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    Baby Spit Up in Hindi | बच्चे मुँह से थूक क्यों निकालते हैं?

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    Baby Spit Up in Hindi | बच्चे मुँह से थूक क्यों निकालते हैं?

    10 August 2023 को अपडेट किया गया

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    बेबी स्पिट-अप, बच्चों में आमतौर पर होने वाली एक घटना है जिसमें भोजन करने के बाद पेट से दूध की कुछ क्वान्टिटी वापस उलट कर मुँह से बाहर आ जाती है. इसे डॉक्टर्स रिफ्लक्स (reflux) या रेगुर्गिटेशन (regurgitation) कहते हैं. आगे आपको बताएँगे कि बेबी स्पिट-अप (Baby spit up in Hindi) क्यों होता है.

    बच्चों के थूकने का मतलब क्या होता है? (What is baby spit up in Hindi)

    छोटे बच्चों में अक्सर होने वाला रिफ्लक्स या स्पिट-अप (Baby spit up in Hindi) पेरेंट्स को अक्सर परेशान कर देता है लेकिन ऐसा होना बिल्कुल नॉर्मल है और जैसे-जैसे बच्चे का डाइजेस्टिव सिस्टम डेवलप होता है ये स्पिट-अप बंद हो जाते हैं. मेडिकल भाषा में यह इंमैच्योर लोअर एसोफेगल स्पिंचर (lower esophageal sphincter) के कारण होता है जिससे पेट में गये हुए दूध का कुछ अंश वापस एसोफैगस (esophagus) में लौट आता है.

    कई बार पेरेंट्स जानकारी के अभाव में बच्चे के उल्टी करने और स्पिट-अप को एक ही समझने की भूल कर देते हैं लेकिन ये दोनों अलग-अलग चीज़ें हैं.

    इसे भी पढ़ें: बेबी ठीक से दूध नहीं पी पा रहा है? जानें क्या हो सकती है वजह

    बच्चे के थूकने और उल्टी करने में अंतर (Difference between baby spitting up and vomiting in Hindi)

    छोटे बच्चों में जहाँ स्पिट-अप होना सामान्य है वहीं उल्टी होना किसी समस्या का संकेत है. स्पिट-अप में जहाँ बच्चा दूध पिलाने के बाद मुँह से थोड़ी मात्रा में दूध या फार्मूला को धीरे से बाहर निकाल देता है वहीं उल्टी तेज़ी के साथ आती है और पेट में भरा हुआ दूध ज़्यादा मात्रा में तेज़ी से बाहर निकल आता है. स्पिट-अप में बच्चे को कोई दिक्कत नहीं होती है, जबकि उल्टियाँ होने पर बच्चा परेशान हो जाता है.

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    बच्चों में बार-बार थूक आने के कारण (Causes of Spitting in Babies in Hindi)

    बच्चों में बार बार रिफ्लेक्स होने के कई कारण हो सकते हैं. आइये इनके बारे में एक-एक करके जानते हैं.

    1. कमज़ोर पाचन तंत्र (Immature digestive system)

    इंमैच्योर डाइजेस्टिव सिस्टम बच्चों में स्पिट-अप का एक मुख्य कारण है. उम्र बढ़ने के साथ जब बच्चे का पाचन तंत्र पूरी तरह से विकसित हो जाता है तो एलईएस (lower esophageal sphincter) नामक माँसपेशी पेट में गए हुए भोजन को अंदर ही रोककर रखने में अधिक सक्षम हो जाती है, जिससे बार बार स्पिट-अप होने की तीव्रता कम हो जाती है.

    2. अधिक दूध पिलाना (Overfeeding)

    बहुत ज़्यादा या बहुत जल्दी-जल्दी दूध पिलाने से बच्चे के पेट की कैपिसिटी प्रभावित होती है, जिससे स्पिट-अप की समस्या हो सकती है.

    3. एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux)

    लोअर एसोफेगल स्पिंचर फूड पाइप की एक ऐसी माँसपेशी है जो पेट मे गए हुए भोजन को वापस ऊपर आने से रोकती है. नवजात बच्चों में यह मैच्योर नहीं होती है और इस वजह से पेट में गये हुए भोजन के बैकफ़्लो को रोकने के लिए पर्याप्त रूप से बंद नहीं हो पाती है. इस कारण पेट का एसिड वापस ऊपर की ओर आने लगता है जिसे गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स (gastroesophageal reflux - GER) के रूप में भी जाना जाता है.

    4. फूड एलर्जी (Food allergies or intolerances)

    कुछ बच्चे ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला फ़ीड में मौजूद कुछ कंपोनेंट्स के प्रति सेंसिटिव होते हैं और इस वजह से दूध पीते ही उन्हें स्पिट-अप की समस्या ज़्यादा और बार-बार होती है.

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    5. लैक्टोज इंटॉलरेंस (Lactose Intolerance)

    जी हाँ, लैक्टोज इंटॉलरेंस भी बच्चों में स्पिट-अप का कारण बन सकता है. ऐसा तब होता है जब बॉडी पर्याप्त मात्रा में लैक्टेज एंजाइम (lactase enzyme) का प्रोडक्शन नहीं करती है जो दूध या डेयरी प्रोडक्ट्स में पाए जाने वाले लैक्टोज को ठीक से पचाने के लिए आवश्यक है. ऐसे में बिना पचा हुआ लैक्टोज़ पेट में फ़र्मेंट होने लगता है जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल दिक्कतें और रिफ्लक्स बढ़ जाता है.

