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    PCOD Ke Lakshan in Hindi | आख़िर कैसे होते हैं पीसीओडी के लक्षण?

    PCOS & PCOD

    PCOD Ke Lakshan in Hindi | आख़िर कैसे होते हैं पीसीओडी के लक्षण?

    11 September 2023 को अपडेट किया गया

    स्ट्रेस, नींद की कमी, स्मोकिंग, अनहेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल के चलते पीसीओडी एक बहुत ही आम समस्या बन गई है. कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो देश में लगभग 10 प्रतिशत महिलाएँ इस समस्या का सामना कर रही हैं. ऐसे में आपको पीसीओडी से संबंधित जानकारी होना चाहिए; जैसे- पीसीओडी से क्या होता है? (PCOD kya hota h in Hindi), पीसीओडी के लक्षण क्या होते हैं (PCOD symptoms in Hindi), पीसीओडी से क्या होता है? (PCOD se kya hota hai), या शादी के बाद पीसीओडी होने पर क्या लक्षण (PCOD problem after marriage) दिखते हैं, आदि.

    पीसीओडी क्या होता है? (PCOD meaning in Hindi)

    अक्सर महिलाओं का सवाल होता है कि पीसीओडी क्या होता है (What is pcod in hindi). बता दें कि पीसीओडी का फुल फॉर्म (PCOD full form Hindi) होता है- पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज (Polycystic ovary disease). पीसीओडी के कारण शरीर में हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं, जिसके ओवरी में छोटी-छोटी सिस्ट यानी गांठ बनने लगती है. पीसीओडी के कारण महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं. इतना ही नहीं, पीसीओडी के कारण गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है.

    पीसीओएस के लक्षण (Pcod symptoms in Hindi)

    पीसीओडी का अर्थ (Pcod in Hindi) जानने के बाद चलिए अब आपको बताते हैं कि पीसीओडी के लक्षण (PCOD ke lakshan) क्या होते हैं. पीसीओडी के मुख्य लक्षण कुछ इस तरह के हो सकते हैं;

    पीसीओएस के लक्षण और लक्षण आमतौर पर यौवन के पहले मासिक धर्म के समय के आसपास दिखाई देते हैं। पीसीओएस जीवन में बाद में विकसित हो सकता है, उदाहरण के लिए, महत्वपूर्ण वजन बढ़ने के परिणामस्वरूप। कई महिलाओं को पता ही नहीं चलता कि वे पीसीओडी से पीड़ित हैं। पीसीओडी समस्याओं के कुछ सामान्य लक्षण हैं:

    1. अनियमित पीरियड्स (Irregular periods)

    पीसीओडी का असर सबसे पहले महिलाओं के मासिक धर्म यानी कि पीरियड्स पर होता है. इसके कारण पीसीओडी के कारण पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं. दरअसल, पीसीओडी के कारण शरीर में पुरुष हार्मोन्स की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे ओव्यूलेशन की प्रक्रिया पर नेगेटिव असर होता है.

    2. पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लीडिंग होना (Heavy bleeding during periods)

    हालाँकि, पीसीओडी के कारण पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, लेकिन जब भी पीरियड्स होते हैं तब ब्लीडिंग ज़्यादा होती है.

    3. मुँहासे (Acne)

    जब महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन यानी कि एंड्रोजन की मात्रा अधिक हो जाती है तो त्वचा ऑइली होने लगती है, जिसके कारण अधिक मुँहासे होने लगते हैं.

    4. शरीर के अंगों पर बालों का आना (Excess body hair)

    पीसीओडी की समस्या होने पर महिलाओं के चेहरे, पीठ, पेट और छाती पर बाल उगने लगते हैं. इस स्थिति को हर्सुटिज्म (Hirsutism) कहा जाता है.

    5. मोटापा (Obesity)

    पीसीओडी के कारण महिलाओं का वज़न बढ़ जाता है. अधिक वज़न के कारण मोटापे की समस्या भी होने लगती है.

    इसे भी पढ़ें : वज़न घटाने में मदद करेंगे ये 8 एक्सरसाइज!

    6. क्राउन गंजापन (Hair loss or male pattern baldness)

    पीसीओडी के कारण महिलाओं को पुरुष पैटर्न गंजेपन की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में क्राउन पर बाल पतले होने लगते हैं. वहीं, कुछ महिलाओं के बाल अधिक झड़ते हैं.

