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Conception
13 October 2023 को अपडेट किया गया
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बेबी प्लानिंग कर रहे कपल्स को अनप्रोटेक्टेड सेक्स के बाद प्रेग्नेंसी कंफर्म (How many days after sex do you conceive in Hindi) होने का इंतज़ार करना बड़ा लंबा लगता है. क्योंकि अर्ली प्रेग्नेंसी सिमटम्स (Early Pregnancy Symptoms) भी थोड़े वक़्त के बाद दिखाई देते हैं ऐसे में ये सवाल अक्सर उनके मन में आता है कि सेक्स के बाद प्रेग्नेंसी कंफर्म होने में (Sex ke bad pregnant hone me kitna samay lagta hai) आखिर कितना समय लगता है? आइये जानते हैं कि सेक्स करने से लेकर प्रेग्नेंट होने तक की प्रक्रिया क्या है, इसमें लगभग कितना समय लगता है और प्रेग्नेंसी टेस्ट करने का सही समय कब (when to do pregnancy test) होता है!
सेक्स के बाद (Pregnancy after relationship) प्रेग्नेंसी होगी या नहीं ये पूरी तरह से इंप्लांटेशन पर निर्भर करता है. बता दें कि एक महिला के 28 दिन के मासिक चक्र लगभग चौदहवें दिन उसकी ओवरीज़ से एक या उससे अधिक अंडे बाहर निकलते हैं और ट्रेवल करते हुए फ़ेलोपियन ट्यूब्स (fallopian tubes) में आ जाते हैं. अंडे ट्यूब्स में अगले चौबीस घंटे तक मेल स्पर्म के साथ मिल कर फर्टिलाइज होने का इंतज़ार करते हैं और अगर इस दौरान स्पर्म एग के साथ मिल जाए तो फर्टिलाइज़ेशन होता है और अब इस फर्टिलाइज्ड एग को जाइगोट कहा जाता है. जाइगोट आगे ट्रैवल करता है और यूट्रस की अंदरूनी सतह (uterine lining) जिसे एंडोमेट्रियम (endometrium) भी कहा जाता है, उसमें जाकर चिपक जाता है और फिर यहीं विकसित होकर शिशु का आकार लेने लगता है. फर्टिलाइज्ड एग या जाइगोट के यूट्रीन लाइनिंग ((uterine lining) में अटैच होने की प्रक्रिया को ही इंप्लांटेशन (implantation) कहा जाता है. इस प्रक्रिया के सही तरह से पूरा होने पर ही एक हेल्दी प्रेग्नेंसी संभव है और इसके बाद ही अर्ली प्रेग्नेंसी सिमटम्स (Early Pregnancy Symptoms) भी दिखाई देना शुरू होते हैं. फर्टिलाइज़ेशन से लेकर इंप्लांटेशन के बीच लगभग 6 से 10 दिन तक का समय लग सकता है.
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तो अब आप समझ गए होंगे कि सेक्स के बाद इंप्लांटेशन (Sex ke bad pregnant hone me kitna samay lagta hai) में लगभग कितना समय लगता है. एग के इंप्लांटेशन का एक खास लक्षण है इंप्लांटेशन ब्लीडिंग (implantation bleeding) जो अक्सर महिलाओं में पीरियड्स का वहम पैदा कर देती है. असल में फर्टिलाइज्ड एग के यूट्रीन लाइनिंग ((uterine lining) में अटैच होने की प्रोसेस में अक्सर हल्की ब्लीडिंग होती है.
इंप्लांटेशन ब्लीडिंग (implantation bleeding) प्रेग्नेंसी एस्टेब्लिश होने के बाद अगले सात से आठ हफ्तों तक हो सकती है और इसमें योनि से हल्के भूरे रंग का डिस्चार्ज या ब्लड के मामूली से कतरे दिखाई देते हैं. कभी-कभी पैंटी में बेहद हल्के ब्लड स्पोट्स भी दिखाई देते हैं. ऐसा होने पर घबराने की कोई बात नहीं है और ये पूरी तरह से नॉर्मल है बल्कि कुछ महिलाओं में तो इंप्लांटेशन ब्लीडिंग होती ही नहीं है.
