Fertility Problems
28 February 2024 को अपडेट किया गया
स्पर्म मोटिलिटी पुरुषों में फर्टिलिटी का एक ज़रूरी पहलू है. यह स्पर्म के तेज़ी से आगे बढ़ने की क्षमता को बताता है जिससे वह फ़ीमेल रिप्रोडक्टिव ट्रेक से होते हुए एग्स तक पहुँच कर फर्टिलाइज़ हो सके. यह स्पीड फ्लैगेला (lagella) नामक संरचनाओं से तय होती है जिनकी मदद से स्पर्म आगे बढ़ता है. स्पर्म मोटिलिटी विभिन्न कारणों से प्रभावित होती है, जिसमें स्पेयम सेल्स की हेल्थ, फ़ीमेल रिप्रोडक्टिव टैक की स्थिति और कुछ हार्मोनल प्रक्रियाएँ शामिल हैं.
जहाँ स्पर्म मोटिलिटी (sperm motility meaning in hindi) से फर्टिलाइज़ेशन की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं वहीं लो मोटिलिटी मेल इंफर्टिलिटी पैदा कर सकती है. आइये जानते हैं लो स्पर्म मोटिलिटी (sperm motility in hindi) जिसे एस्थेनोज़ोस्पर्मिया (asthenozoospermia) भी कहा जाता है, के क्या कारण होते हैं.
इसके मुख्य कारण कुछ इस प्रकार हैं:
जेनेटिक दोष, फ्लैगेला की संरचना और काम करने की क्षमता को कम कर देते हैं जो स्पर्म के ट्रेवल करने के लिए ज़रूरी हैं और इस तरह जेनेटिक दोष इंपेयर्ड मोटिलिटी का कारण बन सकते हैं.
टेस्टोस्टेरोन, ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) और फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हार्मोन (follicle-stimulating hormone - FSH) स्पर्म प्रोडक्शन और मैच्योरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इन हार्मोन्स का असंतुलन लो स्पर्म मोटिलिटी पैदा कर सकता है.
ख़राब लाइफस्टाइल आपकी ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित करती है जिससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, सूजन और हार्मोनल गड़बड़ियाँ होती हैं और इस वजह से स्पर्म प्रोडक्शन और मोटिलिटी बुरी तरह से प्रभावित होने लगते हैं. इसके अलावा, मोटापा भी अक्सर एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन में कमी का कारण बनता है, जिससे स्पर्म मोटिलिटी और भी ख़राब हो सकती है.
इसके अलावा एनवायरनमेंटल टॉक्सिन्स; जैसे कि- पेस्टिसाइड, हेवी मेटल और इंडस्ट्रियल वेस्ट जैसे पदार्थों के संपर्क में आने से भी स्पर्म मोटिलिटी और ओवरआल हेल्थ ख़राब होने लगती है. इसके अलावा रेडिएशन और कीमोथेरेपी की दवाएँ भी स्पर्म मोटिलिटी को नुकसान पहुंचाती हैं.
इसे भी पढ़ें: पुरुषों में बांझपन का क्या मतलब है?
ऊपर बताए गये कारणों के अलावा भी कुछ ऐसे कारण हैं जिनसे स्पर्म मोटिलिटी (sperm motility in hindi) प्रभावित होती है; जैसे कि-
पुरुषों की बढ़ती हुई उम्र के साथ शुक्राणुओं की ओवरऑल क्वालिटी और मोटिलिटी में गिरावट आ सकती है. मोटिलिटी में धीरे-धीरे आने वाली यह कमी गर्भधारण करने की क्षमता को प्रभावित करती है.
ख़राब डाइट जिसमें अनहेल्दी फैट और शुगर की ज़्यादा मात्रा और ज़रूरी न्यूट्रीएंट्स जैसे - विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट के कम होने से स्पर्म क्वालिटी और मोटिलिटी ख़राब होने लगती है. जिंक, सेलेनियम, विटामिन सी, विटामिन ई और फोलेट जैसे प्रमुख पोषक तत्वों की कमी स्पर्म प्रोडक्शन और मोटिलिटी में बुरी तरह से कमी लाती है.
