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    Treatment to Prevent Infertility in Women in Hindi | महिलाओं को इनफर्टिलिटी से बचाते हैं ये 4 उपाय

    In Vitro Fertilization (IVF)

    Treatment to Prevent Infertility in Women in Hindi | महिलाओं को इनफर्टिलिटी से बचाते हैं ये 4 उपाय

    8 August 2023 को अपडेट किया गया

    अगर कोई महिला गर्भनिरोधक लिए बिना 12 महीनों तक सहवास करने पर भी गर्भवती नहीं होती, तो उसे इंफ़र्टिलिटी की समस्या हो सकती है. इंफ़र्टिलिटी पुरुष में भी हो सकती है. ऐसी स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श लेना ज़रूरी हो जाता है.

    महिलाओं में इंफ़र्टिलिटी के कारण :

    लोगों को इस भ्रम में नहीं जीना चाहिए कि इंफ़र्टिलिटी समय के साथ ठीक हो जाएगी. यह एक गंभीर समस्या है जिसके दूरगामी परिणाम हैं और इसमें चिकित्सकीय उपचार की जरूरत पड़ती है. इंफ़र्टिलिटी के संभावित कारणों को जानने के तरीके हैं और उनके उपचार भी मौजूद हैं. आपको बिना देर किए इसका उपचार शुरू कर देना चाहिए. महिलाओं में इंफ़र्टिलिटी के कारण

    महिलाओं में इंफ़र्टिलिटी के कुछ सामान्य कारण नीचे दिए गए हैं :

    1. फ़ेलोपियन ट्यूब में खराबी :

    फ़ेलोपियन ट्यूब में खराबी होने पर शुक्राणु अंडाणु तक नहीं पहुंच पाते. इसलिए, असुरक्षित सहवास के बावजूद गर्भवती नहीं हो पाती है. साथ ही, यह फ़ेलोपियन ट्यूब किसी चोट या पेड़ू के आस-पास हुए ऑप्रेशन के कारण भी क्षतिग्रस्त हो सकती है जिससे इंफ़र्टिलिटी की समस्या हो जाती है.

    2. हॉर्मोन के कारण :

    हॉर्मोन की समस्याएं जैसे हाइपोथाएरॉएडिस्म या हाइपरथाएरॉएडिस्म के कारण महिलाओं में इंफ़र्टिलिटी हो जाती है. इसके अलावा, प्रोलैक्टिन की अधिक मात्रा होने पर भी आवोल्यूशन में समस्या आने लगती है. एक और बहुत बड़ी हॉर्मोनल समस्या है पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जो फ़र्टिलिटी को प्रभावित करती है.

    3. कैंसर :

    कैंसर के उपचार में अक्सर कीमोथेरेपी और रेडिएशन शामिल होता है. कीमोथेरेपी और रेडिएशन दोनों ही महिलाओं में फ़र्टिलिटी को प्रभावित करते हैं.

    4. प्रीमेच्योर मीनोपॉज :

    जो महिलाएं इम्यूनसिस्टम की समस्याओं से जूझती हैं उन्हें 40 की उम्र से पहले मीनोपॉज़ होने की संभावना होती है. यह इंफ़र्टिलिटी का ठोस कारण है क्योंकि मीनोपॉज के दौरान ओवरी काम नहीं करती हैं.

    5. सर्वाइकल समस्याएं :

    गर्भाशय या सर्वाइकल ट्यूमर, चाहे वह छोटा हो, इंफ़र्टिलिटी का कारण बन सकता है. इस स्थिति में फ़र्टिलाइज अंडाणु यूट्रस तक नहीं पहुंच पाते, और ओवोल्यूशन नहीं हो पाता है.

    6. एंड्रोमेट्रिओसिस :

    कभी कभी गर्भाशय की बाहरी सतह पर एंडोमेट्रकल टिशू बनने लगते हैं. इस स्थिति में गर्भाशय और फ़ैलोपियन ट्यूब अच्छे से काम नहीं कर पाते. इससे अक्सर महिलाओं में इंफ़र्टिलिटी की समस्या उत्पन्न हो जाती है.

    फ़र्टिलिटी डायट प्लान :

    इंफ़र्टिलिटी के मामले में चिकित्सकीय परामर्श, कुछ टेस्ट और उनके आधार पर उपचार ज़रूरी होता है. हालांकि, फ़र्टिलिटी को बेहतर बनाने के लिए अंडाणुओं की गुणवत्ता बढ़ाने वाला डायट प्लान एक बेहतरीन तरीका है जो एक सप्लीमेंट की तरह काम करता है.

