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     Baby Vomiting After Feeding in Hindi | दूध पीने के बाद बेबी उल्टी कर देता है? जानें क्या हो सकते हैं कारण!

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    Baby Vomiting After Feeding in Hindi | दूध पीने के बाद बेबी उल्टी कर देता है? जानें क्या हो सकते हैं कारण!

    9 October 2023 को अपडेट किया गया

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    अक्सर छोटे बच्चों के पेरेंट्स के मन में ये ख़्याल आता है कि अगर बच्चे को दूध पिलाने के बाद उल्टी हो जाए तो क्या यह ठीक है? छोटे बच्चों को दूध पीने के बाद हल्की उल्टी होना एक आम बात है क्योंकि उसका डाइजेस्टिव सिस्टम अभी पूरी तरह से विकसित नहीं होता है और बच्चा अभी दूध पीने और पचाने का आदी हो रहा होता है. एक नवजात शिशु के पेट में लगभग 20 मिलीलीटर दूध आ सकता है, इसलिए वह थोड़ा सा भी ज़्यादा दूध पीने पर उल्टी कर देता है. ब्रेस्टफ़ीडिंग के बाद बच्चों के उल्टी (Baby vomiting after feeding in Hindi) करने के कुछ और कारण भी हो सकते हैं, आइये इनके बारे में जानते हैं.

    ब्रेस्टफ़ीडिंग के बाद बच्चे को उल्टी होने के कारण (Causes of baby vomiting after breastfeeding in Hindi)

    1. ओवरफ़ीडिंग (Overfeeding)

    बच्चे के ज़रूरत से ज़्यादा दूध पीने को ओवरफ़ीडिंग कहते हैं. वैसे तो ब्रेस्टफ़ीडिंग में ओवरफ़ीडिंग की चांसेज कम होते हैं लेकिन ऐसा होने पर बच्चा उल्टी करेगा, पेट टाइट हो जाएगा और असहज होकर रोने लगेगा. अगर ब्रेस्टफ़ीडिंग में उल्टी जैसे लक्षण दिखाई दें तो ध्यान दें कि कहीं बच्चा ओवरफ़ीडिंग तो नहीं कर रहा.

    2. ग़लत लैचिंग (Improper latching)

    सही ब्रेस्टफ़ीडिंग के लिए अच्छी लैचिंग होना ज़रूरी है. एक अच्छे लैच से आपके ब्रेस्ट से दूध लगातार निकलता रहता है और ब्रेस्ट में दूध ठीक से बनता भी है. अगर बच्चा ग़लत लैचिंग के कारण ठीक से फ़ीडिंग नहीं ले पा रहा है तो इससे उसके लिए दूध में कमी हो सकती है, जिसके कारण उसके वज़न में भी कमी आ सकती है.

    इसे भी पढ़ें : ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान निप्पल दर्द हो तो क्या करें?

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    3. रिफ्लक्स (Infant reflux)

    कुछ बच्चे फ़ीडिंग के बाद या फ़ीडिंग करते समय भी उल्टी कर देते हैं. ऐसा रिफ्लक्स के कारण होता है. रिफ्लक्स तब होता है जब बच्चे के पेट से दूध वापस फूड पाइप (esophagus) में आ जाता है. इससे बच्चे को उल्टी हो जाती है और उसका कुछ हिस्सा फेफड़ों में भी चला जाता है.

    4. सही तरीक़े से डकार न दिलवाना (Improper burping)

    बच्चे को डकार दिलवाने के कोई नियम नहीं है. कुछ बच्चों को दूध पिलाने के दौरान डकार दिलाने की जरूरत होती है और कुछ को बाद में. अगर बच्चा दूध पीते समय परेशान दिखे तो उसे फ़ीडिंग से हटाकर पहले डकार दिलायें. अगर आराम से फ़ीड ले रहा है तो फ़ीडिंग के अंत में ऐसा करें. लेकिन ऐसा करना बहुत ज़रूरी है क्योंकि इससे फ़ीडिंग के दौरान पेट में गयी हुई हवा बाहर निकल जाती है जिससे बच्चे को कोलिक और उल्टी की समस्या हो सकती है.

