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Periods
12 October 2023 को अपडेट किया गया
शादी एक महिला के जीवन में आने वाला एक ऐसा बदलाव है जहाँ नए जीवन में प्रवेश को लेकर मन उत्साहित तो रहता है लेकिन वहीं दूसरी तरफ़ अपरिचित माहौल में खुद को ढालना भी एक चुनौती की तरह लगता है. ऐसे में ऐसे में पीरियड्स का देरी से या फिर अनियमित होना मन में कई सवाल खड़े कर देता है, और परेशान महिलाएँ इसकी वजह समझ नहीं पातीं. आइये जानते हैं शादी के बाद पीरियड्स इररेगुलर होने के (Shadi ke bad periods irregular hone ke karan) क्या कारण होते हैं.
पीरियड्स के पैटर्न में आने वाले बदलाव या अनियमितता इस बात को दर्शाती है कि शरीर में हार्मोनल बैलेंस में गड़बड़ी आई है जिसके कई कारण हो सकते हैं. शादी के बाद पीरियड्स इररेगुलर होने के ऐसे ही कुछ आम कारणों को आइये विस्तार से समझते हैं:
शादी के बाद आने वाले हार्मोनल बदलाव मुख्य रूप से आपके जीवन में आए शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक परिवर्तन से जुड़े होते हैं जिसमें आपके माहौल और डेली रूटीन में आए परिवर्तन से लेकर शारीरिक संबंधों की शुरुआत होना मुख्य कारण है. समय के साथ आपका शरीर इन परिवर्तनों के अनुरूप खुद ही ढल जाता है.
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शादी की तैयारियों से लेकर नयी गृहस्थी की ज़िम्मेदारी, नये शहर में शिफ्टिंग, फ़ाईनेंशिएल मैनेजमेंट और वैवाहिक रिश्तों को निभाने जैसी बातों के कारण अक्सर मानसिक दबाव महसूस होने लगता है. इस तनाव का असर मासिक चक्र को नियंत्रित करने वाले हार्मोन्स पर भी पड़ता है जिससे पीरियड्स में गड़बड़ी आ सकती है.
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शादी के बाद अधिकतर महिलाएँ अपने वज़न में बदलाव देखती हैं; जैसे- या तो उनका वज़न तेज़ी से बढ़ जाता है या फिर घट जाता हैै, जिसका कारण वैवाहिक सुख से लेकर लाइफ में आने वाली स्टेबिलिटी, हेवी मील्स और मिठाईयों के अधिक सेवन तक कुछ भी हो सकता है. वेट गेन के कारण शरीर में एस्ट्रोजन लेवल भी बढ़ता है जो पीरियड्स में गड़बड़ी का एक मुख्य कारण है.
फैमिली प्लानिंग के लिए प्रयोग किए जाने वाले बर्थ कंट्रोल के तरीके भी शादी के बाद पीरियड्स इररेगुलर होने का कारण बन सकते हैं. इनका एक बहुत बड़ा साइड इफेक्ट ये है कि इससे मेंस्ट्रुअल साइकिल (menstrual cycle) में अनियमितता आने लगती है फिर चाहे वो गोलियां हों या पैच या फिर यूआईडी. ये सभी ओव्यूलेशन (ovulation) में रुकावट डालते हैं जिससे अक्सर मिस्ड पीरियड्स या मासिक चक्र में देरी होने लगती है.
शराब और सिगरेट का सेवन भी पीरियड्स को अनियमित बना सकता है. इसके साथ ही अगर आपका लाइफ स्टाइल और ईटिंग हैबिट्स भी खराब हैं, भोजन से लेकर सोने तक का रूटीन व्यवस्थित नहीं है तो इसका असर आपके हार्मोनल बैलेंस पर पड़ता है जिससे अनियमित पीरियड की प्रॉब्लम शुरू हो जाती है.
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शादी के बाद अक्सर नए माहौल में नींद डिस्टर्ब हो जाती है जिसका कारण नया कमरा, नया बिस्तर और बेड शेयर करने जैसे बदलाव होते हैं. पार्टनर को अगर खर्राटे लेने या हेवी ब्रीदिंग की आदत हो तो इससे भी पत्नी की नींद पूरी नहीं हो पाती. नींद पूरी ना होने से बॉडी की सरकेडियम रिदम डिस्टर्ब होती है जिससे स्ट्रेस लेवल बढ़ता है और इस कारण पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं.
