Health Tips
1 September 2023 को अपडेट किया गया
केसर एक मसाला है जो एशिया में ही पैदा होता है. इसे वैज्ञानिक भाषा में क्रोकस सैटिवस कहते हैं. इसके औषधीय पौधा होने का इतिहास रहा है. इसका इस्तेमाल अक्सर मीठे व्यंजनों में रंग और स्वाद बनाने वाले एजेंट के रूप में किया जाता है.
केसर का इस्तेमाल कैसे किया जाता है? केसर बहुत ही डेलिकेट और अच्छे स्वाद और सुगंध वाला मसाला है. इसका इस्तेमाल प्रमुख रूप से स्वादिष्ट व्यंजनों में स्वाद और हल्का पीला रंग लाने के लिए किया जाता है. यह पाएला, रिसोट्टो और बिरयानी जैसे चावल के व्यंजनों में अच्छी तरह घुल-मिल जाता है. इसके अलावा केसर का इस्तेमाल मीठे व्यंजनों का प्राकृतिक स्वाद बनाने वाले एजेंट के रूप में भी होता है. इसकी सोंधी सुगंध और कस्तूरी स्वाद गॉर्मेट केक, कुकीज़ और कस्टर्ड जैसे पके हुए व्यंजनों का स्वाद और बढ़ा देते हैं. व्यंजन को एक अलग ही सुगंध देने के लिए कलिनरी विशेषज्ञ अक्सर केसर पर निर्भर रहते हैं.
केसर के प्रभावशाली हेल्थ बेनिफिट्स
Impressive Saffron Health Benefits
कलिनरी वर्ल्ड के अलावा, केसर का इस्तेमाल बेहतर हेल्थ बेनिफिट्स के लिए भी काफी मात्रा में किया जाता है. एक फूल का यह छोटा रेशा डिप्रेस्शन और मनोदशा के इलाज की पावर रखता है. केसर के कंपोनेंट्स शरीर में वात, पित्त और कफ दोष को संतुलित करने के लिए जाने जाते हैं. आयुर्वेद के अनुसार, इन दोषों में असंतुलन से बीमारियां होती हैं. यही कारण है कि केसर को औषधीय रूप से महत्व दिया जाता है.
यह सेल हीलिंग में मदद करता है और इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. केसर में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट सेल्स को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं. मुख्य रूप से एंटीडिप्रेसेंट गुणों से युक्त यह दिमाग के सेल्स के नुकसान से बचाने, वजन घटाने में मदद करने, भूख कम करने में भी अहम् रोल निभाते हैं.
केसर को एक वजह से "सनशाइन मसाला" कहा जाता है. कई स्टडीज से पता चला है कि केसर की पंखुड़ियां और कलंक(स्टिग्मा) डिप्रेस्शन के हल्के से मध्यम लक्षणों के इलाज में बहुत ज्यादा असर करती हैं. प्रतिदिन केवल 30 ग्राम केसर डिप्रेस्शन के लिए दी जाने वाली स्टेंडर्ड दवाओं जैसे फ्लुओक्सेटीन या सितालोप्राम से कहीं बेहतर काम करता है. जिन लोगों को केसर की खुराक दी गई, उनमें भी कम साइड इफेक्ट्स देखने को मिले.
इसे भी पढ़ें : झड़ते बालों के लिए अपनाएँ यह ऑइल. जल्द ही दिखेगा असर!
केसर के हाई एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए जाने जाते हैं. नुकसानदेह रेडिकल्स को कैंसर जैसी क्रोनिक बीमारियों का कारण माना गया है. साथ ही, केसर में मौजूद कंपोनेंट्स को कोलन में कैंसर सेल्स को मारने और दबाने के लिए जाना जाता है. एक अन्य स्टडी से पता चलता है कि कैंसर से लड़ने के लिए केसर का इस्तेमाल सबसे ज्यादा प्रभावशाली है. केसर में मौजूद Crocin-a नामक कॉम्पोनेन्ट कैंसर सेल्स को कीमोथेरेपी दवाओं के प्रति ज्यादा सेंसिटिव बनाता है.
स्टडीज में पाया गया है कि केसर को 20 मिनट तक सूंघने या हर दिन 30 मिलीग्राम खाने से PMS के विभिन्न लक्षणों जैसे चिड़चिड़ापन, सिरदर्द और ऐंठन को कम करने में मदद मिल सकती है. यह PMS के दौरान एंग्जायटी को कम करता है और शरीर में बनने वाले कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) के लेवल को भी कम करता है
केसर को एफ्रोडिसिऐक गुणों के लिए सदियों से जाना जाता है. यही वजह है कि रात को दूध केसर मिलाकर पीया जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि रोजाना कम से कम 30 मिलीग्राम केसर लेने से इरेक्टाइल डिसफंक्शन, सेक्सुअल लिबिडो और पुरुषों में ओवरआल सेटिस्फैक्शन सुधारने में मदद मिल सकती है. केसर का सेवन महिलाओं में बेहतर लुब्रिकेशन और सैक्स करने की इच्छा में बढ़ोतरी कर सकता है.
