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      Ovulation Period in Hindi | ओव्यूलेशन पीरियड को कैसे पहचानें?

      Pregnancy

      Ovulation Period in Hindi | ओव्यूलेशन पीरियड को कैसे पहचानें?

      18 September 2023 को अपडेट किया गया

      प्रेग्नेंसी हर महिला के लिए बहुत ख़ास एहसास होता है. अगर आप भी प्रेग्नेंसी प्लान करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको ओव्यूलेशन के बारे में सही जानकारी होना ज़रूरी है; जैसे- ओव्यूलेशन क्या है (ovulation kya hai), ओव्यूलेशन कब होता है (ovulation kab hota hai), ओव्यूलेशन पीरियड क्या होता है (Ovulation period meaning in Hindi), ओव्यूलेशन के लक्षण (Ovulation ke lakshan in Hindi) क्या होते हैं और पीरियड्स के कितने दिनों बाद ओव्यूलेशन होता है (How many days after period does ovulation occur in Hindi), आदि. गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए आपको इन सभी सवालों का जवाब पता होना चाहिए.

      ओव्यूलेशन क्या है? (Ovulation in Hindi)

      पीरियड्स के पहले और बाद के कुछ दिन ऐसे होते हैं, जब संबंध बनाने से प्रेग्नेंसी की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं. इन्हीं दिनों को मेडिकल भाषा में ओव्यूलेशन (Ovulation in Hindi) या ओव्यूलेशन पीरियड (Ovulation period in Hindi) कहा जाता है. ओव्यूलेशन एक महिला के मासिक चक्र (Menstual cycle) का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. दरअसल, इस दौरान ओवरी से एग रिलीज़ होते हैं, जिसके चलते इस दौरान सेक्स करने से मैच्योर एग और स्पर्म के फर्टिलाइजेशन की संभावनाएँ बढ़ जाती है. दूसरे शब्दों में कहें तो अगर इस दौरान एग ओवरी से गर्भाशय में इम्प्लांट हो जाता है, तो गर्भ ठहर जाता है और प्रेग्नेंसी कंफर्म हो जाती है. पीरियड्स से पहले के 14 दिनों ओव्यूलेशन दिन (Ovulation days in Hindi) होते हैं. हालाँकि, यह हर महिला के लिए लागू हो, ऐसा ज़रूरी नहीं है. अगर आपका मासिक चक्र की अवधि छोटी या बड़ी है, तो इन दिनों में बदलाव हो सकता है.

      इसे भी पढ़ें : गर्भधारण के लिए ज़रूरी है ओव्यूलेशन. जानें कैसे करते हैं इसे ट्रैक

      ओव्यूलेशन के लक्षण (Ovulation symptoms in Hindi)

      ओव्यूलेशन दिनों में संबंध बनाकर आप गर्भधारण की संभावनाओ को बढ़ा सकते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि आमतौर पर ओव्यूलेशन के लक्षण (Ovulation ke lakshan in Hindi) क्या होते हैं.

      1. सर्वाइकल म्यूकस में बदलाव (Cervical mucus changes)

      सर्वाइकल म्यूकस (गर्भाशय ग्रीवा से निकलने वाला तरल पदार्थ) में बदलाव होना ओव्यूलेशन का एक महत्वपूर्ण लक्षण है. दरअसल, ओव्यूलेशन पीरियड के दौरान बॉडी में एस्ट्रोजन हार्मोन रिलीज़ होने लगता है, जिसके कारण वेजाइना से सफे़द कलर का म्यूकस (बलगम) निकलने लगता है. जैसे-जैसे आप ओव्यूलेशन के करीब आती हैं, आपका शरीर अधिक एस्ट्रोजन प्रोड्यूस करना शुरू कर देता है, जिससे सर्वाइकल म्यूकस सफ़ेद और साफ़ हो जाता है, इससे ओव्यूलेशन के दौरान स्पर्म को एग्स तक पहुँचने में मदद मिलती है.

      2. ब्रेस्ट में दर्द या कोमलता (Breast soreness or tenderness)

      ओव्यूलेशन से पहले और बाद के समय में शरीर में कई तरह के हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव आता है, जिसके कारण महिलाओं को ब्रेस्ट में दर्द या कोमलता महसूस हो सकती है. हालाँकि, यह अनुभव हर महिला के लिए अलग हो सकता है; जैसे कुछ महिलाओं को ओव्यूलेशन से ठीक पहले तो कुछ को ओव्यूलेशन के ठीक बाद ब्रेस्ट में दर्द या कोमलता महसूस हो सकती है.

      3. हल्का पेल्विक या पेट के निचले हिस्से में दर्द (Mild pelvic or lower abdominal pain)

      अगर आपको पेट के निचले हिस्से या एक साइड दर्द होता है, तो समझ जाये कि यह आपके ओव्यूलेशन का समय है. जी हाँ, ओव्यूलेशन के दौरान कई महिलाओं को पेट के एक हिस्से में दर्द हो सकता है. यह कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटों तक के लिए हो सकता है. यूँ तो यह दर्द बहुत ही हल्का होता है, जो अपने आप ही ठीक हो जाता है. लेकिन अगर आपको ज़्यादा दर्द होता है, तो आपको डॉक्टर से मिलने में देरी नहीं करना चाहिए.

