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Diet & Nutrition
7 March 2024 को अपडेट किया गया
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जिन वस्तुओं को हम ज़ायके के लिए अपनी रसोई में इस्तेमाल करते हैं, वे सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि सेहत से भी भरपूर हैं और इनमें से ही एक है, जायफल (Nutmeg in Hindi). जायफल (Jayfal) को भारतीय रसोई में मसाोंले के रूप में लम्बे समय से ख्याति प्राप्त है. इस एशियाई मसाले का वैजानिक नाम मिरिस्टिका फ्रैगरैंस (myristica fragrans) है और संस्कृत में इसे जातीफल कहते हैं. जितना खुशबूदार यह मसाला है, उतना ही फायदेमंद भी है. जायफल का प्रयोग, पाउडर (Nutmeg Powder in Hindi) या चूर्ण और तेल (Nutmeg oil in Hindi) के रूप में किया जाता है.
जायफल एक पेड़ से प्राप्त होता है और इसका बाहरी आवरण एक अन्य मसाले, जावित्री से ढका होता है. जब जायफल का फल पक जाता है तो वह खुद-ब-खुद बीच में से फट जाता है और फिर हमें दिखता है जावित्री से ढका हुआ जायफल. देखने में जायफल सुपारी से कुछ मिलता-जुलता लगता है, लेकिन यह अंडाकार होता है. बाहर जावित्री में भी तेज़ गंध होती है और देखने में उसका अकार जड़ों या नेट (net) के जैसा दिखाा है. आयुर्वेद में जायफल के सेहत से जुड़े फायदों (Health benefits of nutmeg) के बारे में बताया गया है कि इसका इस्तेमाल सिर्फ चेहरे के लिए ही नहीं बल्कि पुरुषों में अंदरूनी शक्ति बढ़ाने में भी किया जाता है. चलिए इस आर्टिकल के ज़रिए एक नज़र डालते हैं जायफल खाने के फायदे (Jayfal ke fayde) पर.
यूँ तो हम अपने व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने के लिए जायफल का प्रयोग करते ही हैं, लेकिन जब किसी ख़ास तरह से इसका प्रयोग किया जाता है तो यह सेहत या सौंदर्य से जुडी समस्यों के लिए काफी कारगर साबित होता है. दरअसल जायफल गुणों की खान है, इसमें एंटी-इंफ्लैमेट्री, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंट- बैक्टीरियल, एंटी-डायबिटिक, दर्दनाशक और लिवर को बचाने के गुण तो हैं ही, साथ ही साथ इसमें ढेरों मिनरल्स और विटामिन भी हैं. जायफल से प्रोटीन, फाइबर, वसा, कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन बी- 6, विटामिन सी, पोटेशियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज़, आयरन, कॉपर और ज़िंक आदि मिलते हैं. अनिद्रा से लेकर पेट की समस्याओं तक और मुहांसों से लेकर झाइयों तक को कम करने के लिए जायफल का इस्तेमाल किया जाता है. जायफल की बात करें तो इसकी तासीर गर्म होती है, इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि इसकी कम मात्रा का ही सेवन किया जाए.
1. मुहांसों के लिए : एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के कारण जायफल हमारे चेहरे के लिए बहुत ही लाभकारी है. चेहरे पर मुंहासे हैं, तो उसके लिए आप जायफल के पाउडर को शहद में मिलाएं और फिर इसे 15 मिनट तक लगा कर छोड़ दें. उसके बाद पानी से मुंह धो लें. लगातार प्रयोग करने से मुंहासे और उसके दाग दोनों धीरे-धीरे कम होने लगेंगे.
2. दाग-धब्बों और झाइयों के लिए : जायफल और जावित्री के पाउडर को पानी या दूध में घोलकर लेप बना लें. इसे कुछ समय ऐसे ही छोड़ने से झाइयां, दाग-धब्बे धीरे-धीरे ख़त्म होते हैं.
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हमारे मौजूदा लाइफस्टाइल के कारण पुरुषों में सेक्सुअल समस्याएं भी काफी देखी जा रहीं हैं. इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भी जायफल का प्रयोग किया जा सकता है. इसके प्रयोग से सेक्सुअल स्टैमिना भी बढ़ता है और उत्तेजना में कमी आदि की समस्या से भी राहत मिलती है.
