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Pregnancy Journey
23 February 2024 को अपडेट किया गया
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अगर आप भी प्रेग्नेंसी के बारे में सोच रही हैं तो आपके मन में भी यह सवाल ज़रूर आ रहा होगा कि पीरियड्स के कितने दिन बाद प्रेग्नेंसी हो सकती है या फिर क्या पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से भी प्रेग्नेंसी हो सकती है? आपके इन सवाल का जवाब आपके मेंस्ट्रुअल साइकिल में ही छिपा है. और बजाए परेशान होने के, बेहतर रहता है, जब आप अपने शरीर और उसके भीतर होने वाली घटनाओं के बारे में जानकारी रखें। इससे आप खुद आसानी से फैसला कर सकती हैं कि अगर आपको प्रेग्नेंट होना है तो उसके लिए सबसे बेहतर समय आपके अनुसार कौन सा रहेगा और कब सेक्स करने से आपके प्रेग्नेंट होने की संभावनाएं सबसे कम रहेंगी.
प्रेग्नेंसी बहुत हद तक पीरियड्स पर निर्भर करती है, जिसके बाद ही महिलाओं के ओवुलेशन पीरियड शुरू होता है. हर किसी का मेंस्ट्रुअल साइकिल अलग-अलग होता है, जैसे कि किसी का 28 दिन का होता है, तो किसी का 36 दिन का. यही वजह है कि अगले पीरियड्स की शुरुआत से लगभग 12 से 16 दिन पहले प्रेग्नेंसी की संभावना सबसे अधिक होती है, क्योंकि इसी महिला के अंडाशय से परिपक्व या मैच्योर अंडा निकलकर फैलोपियन ट्यूब में आ जाता है. इसी पीरियड को ओवुलेशन पीरियड भी कहा जाता है. अगर इस अवधि में अंडे से शुक्राणु मिल जाए तो प्रेग्नेंसी हो सकती है. लेकिन ऐसा नहीं है, कि इस अवधि के पहले प्रेग्नेंसी नहीं हो सकती। ओवुलेशन पीरियड के पहले भी प्रेग्नेंसी की काफी संभावना होती है, जिस समय शरीर में हॉर्मोन्स फॉलिकल्स (follicles) को बना रहे होते हैं.
प्रेग्नेंसी पीरियड्स के कितने दिन बाद हो सकती है? क्या पीरियड्स के तुरंत बाद ही प्रेग्नेंसी हो सकती है? यह बात निर्भर करती है, किसी के भी ओवुलेशन पीरियड पर. अगर किसी महिला का मेंस्ट्रुअल साइकिल औसत होता है, तो पीरियड के पहले दिन से शुरुआत करने पर उनका ओवुलेशन पीरियड दूसरे सप्ताह से ही शुरू हो जाएगा यानी कि वह महिला अपने पीरियड्स के ख़त्म होने के साथ ही ओवुलेशन के लिए भी तैयार होना शुरू हो जाती है. उदाहरण के लिए अगर किसी महिला का मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 दिन का है, जो औसत है और उसे सिर्फ 4-5 दिन ही पीरियड्स होते हैं तो उनके मेंस्ट्रुअल साइकिल की शुरुआत यानी पीरियड पहले दिन से है और उनके साइकिल के 7वें दिन से उनकी प्रेग्नेंसी की संभावना बन जाती है, जिस समय उनके शरीर में ओवुलेशन से पहले फॉलिकल बन रहे होते हैं. ऐसे में पीरियड्स ख़त्म होने के तुरंत बाद अगर सेक्स किया जाए तो प्रेग्नेंसी हो सकती है.
इसके अलावा यहां यह भी ध्यान देने की बात है कि सेक्स के बाद महिला के शरीर में लगभग 5 से 7 दिन के लिए शुक्राणु जीवित रह सकते हैं. इसीलिए कभी-कभी पीरियड्स के दौरान या फिर पीरियड्स के तुरंत बाद किए गए सेक्स के कारण भी प्रेग्नेंसी हो सकती है, भले आपका ओवुलेशन कुछ दिन बाद में होता हो, क्योंकि उस समय आपके शरीर में जीवित शुक्राणु मौजूद होंगे. अकसर जिन महिलाओं को अनियमित पीरियड्स होते हैं, उन्हें अपना ओवुलेशन पीरियड समझने में समस्या हो सकती है. इसके अलावा छोटे मेंस्ट्रुअल साइकिल जिन्हें होते हैं, उनका ओवुलेशन पीरियड भी बहुत जल्दी शुरू हो सकता है, जिसके तहत वे पीरियड्स ख़त्म होने के ठीक अगले दिन से भी गर्भवती हो सकती हैं. साथ ही मेनोपॉज़ के दौर से गुज़र रही महिलाओं को भी पीरियड्स के दौरान या उसके तुरंत बाद प्रेग्नेंसी हो सकती है.
