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Pregnancy
3 April 2024 को अपडेट किया गया
आपने अपनी नानी-दादी या घर के अन्य बड़े-बुज़ुर्गों से कई बार सुना होगा कि होंठ फट रहे हैं तो नाभि में तेल लगा लो, पेट दर्द हो रहा है तो नाभि में तेल लगा लो. हो सकता है कि उनकी बात सुन कर आपको भी बहुत हैरानी हुई हो कि शरीर में नाभि में तेल लगाने से क्या होगा? दरअसल हमारी संस्कृति में नाभि को शरीर का केंद्र माना गया है. जिस समय बच्चे का जनम होता है, उस समय वह अपनी माता के साथ नाभि से गर्भनाल से ही जुड़ा होता है और यहीं से उसे माँ के शरीर से सभी पोषक तत्व प्राप्त हो रहे होते हैं. जिस तरह जन्म से पहले बच्चे को पोषक तत्व मिलते हैं, ठीक उसी प्रकार उम्र बढ़ने पर भी नाभि के माध्यम से तेल के द्वारा विभिन्न पोषक तत्व शरीर को मिल सकते हैं. तो चलिए आज इस आर्टिकल के ज़रिये जानते हैं कि नाभि में तेल लगाने से कौन-कौन से फायदे मिलते हैं.
नाभि में कई प्रकार के ख़ास तेल लगाए जाते हैं, जिनमें से जैतून का तेल, अदरक का तेल, नारियल का तेल, सरसों का तेल, बादाम का तेल, लौंग का तेल, तिल का तेल आदि का प्रयोग आमतौर पर किया जाता है. अगर आप गौर से देखें तो ये सभी तेल हम अपनी रसोई में खाने या फिर कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में लम्बे समय से इस्तेमाल करते आ रहे हैं और इनके गुणों से भी हम अच्छे से परिचित हैं. नाभि का जुड़ाव हमारे शरीर के विभिन्न अंगों से होता है और अगर आप नियमित और तय मात्रा में नाभि में तेल लगाएं तो उससे शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी को भी पूरा किया जा सकता है. इसके कुछ फायदे इस प्रकार से हैं.
जैतून और बादाम का तेल त्वचा को कोमल और चमकदार बनाते हैं.
लौंग का तेल और सरसों का तेल शरीर में होने वाली दर्द को कम करते हैं.
नीम का तेल लगाने से मुंहासे और दाग-धब्बे दूर होते हैं.
नारियल का तेल लगाने से हाथ और पैरों की त्वचा मुलायम हो जाती है.
सरसों का तेल नाभि में लगाने से सिर दर्द, होंठ फटना, सूजन आदि की स्थिति में भी सुधार होता है.
बादाम का तेल लगाने से त्वचा में निखार आता है और यह आँखों के लिए भी फायदेमंद होते है.
संक्रमण से बचने के लिए नाभि में नीम के तेल का प्रयोग किया जा सकता है.
मासिकधर्म में होने वाली समस्याओं में नाभि में तेल लगाने से बहुत आराम मिलता है.
पेट से संबंधी समस्याओं जैसे कि अपच, गैस, कब्ज़ आदि में भी नाभि में तेल लगाने से फ़ायदा पहुंचता है.
त्वचा में नमी बनाए रखने के लिए भी नाभि में तेल लगाया जा सकता है.
पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी की समस्या होने पर नाभि में तेल लगाने से लाभ होता है.
बालों को मजबूत बनाने के लिए भी नाभि में तेल लगाने से फायदा होता है.
नाभि में नारियल का तेल लगाने से त्वचा में नमी बनी रहती है और हाथ-पैरों की त्वचा मुलायम होती है. प्रतिदिन नाभि में 2 से 3 बूँदें नारियल के तेल की लगाकर कुछ समय बाद हल्के हाथ से नाभि के आस-पास मालिश करनी चाहिए.
नारियल के तेल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जिसके कारण नारियल का तेल लगाने से सर्दी-खांसी होने के जोखिम को भी काम किया जा सकता है.
नारियल के तेल के प्रयोग से पुरुषों में हॉर्मोन्स नियमित रहते हैं और सेहतमंद शुक्राणु बनते हैं.
महिलाओं के लिए भी नारियल के तेल का प्रयोग पीरियड्स से संबंधित समस्याओं को कम करता है और गर्भधारण की संभवानाओं को बढ़ाता है.
बादाम का तेल हमारी त्वचा के लिए बहुत लाभकारी होता है. रात को सोते समय बादाम के तेल की कुछ बूँदों को नाभि में लगाएं. लगभग 15 दिन रोज़ाना प्रयोग से त्वचा चमकदार और बेदाग़ हो जाएगी.
बालों की मजबूती के लिए बादाम के तेल का प्रयोग, बालों के अलावा नाभि में भी किया जाता है.
बादाम के तेल में एंटी-इंफ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं, इसलिए नाभि में इस तेल का इस्तेमाल करने से सूजन में भी काफी राहत मिलती है.
बादाम का तेल नाभि में लगाने से त्वचा में नमी बनी रहती है और होंठ भी नमीयुक्त रहते हैं.
बादाम में विटामिन-ए होता है, जिसके कारण आँखों के लिए यह फायदेमंद होता है. रात में सोने से पहले बादाम का तेल नाभि में लगाना चाहिए.
अगर आपके घुटनों में भी दर्द की शिकायत है तो नाभि में लौंग का तेल लगाने से आपको काफी राहत मिलेगी.
