड और आयोडीन का बेहतरीन स्रोत होती है. यह लीन प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत होती है. मछली में मौजूद आयरन और जिंक से बच्चे की इम्यूनिटी बेहतर होती है. इस बात के वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद हैं कि मछली में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड से बच्चे के दिमाग के विकास में मदद मिलती है. यह भी साबित हो चुका है कि मछली खाने से दिल की सेहत अच्छी रहती है. मछली खाने के अन्य फायदे यह हैं कि यह हड्डियों की सेहत बेहतर करती है और मोटापे के साथ-साथ रेक्टल और कोलोन कैंसर का खतरा कम करती है.
    गर्भावस्था में मछली खाना अच्छा होता है, लेकिन कुछ मछलियों में मरक्युरी कॉन्टेंट हो सकता है. अगर मरक्युरी वाली मछली को लगातार खाया जाता है, तो यह धातू खून में शामिल हो जाती है. इसकी वजह से बच्चे के नर्वस सिस्टम पर असर होता है और इसके दिमाग का विकास बाधित होता है.
    इसलिए, गर्भावस्था में मछली खाना तब सुरक्षित होता है जब उसमें मरक्युरी कॉन्टेंट न हो. हफ्ते में 2-3 सर्विंग अच्छी होती है और मां के साथ होने वाले बच्चे की सेहत को लिए भी फायदेमंद होती है. मरक्युरी कॉन्टेंट वाली मछली खाने से बचना बेहतर होता है.

    ये भी पढ़े : गर्भावस्था में अंडे: इसके लाभ और पोषण मूल्य

    Which fish are good for pregnancy?
    गर्भावस्था में कौन सी मछली खाना सुरक्षित होता है?

    गर्भावस्था में कौन सी मछली अच्छी होती है? सबसे अच्छी पसंद यहां दी गई हैः

    1.सोलोमन

    इसकी हर 100 ग्राम सर्विंग में 2200 मिलीग्राम ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो कि दूसरी सभी मछलियों के मुकाबले सबसे ज्यादा है. इसमें 526 मिलीग्राम विटामिन डी, 91 मिलीग्राम कोलीन भी होता है. ओमेगा 3 फैटी एसिड, दिमागी विकास के लिए अच्छा होता है, विटामिन डी हड्डियों की सेहत के लिए और कोलीन बच्चे की स्पाइनल कॉर्ड के विकास के लिए अच्छा होता है.

    2.श्रिंप

    मछलियों में अगली सबसे अच्छी पसंद है श्रिंप, इसमें 500 मिलीग्राम ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है, 81 मिली ग्राम कोलीन, 48 मिलीग्रम सेलेनियम, और 20 ग्राम प्रोटीन होता है. सेलेनियम, शरीर में थायरॉइड डिसफंक्शन, पोस्टमार्टम डिप्रेशन, जेस्टेशनल डाइबिटिज का खतरा कम करता है. बच्चे की स्किन, बाल, और मसल्स के लिए प्रोटीन जरूरी होता है.

    3.अलास्का पॉलाक

    500 मिलीग्रीम ओमेगा 3 फैटी एसिड, 92 मिलीग्राम कोलीन, 51 मिलीग्राम विटामिन डी और 44 मिलीग्राम सेलेनियम के साथ अलास्का पॉलाक, गर्भावस्था में खाई जा सकने वाली सबसे सुरक्षित मछलियों में से एक हैं.

    4.कैन्ड ट्यूना

    यह प्रोटीन से भरपूर होती है. इसकी एक सर्विंग (100 ग्राम) में प्रोटीन की रोज की जरूरत का 32% मिलता है. इसमें 197 मिलीग्राम डीएचए होता है जो एक तरह का ओमेगा 3 फैटी एसिड है.

    5.क्रैब

    इसमें 400 मिलीग्राम ओमेगा-3 फैटी एसिड, 81 मिलीग्राम कोलीन और 36 मिलीग्राम मैग्नेशियम होता है. फीटल ग्रोथ के लिए मैग्नेशियम जरूरी होता है.

    दूसरी सुरक्षित मछलियों में ये भी शामिल हः

    • क्रेफ़िश
    • कैटफ़िश
    • फ़्लॉन्डर
    • हिलसा
    • एंकोवी
    • तिलापिया
    • ट्राउट
    • सार्डिन औरस्कैलॉप हैं

    ये भी पढ़े : गर्भावस्था में काले अंगूर; फ़ायदे और कब खाने से बचें

    Fish to avoid during pregnancy
    गर्भावस्था में इन मछलियों को खाने से बचें

    गर्भावती महिलाओं को ज्यादा मरक्युरी वाली मछलियां खाने से बचना चाहिए. जिन मछलियों में मरक्युरी की मात्रा ज्यादा होती है उनके बारे में नीचे बताया गया है.