नियमित व्यायाम की कमी और एक सिडेंटरी लाइफ स्टाइल भी स्पर्म मोटिलिटी को गिराने में ज़िम्मेदार है. साथ ही, मोटापे की वजह से होने वाले हार्मोनल इंबैलेंस, ख़राब ब्लड सर्कुलेशन जैसी दिक्कतें स्पर्म मोटलिटी को कम कर देती हैं.
क्रोनिक स्ट्रेस, हार्मोनल इंबैलेंस से लेकर ब्लड सर्कुलेशन और इम्यून सिस्टम रेस्पोंस तक शरीर को कई लेवल पर प्रभावित करता है जिसे स्पर्म क्वालिटी और मोटिलिटी पर सीधा प्रभाव पड़ता है.
इसे भी पढ़ें: पुरुषों के भी होते हैं हार्मोन्स असंतुलित, जानें क्या होते हैं कारण!
अब आपको बताएँगे कि स्पर्म मोटिलिटी (how to increase sperm motility in Hindi) बढ़ाने के लिए भोजन में किन चीजों को ज़रूर शामिल करना चाहिए.
स्पर्म क्वालिटी के लिए जिंक युक्त फूड आइटम्स; जैसे - लीन मीट, सी फूड, काजू, बादाम और कद्दू के बीज के अलावा जई और क्विनोआ का सेवन करें.
विटामिन बी 6, मैग्नीशियम और मैंगनीज जैसे मिनरल्स का रिच सोर्स केला, हार्मोन रेग्युलेशन और हेल्दी स्पर्म प्रोडक्शन में हेल्प करता है. इसमें विटामिन सी भी होता है और इसके एंटीऑक्सीडेंट्स स्पर्म को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाते हैं जिससे स्पर्म क्वालिटी बेहतर होती है.
अनार एंटीऑक्सिडेंट्स, विशेष रूप से प्युनिकालगिन्स (punicalagins) और एंथोसायनिन (anthocyanins) से भरपूर होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके स्पर्म हेल्थ को बढ़ाते हैं.
अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड का रिच सोर्स है जो रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स में ब्लड फ़्लो को बढ़ाने के अलावा स्पर्म सेल मेम्ब्रेन को भी हेल्दी रखता है.
फोलेट, बीटा-कैरोटीन और विटामिन सी से भरपूर पालक डीएनए सिंथेसिस और सेल डिवीज़न में मदद करता है जो हेल्दी स्पर्म प्रोडक्शन के लिए ज़रूरी है
ब्रोकोली एक क्रूसिफेरस (cruciferous) सब्ज़ी है जिसमें हाई लेवल के विटामिन सी, के और फोलेट के अलावा जिंक जैसे मिनरल्स भी होते हैं जिनसे टेस्टोस्टेरोन प्रोडक्शन में मदद मिलती है.
रोज़ाना के आहार के अलावा कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ भी स्पर्म मोटिलिटी (how to increase sperm motility in Hindi) बढ़ाने में मददगार हैं. आइये इनके बारे में भी जानते हैं.
एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी अश्वगंधा स्ट्रेस कम करने और हार्मोनल संतुलन बढ़ाने में असरदार है जिससे फर्टिलिटी में सुधार और स्पर्म हेल्थ में बेहतरी आती है.
शतावरी ओवरऑल रिप्रोडक्टिव हेल्थ को बेहतर करती है. इसमें हार्मोन-संतुलन के गुण होते हैं जिससे स्पर्म हेल्थ में सुधार आता है.
गोक्षुरा, पुरुषों में सेक्शुअल हेल्थ और फर्टिलिटी में सुधार करने की अद्भुद क्षमता रखता है जिससे स्पर्म काउंट और मोटिलिटी बढ़ती है.
जिनसेंग अपने एडाप्टोजेनिक गुणों के कारण स्पर्म क्वालिटी और मोटिलिटी को बढ़ाता है.
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर मेथी, मेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम के लिए लाभदायक है और इसके नियमित सेवन से स्पर्म हेल्थ और क्वालिटी में सुधार आता है.