      4. सेक्स ड्राइव में बदलाव (Libido changes)

      ओव्यूलेशन पीरियड (Ovulation period) के दौरान महिलाओं की सेक्स ड्राइव में बदलाव हो सकता है. बाक़ी दिनों की तुलना में इन दिनों आपकी सेक्स ड्राइव बढ़ सकती है.

      5. सिरदर्द और मतली (Headache and Nausea)

      अक्सर कई महिलाओं का सवाल होता है कि "क्या ओव्यूलेशन आपको बीमार बना सकता है?" तो इसका जवाब है- 'हाँ'. दरअसल, ओव्यूलेशन के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन के लेवल में बदलाव होता है, जिसके कारण आपको सिरदर्द, मतली, हल्की वेजाइन ब्लीडिंग और डिस्चार्ज जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं.

      6. बेसल बॉडी टेम्परेचर में बदलाव (Changes in your basal body temperature)

      बेसल बॉडी टेम्परेचर में बदलाव भी ओव्यूलेशन का संकेत हो सकता है. ओव्यूलेशन के दौरान शरीर का तापमान बढ़ जाता है. कुछ महीनों तक अपने बेसल बॉडी टेम्परेचर पर नज़र रखने के बाद, आप पैटर्न को अधिक आसानी से नोटिस करना सीख जाएँगे.

      ओव्यूलेशन क्या होता है (Ovulation kya hota hai) और ओव्यूलेशन के लक्षण (Ovulation ke lakshan) जानने के बाद चलिए अब जानते हैं कि पीरियड के कितने दिन बाद ओव्यूलेशन होता है!

      पीरियड के कितने दिन बाद ओव्यूलेशन होता है? (How many days after period Ovulation occur in Hindi?)

      औसतन महिलाओं का मासिक चक्र (Menstrual cycle) 28 से 32 दिनों के बीच होता है. हालाँकि, हर महिला के लिए ऐसा हो, यह ज़रूरी नहीं है. कुछ महिलाओं का मासिक चक्र छोटा तो कुछ महिलाओं के लिए यह चक्र बड़ा हो सकता है. बता दें कि, पीरियड्स के पहले दिन से अगले पीरियड्स के पहले दिन तक को मासिक चक्र (Menstrual cycle) कहा जाता है. ऐसे में ओव्यूलेशन मासिक चक्र के 11 से 21 दिन के बीच हो सकता है. जिन महिलाओं का मासिक चक्र छोटा होता है, वे 11 वें दिन ओव्यूलेट करती हैं, वहीं दूसरी ओर जिन महिलाओं का मासिक चक्र लंबा होता है, वें 21वें दिन ओव्यूलेट करती हैं.

      उम्मीद है कि अब आप समझ गए होंगे कि ओव्यूलेशन क्या है और इसके क्या संकेत होते हैं. ध्यान रखें, गर्भधारण में ओव्यूलेशन का महत्वपूर्ण रोल होता है. समय पर ओव्यूलेशन न होने पर गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है. ऐसे में ज़रूरी है कि आप अपने ओव्यूलेशन टाइम का विशेष ध्यान रखें. अगर आप अनियमित मासिक चक्र या ओव्यूलेशन का सामना कर रही हैं, तो आप माइलो ओवलुना फीमेल फर्टिलिटी कैप्सूल (Ovaluna Female Fertility Capsule) ट्राई कर सकती हैं.

      ओवलुना कैप्सूल मासिक धर्म चक्र में नियमित बनाते हैं, हार्मोन्स को संतुलित करते हैं और एग्स की क्वालिटी में सुधार करते हैं. इस तरह ये आपकी रिप्रोडक्टिव हेल्थ में सुधार करते हैं और गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने में आपकी मदद करते हैं. आपको बस ब्रेकफास्ट और डिनर के बाद एक ओवलुना कैप्सूल लेना है. शतावरी, एल-मिथाइल फोलेट और विटामिन डी2 वेज जैसी चीज़ें इन कैप्सूल को अधिक इफेक्टिव बनाती हैं.

      प्रो टिप (Pro Tip)

      प्रेग्नेंसी की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए पीरियड्स और ओव्यूलेशन का नियमित होना बहुत ही ज़रूरी है. इन्हें नियमित बनाने के लिए आप माइलो ओवलुना फीमेल फर्टिलिटी कैप्सूल (Ovaluna Female Fertility Capsule) का सेवन कर सकते हैं.

      रेफरेंस

      1. Holesh JE, Bass AN, Lord M. (2023). Physiology, Ovulation.

      2. Su HW, Yi YC, Wei TY, Chang TC, Cheng CM. (2017). Detection of ovulation, a review of currently available methods.

      3. Wilcox AJ, Dunson D, Baird DD. (2000). The timing of the "fertile window" in the menstrual cycle: day specific estimates from a prospective study.

      Tags

      Ovulation period in English

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      Written by

      LoveleenGupta

      LoveleenGupta

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