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इंप्लांटेशन होते ही माँ के शरीर में कई तरह के बदलाव आने शुरू हो जाते हैं जिसमें मुख्य है प्रेग्नेंसी हार्मोन एचसीजी (HCG) का तेज़ी से बढ्ना. हार्मोनल बदलाव के कारण और भी कई लक्षण धीरे धीरे उभरने लगते हैं जिन्हें अर्ली प्रेग्नेंसी सिमटम्स (early pregnancy symptoms) कहा जाता है. आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ अर्ली प्रेग्नेंसी सिमटम्स (early pregnancy symptoms) के बारे में!
प्रेग्नेंसी के कारण शरीर में बढ़े हुए हार्मोन उबकाई, उल्टी, गैस और एसिडिटी पैदा करते हैं. ऐसा अधिकतर सुबह के वक़्त होता है साथ ही किसी ख़ास तरह की खुशबू से भी उबकाई या उल्टी आ सकती है.
प्रेग्नेंसी होते ही कई शारीरिक बदलाव आने शुरू हो जाते हैं साथ ही प्रोजेस्टेरोन (progesterone) के लेवल में तेज़ी से बढ़त होने के कारण होने वाली माँ को बेहद थकान महसूस होने लगती है.
प्रेग्नेंसी एस्टेब्लिश होने के बाद शरीर तुरंत ही आने वाले नौ महीनों में शिशु के विकास के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर देता है. अर्ली प्रेग्नेंसी में पेट के निचले हिस्से में होने वाले क्रैंप्स भी इसी बदलाव का हिस्सा हैं.
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प्रेग्नेंसी होते ही एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का लेवल बढ़ जाता है जिससे बॉडी में कई तरह के शारीरिक बदलाव आने लगते हैं. इनमें ब्रेस्ट टेंडरनेस और निप्पल्स का डार्क हो जाना सबसे कॉमन है.
और अंत में पीरियड्स की डेट का मिस होना अर्ली प्रेग्नेंसी का वो ख़ास लक्षण है जिसके बाद जल्द ही आप अपनी प्रेग्नेंसी को फाइनली कंफर्म कर सकते हैं.
प्रेग्नेंसी किट को यूज़ करने के बारे में थंब रूल ये है कि सेक्स के कुछ ही दिन बाद अगर आप प्रेग्नेंसी टेस्ट करेंगे तो आपको सही नतीजे नहीं मिलेंगे क्योंकि एग के फर्टिलाइज़ेशन से लेकर इंप्लांटेशन तक की प्रक्रिया के लिए लगभग 6 से 10 दिन तक का समय लगता है. इंप्लांटेशन के तुरंत बाद बॉडी प्रेग्नेंसी हार्मोन (एचसीजी) रिलीज़ करने लगती है जो शरीर में तेज़ी से बढ़ता है. होम प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (Home pregnancy test kit) में सुबह की पहली यूरिन के द्वारा इसी प्रेग्नेंसी हार्मोन एचसीजी (HCG) का पता लगाया जाता है जिससे टेस्ट के रिज़ल्ट पॉज़िटिव या नेगेटिव आते हैं. किट के ज़रिये सही नतीजे प्राप्त करने के लिए सेक्स के बाद कम से कम 10 दिन इंतज़ार करें ताकि बढ़े हुए एचसीजी को टेस्ट किट आसानी से डिटेक्ट कर सके. साथ ही अगर आप अपने अगले पीरियड मिस होने का इंतज़ार कर सकें और उसके बाद ही यह टेस्ट करें तो सही नतीजे मिलने की संभावना बहुत बढ़ जाती है.
यह स्वाभाविक है कि मां बनने की उत्सुकता में आप जल्द से जल्द यह जानना चाहेंगी कि प्रेग्नेंसी हुई है या नहीं लेकिन आपका शरीर एक बायोलोजिकल सिस्टम के तहत काम करता है जिसमें प्रेग्नेंसी कंफर्म करने के लिए आपको सेक्स के बाद कम से कम 10 दिन का इंतज़ार करना चाहिए ताकि आपको सही परिणाम मिल सकें.
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1. Wilcox AJ, Dunson D, Baird DD. (2000). The timing of the "fertile window" in the menstrual cycle: day specific estimates from a prospective study.
2. Jukic AM, Baird DD, Weinberg CR, McConnaughey DR, Wilcox AJ. (2013). Length of human pregnancy and contributors to its natural variation.
3. Su HW, Yi YC, Wei TY, Chang TC, Cheng CM. (2017). Detection of ovulation, a review of currently available methods.
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