    5. इंफेक्शन या बीमारी (Infection or illness)

    ब्रेस्टफ़ीडिंग कराने वाली महिलाओं को मास्टिटिस (mastitis) प्रभावित करता है. इसमें एक या दोनों ब्रेस्ट में लाली ,सूजन और दर्द होता है. इसका सबसे आम कारण हाइपरलैक्टेशन (hyperlactation) या ज़्यादा दूध बनना है. मास्टिटिस से ब्रेस्ट्स में बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी हो जाता है जिससे बुखार भी हो सकता है.

    फॉर्मूला फ़ीडिंग के बाद बच्चे को उल्टी होने के कारण (Causes of baby vomiting after formulafeeding in Hindi)

    ऐसे बच्चे जो फॉर्मूला फीड लेते हैं उन्हें भी फ़ीड के बाद उल्टी हो सकती है और इसके भी कई कारण होते हैं; जैसे-

    1. ओवरफ़ीडिंग (Overfeeding)

    ब्रेस्टफ़ीडिंग की तुलना में बोतल से दूध पीना ज़्यादा आसान होता है और बच्चे इससे ज़्यादा तेजी से दूध पी सकते हैं. ब्रेस्ट में दूध बनने में समय लगता है, जबकि फॉर्मूला फ़ीडिंग हमेशा उपलब्ध रहती है. इसीलिए कभी-कभी एक ही बार में बहुत ज़्यादा फॉर्मूला फ़ीडिंग हो जाने से बच्चे का पेट ज़रूरत से ज़्यादा भर जाता है और फिर यह सिर्फ़ एक ही तरीक़े से बाहर आता है और वो है उल्टी.

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    2. फूड इंटॉलरेंस या एलर्जी (Food intolerance or allergy)

    ऐसा बहुत कम होता है लेकिन कभी-कभी बच्चे की उल्टी का कारण फॉर्मूला मिल्क भी हो सकता है. कभी-कभी बच्चों को गाय के दूध से भी एलर्जी होती है ख़ासतौर पर 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में ऐसा हो सकता है. ज़्यादातर बच्चों में 5 वर्ष की उम्र तक पहुँचते-पहुँचते दूध की एलर्जी ख़त्म हो जाती है.

    लैक्टोज इंटॉलरेंस दूध से एलर्जी से अलग है. लैक्टोज इंटॉलरेंस से आमतौर पर दस्त जैसी डाइज़ेशन संबंधी समस्याऐं होती हैं. गाय के दूध की फॉर्मूला फ़ीडिंग से भी बच्चे को उल्टी होती है. कभी-कभी पेट में कीड़े या गैस्ट्रोएंटेराइटिस होने के बाद भी बच्चे को टेम्पररी लैक्टोज इंटॉलरेंस हो सकती है.

    3. गैस्ट्रोइसोफ़ेगल रिफ्लक्स (Gastroesophageal reflux)

    छोटे बच्चों को कभी-कभी गैस्ट्रोइसोफ़ेगल रिफ्लक्स (GERD) भी होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि अभी उनका पेट और फूड पाइप दूध को रोकने के आदी हो रहे होते हैं. इसमें दूध बच्चे के गले और मुँह की ओर वापस चला जाता है. इससे आमतौर पर बच्चे को ज़्यादा परेशानी नहीं होती है, लेकिन यह बच्चे के गले में जलन पैदा कर सकता है और उसको उल्टी आ सकती है. बच्चे को एक बार में थोड़ा-थोड़ा फीड दें. ज़्यादातर छोटे बच्चों में 1 वर्ष की उम्र तक पहुँचते-पहुँचते बेबी रिफ्लक्स की समस्या दूर हो जाती है.

    फ़ीडिंग के बाद बच्चे को उल्टी करने से कैसे रोकें? (How to avoid baby vomiting after feeding in Hindi)

    आइये अब जानते हैं बच्चे को उल्टी करने से रोकने के कुछ तरीक़े.

    1. सही पोजीशन में फ़ीडिंग करवाएँ (Feed in an upright position)

    फ़ीडिंग कराते समय कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखने से बच्चे के उल्टी करने को कम किया जा सकता है. फ़ीडिंग कराते समय बच्चे को सीधा लिटा कर दूध पिलायें और उसका सिर और सीना थोड़ा ऊँचा रखें. छोटी बोतल और छोटे छेद वाले निप्पल का इस्तेमाल करें. एक बार में कम मात्रा में फ़ीडिंग दें. फ़ीडिंग के बाद बच्चे को उछलने-कूदने न दें.