    6. दूध पिलाने की पोजीशन और तरीक़ा (Feeding position)

    फ़ीडिंग के दौरान ग़लत तरह की पोजीशन में लिटाने या पेट के दबने पर भी स्पिट-अप की समस्या हो सकती है.

    क्या बच्चे का दही की तरह उल्टी करना नॉर्मल है? (Is baby spitting up curdled milk normal in Hindi)

    फ़ीडिंग के बाद बच्चे के मुँह से दही जैसा फटा हुआ दूध (Baby spitting up curdled milk in Hindi) बाहर आना आमतौर पर सामान्य बात है. दही जैसी उल्टी तब होती है जब डाइज़ेशन के दौरान पेट का एसिड पिये गए दूध के साथ मिलता है और दूध में मौजूद प्रोटीन उससे जमने लगता है. इससे वह दूध दही जैसा दिखता है. अगर बच्चे का वेट ठीक तरह से बढ़ रहा है और वह सामान्य और सहज महसूस करता है, उसमें चिड़चिड़ाहट जैसे लक्षण नहीं दिखाई देते तो स्पिट-अप से आने वाली दही की उल्टी (Baby spitting up curdled milk in Hindi) चिंता का कारण नहीं है. यह समय के साथ ख़ुद-ब-ख़ुद बंद हो जाएगी.

    बच्चे के थूक निकालने की आदत को कम करने के टिप्स (Tips for reducing baby spit up in Hindi)

    • फ़ीडिंग के दौरान और बाद में बच्चे को सीधा पकड़ें क्योंकि ग्रेविटी के कारण दूध पेट में नीचे ही रुका रहेगा.

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    • फ़ीडिंग के दौरान रुकें और बच्चे को डकार दिलाएँ जिसे पेट में फंसी हवा निकल जाती है और स्पिट-अप में कमी आती है.

    • एक बार में बहुत ज़्यादा फ़ीडिंग के बजाय बार-बार लेकिन कम मात्रा में दूध पिलाएं.

    • अगर बच्चा बीच में ख़ुद ही दूध पीना बंद कर दे तो उसे पूरी बोतल खत्म करने के लिए मजबूर ना करें.

    • प्रत्येक फ़ीडिंग के बाद बच्चे को लगभग 20-30 मिनट तक सीधा पकड़ कर रखें ताकि दूध पेट में कर्डल हो जाए.

    • स्पिट-अप से बचने के लिए फ़ीडिंग के तुरंत बाद बच्चे को उछालना या झूला-झुलाना जैसे काम ना करें.

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    • बोतल से फ़ीड के दौरान पेट में हवा जाने से रोकने के लिए बोतल को सही एंगल पर झुकाकर रखें.

    • चेक करें कि निप्पल फ़्लो बच्चे की उम्र के अनुसार है या नहीं.

    इसे भी पढ़ें: जब दूध पिलाते वक़्त बच्चा लेने लगे हिचकी, तो क्या करें ?

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    डॉक्टर से कब करें परामर्श? (When to consult a doctor)

    आगे बताई गयी स्थितयों में आपको बच्चे को डॉक्टर को दिखाना चाहिए.

    • अगर हर बार दूध पीने के बाद लगातार बच्चा ज़ोर से उल्टी कर रहा हो.

    • अगर बच्चे का वज़न सही तरह से नहीं बढ़ रहा है या वज़न घटने लगे.

    • यदि बच्चा फ़ीडिंग के दौरान या उसके बाद लगातार असहज, चिड़चिड़ा या दर्द से रोता हो.

    • यदि बच्चे की उल्टी तेज़ी से और काफ़ी दूरी तक बाहर निकले.

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    • यदि आपको थूक में खून या अब्नार्मल कलर दिखाई है.

    • यदि बच्चा अचानक से अधिक सुस्त हो जाए या असामान्य रूप से उधम मचाने लगे या इरिटेटेड रहने लगे.

    • यदि बच्चा दूध पीने में लगातार अरुचि दिखाए.

    • बच्चे को लगातार खाँसी, चोकिंग या स्पिट-अप के कारण साँस लेने में कठिनाई होती हो.

    प्रो टिप (Pro Tip)

    हमेशा याद रखें कि बच्चों में थोड़ा बहुत स्पिट-अप होना या मुँह से दही जैसा रिफ्लेक्स होना सामान्य है जो समय के साथ धीरे-धीरे ठीक हो जाता है. लेकिन अगर ऐसा बहुत ज़्यादा हो रहा है और बच्चा इससे परेशान या ब्रेथलेस होने लगे या फिर रिफ्लेक्स के कारण पिया हुआ अधिकतर दूध पेट से बाहर निकल जाए जिससे बच्चा कमजोर पड़ने लगे तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.

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    रेफरेंस

    1. Indrio F, Riezzo G, Raimondi F, Cavallo L, Francavilla R. (2009). Regurgitation in healthy and non healthy infants.

    2. Rybak A, Pesce M, Thapar N, Borrelli O. (2017). Gastro-Esophageal Reflux in Children.

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    Baby spit up in English

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    Written by

    Kavita Uprety

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