1. जोड़ों और हड्डियों के लिए : हमारे शरीर के जोड़ों में कई बार बहुत अधिक दर्द की समस्या देखी जाती है, ख़ास कर सर्दियों में या फिर महिलाओं को. अगर आप भी शरीर के जोड़ों की समस्याओं से जूझ रही हैं तो आप भी जायफल का सेवन और इसके तेल का प्रयोग मालिश के लिए कर सकती हैं. दरअसल जायफल में एंटी-इन्फ्लैमेट्री गुण मौजूद होते हैं, जिसकी वजह से सूजन और उसके साथ होने वाले दर्द पर यह काफी असरकारक साबित होता है. तेल की मालिश कर रही हों तो इसकी कुछ बूंदों में नारियल या जैतून का तेल ज़रूर मिलाएं और अगर भोजन में इस्तेमाल कर रही हों तो चुटकी भर मात्रा का ही प्रयोग करें.
2. पेट या पाचन संबंधी समस्याओं के लिए : अगर आपको कोई पेट संबंधी समस्या हो रही हो तो आप जायफल के पाउडर का प्रयोग अपने खाने जैसे कि सूप या अन्य पेय पदार्थों में कर सकती हैं. इससे पाचन संबंधी समस्याएं ठीक हो जाती हैं.
3. मधुमेह के लिए : जायफल का प्रयोग मधुमेह या डायबीटीज़ को नियंत्रित रखने के लिए भी किया जा सकता है, क्योंकि यह खून में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसके लिए आप इसकी बहुत थोड़ी मात्रा अपने भोजन में शामिल करें.
4. हृदय के लिए : माना जाता है कि जायफल का प्रयोग करने से हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी नियंत्रित होता है, जिससे हृदय रोग होने की आशंका भी कम हो जाती है. जायफल हमारे ब्लड लिपिड में सुधार करता है और रक्त शिराओं में रुकावट नहीं आती.
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5. रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए : बीमारियों और संक्रमणों से शरीर की सुरक्षा करने का कार्य करती है, हमारी रोग-प्रतिरोधन क्षमता, लेकिन उम्र या लम्बी बीमारियों की वजह से यह कई बार कम हो जाती है और इसे बेहतर बनाने में भी जायफल बहुत लाभकारी होता है.
6. कैंसर से बचाने के लिए : जायफल में कैंसर न होने देने के भी गुण पाए जाते हैं. कैंसर जिन ट्यूमर्स के कारण हो सकता है, जायफल का प्रयोग उन ट्यूमर्स के रिस्क को कम कर सकता है.
7. मुंह के लिए : मुंह की देखभाल करने में भी जायफल बहुत कारगर साबित होता है. मुंह की दुर्गन्ध से लेकर, दांतों के दर्द और मुंह के छालों तक सभी के लिए जायफल का प्रयोग किया जा सकता है. जायफल में मैसीलिग्नन (macelignan) तत्व पाया जाता है, जिसके कारण यह एंटीकैरोजेनिक (दांत को टूटने से बचाने वाला) गुण से युक्त हो जाता है. साथ ही यह मुंह में पाए जाने वाले एक बैक्टीरिया स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स (Streptococcus Mutans) से भी हमारे दांतों के रक्षा करता है, जिनके कारण मुंह से दुर्गन्ध आती है.
दिमागी तंदरुस्ती बनाए रखने में जायफल बहुत लाभकारी साबित होता है. जायफल में मौजूद मिरिस्टिसिन (myristicin) नामक कंपाउंड के कारण यह एकाग्रता या ध्यान बढ़ाने में मददगार होता है. इसके अलावा इसमें कुछ ऐसे भी तत्व होते हैं, जो अल्ज़ाइमर को बढ़ाने वाले एंजाइम्स को भी रोकते हैं. इसलिए आप चाहे तो अपने बच्चों और घर के अन्य सदस्यों को उनकी मानसिक सेहत बेहतर बनाए रखने के लिए रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म पानी में एक चुटकी जायफल के पाउडर को मिलाकर दे सकती हैं.
