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    Best Breastfeeding Positions in Hindi | माँ और बेबी दोनों के लिए कंफर्टेबल होती हैं ये ब्रेस्टफ़ीडिंग पोजीशन

    Breastfeeding & Lactation

    Best Breastfeeding Positions in Hindi | माँ और बेबी दोनों के लिए कंफर्टेबल होती हैं ये ब्रेस्टफ़ीडिंग पोजीशन

    21 August 2023 को अपडेट किया गया

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    शुरुआती 6 महीनों तक बेबी के लिए माँ का दूध बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. वह अपने आहार के लिए पूरी तरह से अपनी माँ पर निर्भर होता है. माँ का दूध सभी पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो बच्चे की ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए बहुत ज़रूरी होता है. ऐसे में ज़रूरी है कि बच्चे को सही तरह से स्तनपान यानी कि ब्रेस्टफ़ीडिंग कराया जाये. चलिए जानते हैं कि ब्रेस्टफ़ीडिंग के लिए बेस्ट पोजीशन क्या होती हैं!

    बेस्ट ब्रेस्टफ़ीडिंग पोजीशन (Best breastfeeding position in Hindi)

    ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान माँ और बेबी का कंफर्टेबल होना बहुत ज़रूरी है. इसलिए माँ को ब्रेस्टफ़ीडिंग पोजीशन पर विशेष ध्यान देना चाहिए. ठीक तरीक़े से ब्रेस्टफ़ीडिंग न कराने पर जहाँ बच्चे की भूख शांत नहीं होगी, तो वहीं दूसरी माँ को ब्रेस्ट या निप्पल में दर्द महसूस हो सकता है. ऐसे में ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान बच्चे को ठीक तरीक़े से पकड़ना बहुत ज़रूरी है; जैसे कि बच्चे को ब्रेस्ट की एक तरफ रखना चाहिए. बच्चे का पूरा शरीर माँ की छाती की ओर होना चाहिए.

    1. क्रॉस क्रैडल होल्ड (Cross-cradle hold)

    यह ब्रेस्टफ़ीडिंग की सबसे आम और आसान पोजीशन है. यही कारण है कि डिलीवरी के बाद न्यू मॉम को इस पोजीशन में बच्चे को दूध पिलाने की सलाह दी जाती है. इस पोजीशन में माँ बच्चे को एक तरफ से ब्रेस्टफ़ीडिंग कराने के दौरान दूसरे हाथ से सपोर्ट देती है; जैसे- अगर माँ बच्चे की राइट ब्रेस्ट से फ़ीड कराती है, तो वह बच्चे को लेफ्ट हैंड से पकड़ेगी और अगर वह लेफ्ट ब्रेस्ट से फ़ीड कराती है तो राइट हैंड से बच्चे को पकड़ेगी.

    2. क्रैडल होल्ड (Cradle hold)

    जब माँ और बच्चे को ब्रेस्टफ़ीडिंग की आदत हो जाती है, तब इस पोजीशन में ब्रेस्टफ़ीडिंग कराने की सलाह दी जाती है. यह पोजीशन क्रॉस क्रैडल होल्ड से थोड़ा अलग होती है. इसमें माँ जिस साइड से बच्चे को दूध पिला रही होती है, उसी साइड से पकड़ती है. यह पोजीशन उन मॉम्स के लिए बेस्ट होती हैं, जिनकी नॉर्मल डिलीवरी होती है और बच्चा ठीक तरीक़े से लैचिंग करना सीख जाता है. सी सेक्शन से डिलीवरी होने पर इस पोजीशन में दूध पिलाना पर माँ को थोड़ा डिसकंफर्ट हो सकता है.