कुछ हेल्थ कंडीशन भी शादी के बाद पीरियड्स इररेगुलर होने का कारण बन सकती हैं. इनमें मुख्य रूप से थायराइड (Thyroid), पीसीओएस (PCOS), एंडोमेट्रिओसिस (Endometriosis), एनीमिया (Anemia), पेल्विक इन्फ़्लेमेटरी डिज़ीज (Pelvic inflammatory disease) और गर्भाशय में फाइब्रोइड्स (fibroids in the uterus) जैसी समस्याएँ हैं जिनसे पीरियड्स में देरी और अनियमितता आ जाती है.
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शादी के तुरंत बाद सेक्शुअल लाइफ (sexual life) बेहद एक्टिव हो जाती है जिससे कई बार अनजाने में ही प्रेग्नेंसी हो जाती है और आपको इसका पता चलने में कुछ समय भी लग सकता है. इस बीच पीरियड्स में देरी या पीरियड्स मिस होने के साथ ही इंप्लांटेशन ब्लीडिंग और स्पोटिंग को देखकर आपको पीरियड्स की अनियमितता का भ्रम हो सकता है. इसे कंफर्म करने के लिए होम प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (Home test pregnancy kit) का यूज़ करना चाहिए.
शादी के बाद पीरियड्स इररेगुलर होने के कारण (Shadi ke bad periods irregular hone ke karan) चाहे जो भी हो लेकिन ये आपके शरीर में मासिक को नियंत्रित करने वाले हार्मोन्स की गड़बड़ी का संकेत है. शादी के कारण आने वाले बदलावों की वजह से हार्मोनल इम्बैलेंस का होना अधिक चिंता का विषय नहीं है और कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाएगा. लेकिन अगर यह स्थिति लगातार बनी रहे तो यह नॉर्मल नहीं है.
तो ये थे शादी के बाद पीरियड्स इररेगुलर होने के कुछ कारण (Shadi ke bad periods irregular hone ke karan) लेकिन इससे पहले कि आप डॉक्टर से इस बारे में सलाह लें आपको सबसे पहले अपनी लाइफस्टाइल और खानपान में ज़रूरी बदलाव लाने चाहिए. इसके लिए आप
शादी के बाद पीरियड्स इररेगुलर होने पर घबराने की ज़रूरत नहीं है. खुद को नए माहौल में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से ढलने के लिए थोड़ा वक़्त दें. साथ ही अपना नया रूटीन जितनी जल्दी हो सके सेट कर लें. लेकिन अगर 3-4 मासिक चक्र के बाद भी यह समस्या लगातार बनी रहे तब आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
तो अगर आप भी शादी के बाद पीरियड्स की अनियमितता की समस्या से जूझ रही हैं तो परेशान ना हो और अपने रूटीन में बदलाव करने के साथ ही स्ट्रैस को कम करने की कोशिश करें. ज़्यादातर मामलों में यह समस्या समय के साथ खुद ही ठीक हो जाती है.
शादी के बाद पीरियड्स में अनियमितता होना हमेशा ही एक असामान्य लक्षण या किसी बीमारी का संकेत नहीं होता है. लेकिन साथ ही यह एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसको नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए. ज़रूरी ये है कि आप इसके कारण को समझें और उस पर काम करें ताकि जल्द से जल्द आप इसे ठीक कर सकें.
1. Boyle JA, Teede HJ. (2014). Irregular menstrual cycles in a young woman.
2.Hassani S, Namvar M, Ghoreishvandi M, Attarchi M, Golabadi M, Seyedmehdi SM, Khodarahmian M. (2014) Menstrual disturbances and hormonal changes in women workers exposed to a mixture of organic solvents in a pharmaceutical company.
3. Bae J, Park S, Kwon JW. (2018). Factors associated with menstrual cycle irregularity and menopause.
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Jyoti Prajapati
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