इसके अलावा जायफल में एंटी-डिप्रेसेंट (anti-depressant) और एंक्शियोलिटिक (anxiolytic) गुण भी पाए जाते हैं जो अवसाद से लड़ने और हमारी मानसिक चिंता को कम करने का काम भी करते हैं.
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अनिद्रा के लिए : रात को सोने से पहले एक चुटकी जायफल को गर्म दूध के साथ लेने से आपको अनिद्रा या नींद ना आने की समस्या से भी राहत मिलेगी. लेकिन ध्यान रखें की अधिक समय के लिए जायफल का प्रयोग न करें.
कामेच्छा के लिए : पुरुषों में होने वाली सेक्सुअल समस्याओं जैसे कि कामेच्छा को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है. इसके लिए दूध में एक चुटकी जायफल का मसाला डालें.
चेहरे के लिए : जायफल के पाउडर को शहद में मिलाकर लगाने से मुंहासे ठीक होते हैं और साथ ही साथ चेहरे पर धब्बे भी कम होते हैं.
पाचन तंत्र के लिए : 500 मिलीग्राम जायफल के पाउडर को शहद में मिलाकर खाने से पेट में जठराग्नि या पाचन अग्नि ठीक होती है. साथ ही पेट की गैस और दस्त में भी आराम पहुंचता है.
श्वसन संबंधी समस्याओं के लिए : खांसी, सांस फूलना, वात और कफ आदि में 500 मिलीग्राम जायफल का पाउडर शहद में मिलाकर खाने से आराम मिलता है.
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अनिद्रा के लिए : अनिद्रा की स्थिति में रात को सोने से कुछ समय पहले आप चुटकी भर जायफल के पाउडर को शहद के साथ लें. कुछ दिनों के सेवन से आपको अनिद्रा की स्थिति में सुधार दिखाई देगा.
दर्द के लिए : जायफल को घिस कर और पानी के साथ लेप बना कर माथे पर लगाने से सिर दर्द में, कान के पीछे लगाने से कान दर्द में और नाभि पर लगाने से दस्त की समस्या में फायदा मिलता है.
अधिक प्यास लगने के लिए : रात पर जायफल को पानी में भिगोए रखें और सुबह 5 से 10 मिली मात्रा में इस पानी को पीने से बहुत अधिक प्यास लगने की समस्या भी ठीक होती है.
पेट दर्द के लिए : पेट में अगर दर्द हो रहा हो तो जायफल के तेल की एक से दो बूँद बताशे में डालें और फिर इस खा लें. पेट दर्द में कुछ ही देर में आपको आराम महसूस होने लगेगा.
दांत दर्द के लिए : जायफल के तेल में भिगोई हुई रुई को दांतों के बीच दबाए रखने से दांत का दर्द कम हो जाता है.
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त्वचा संबंधी समस्या के लिए : अगर त्वचा से जुडी हुई कोई समस्या हो तो आप उस ख़ास स्थान की त्वचा पर जायफल के तेल से मालिश कर सकती हैं. इनके बेहतर परिणाम के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श ज़रूर करें.
जोड़ों में दर्द के लिए : जोड़ों में दर्द जैसे कि गठिया आदि की समस्या होने पर दिन में दो से तीन बार जायफल के तेल की मालिश करने से बहुत आराम पहुंचता है.
अनिद्रा के लिए : अनिद्रा के स्थिति में अगर आप जायफल का सेवन नहीं कर सकतीं तो आप जैतून के तेल में कुछ बूंदे जायफल के तेल की भी मिला लें और सिर की मालिश हल्के हाथों से करें. इससे आपको अनिद्रा से आराम मिलेगा.
Mylo की पैरेंटिंग एक्सपर्ट टीम का कहना है कि जायफल बेशक एक बहुत ही सेहतमंद और फायदेमंद औषधि है, लेकिन अधिक मात्रा में किए गए सेवन के कारण, उल्टी, घबराहट, जी-मचलाना, भ्रम की स्थिति और पेट में जलन आदि हो सकती है. आप दो सप्ताह और 500 मिलीग्राम से अधिक मात्रा में इसका सेवन न करें. साथ ही गर्भवती स्त्रियाँ भी डॉक्टर से परामर्श के बाद ही जायफल को अपनी खुराक में शामिल करें.
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Written by
Ruchi Gupta
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