    7. स्लीप डिसऑर्डर (Sleep disorder)

    अक्सर देखा गया है कि जिन महिलाओं को पीसीओडी की समस्या होती है, उन्हें नींद से संबंधित समस्याएँ भी होने लगती है; जैसे- वे पर्याप्त नींद नहीं ले पाती हैं या फिर ठीक से सो नहीं पाती हैं.

    8. डिप्रेशन (Depression)

    अगर पीसीओडी को ठीक तरीक़े से मैनेज न किया जाये तो इससे महिलाओं को डिप्रेशन तक की समस्या का सामना करना पड़ता है.

    9. सिरदर्द (Headache)

    पीसीओडी के कारण शरीर में हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं, जिसके कारण महिलाओं को सिरदर्द की शिकायत भी होने लगती है.

    10. गर्भधारण में परेशानी (Difficulty in getting pregnant)

    जिन महिलाओं को पीसीओडी की समस्या होती है, उन्हें गर्भधारण करने में परेशानी आती है. हालाँकि, सही ट्रीटमेंट और सावधानी का ध्यान रखकर गर्भधारण किया जा सकता है.

    इसे भी पढ़ें : आयुर्वेद में छुपा है पीसीओएस का इलाज

    पीसीओडी का असर (PCOD se kya hota hai)

    चलिए अब आपको बताते हैं कि पीसीओडी के कारण क्या-क्या समस्याएँ हो सकती हैं!

    1. डायबिटीज (Diabetes)

    पीसीओडी शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंट का कारण बनता है, इसके कारण महिलाओं को डायबिटीज की समस्या हो सकती है.

    2. हृदय संबंधित बीमारी का रिस्क (Heart disease)

    पीसीओडी के कारण महिलाओं का ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है, जिसके कारण हृदय संबंधी समस्याओं का रिस्क बढ़ जाता है.

    3. एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial cancer)

    पीसीओडी की वजह से एंडोमेट्रियल कैंसर होने का रिस्क बढ़ जाता है. दरअसल, पीसीओडी के कारण ओव्यूलेशन में देरी होती है, जिसके कारण गर्भाशय की इंटरनल लेयर मोटी हो जाती है.

    इसे भी पढ़ें : गर्भधारण की मुश्किलें बढ़ा सकता है एंडोमेट्रियल पॉलीप्स!

    4. इनफर्टिलिटी (Infertility)

    अगर समय रहते पीसीओडी का इलाज न किया जाये तो यह महिलाओं की प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है. इसके कारण इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है.

    उम्मीद है कि अब समझ गए होंगे कि पीसीओडी (PCOD in Hindi) क्या होता है, पीसीओडी के लक्षण (PCOD ke lakshan) क्या होते हैं और पीसीओडी के कारण शरीर पर किस तरह का असर देखने को मिल सकता है.

    बेहतर लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव करके आप पीसीओडी की समस्या को मैनेज कर सकते हैं. इसके अलावा, पीसीओडी को मैनेज करने के लिए मायो-इनोसिटोल च्यूएबल टैबलेट्स (Myo-inositol Chewable Tablets) का सेवन कर सकते हैं. इन टैबलेट्स की मदद से आप पीसीओडी को नेचुरल तरीक़े से कंट्रोल कर सकते हैं. पीसीओडी टैबलेट्स के अलावा आप पीसीओडी टी (PCOD Tea) को भी अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं. यह टी पीसीओडी पर बहुत ही इफेक्टिव तरीक़े से काम करती है.

    इसे भी पढ़ें : पीसीओडी ठीक होने पर किस तरह के लक्षण महसूस होते हैं?

    प्रो टिप (Pro Tip)

    समय रहते अगर पीसीओडी के लक्षणों पर ग़ौर किया जाये तो इसे आसानी से मैनेज किया जा सकता है. इसलिए पीसीओडी का नाम सुनते ही घबराए नहीं; बल्कि ज़रूरी सावधानियां बरतना शुरू कर दें. साथ ही, अपने डॉक्टर से भी परामर्श करें.

    रेफरेंस

    1. Rasquin LI, Anastasopoulou C, Mayrin JV. (2022). Polycystic Ovarian Disease.

    2.Ndefo UA, Eaton A, Green MR. (2013). Polycystic ovary syndrome: a review of treatment options with a focus on pharmacological approaches.

    3. Legro RS. (2017). Evaluation and Treatment of Polycystic Ovary Syndrome.

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    PCOD in English

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