VIEW PRODUCTS
Article Continues below advertisement
Implantation Bleeding
1 December 2023 को अपडेट किया गया
Article Continues below advertisement
इंप्लांटेशन क्या होता है? इंप्लांटेशन के लक्षण क्या होते हैं? पीरियड आने के कितने दिन पहले इम्प्लांटेशन होता है? क्या इम्प्लांटेशन के बाद पेट में दर्द हो सकता है? और इंप्लांटेशन के कितने दिन बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करना चाहिए?, आदि. ये वे सवाल हैं, जो अक्सर महिलाएँ करती हैं. अगर आप भी इन सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए, क्योंकि इस आर्टिकल के ज़रिये हम आपको इंप्लांटेशन से जुड़ी हर ज़रूरी जानकारी देंगे.
इंप्लांटेशन का अर्थ है- ‘प्रेग्नेंसी का सफ़र शुरू होना'. जी हाँ, जब स्पर्म एग के साथ फर्टिलाइज होता है, तो वह भ्रूण (एंब्रियो) का रूप ले लेता है. इस प्रक्रिया को इंप्लांटेशन कहा जाता है. दूसरे शब्दों में कहें तो फर्टिलाइजेशन के बाद होने वाली प्रक्रिया को इंप्लांटेशन कहा जाता है. बता दें कि इंप्लांटेशन महिलाओं के मासिक धर्म के अंतिम दिनों के आस-पास होता है. एंब्रियो इंप्लांटेशन के बाद हॉर्मोन्स का सिकरीशन शुरू हो जाता है, जिससे एक महिला का शरीर प्रेग्नेंसी के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है. इस दौरान पीरियड्स का आना बंद हो जाता है.
चलिए अब आपको बताते हैं कि इंप्लांटेशन की प्रोसेस सफल होने पर आपको किस तरह के लक्षण (implantation ke lakshan) महसूस होंगे!
इम्प्लांटेशन होने पर महिलाओं को स्पॉटिंग होती है. हालाँकि, महिलाएँ इस स्पॉटिंग को पीरियड्स समझने की ग़लती कर बैठती हैं और उन्हें लगता है कि अब उनके पीरियड्स शुरू हो गए हैं. जबकि असल में यह इंप्लांटेशन ब्लीडिंग होती है. यह ब्लीडिंग हल्की होती है और अक्सर पिंक या ब्राउन कलर की होती है.
इसे भी पढ़ें : इंप्लांटेशन ब्लीडिंग क्या है और यह कब होती है?
Article continues below advertisment
कुछ महिलाएँ इम्प्लांटेशन के दौरान हल्का पेट दर्द या ऐंठन महसूस करती हैं. कभी-कभी यह दर्द कमर में भी हो सकता है. पेट की यह ऐंठन एक से दो दिन तक हो सकती है.
इम्प्लांटेशन के दौरान हार्मोन्स में भी बदलाव होते हैं, जिसके चलते महिलाओं को अपने ब्रेस्ट में बदलाव नज़र आ सकता है. आपको ब्रेस्ट में सूजन, कोमलता या फिर भारीपन जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं.
इसे भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी के दौरान क्यों होते हैं ब्रेस्ट में बदलाव?
चूँकि इस दौरान आप हार्मोनल परिवर्तन से गुज़र रही होती हैं. इसलिए आपके मूड में भी बदलाव हो सकता है. आप ज़्यादा चिड़चिड़े या फिर इमोशनल हो सकते हैं.
कुछ महिलाएँ इम्प्लांटेशन के समय शरीर में अधिक गर्मी महसूस करती हैं. ये एक आम लक्षण है.
Article continues below advertisment
अगर इम्प्लांटेशन की प्रोसेस सफल होती है, तो महिलाओं को थकान भी जल्दी महसूस होने लगती है. थकान महसूस होने का कारण भी हार्मोनल बदलाव होता है.
अब आप समझ गए होंगे कि इम्प्लांटेशन की प्रक्रिया सफल होने पर शरीर में किस तरह के लक्षण महसूस होने लगते हैं या इम्प्लांटेशन के लक्षण (implantation ke symptoms in Hindi) क्या होते हैं.
इसे भी पढ़ें : गर्भावस्था के दौरान थकान: स्वस्थ रहने के लिए लक्षण और समाधान
चलिए अब आपको बताते हैं कि इंप्लांटेशन होने के कितने दिन बाद आपको प्रेग्नेंसी टेस्ट करना चाहिए.
प्रेग्नेंसी टेस्ट करने के लिए आपको अपने पीरियड्स मिस होने के बाद कम से कम एक हफ़्ते का इंतज़ार करना चाहिए. एक हफ़्ते के बाद आप घर पर ही प्रेग्नेंसी टेस्ट किट की मदद से टेस्ट कर सकती हैं और रिज़ल्ट जान सकती हैं. अगर आपका रिज़ल्ट पॉजीटिव आता है, तो इसका अर्थ है कि आपकी प्रेग्नेंसी का सफ़र शुरू हो चुका है. साथ ही, आपको बिना देरी किए अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए. वहीं, अगर आपको नेगेटिव प्रेग्नेंसी टेस्ट मिलता है, तो इसका अर्थ है कि आपको कुछ समय और इंतज़ार करना होगा!
Article continues below advertisment
इम्प्लांटेशन प्रेग्नेंसी के ख़ूबसूरत सफ़र का शुरुआती पड़ाव होता है. अगर आप फैमिली प्लानिंग के बारे में सोच रहे हैं तो आपको अपने शरीर में होने वाले बदलावों पर ज़रूर ग़ौर करना चाहिए और सही समय पर अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए.
1. Su RW, Fazleabas AT. (2015). Implantation and Establishment of Pregnancy in Human and Nonhuman Primates.
2. Sharma A, Kumar P. (2012). Understanding implantation window, a crucial phenomenon. J Hum Reprod Sci.
3. Guzeloglu-Kayisli O, Basar M, Arici A. (2007). Basic aspects of implantation.
Article continues below advertisment
Yes
No
Written by
Jyoti Prajapati
Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more
Read MoreGet baby's diet chart, and growth tips
बेबी बॉय के लिए टॉप 100 हिंदू नाम
3 Month Pregnancy Symptoms in Hindi | आख़िर कैसा होता है प्रेग्नेंसी का तीसरा माह?
Difference Between A Cesarean And Normal Delivery in Hindi | कौन-सी डिलीवरी बेहतर होती है- नॉर्मल या सिजेरियन?
4 Month Pregnancy Symptoms in Hindi | प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में कौन-से लक्षण महसूस होते हैं?
प्रेग्नेंट औरतों के लिए सबसे अच्छी चीज़ क्या है?
Cervical Length During Pregnancy in Hindi | सर्विक्स की लंबाई का प्रेग्नेंसी पर कैसे पड़ता है असर?
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby carrier | baby soap | baby wipes | stretch marks cream | baby cream | baby shampoo | baby massage oil | baby hair oil | stretch marks oil | baby body wash | baby powder | baby lotion |