जिन व्यक्तियों को अस्थमा की परेशानी है, वे यदि रात में लौंग के तेल की कुछ बूँदें अपनी नाभि में लागते हैं तो उन्हें इस परेशानी में धीरे-धीरे आराम पहुंचेगा.
आँखों के नीचे सूजन काफी आम समस्या है, लेकिन लौंग के तेल के नाभि में प्रयोग से इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है.
पेट में जलन या फिर एसिडिटी की समस्या से भी राहत मिलती है. अगर किसी को पेट में दर्द हो रहा हो तो नाभि में लगाने के साथ-साथ इस तेल का प्रयोग पेट पर मालिश के लिए भी किया जा सकता है.
सरसों के तेल को नाभि में लगाने से शरीर के विभिन्न हिस्सों में हो रही दर्द में राहत मिलती है.
सरसों के तेल की कुछ बूँदें नाभि में लगा कर रात को सोने से बाल मजबूत और घने होते हैं.
इसमें ओमेगा-3, ओमेगा-6 फैटी एसिड और विटामिन-ई व एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जिनके कारण त्वचा में नमी बनी रहती है और सर्दियों में होंठों के फटने की समस्या नहीं होती. नहाने के बाद भी इसकी कुछ बूँदों को नाभि में लगाना चाहिए.
सरसों के तेल का नाभि में प्रयोग करने से आँखों की रौशनी भी ठीक रहती है.
नाभि पर तिल के तेल को लगाने से सर्दी-ज़ुकाम जैसे संक्रमणों से छुटकारा मिलता है.
नाभि पर अगर मैल और गन्दगी के कारण संक्रमण होने का खतरा बन रहा हो तो तिल का तेल लगाने से आराम पहुंचता है.
आयुर्वेद के अनुसार तिल के तेल की बूँदें नाभि में लगाने से शरीर का वात दोष धीरे-धीरे ठीक होता है, जिसके कारण जोड़ों में दर्द होती है. इसलिए रात को सोते समय, खासतौर पर सर्दियों में, 2 से 3 बूँदें नाभि में लगानी चाहिए और फिर कुछ देर के बाद हल्के हाथ से मालिश करनी चाहिए.
नीम के तेल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमणों से छुटकारा पाने में मददगार होते हैं, इसलिए रात में नीम के तेल का का इस्तेमाल नाभि में लगाने के लिए करने से चेहरे की त्वचा साफ़ और सुन्दर होती है.
मुंहासों की समस्या में नीम का तेल नाभि पर लगाने से, इस समस्या से निजाद मिल जाती है.
अगर त्वचा पर खुजली या चकते पड़ने की समस्या हो तो रात में सोते समय नीम के तेल की कुछ बूँदों को नाभि में लगाने और उसकी मालिश करने से बहुत आराम मिलता है.
अदरक में एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं, जिसके चलते नाभि में इसकी कुछ बूँदें लगाने से शरीर में सूजन और दर्द की समस्याओं में यह बहुत लाभकारी साबित होता है.
अदरक में गठिया को नियंत्रित करने के गुण मौजूद होते हैं, जिसके चलते गठिया के दर्द में भी इसका इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है. अदरक की तासीर बहुत गर्म होती है, इसलिए इसे जैतून के तेल में मिलाकर नाभि पर लगाना सही रहता है.
पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द होने पर इसकी कुछ बूँदों को नाभि में लगाकर मालिश करने से कुछ ही समय में बहुत आराम मिलता है.
जैतून का तेल हमारी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है. रात को सोने के समय या नहाने के बाद इसकी कुछ बूँदों को नाभि में लगाने से त्वचा में नमी और कोमलता बनी रहती है.
जैतून के तेल में एंटी-इंफ्लामेट्री गुण मौजूद होते हैं, जिसके चलते जोड़ों के दर्द में अगर जैतून के तेल को नाभि में लगाया जाए तो दर्द से राहत मिलती है.
अगर आपको भी कब्ज़ या अपच की समस्या हो रही है तो इस तेल की कुछ बूँदों को नाभि में लगा कर छोड़ दें. आपको कब्ज़ या अपच से राहत मिलेगी.
जैतून का तेल सिर्फ त्वचा ही नहीं, बल्कि दिल के लिए भी अच्छा होता है, इसलिए नाभि में जैतून के तेल की कुछ बूँदें लगाने से दिल से जुड़ी समस्याओं की आशंका भी कम हो जाती है.
Mylo की पैरेंटिंग एक्सपर्ट टीम का कहना है कि नाभि में तेल लगाने के फायदे बहुत हैं. बालों की मजबूती, आँखों की रौशनी, चेहरे की त्वचा की चमक, मुंहासों और दाग-धब्बों से छुटकारा, जोड़ों और हड्डियों में दर्द में राहत, हॉर्मोन्स में संतुलन और पेट से संबंधित कई परेशानियों के लिए नाभि में ख़ास तेल का प्रयोग किया जा सकता है. लेकिन यह किसी भी बीमारी को ठीक करने की गारंटी नहीं हैं. इनका लगातार प्रयोग करने से आपको कई फायदे देखने को मिलेंगे. अगर आपको कोई गंभीर समस्या है तो उसके लिए डॉक्टर से ज़रूर परामर्श लें.
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Written by
Ruchi Gupta
A journalist, writer, & language expert, Ruchi is an experienced content writer with more than 19 years of experience & has been associated with renowned Print Media houses such as Hindustan Times, Business Standard, Amar Ujala & Dainik Jagran.
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