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    Dengue Symptoms in Hindi | इन लक्षणों को बिल्कुल भी हल्के में न लें, हो सकते हैं डेंगू के लक्षण!

    Illnesses & Infections

    Dengue Symptoms in Hindi | इन लक्षणों को बिल्कुल भी हल्के में न लें, हो सकते हैं डेंगू के लक्षण!

    24 October 2023 को अपडेट किया गया

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    मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी डेंगू हमेशा से ही चर्चा में रही है. मौसम बदलने के साथ ही यह बीमारी विकराल रूप लेने लगती है. हालाँकि, सावधानी रखकर आप इस बीमारी से ख़ुद को और अपने परिवार को बचा सकते हैं. आपकी जानकारी के लिए पेश है माइलो का यह आर्टिकल, जिसमें हम आपको डेंगू के बारे में हर वह महत्वपूर्ण जानकारी देंगे, जो आपके लिए ज़रूरी है!

    तो चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं कि डेंगू क्या होता (Dengue in Hindi) है!

    डेंगू क्या होता है? (Dengue meaning in Hindi)

    डेंगू एडीज नामक मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारी है. यह इंफेक्शन फ्लेविविरिडे परिवार (Flaviviridae family) के एक वायरस के सेरोटाइप- डीईएनवी-1 (DENV-1), डीईएनवी-2 (DENV-2), डीईएनवी-3 (DENV-3) और डीईएनवी-4 (DENV-4) के कारण होता है. डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार (Breakbone fever) के नाम से भी जाना जाता है. अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज नहीं करवाया जाता है, तो यह जानलेवा भी हो सकती है.

    डेंगू के लक्षण (Dengue ke lakshan in Hindi)

    बड़ों में डेंगू के लक्षण (Dengue symptoms in Hindi) कुछ इस प्रकार दिख सकते हैं;

    1. तेज़ बुखार (High fever)

    डेंगू के सबसे पहले लक्षण (Dengue ke lakshan in Hindi) में से एक है- तेज़ बुखार होना. शरीर में डेंगू वायरस के आ जाने के बाद सबसे पहले बुखार आता है. अक्सर यह बुखार 104 डिग्री तक भी पहुँच सकता है. इस बुखार के साथ पेशेंट को सुस्ती, कमज़ोरी और थकान भी महसूस हो सकती है.

    2. तेज़ सिरदर्द (Severe headache)

    डेंगू का दूसरा आम लक्षण है- सिरदर्द. यह सिरदर्द आम सिरदर्द से अलग होता है. यह दर्द अचानक से होता है. अगर आपको भी अचानक से सिरदर्द महसूस होने लगे, तो सतर्क हो जाएँ और तुरंत इस बारे में डॉक्टर से सलाह लें.

    3. जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द (Joint and muscle pain)

    डेंगू जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों में दर्द का कारण भी बन सकता है. यह दर्द आमतौर पर पैरों, घुटनों और कोहनियों में होता है. यह दर्द ऐसा महसूस होता है, जैसे मानो हड्डियाँ टूट रही हो. यही कारण है कि इसे ब्रेकबोन फीवर (Breakbone fever) के नाम से भी जाना जाता है.

    4. रैशेज (Rash)

    डेंगू बुखार (Dengue fever in Hindi) होने पर शरीर पर रेड कलर (लाल रंग) के छोटे-छोटे दाने दिख सकते हैं. आमतौर पर यह रैशेज बुखार की शुरुआत के दो से पाँच दिन बाद दिखाई देते हैं. ये रैशेज पेट, पीठ और हाथ-पैरों पर दिख सकते हैं.

    5. थकान (Fatigue)

    डेंगू होने के बाद पेशेंट ख़ुद को बहुत थका हुआ महसूस करता है. इस थकान के कारण डेली के काम करना भी मुश्किल हो जाते हैं. इतना ही नहीं, पेशेंट को किसी भी काम में रुचि नहीं आती है.

    6. मतली और उल्टी होना (Nausea and vomiting)

    डेंगू होने पर कुछ पेशेंट्स को उल्टी या मतली की समस्या हो सकती है. ऐसे में अगर आपको ऐसा कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो आपको डॉक्टर से मिलने बिल्कुल भी देरी नहीं करना चाहिए.

    7. ब्लीडिंग होना (Bleeding)

    कुछ गंभीर मामलों में डेंगू होने पर पेशेंट को ब्लीडिंग का सामना भी करना पड़ सकता है. यह ब्लीडिंग नाक या मसूड़ों से हो सकती है. इसके अलावा, यूरिन या पॉटी करने के दौरान भी हो सकती है.