    1.स्वॉर्डफिश

    इसमें ज्यादा मात्रा में मरक्युरी पाया जाता है. इसमें .995 पीपीएम मरक्युरी होता है और कुछ में तो यह 3.2 पीपीएम तक हो सकता है.

    2.शार्क

    शार्क में मरक्युरी का कम से कम स्तर 0.979 पीपीएम होता है जो कि 4.54 पीपीएम तक जा सकता है.

    3.टाइलफिश

    इसमें मरक्युरी का औसत स्तर 1.123 पीपीएम होता है.

    4.किंग मैकरल

    किंग मैकरल में मरक्युरी का औसत स्तर 0.73 पीपीएम होता है जो कई बार 1.67 पीपीएम तक जा सकता है.

    5.बिग आई ट्यूना

    यह मछलियों की सबसे बड़ी प्रजाती है. इसमें मरक्युरी का औसत स्तर 0.689 पीपीएम होता है जो कि 1.816 पीपीएम तक जा सकता है.

    6.ऑरेंज रफली

    गर्भवती महिलाओ को इसे खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें मरक्युरी का औसत स्तर 0.571 पीपीएम होता है जो बढ़कर 1.12 पीपीएम तक जा सकता है.
    मर्लिन और चिलीयन सी बैस, मछलियों की ऐसी प्रजातियां हैं जिन्हें गर्भावस्था में खाने से बचना चाहिए. इनमें भी मरक्युरी की मात्रा काफी ज्यादा होती है.

    ये भी पढ़े : गर्भावस्था के दौरान किशमिश: लाभ, जोखिम और दुष्प्रभाव

    Risk of eating fish during pregnancy
    गर्भावस्था में मछली खाने के नुकसान

    • गर्भावस्था में मछली खाना सुरक्षित होता है, लेकिन तब तक, जब तक इसे अच्छी तरह से पकाया गया हो और सही मछली चुनी गई हो. इनसे जुड़े कुछ रिस्क भी हैं?
    • शार्क, किंक मैकरल, स्वॉर्डफिश, टाइलफिश वगैरह जैसी बड़ी मछलियों में मरक्युरी की मात्रा ज्यादा होती है. ज्यादा मरक्युरी की वजह से होने वाले बच्चे के नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है और दिमागी विकास प्रभावित होता है.
    • सुशी, ऑयस्टर, शेलफिश जैसी मछलियों को कच्चा खाना नुकसानदायक हो सककता है क्योंकि इनकी वजह से बैक्टेरियल या वायरल संक्रमण हो सकता है.
    • अधपकी मछली खाने से फूड पॉइजनिंग होने का खतरा रहता है. मछली को अच्छी तरह से उबालकर, सेक कर या पकाकर खाना चाहिए ताकि यह खतरा टाला जा सके.
    • स्थानीय स्रोतों में पाई जाने वाली मछलियों को खाने से तब तक बचना चाहिए जब तक इनके सुरक्षित होने को लेकर कोई एडवाजरी जारी न की जाए. अगर पानी में नुकसान पहुंचाने वाले केमिकल हैं, तो यह केमिकल मछली में भी हो सकते हैं.
    • मछलियां गर्भवती महिलाओं की डायट का हिस्सा हो सकती हैं. अगर मछली में मरक्युरी है, उसे पकाया न गया हो या पूरी तरह से पकी न हो तो इसके खाना सुरक्षित नहीं होता.
    • गर्भवती महिलाओं को अपने खाने, दवाईयों या शारीरिक गतिविधि में कोई भी बदलाव करने से पहले किसी एक्सपर्ट डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए.

    References

    1. Bramante CT, Spiller P, Landa M. (2018). Fish Consumption During Pregnancy: An Opportunity, Not a Risk. JAMA Pediatr.

    2. Taylor CM, Emmett PM, Emond AM, Golding J.(2018). A review of guidance on fish consumption in pregnancy: is it fit for purpose? Public Health Nutr.

    Tags

    Fish In Pregnancy: Benefits and Risks in English, Fish In Pregnancy: Benefits and Risks in Tamil, Fish In Pregnancy: Benefits and Risks in Telugu, ⁠Fish In Pregnancy: Benefits and Risks in Bengali

    Is this helpful?

    thumbs_upYes

    thumb_downNo

    Written by

    parul_sachdeva

    parul_sachdeva

    Read from 5000+ Articles, topics, verified by MYLO.

    Download MyloLogotoday!
    Download Mylo App

    RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

    our most recent articles

    100% Secure Payment Using

    Stay safe | Secure Checkout | Safe delivery

    Have any Queries or Concerns?

    CONTACT US
    +91-8047190745
    shop@mylofamily.com
    certificate

    Made Safe

    certificate

    Cruelty Free

    certificate

    Vegan Certified

    certificate

    Toxic Free

    About Us
    Mylo_logo

    At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:

    • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
    • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
    • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.

    All trademarks are properties of their respective owners.2017-2023©Blupin Technologies Pvt Ltd. All rights reserved.