वजन घटाने के ज्यादातर नेचुरल सप्लीमेंट्स में प्रमुख इंग्रीडिएंट केसर ही होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि स्वाभाविक रूप से केसर का इस्तेमाल रोजाना की भूख को कम करने और तेजी से वजन घटाने के लिए किया जाता है. यह माना जाता है कि केसर मनोदशा को बेहतर करता है. जिस कारण स्नैकिंग एपिसोड में कमी आ जाती है. वजन कम करने की चाह रखने वाले लोगों द्वारा नियमित रूप से केसर का सेवन करने से बॉडी मास इंडेक्स में कमी आती है और शरीर में फैट कम होता है.
केसर का अन्य औषधीय इस्तेमाल इंसुलिन सेंसिविटी को बढ़ाकर ब्लड शुगर लेवल को कम करने में होता है. इसके एंटी-ऑक्सीडेंट गुण इसे हार्ट फ्रेंडली कंपोनेंट्स बनाते हैं. यह अल्जाइमर ग्रस्त लोगों की याददाश्त को बढ़ाकर उनकी मदद करता है.
केसर एक सिंपल इंग्रीडिएंट है जिसे आसानी से डाइट में शामिल किया जा सकता है. इसके थोड़े से इस्तेमाल से भोजन का स्वाद भी नहीं बदलता है. इससे केवल खाने में पीले रंग की खूबसूरती आती है और भोजन में पोषण की मात्रा बढ़ जाती है. हालांकि यह महंगा है, किसी भी व्यंजन में इसकी एक चुटकी ही इसके कई फायदों का आनंद लेने के लिए काफी है.
हालांकि केसर में कई हेल्थ बेनिफिट्स से हैं, फिर भी इसका सेवन सावधानी के साथ किया जाना चाहिए. ज्यादातर नेचुरल इंग्रीडिएंट की तरह, केसर के साइड इफेक्ट नहीं होते हैं. फिर भी, इसे एक निश्चित मात्रा में लेने के नियमों का पालन किया जाना चाहिए.
केसर के इस्तेमाल का पॉजिटिव फायदा उठाने के लिए इसे रोजाना 30 मिलीग्राम से ज्यादा नहीं लेने की सलाह दी जाती है. इसकी ज्यादा खुराक टॉक्सिक हो सकती है, खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए क्योंकि इससे गर्भपात हो सकता है. साथ ही, केसर को विश्वसनीय लोगों से खरीदना जरुरी है. केसर के चूर्ण को खरीदने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें मिलावट की संभावना अधिक होती है.
अगर सही तरीके से सेवन किया जाए तो केसर एक चमत्कारी जड़ी-बूटी है. नेचुरल इंग्रीडिएंट्स का अलग-अलग लोगों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है. फ़ूड सेंसिविटीज वाले लोगों को इसे अपनी डाइट में शामिल करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
References
1. Omidkhoda SF, Hosseinzadeh H. (2022). Saffron and its active ingredients against human disorders: A literature review on existing clinical evidence. Iran J Basic Med Sci.
2. Jackson PA, Forster J, Khan J, Pouchieu C, Dubreuil S, Gaudout D, Moras B, Pourtau L. (2021).Effects of Saffron Extract Supplementation on Mood, Well-Being, and Response to a Psychosocial Stressor in Healthy Adults: A Randomized, Double-Blind, Parallel Group, Clinical Trial. Front Nutr.
Saffron-Benefits, Drawbacks, and More in English, Saffron-Benefits, Drawbacks, and More in Tamil, Saffron-Benefits, Drawbacks, and More in Telugu, Saffron-Benefits, Drawbacks, and More in Bengali
Yes
No
Written by
Parul Sachdeva
A globetrotter and a blogger by passion, Parul loves writing content. She has done M.Phil. in Journalism and Mass Communication and worked for more than 25 clients across Globe with a 100% job success rate. She has been associated with websites pertaining to parenting, travel, food, health & fitness and has also created SEO rich content for a variety of topics.
Read MoreGet baby's diet chart, and growth tips
Chalk Craving During Pregnancy In Hindi | क्या प्रेग्नेंसी में चॉक की क्रेविंग होना नॉर्मल है?
Thigh Chafing in Hindi | थाई चेफिंग क्या होता है?
Implantation Bleeding in Hindi | इंप्लांटेशन ब्लीडिंग क्या है और यह कब होती है?
Birth Control Pills in Hindi | बर्थ कंट्रोल पिल्स बंद करने के कितने दिन बाद हो सकता है गर्भधारण?
Benefits of Millet During Pregnancy in Hindi | क्या प्रेग्नेंसी के दौरान बाजरा खा सकते हैं?
Brown Rice in Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में ब्राउन राइस खा सकते हैं?
Mylo wins Forbes D2C Disruptor award
Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby carrier | baby soap | baby wipes | stretch marks cream | baby cream | baby shampoo | baby massage oil | baby hair oil | stretch marks oil | baby body wash | baby powder | baby lotion | diaper rash cream | newborn diapers | teether | baby kajal | baby diapers | cloth diapers |