    जब आप इंफ़र्टिलिटी का उपचार करा रहे होते हैं तो आपके फ़र्टिलिटी डायट प्लान में पोषण युक्त भोजन शामिल करने से आपको फायदा होगा. ज्यादा फ़ाइबर वाला भोजन, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां और मछली इस स्थिति में अच्छी होती हैं. फलों में सिट्रस फल जैसे रसबरी, ब्लूबेरी आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता हो बढ़ाने में मदद करते हैं.

    सालमन, मछली, चीज़, मक्खन, और अंडे की जर्दी में एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन डी और फ़ोलेट जैसे आवश्यक तत्व पाए जाते हैं और इन्हें आपकी फ़र्टिलिटी बूस्टिंग डायट प्लान में शामिल किया जाता है. कैल्शियम और आयरन की भरपूर मात्रा होने के कारण आपको हरी पत्तेदार सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है. साथ ही, पोषण युक्त भोजन से अपने आप ही आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफ़ा होता है. अंतत:, जब आप इंफ़र्टिलिटी के उपचार के लिए जाते हैं, तो अच्छे सेहत आपको सफलता पाने में मदद करती है. फ़र्टिलिटी बूस्टिंग डायट प्लान

    महिलाओं में इंफ़र्टिलिटी को दूर करने के 4 उपचार

    इंफ़र्टिलिटी के सबसे आम उपचारों को नीचे देखें :

    1. आर्टीफ़िशियल इंसेमिनेशन :

    आर्टीफ़िशियल इंसेमिनेशन (एआई), में आपके साथी के शुक्राणुओं को आपके गर्भाशय में रखा जाता है. यह प्रक्रिया आपको ऑवोल्यूशन के समय की जाती है जिससे आप आसानी से गर्भवती हो सकें. इसके जैसी एक और प्रक्रिया है जिसे इंट्रायुटेरिन इंसेमिनेशन कहते हैं। इसमें, शुक्राणुओं को कैथेटर के अंदर डाला जाता है जिससे उनके अंडाणुओं से मिलने की संभावना और ज्यादा बढ़ जाती है.

    2. इन विट्रो फ़र्टिलाइजेशन :

    इन विट्रो फ़र्टिलाइजेशन (आईवीएफ़) में, आपके अंडाणुओं को आपके साथी के शुक्राणुओं के साथ लैब में फ़र्टिलाइज़ किया जाता है. जिसके बार उन्हें आपके गर्भाशय में रख दिया जाता है, और आपके गर्भधारण की उम्मीद की जाती है.

    3. डोनर एग :

    इस प्रक्रिया में, आप अपने बच्चे की प्राकृतिक मां नहीं होंगी, क्योंकि इसमें आपके साथी के शुक्राणुओं के साथ किसी डोनर के अंडाणुओं को फ़र्टिलाइज करके आपके गर्भाशय में रख दिया जाएगा.

    4. सेरोगेट मदरहुड :

    सेरोगेसी में, बच्चे को किसी अन्य महिला के गर्भ में पाला जाता है जिसका आपसे जैविक रिश्ता न हो. इसमें आईवीएफ़ के जरिए आपके और आपके साथी के शुक्राणु और अंडाणु को फ़र्टिलाइज करके उस महिला के गर्भ में रखा जाता है.

    निष्कर्ष :

    संतान न होना एक गंभीर समस्या है और इससे घर टूट भी जाते हैं. हालांकि आपको इंफ़र्टिलिटी के लक्षणों को नजरअंदाज न करने की सलाह दी जाती है, और जितनी जल्दी हो सके आपको चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए. आधुनिक स्वास्थ्य उपचार आपकी हर संभावित मदद करेंगे, और आप समय रहते ही अपनी खुशियों की उम्मीद कर सकती हैं.

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    Written by

    Parul Sachdeva

    A globetrotter and a blogger by passion, Parul loves writing content. She has done M.Phil. in Journalism and Mass Communication and worked for more than 25 clients across Globe with a 100% job success rate. She has been associated with websites pertaining to parenting, travel, food, health & fitness and has also created SEO rich content for a variety of topics.

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