आयुर्वेद के अलावा एलोपेथी में भी स्पर्म मोटिलिटी को बढ़ाने के लिए कुछ खास दवाओं का प्रयोग किया जाता है जिनसे अच्छा लाभ मिलता है; जैसे कि -
क्लोमीफीन एक एंटी-एस्ट्रोजन दवा है जो ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH), और फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हार्मोन के प्रोडक्शन को बढ़ाती है जिससे स्पर्म प्रोडक्शन और मोटिलिटी में सुधार आता है. इसका उपयोग आमतौर पर लो टेस्टोस्टेरोन लेवल या हार्मोनल असंतुलन के कारण होने वाली इंफर्टिलिटी के इलाज के लिए किया जाता है.
एनास्ट्राज़ोल, एस्ट्रोजन के स्तर को कम करके हार्मोनल संतुलन लाती है जिसे मोटिलिटी सहित ओवरऑल स्पर्म क्वालिटी में सुधार लाने में मदद मिलती है.
ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (HCG) एक हार्मोन है जो टेस्टिकल्स में टेस्टोस्टेरोन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है जिससे स्पर्म काउंट और मोटिलिटी पर अच्छा प्रभाव पड़ता है.
गोनैडोट्रोपिन एलएच और एफएसएच का सिंथेटिक रूप हैं और आईवीएफ जैसे टेक्निक के दौरान इनका उपयोग किया जाता है.
इसे भी पढ़ें: Fertility test in Hindi | गर्भधारण में परेशानी? ये फर्टिलिटी टेस्ट कर सकते हैं आपकी मदद!
मेल इंफर्टिलिटी से जुड़े कई सारे मुद्दों के इलाज़ के लिए जिनमें स्पर्म मोटिलिटी भी शामिल है एक होलिस्टिक अप्रोच अपनाना चाहिए. जिसमें दवाओं के साथ फिजिकली ऐक्टिव रहने से लेकर अच्छी डाइट और मेंटली रिलेक्स रहने की टेक्निक को भी अपनाएँ. क्योंकि अगर आपकी ओवरऑल हेल्थ अच्छी रहेगी तो उसका लाभ शरीर के सभी ऑर्गन्स को मिलेगा जिसमें रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स भी शामिल हैं.
1. Kumar N, Singh AK. (2015). Trends of male factor infertility, an important cause of infertility: A review of literature.
2. Dcunha R, Hussein RS, Ananda H, Kumari S, Adiga SK, Kannan N, Zhao Y, Kalthur G. (2022). Current Insights and Latest Updates in Sperm Motility and Associated Applications in Assisted Reproduction.
3. Fernández-López P, Garriga J, Casas I, Yeste M, Bartumeus F. (2022). Predicting fertility from sperm motility landscapes.
Tags
Sperm Motility in English, Sperm Motility in Tamil, Sperm Motility in Bengali
Yes
No
Written by
Kavita Uprety
Get baby's diet chart, and growth tips
7 home remedies for lice in Hindi | बच्चों के बालों से जूं हटाने के 7 घरेलू उपाय
Peeing after sex in Hindi | क्या सेक्स के तुरंत बाद यूरिन पास करना ज़रूरी होता है?
Top 5 Herbs For Female Fertility in Hindi | महिलाओं की फर्टिलिटी में सुधार करते हैं ये टॉप 5 हर्ब्स!
Ashwagandha Benefits for Female & Male Fertility in Hindi | आख़िर अश्वगंधा कैसे करता है गर्भधारण में मदद?
Pregnancy After Periods in Hindi | पीरियड्स के कितने दिन बाद प्रेग्नेंसी होती है?
Chasteberry Benefits in Hindi | असंतुलित हार्मोन्स और फर्टिलिटी प्रॉब्लम? चेस्टबेरी कर सकती है आपकी मदद
Mylo wins Forbes D2C Disruptor award
Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby carrier | baby soap | baby wipes | stretch marks cream | baby cream | baby shampoo | baby massage oil | baby hair oil | stretch marks oil | baby body wash | baby powder | baby lotion | diaper rash cream | newborn diapers | teether | baby kajal | baby diapers | cloth diapers |