Updated on 4 March 2024
जन्म से लेकर शुरुआती 1 साल बच्चों के लिए बहुत ही नाज़ुक होता है. इस समय उनका इम्यून सिस्टम बहुत ही कमज़ोर होता है. ऐसे में पेरेंट्स को अपने बच्चे का बहुत ज़्यादा ख़्याल रखना होता है. अक्सर जानकारी के अभाव में पेरेंट्स यह समझ नहीं पाते हैं कि उनके बच्चे के लिए शुरुआती एक साल में कौन-से टीके (Vaccine) ज़रूरी हैं और क्यों! पेरेंट्स की इसी समस्या को समझते हुए हम इस आर्टिकल में टीकाकरण (Vaccination) से संबंधित हर ज़रूरी जानकारी का ज़िक्र करने जा रहे हैं.
जन्म के समय बच्चे को बीसीजी (BCG), ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV 0) और हिपेटाइटिस बी (Hep – B1) का टीका लगाया जाता है.
जब बच्चा 6 हफ़्ते का हो जाता है, तो उसे डीटीपी DTP 1), इनएक्टिवेटिड पोलियो वैक्सीन (IPV 1), हिपेटाइटिस बी का बूस्टर डोज़ (Hep – B2), हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (Hib 1), रोटावायरस 1, और न्यूमोकॉकल कॉन्जुगेट वैक्सीन (PCV 1) लगाई जाती हैं.
10 हफ़्ते की उम्र में बच्चे को DTP 2 (डीटीपी 2), (हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (Hib 2), (इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन (IPV 2), हेपेटाइटिस बी (Hep – B3), और रोटावायरस 2,(PCV 2) वैक्सीन लगाई जाती है.
जब बच्चा चौदह हफ़्ते का हो जाता है, तो उसे डीटीपी 3 (DTP 3), हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप (Hib 3), इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन (IPV 3), हेपेटाइटिस बी (Hep* – B4), रोटावायरस 3, और न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन (PCV 3) लगाई जाती हैं.
आमतौर पर 6 माह की उम्र होने पर बच्चे को टाइफाइड कॉन्जुगेट वैक्सीन (TCV#) लगाई जाती है.
9 माह की उम्र में बच्चे को खसरा (Measles), कंठमाला (Mumps) और रूबेला (Rubella) (MMR - 1) जैसे महत्वपूर्ण टीके लगाए जाते हैं.
जब बच्चा 12 महीने यानी कि एक साल का हो जाता है, तो उसे हेपेटाइटिस ए (Hep – A1) और इन्फ्लुएंजा (वार्षिक) का टीका लगाया जाता है.
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एक्सपर्ट की मानें तो टीकाकरण बच्चे के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होता है. किसी भी वैक्सीन को तब तक मंजूरी नहीं दी जाती है जब तक कि वे विभिन्न परीक्षणों के दौर से न गुजरे. ये बच्चे को रोगों से बचाने का एक इफेक्टिव तरीक़ा होती हैं. इसलिए बच्चों को समय पर टीका लगाया जाना चाहिए. इससे ना केवल वह खुद; बल्कि अन्य वह भी प्रभावित होते हैं, जो उनके संपर्क में आते हैं.
सही समय पर लगाया गया सही टीका बच्चे को स्वस्थ रखता. हालाँकि, ऊपर बताए गए इन सभी टीकों को याद रखना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. ऐसे में टीकाकरण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए आप माइलो एप पर उपलब्ध टीकाकरण ट्रैकर टूल (Vaccination tracker tool) की मदद ले सकते हैं. इस टूल की मदद से आप बच्चे की उम्र के अनुसार महत्वपूर्ण टीकों के बारे में जान सकते हैं. साथ ही, टीकाकरण के लिए अलार्म या रिमाइंडर सेट करके रख सकते हैं.
उम्मीद है कि अब आप बच्चे की वैक्सीन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण बात समझ चुके होंगे.
हैप्पी पेरेंटिंग!
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Written by
Priyanka Verma
Priyanka is an experienced editor & content writer with great attention to detail. Mother to an 11-year-old, she's a ski
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