मेंस्ट्रुअल साइकिल को अगर चार चरणों में बांटा जाए तो सबसे पहला चरण है, पीरियड्स (Mensturation), दूसरा चरण है फॉलिक्युलर (Follicular), तीसरा चरण है ओवुलेशन (Ovulation) और चौथा है लुटियल (Luteal) चरण. पीरियड्स के बाद किसी भी महिला के शरीर में पहले फॉलिकल तैयार होते हैं और उसके बाद एक मैच्योर अंडा अंडाशय से निकलता है. इसके बाद महिला का शरीर गर्भ ठहरने की सभी तैयारियां करता है और अगर अंडा और शुक्राणु का मेल न हो पाए तो, पीरियड्स फिर से हो जाते हैं. इस तरह से यह चक्र चलता रहता है और हर माह प्रेग्नेंसी के लिए महिलाओं का शरीर तैयार होता है. यह चक्र तब तक चलता है, जब तक प्रेग्नेंसी न हो.
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पीरियड्स के बाद प्रेग्नेंसी की कितनी संभावना है. यह पूरी तरह से निर्भर करता है महिला के ओवुलेशन पीरियड पर और सेक्स के समय पर. सही ओवुलेशन पीरियड की जानकारी आपकी प्रेग्नेंसी की संभावनाओं को काफी हद तक बढ़ा देती है. जैसा कि हम पहले ही बात कर चुके हैं कि पीरियड्स के ख़त्म होने के 10वें दिन से 17वें दिन तक प्रेग्नेंसी के संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं. इसके अलावा ओवुलेशन पीरियड से पहले भी प्रेग्नेंसी हो सकती है. यानी ओवुलेशन से पहले के पांच दिन में अगर शारीरिक संबंध बनाएं जाएं तो प्रेग्नेंसी या गर्भधारण की संभावना हो सकती है.
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प्रेग्नेंसी की बेहतर संभावनाओं के लिए बहुत ज़रूरी है कि आपको आपका ओवुलेशन का सही समय पता हो. अगर आप अपना ओवुलेशन पीरियड या ओवुलेशन का सही समय नहीं जानतीं तो आप अपने शरीर में होने वाले कुछ लक्षणों के माध्यम से भी इस समय का आंकलन लगा सकती हैं.
शरीर का तापमान बढ़ाना - आमतौर पर ओवुलेशन का समय पास आने के साथ ही महिलाओं के शरीर का तापमान सुबह के समय बढ़ जाता है, जो अपने आप में एक संकेत है.
सर्वाइकल म्यूकस - ओवुलेशन का समय जब नज़दीक होता है तो सर्वाइकल म्यूकस या योनि से निकलने वाले सफ़ेद पदार्थ में भी बदलाव देखने को मिलते हैं. इस समय वह कच्चे अंडे के सफ़ेद भाग की तरह दिखाई देने लगता है.
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नसों में ऐंठन - जैसे पीरियड्स के दौरान पेट के निचले हिस्से की नसों में ऐंठन का अनुभव होता है, ठीक वैसा ही अनुभव कई बार ओवुलेशन के समय पर भी होता है.
ब्रेस्ट का कोमल होना - इन संकेतों के अलावा ब्रेस्ट या छाती भी ओवुलेशन के समय थोड़ा कोमल हो जाती है.
ओवुलेशन ऐप - अगर आप अपना ओवुलेशन पीरियड जानना चाहती हैं तो आप ओवुलेशन ऐप भी इस्तेमाल कर सकती हैं, जिससे आपको प्रेग्नेंसी के लिए सही समय का भी पता चल जाएगा.
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Mylo की पैरेंटिंग एक्सपर्ट टीम का कहना है कि प्रेग्नेंसी की संभावनाओं को जानने के लिए आप अपने मेंस्ट्रुअल साइकिल, खासकर ओवुलेशन पीरियड का ध्यान रखें। अगर आप प्रेग्नेंसी चाहती हैं तो आप ओवुलेशन के समय प्रयास करें और सही समय जानने के लिए ओवुलेशन ऐप का भी आप प्रयोग कर सकती हैं. अगर आप अभी प्रेग्नेंसी नहीं चाहतीं हैं तो कॉन्ट्रासेप्टिव्स या गर्भ निरोधक उपायों का प्रयोग ज़रूर करें.
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Written by
Ruchi Gupta
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