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Updated on 3 October 2023
माँ बनना इस दुनिया का सबसे ख़ूबसूरत एहसास है. लेकिन इस एहसास को महसूस करना हर महिला के लिए इतना आसान नहीं होता है. दरअसल, कुछ महिलाएँ नेचुरल तरीक़े से गर्भधारण नहीं कर पाती हैं, ऐसी स्थिति में डॉक्टर्स कुछ फर्टिलिटी ट्रीटमेंट को अपनाने की सलाह देते हैं. हालाँकि, जब भी फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की बात आती है, तो आईवीएफ (IVF) का नाम सबसे पहले आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं आईवीएफ के अलावा भी कई ऐसे ट्रीटमेंट हैं, जो प्रेग्नेंसी की संभावनाओं को बढ़ाने में मदद करते हैं? आईयूआई (IUI) इन्हीं में से एक है. चलिए इस आर्टिकल के ज़रिये आपको बताते हैं कि आईयूआई क्या होता है (IUI meaning in Hindi), और इसकी प्रोसेस (IUI process in Hindi) क्या होती है!
आईयूआई का पूरा नाम (IUI full form in Hindi) इंट्रा यूटेराइन इनसेमिनेशन (Intrauterine insemination) होता है. यह एक ऐसा फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है, जिसमें स्पर्म को सीधे महिला के गर्भाशय में डाला जाता है, जिससे फर्टिलाइजेशन और प्रेग्नेंसी की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं. आमतौर पर ऐसा महिला पार्टनर के ओव्यूलेशन के समय पर किया जाता है. इस प्रोसेस को आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन के नाम से भी जाना जाता है.
इसे भी पढ़ें : क्या ओव्यूलेशन की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है?
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आईयूआई प्रोसेस शुरू करने से पहले कपल्स को कुछ कंसल्टेशन और टेस्टिंग से गुज़रना पड़ता है. चलिए आपको डिटेल में बताते हैं कि यह प्रोसेस क्या होती है!
आईयूआई (IUI) की प्रोसेस आमतौर पर फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट या रिप्रोडक्टिव एंडोक्रिनोलॉजिस्ट के साथ प्रारंभिक परामर्श से शुरू होती है. इस कंसल्टेशन के दौरान कपल्स की मेडिकल हिस्ट्री, कपल्स द्वारा प्रेग्नेंसी के लिए किए गए प्रयासों, कपल्स की वर्तमान मेडिकल स्थिति और मेडिकेशन की समीक्षा की जाती है.
दोनों पार्टनर को शारीरिक जाँच यानी कि फिजिकल एक्जामिनेशन से गुज़रना पड़ सकता है. इसमें महिलाओं के रिप्रोडक्टिव अंगों, सीमेन एनालिसेस, स्पर्म की क्वालिटी और काउंट आदि का विश्लेषण किया जा सकता है.
फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (FSH), ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच), एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और थायराइड हार्मोन के लेवल को चेक करने के लिए ब्लड टेस्ट किए जा सकते हैं.
इस दौरान महिला पार्टनर को अपने मासिक धर्म चक्र को ट्रैक करने और ओव्यूलेशन के संकेतों का पर नज़र रखने के लिए कहा जा सकता है.
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इसे भी पढ़ें : गर्भधारण के लिए ज़रूरी है ओव्यूलेशन. जानें कैसे करते हैं इसे ट्रैक
गर्भाशय (Uterus), फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) और ओवरी (Ovaries) की स्थिति का आंकलन करने के लिए एक ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड किया जा सकता है.
इसे भी पढ़ें : ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड की ज़रूरत कब पड़ती है?
महिला और पुरुष दोनों पार्टनर को संक्रामक रोगों की जाँच करने के लिए कहा जा सकता है. इसमें एचआईवी (HIV), हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) और सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (एसटीआई) जैसे संक्रामक रोगों की जाँच शामिल हैं.
आईयूआई प्रोसेस में परामर्श और टेस्ट बहुत ही महत्वपूर्ण कदम होता है. इसकी मदद से डॉक्टर को कपल्स के लिए सही फर्टिलिटी ट्रीटमेंट चुनने में मदद मिलती है. असल में परामर्श और टेस्टिंग के बाद ही आईयूआई की प्रोसेस शुरू होती है, जो कि कुछ इस प्रकार होती है!
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इसे भी पढ़ें: आपके लिए क्या बेहतर है: IUI या IVF?
कभी-कभी महिलाओं को ओवरी में मल्टीपल फॉलिकल्स के डेवलपमेंट को प्रेरित करने के लिए कुछ फर्टिलिटी मेडिसिन दी जा सकती है.
ओवरियन स्टिमुलेशन के दौरान ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड की मदद से महिलाओं की सेहत को मॉनिटर किया जा सकता है. साथ ही, इन टेस्ट की मदद से फॉलिकल और हार्मोन्स के लेवल को भी चेक किया जाता है.
इस समय पुरुष पार्टनर क्लिनिक पर अपने सीमेन का सैम्पल देता है. इसके बाद इस सैम्पल को लैब में सेमिनल फ्यूइड को मोटाइल स्पर्म से अलग किया जाता है.
कलेक्ट किए गए स्पर्म सैम्पल को कैथेटर के माध्यम से महिला के गर्भाशय के अंदर डाला जाता है. आमतौर पर यह प्रक्रिया तुरंत और दर्दरहित होती है. इनसेमिनेशन के बाद डॉक्टर महिला पार्टनर को आराम करने की सलाह देते हैं.
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आईयूआई प्रोसेस के बाद डॉक्टर कुछ बातों की सलाह देते हैं, जैसे कि-
आईयूआई प्रोसेस के बाद डॉक्टर महिला पार्टनर को आराम करने की सलाह देते हैं, ताकि वह जल्दी रिकवर हो सकें.
फर्टिलाइज्ड एग को सपोर्ट करने के लिए डॉक्टर कुछ मेडिसिन और सप्लीमेंट्स लेने के लिए कह सकते हैं.
आईयूआई प्रोसेस के बाद शरीर में दिखने वाले लक्षणों को ट्रैक करें. आपको हल्की क्रैम्पिंग, पेट फूलना, उल्टी, ब्रेस्ट में सूजन और स्पॉटिंग जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं.
इस समय स्ट्रेस होना लाज़िमी है. ऐसे में ज़रूरी है कि आप अपने पार्टनर, फैमिली, फ्रेंड या किसी क़रीबी ग्रुप का सपोर्ट लें, ताकि स्ट्रेस को समय रहते दूर किया जा सकें.
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आईयूआई प्रोसेस होने के लगभग दो सप्ताह बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट किया जाता है, ताकि प्रेग्नेंसी को कंफर्म किया जा सकें.
आईयूआई की सफलता की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें.
इंट्रा यूटेराइन इनसेमिनेशन (Intrauterine insemination) यानी कि आईयूआई (IUI) प्रोसेस में कितना खर्चा आएगा, यह कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है; जैसे कि आप इस प्रोसेस को किस शहर में करवा रहे हैं, क्लिनिक की फीस क्या है, मेडिकेशन और अन्य सर्विसेस आदि. औसतन, एक आईयूआई (IUI) साइकल की लागत 7,000 रुपये से 25,000 रुपये तक हो सकती है. आपकी मेडिकल कंडीशन के आधार पर इस प्राइस में बदलाव भी हो सकता है.
ध्यान रखें हर कपल के लिए आईयूआई का अनुभव अलग हो सकता है. इसलिए तनाव न लें! भरोसा रखें और डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते रहें.
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Written by
Jyoti Prajapati
Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more
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