    3. रग्बी बॉल होल्ड (Rugby ball hold)

    रग्बी बॉल होल्ड को फुटबॉल होल्ड (Football hold) के नाम से भी जाना जाता है. इस पोजीशन में ब

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    बच्चे को शरीर के किनारे पर रखा जाता है और उनके पैरों को माँ की बांह के नीचे छिपाया जाता है. इस दौरान माँ बच्चे के सिर और गर्दन को सपोर्ट देने के लिए तकिये का उपयोग कर सकती है और बच्चे के मुँह को ब्रेस्ट के लेवल पर रख सकती है.

    यह ब्रेस्टफ़ीडिंग पोजीशन उन महिलाओं के लिए बेस्ट होती है, जिनकी डिलीवरी सी-सेक्शन से हुई होती है. इस पोजीशन में चीरे वाली जगह पर प्रेशर नहीं आता है. यह पोजीशन उन बच्चों के लिए बेस्ट होती है, जो ठीक तरीक़े से लैच नहीं कर पाते हैं.

    4. डबल रग्बी बॉल होल्ड (Double rugby ball hold)

    यह पोजीशन रग्बी बॉल होल्ड का ही एक प्रकार है, जिसमें माँ अपने दोनों हाथों से बच्चे के शरीर को सपोर्ट देती है. इस स्थिति में, माँ अपनी गोद में तकिया लेकर बैठती है और बच्चे को अपने दोनों तरफ़ रखती है, इस दौरान बच्चे के पैर माँ के बैक साइड होते हैं.

    इस स्थिति में माँ एक साथ अपने दोनों बच्चों को दूध पिला सकती हैं. हालाँकि, इस पोजीशन के लिए माँ को थोड़ी प्रैक्टिस करनी होती है.

    5. जुड़वा बच्चों के लिए फुटबॉल होल्ड (Football hold for twins)

    फ़ुटबॉल होल्ड को क्लच होल्ड के नाम से भी जाना जाता है. यह ब्रेस्टपोजीशन जुड़वा बच्चों के लिए एक बेस्ट ब्रेस्टफ़ीडिंग पोजीशन हो सकती है. इस पोजीशन में माँ एक ही समय पर अपने दोनों बच्चों को दूध पिला सकती है.

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    इसे भी पढ़ें: ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए क्या करें?

    6. बच्चे को फुटबॉल पोजीशन में बैठाना (Football hold with babysitting)

    इस पोजीशन में माँ बच्चे को फुटबॉल की तरह अपनी गोद में बैठाती है. यह पोजीशन उन बच्चों के लिए बेस्ट होती है, जिन्हें लैचिंग करने में परेशानी होती है. इस पोजीशन में ब्रेस्ट फ़ीड करने पर बच्चे को आसानी से दूध पच जाता है. साथ ही, इस पोजीशन की मदद से बच्चे को रिफ्लक्स की समस्या से बचाया जा सकता है. इसके अलावा, इस पोजीशन में बच्चे को दूध पिलाने पर माँ को निप्पल में दर्द भी नहीं होता है.

    7. साइड लाइंग पोजीशन (Side-lying position)

    इस पोजीशन में माँ अपने बच्चे को लेटते हुए ब्रेस्टफ़ीडिंग करवाती है. साइड लाइंग पोजीशन में माँ और बच्चे दोनों का मुँह एक-दूसरे की तरफ़ होता है.

    यह पोजीशन रात में ब्रेस्टफ़ीडिंग कराने के लिए बेस्ट होती है, क्योंकि इस दौरान माँ और बच्चे दोनों को आराम मिलता है. यह ब्रेस्टफ़ीडिंग पोजीशन उन मॉम्स के लिए अच्छी मानी जाती है, जिनकी डिलीवरी सी सेक्शन से हुई होती है.

    8. डांसर हैंड नर्सिंग पोजीशन (Dancer hand nursing position)

    योग में इस पोजीशन को 'डांसर पोज़' या 'हाफ डांसर पोज़' के रूप में भी जाना जाता है. इस पोजीशन में माँ अपने बच्चे को गोद में लेकर उसके सामने क्रॉस-लेग्ड करके बैठती है. इस दौरान माँ अपने एक हाथ से बच्चे के सिर और गर्दन को सपोर्ट देती है और दूसरे हाथ से अपने ब्रेस्ट को पकड़ती है.

