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    Breast Changes During Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी के दौरान क्यों होते हैं ब्रेस्ट में बदलाव?

    Breast Changes During Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी के दौरान क्यों होते हैं ब्रेस्ट में बदलाव?

    Updated on 10 August 2023

    गर्भावस्था में स्तन परिवर्तन होना स्वाभाविक है। प्रेग्नेंसी होते ही स्त्री के शरीर में हार्मोनल बदलाव आने लगते हैं जिससे उसके स्तन डिलीवरी के बाद शिशु को ब्रेस्ट फीड कराने के लिए तैयार हो सकें. इन बदलावों में कारण ब्रेस्ट, निपल्स और एरियोला का साइज़ बढ्ने लगता है. ब्रेस्ट्स में ब्लड सर्क्युलेशन बढ्ने के कारण कई महिलाओं में ब्रेस्ट के पास की नसें भी अधिक उभरी हुई दिखने लगती हैं. कई अन्य महिलाओं में एरियोला की सतह पर दिखने वाली छोटी ग्लेण्ड्स जिन्हें मोंटगोमरी ग्लेण्ड्स कहा जाता है वो धीरे धीरे उभरने लग जाती हैं. इसके अलावा निप्पल पर छोटे-छोटे दाने भी महसूस होने लगते हैं क्योंकि इस दौरान छोटे सेबेशियस ग्लैंड बढ़ने लगते हैं जो निप्पल्स को ड्राई होने से बचाते हैं.

    इस पोस्ट में प्रेग्नेंसी के दौरान स्तनों में आने वाले इसी तरह के कई अन्य बदलावों के बारे में बात करेंगे.

    गर्भावस्था में ब्रेस्ट लीक होना

    प्रेग्नेंसी में छाती से दूध आना एक सामान्य बात है और इसे लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए. ब्रेस्ट में पंद्रह से बीस मिल्क डक्ट्स होती हैं जिनमें दूध बनता है और 14वें हफ्ते से ब्रेस्‍ट में दूध बनना शुरू हो जाता है. कई महिलाओं को बच्चा होने से पहले दूध आना जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं जिसे निपल डिस्चार्ज कहा जाता है. ये आमतौर पर प्रेग्नेंसी के अंतिम हफ्तों के दौरान होता है और ऐसा होना बिलकुल नॉर्मल है. ब्रेस्‍ट लीक होने पर कई बार कोलोस्‍ट्रम भी बाहर आ सकता है.

    इसके अलावा कई बात महिलाएं ये सवाल भी करती हैं कि बिना प्रेगनेंसी के दूध क्यों आता है? प्रेग्नेंसी ना होने पर भी महिलाओं में निपल डिस्चार्ज की समस्या हो सकती है जो दूध जैसा ही दिखाई देता है. इसके कुछ मुख्य कारण हैं लंबे समय तक किसी तरह का मानसिक दबाव या स्ट्रैस रहना, एंग्जाइटी, ओवर ऐक्टिव सेक्सुअल लाइफ, सेक्स करते हुए बहुत अधिक उत्तेजना होना या फिर कुछ खास कपड़ों से एलर्जी होना.

    प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट से पानी आना

    बच्चे के जन्म के लिए ब्रेस्ट खुद को प्रीपेयर करती हैं और इस वजह से कुछ परिवर्तन होना स्वाभाविक है. आमतौर पर महिलाओं को प्रेग्नेंसी के 26वें से 30वें हफ्ते में ब्रेस्ट से पानी आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं जबकि कुछ महिलाओं में प्रेग्नेंसी के 12वें हफ्ते में भी ब्रेस्ट से पानी आने लगता है लेकिन ये चिंता की बात नहीं है.

