Periods
11 October 2023 को अपडेट किया गया
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं. इस दौरान होने वाली ब्लीडिंग के ज़रिये हर महिला अपनी सेहत का अंदाज़ा लगा सकती है. आमतौर पर पीरियड्स के दौरान लाल रंग (रेड कलर) की ब्लीडिंग होती है, और इस ब्लीडिंग को हेल्दी ब्लीडिंग माना जाता है. हालाँकि, कुछ मामलों में इस ब्लीडिंग का रंग बदलकर गुलाबी (Pink bleeding during periods in Hindi), ब्राउन (Brown bleeding during periods in Hindi), नारंगी (Orange bleeding during periods in Hindi) और ब्लैक (Black blood during period in Hindi) भी हो सकता है. इस आर्टिकल के ज़रिये हम आपको पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लैक ब्लीडिंग के बारे में जानकारी देंगे. लेकिन उससे पहले आपको बताते हैं पीरियड्स के दौरान होने वाली अन्य ब्लीडिंग के बारे में!
पीरियड्स के दौरान रेड कलर की ब्लीडिंग को अच्छा माना जाता है. इसका मतलब यह होता है कि आप पूरी तरह से हेल्दी हैं और आपके पीरियड्स नियमित तौर पर हो रहे हैं.
पीरियड्स के दौरान पिंक यानी कि गुलाबी कलर की ब्लीडिंग होने का मतलब है कि आपके शरीर में न्यूट्रिशन की कमी हो रही है. साथ ही, आपका एस्ट्रोजन लेवल भी कम हो चुका है. ऐसी स्थिति में आपको आयरन से भरपूर चीज़ों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए.
जब ब्लड लंबे समय तक यूटरस में जमा होने के बाद बाहर आता है, तो उसका रंग ब्राउन हो जाता है. ब्राउन कलर की ब्लीडिंग के साथ ही ब्लड क्लॉटिंग और दर्द होना किसी इंफेक्शन की ओर इशारा होता है. पीरियड्स के दौरान अगर ब्राउन ब्लीडिंग के साथ बदबू भी आती है, तो डॉक्टर से मिलने में बिल्कुल भी देरी न करें.
पीरियड्स के दौरान नारंगी या ऑरेंज कलर की ब्लीडिंग होना बिल्कुल भी सही नहीं माना जाता है. इस तरह की ब्लीडिंग तब होती है, जब ब्लड यूटेरस के ऊपरी हिस्से में मौजूद लिक्विड के साथ बाहर निकलता है. साथ ही, ऐसी ब्लीडिंग इंफेक्शन के कारण भी हो सकती है.
चलिए अब बात करते हैं पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लैक ब्लीडिंग (Black blood in periods Hindi) के बारे में!
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पीरियड्स एक नेचुरल बायोलॉजिकल प्रोसेस है, जिससे हर माह महिलाओं को गुज़रना होता है. अगर इसमें थोड़ी-सी भी गड़बड़ी होती है, तो इसका सीधा असर महिलाओं की हेल्थ पर दिखता है. पीरियड्स के दौरान काले रंग का खून आना (Period me kala blood aana) कुछ मामलों में चिंताजनक हो सकता है. यहाँ हम आपको पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लैक ब्लीडिंग के कुछ आम कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं;
पीरियड्स के दौरान एक महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं. एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन जैसे हार्मोन्स पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग के कलर को प्रभावित करते हैं. कभी-कभी इन हार्मोन्स में असामान्य बदलाव होने पर पीरियड्स की ब्लीडिंग का रंग काला (Black blood during periods in Hindi) हो सकता है.
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जब पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग खून के थक्कों के साथ होती है, तो ऐसी स्थिति में ब्लीडिंग का कलर बदलकर काला (Period ka colour black hona) हो जाता है. हालाँकि, खून के थक्कों का जमना नॉर्मल होता है, लेकिन अगर यह ब्लड क्लॉटिंग हर बार पीरियड्स में होती है, तो यह एक चिंता का विषय हो सकता है. ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए.
कुछ महिलाएँ समय पर सैनेटरी पैड्स या टैम्पोन बदलना भूल जाती हैं, अगर आप एक सैनेटरी पैड या टैम्पोन को अधिक देर तक इस्तेमाल करते हैं, तो इसके कारण भी पीरियड्स ब्लीडिंग का रंग बदल सकता है और यह काला (Period mai black blood aana) हो सकता है.
जब शरीर में आयरन की कमी हो जाती है, तो पीरियड्स ब्लीडिंग का रंग असामान्य हो सकता है. आयरन की कमी के कारण महिलाएँ एनीमिया की समस्या से भी गुज़र सकती है, जिसका एक मुख्य लक्षण होता है- पीरियड्स के दौरान ब्लैक ब्लीडिंग होना.
कुछ दवाईयों का सेवन भी पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग पर असर डाल सकता है. अगर आप किसी मेडिसिन का सेवन कर रही हैं, और आपको लगता है कि उसके कारण आपकी पीरियड ब्लीडिंग का कलर बदल रहा है, तो इस बारे में एक बार अपने डॉक्टर से बात करें.
ब्लैक ब्लीडिंग का एक अन्य कारण प्रेग्नेंसी भी हो सकती है. पीरियड्स मिस होने के बाद अगर ब्लैक कलर की ब्लीडिंग होती है, तो इसे इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग कहा जाता है, जिसका मतलब होता है कि आप प्रेग्नेंट हैं.
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स्ट्रेस के कारण भी पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग प्रभावित हो सकती है. अधिक स्ट्रेस लेने से हार्मोन्स परिवर्तित हो सकते हैं, जिसके कारण ब्लीडिंग का रंग (Black blood during period in Hindi) बदल सकता है.
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कभी-कभी पीरियड्स में ब्लैक कलर की ब्लीडिंग होना किसी बीमारी का भी लक्षण हो सकता है; जैसे- पीसीओएस, यूटेराइन फाइब्रॉयड और एंडोमेट्रियोसिस, आदि. इतना ही नहीं, कुछ मामलों में ब्लैक वेजाइन डिस्चार्ज- सर्वाइकल, यूटेराइन या वेजाइनल कैंसर का संकेत भी हो सकता है.
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पीरियड्स के दौरान होने वाले ब्लैक ब्लीडिंग से निपटने के लिए सबसे पहले आपको अपने लाइफस्टाइल पर ध्यान देना चाहिए. हेल्दी डाइट फॉलो करें, रेगुलर एक्सरसाइज़ करें और जितना हो सकें, उतना स्ट्रेस से दूर रहें.
डेली पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से भी इस समस्या को काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है. याद रखें शरीर में पानी की कमी होने पर कई तरह की समस्याएँ जन्म लेने लगती हैं.
पेट के निचले हिस्से पर हीट थेरेपी का उपयोग करने से न सिर्फ़ आपको पीरियड्स के दौरान होने वाले क्रैम्प से राहत मिलेगी; बल्कि इससे ब्लड फ्लो भी बेहतर रहेगा.
अगर पीरियड्स के दौरान ब्लैक ब्लीडिंग होना जारी रहती है, तो ऐसी स्थिति में किसी अनुभवी डॉक्टर से बात करें.
पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग आपकी सेहत का राज़ खोलती है. अगर पीरियड्स के दौरान आपको ब्लीडिंग में कोई भी असमान्य बदलाव देखने को मिलता है, तो बिल्कुल भी लापरवाही न करें और अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें.
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Jyoti Prajapati
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