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    2. बेबी को डकार दिलवाएँ (Burp the baby)

    फ़ीडिंग के बाद बच्चे को डकार दिलाना बच्चे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. जब बच्चा फ़ीडिंग लेता है तो हवा के बुलबुले भी उसके पेट में चले जाते हैं. डकार लेने से बच्चे के पेट से गैस बाहर आ जाती है और उसे आराम मिलता है और इससे बच्चे को उल्टी भी कम आती है. इसके लिए बच्चे को गोद में लेकर उसे एक हाथ से संभालें और उसकी ठुड्डी अपने कंधे पर टिका लें. दूसरे हाथ से बच्चे की पीठ को धीरे से थपथपायें. थोड़ी देर में बच्चे को डकार आ जाती है.

    3. ओवरफ़ीडिंग करवाने से बचें (Avoid overfeeding)

    बच्चा अगर फ़ीडिंग के बाद अक्सर उल्टी कर रहा है तो इसका सबसे आम कारण होता है ओवरफ़ीडिंग. बच्चों का पेट बहुत छोटा होता है और हम अनजाने ही उनकी कैपेसिटी से ज़्यादा फ़ीडिंग करा देते हैं. इससे बच्चा एक्स्ट्रा दूध को उल्टी करके बाहर निकाल देता है.

    4. कम मात्रा में और बार-बार फ़ीडिंग करवाएँ (Consider smaller, more frequent feedings)

    बच्चे को एक बार में ज़्यादा फ़ीडिंग कराने की बजाय कम मात्रा में बार बार फ़ीड करायें. इससे बच्चे को उल्टी नहीं आएगी और उसे परेशानी नहीं होगी. ऐसा करने से बेबी रिफ्लेक्स की प्रॉब्लम भी कंट्रोल में रहती है.

    5. संभावित फूड एलर्जी का पता लगाएं (Address potential food allergies or sensitivities)

    कई बच्चों को फूड एलर्जी होती है या वो लैक्टोज इंटॉलरेंस होते हैं. हालाँकि, ऐसा बहुत कम देखा गया है. लेकिन उल्टी करने का यह भी एक कारण हो सकता है. इसलिए सभी सावधानी रखने के बाद भी अगर बच्चा फ़ीडिंग के बाद उल्टी कर रहा है तो डॉक्टर से मिलें ताकि किसी संभावित फूड एलर्जी का पता चल सके.

    इसे भी पढ़ें : बच्चे मुँह से थूक क्यों निकालते हैं?

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    फ़ीडिंग के बाद बच्चे को उल्टी होने पर डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए? (When to see doctor for baby vomiting after feeding in Hindi)

    अगर बच्चा फ़ीडिंग के बाद उल्टी कर रहा है और ऐसा बार-बार होता हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. ऐसा होने पर बच्चे के लिए जहाँ पोषण की कमी हो सकती है. वहीं, उसके सामान्य विकास में भी रुकावट आने लगेगी. इसके अलावा अगर बच्चे में उल्टी के कारण डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखाई दे; जैसे कि मुँह सूखना, बिना आँसू बहाये या बिना आवाज के रोना, शरीर ढीला पड़ना, 8 से 12 घंटे तक डायपर गीला न करना, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें.

    प्रो टिप (Pro Tip)

    बच्चे का कभी-कभी दूध बाहर निकालना या दही जैसी उल्टी (baby vomiting curdled milk in Hindi) करना सामान्य है. लेकिन सभी तरह के प्रिकोशन लेने के बाद भी अगर बच्चे को दूध पीने एक बाद हमेशा तेज़ उल्टियां हो रही हों, वज़न बढ़ नहीं रहा हो और घटता हुआ-सा लगे, त्वचा पर दाने दिखें, बच्चा कमजोर होने लगे और हमेशा थका सा या नींद में रहे तो बिना देर किए डॉक्टर को दिखाना चाहिए.

    रेफरेंस

    1. Whinney J, Paul SP, Candy DC. (2013). Clinical update: vomiting in infants. Community Pract.

    2. Indrio F, Riezzo G, Raimondi F, Cavallo L, Francavilla R. (2009). Regurgitation in healthy and non healthy infants. Ital J Pediatr.

    3. Duca AP, Dantas RO, Rodrigues AA, Sawamura R. (2008). Evaluation of swallowing in children with vomiting after feeding. Dysphagia.

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    Baby vomiting after feeding in English

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