    लेकिन अगर ब्रेस्ट से ज्यादा पानी निकलने लगे और लगातार आता रहे तो यह असामान्य है और इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कि थायराइड में गड़बड़ी या ब्रेस्ट में इंफेक्शन. इसके अलावा ब्रेस्ट में गांठ होने या कैंसर जैसी समस्या की वजह से भी ब्रेस्ट लीकेज हो सकता है. कभी कभी ज्यादा टाइट ब्रा या ब्रा के खुरदुरे कपड़े के कारण लगने वाली रगड़ के कारण भी प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट से पानी आ सकता है.

    प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट पेन होना (Pregnancy me Breast pain kab hota hai)

    अक्सर महिलाओं को प्रेगनेंसी एस्टेब्लिश होने के बाद ब्रेस्ट पेन भी होने लगता है जिसे प्रेग्नेंसी के शुरुवाती लक्षणों में से एक माना जाता है. कन्सीव करने के लगभग 2 हफ्ते के अंदर ये लक्षण उभरने लगते हैं और इसके साथ ही गर्भवती महिला के स्तनों में भारीपन और दर्द भी हो सकता है. ये दर्द किसी को हल्का और कुछ को थोड़ा तेज़ होता है.

    प्रेग्नेंसी में कभी कभी दोनों ब्रेस्ट में और कभी कभी केवल दाहिने ब्रेस्ट में दर्द होता है जिसका कारण प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन्स के लेवल में आने वाले बदलाव हैं जो होने वाली माँ के शरीर को ब्रेस्ट फीडिंग के लिए तैयार करते हैं.

    असल में प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्ट का साइज़ बढ्ता है जिससे ये ज्‍यादा सेंसटिव हो जाती हैं और ऐसे में कई बार इन्हें छूने पर दर्द भी महसूस होता है. प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट पेन का एक अन्य कारण फाइब्रोसिस्टिक नामक कंडीशन भी हो सकती है जिसमें एक या दोनों स्तनों में छोटे सिस्ट या गांठ बन जाती हैं और इन के कारण सूजन व दर्द हो सकता है. इस के अलावा ब्रेस्ट में सूजन और रैडनेस भी हो सकती है साथ ही निप्पल ज्यादा उभरे हुए या टाइट होकर खड़े हुए से दिखाई देते हैं.

    प्रेग्नेंसी में रंग काला होना

    प्रेग्नेंसी में निप्पल का रंग भी ज्यादा गहरा और काला दिखने लगता है. इसका प्रेगनेंसी हार्मोन के कारण शरीर में मेलेनिन की मात्रा के बढ़ने के कारण होता है. मेलानिन एक तरह का पिगमेंट है जो त्वचा के रंग में बदलाव ले आता है.

    ज्यादा मिलेनिन से स्किन डार्क होने लगती है और इस वजह से आपको निप्पल और एरियोला का रंग ज्यादा काला होता हुए दिखाई देगा. खासतौर पर त्वचा के ऐसे हिस्से जिंका रंग पहले से ही पिग्म्नेटेड या गहरा है जैसे कि निप्पल के आसपास की त्वचा. जैसे जैसे प्रेगनेंसी का समय आगे बढ़ता है वैसे वैसे निप्पल का रंग ज्यादा डार्क होता जाता है और बच्चे के जन्म के बाद ये अपने आप ही नॉर्मल हो जाते हैं.

    प्रेग्नेंसी में आने वाले ये बदलाव सामान्य हैं और आप को इन्हें लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है. लेकिन अगर ब्रेस्ट लीकेज में किसी भी तरह की बदबू, असामान्य या बहुत ज्यादा स्राव जैसी प्रॉब्लम दिखाई दे तो ऐसे में अपने डॉक्टर से तुरंत सलाह लें.

    सोर्स

    Lee SE, Bae YK.(2020). Breast lesions during pregnancy and lactation: a pictorial essay. Ultrasonography.

    aik KC, Aschen SZ, Swistel AS, Talmor M. P55.(2022) PREGNANCY ASSOCIATED BREAST CHANGES AFTER NIPPLE SPARING MASTECTOMY

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    Written by

    Kavita Uprety

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