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    यह ब्रेस्टफ़ीडिंग पोजीशन उन मॉम्स के लिए बेस्ट होती है, जिनके ब्रेस्ट बड़े होते हैं या जिनका बच्चा ठीक तरीक़े से दूध नहीं पी पाता है.

    9. रेक्लिनिंग पोजीशन (Reclining position)

    इस ब्रेस्टफ़ीडिंग पोजीशन में माँ अपनी बॉडी को किसी आरामदायक चीज़ पर टिकाती है और बच्चे को गले लगाने की तरह दोनों से पकड़ती है. इस पोजीशन में माँ का एक हाथ बच्चे की गर्दन और दूसरा हाथ बच्चे की कमर पर होता है. उन पोजीशन उन बच्चों के लिए बेस्ट होती है, जिन्हें गैस की समस्या होती है. साथ ही, अगर दूध का फ्लो अधिक या माँ के ब्रेस्ट हैवी होने पर भी यह पोजीशन बेस्ट होती है. यह पोजीशन उन मॉम्स के लिए भी कंफर्टेबल होती है, जिनकी डिलीवरी सी-सेक्शन से हुई होती है.

    10. डैंगल फीडिंग (Dangle feeding)

    यह ब्रेस्टफ़ीडिंग पोजीशन उन मॉम्स के लिए बेस्ट होती है, जिनके ब्रेस्ट में सूजन या प्लग डक्ट की समस्या होती है. इस पोजीशन में बच्चे को स्तनपान कराने पर माँ को कम दर्द होता है. दरअसल, इस पोजीशन में माँ बच्चे को अपने ब्रेस्ट के पास लाती है, और ब्रेस्ट को बच्चे के मुँह के पास लाकर एडजस्ट करती है. ग्रेविटी के कारण बच्चा दूध ख़ुद ही निप्पल से बहने लगता है, जिसके कारण बच्चे को दूध पीने में आसानी होती है.

    11. अप-राइट ब्रेस्टफ़ीडिंग (Upright breastfeeding)

    इस पोजीशन को कोआला पोजीशन के नाम से भी जाना जाता है. इस पोजीशन में माँ बच्चे को अपनी ओर मुँह करके बैठाती है और अपने हाथों को बच्चे की गर्दन और कमर पर रखती है. एक साल की उम्र के बच्चे को फ़ीडिंग कराने के लिए इस पोजीशन की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस उम्र तक बच्चों को अपनी गर्दन और कमर पर कंट्रोल होता है.

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    आप अपनी सहूलियत के अनुसार ऊपर बताई गई पोजीशन में से किसी को भी चुन सकती हैं.

    इसे भी पढ़ें: आख़िर कैसी होनी चाहिए ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम्स की डाइट?

    प्रो टिप (Pro Tip)

    ऐसी ब्रेस्टफ़ीडिंग पोजीशन को चुनें, जो माँ और बच्चे दोनों केलिए कंफर्टेबल हो. ध्यान रखें, सही पोजीशन में दूध न पिलाने पर माँ और बच्चे दोनों को परेशानी हो सकती है.

    रेफरेंस

    1. Goyal RC, Banginwar AS, Ziyo F, Toweir AA. (2011). Breastfeeding practices: Positioning, attachment (latch-on) and effective suckling - A hospital-based study in Libya.

    2. Degefa N, Tariku B, Bancha T, Amana G, et al. (2019). Breast Feeding Practice: Positioning and Attachment during Breast Feeding among Lactating Mothers Visiting Health Facility in Areka Town, Southern Ethiopia.

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    Best breastfeeding positions in English

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    Written by

    Jyoti Prajapati

    Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more

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