    बच्चों में डेंगू के लक्षण (Signs of dengue fever in children in Hindi)

    डेंगू बच्चों को भी प्रभावित कर सकता है. डेंगू के कारण बच्चों को होने वाला बुखार आम बुखार से अलग होता है. बच्चों में डेंगू के लक्षण कुछ इस प्रकार से दिख सकते हैं;

    1. तेज़ बुखार (High fever)

    बड़ों की तरह ही डेंगू होने पर बच्चों को बुखार होता है. यह बुखार अचानक से होता है और इसका असर जल्द ही बच्चे के शरीर पर दिखने लगता है. अगर बच्चे को 2 से 7 दिन तक बुखार बना रहता है, तो यह डेंगू का लक्षण हो सकता है. ऐसी स्थिति में आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

    2.चिड़चिड़ापन (Irritability)

    डेंगू होने पर बच्चों में अधिक चिड़चिड़ापन आ जाता है. इस दौरान बच्चे अधिक परेशान करने लगते हैं.

    3. कम भूख लगना (Poor appetite)

    डेंगू होने पर बच्चों को कम भूख लगती है. अक्सर बुखार होने पर बच्चे खाना खाने में आनाकानी करते हैं.

    4. उल्टी आना (Vomiting)

    अगर बच्चे को बार-बार उल्टी और दस्त की समस्या होती है, तो यह डेंगू का लक्षण (Dengue ke lakshan Hindi) हो सकता है.

    5. त्वचा पर रैशेज होना (Skin Rash)

    डेंगू (Dengue symptoms Hindi) होने पर कुछ बच्चों की त्वचा पर रैशेज हो सकते हैं. इसके साथ ही बच्चों को त्वचा पर खुजली भी महसूस हो सकती है.

    6. साँस लेने में दिक्कत होना (Difficulty breathing)

    गंभीर मामलों में बच्चों को साँस लेने में परेशानी महसूस हो सकती है. अगर बच्चे को साँस लेने में समस्या महसूस होती है, तो ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से मिलने भी बिल्कुल भी देरी नहीं करना चाहिए.

    डेंगू से निपटने के लिए किन बातों पर ध्यान दें? (Dengue treatment in Hindi)

    डेंगू होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. आपको महसूस होने वाले लक्षणों के आधार पर डॉक्टर आपको सही सलाह देंगे. यहाँ हम आपको कुछ आम बातों के बारे में बताने जा रहे है, जो डेंगू से निपटने में (Dengue fever treatment in Hindi) आपकी मदद कर सकती हैं!

    1. मच्छरों से दूर रहें (Mosquito Control)

    मच्छरों के काटने से बचने के लिए मॉस्किटो नेट और मॉस्किटो रेपेलेंट (mosquito repellent) का इस्तेमाल करें.

    2. हाइड्रेशन (Hydration)

    डेंगू बुखार होने के दौरान शरीर में पानी की कमी हो सकती है. इसलिए इस दौरान पेशेंट को अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए. इसके अलावा, पेशेंट को नारियल पानी जैसे तरल चीज़ों का सेवन करना चाहिए.

    3. हाइजीन (Hygiene)

    डेंगू से बचने के लिए आपको अपने आसपास सफ़ाई का विशेष ध्यान देना चाहिए. अपने आसपास की जगह पर कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें.

    4. आराम (Rest)

    डेंगू होने पर पेशेंट को आराम और भरपूर नींद लेने की सलाह दी जाती है.

    5. कचरे को सही तरह से डिस्पोज करें (Proper waste disposal)

    कचरा सही तरीक़े से डिस्पोज करें. कचरे को खुला ना छोड़ें. प्लास्टिक और अन्य चीज़ों को इधर-उधर न फेंकें.

    6. कपड़ों का ध्यान रखें (Protective Clothing)

    मच्छरों से बचने के लिए फुल स्लीव्स के कपड़े पहनें. छोटे बच्चों को फुल स्लीव्स कपड़ों के साथ ही सॉक्स भी पहनाएँ.

    7. मेडिकेशन (Medication)

    डॉक्टर की सलाह के अनुसार मेडिसिन लें. अगर डेंगू बुखार गंभीर होता है, तो पेशेंट को हॉस्पिटल में भर्ती भी होना पड़ सकता है. इसलिए ज़रूरी है कि आप शुरुआत में ही इसके लक्षणों को लेकर सावधानी बरतना शुरू कर दें.

    प्रो टिप (Pro Tip)

    डेंगू एक गंभीर बीमारी हो सकती है, लेकिन सही इलाज और सावधानी के साथ आप ख़ुद को और अपनों को इस बीमारी से बचा सकते हैं. डेंगू के लक्षण महसूस होने या बच्चों में दिखने पर बिल्कुल भी लापरवाही न करें और तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें.

    रेफरेंस

    1. Verhagen LM, de Groot R. (2014). Dengue in children. J Infect.

    2. Rajapakse S, Rodrigo C, Rajapakse A. (2012). Treatment of dengue fever. Infect Drug Resist.

    3. Schaefer TJ, Panda PK, Wolford RW. (2023). Dengue Fever.

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    Written by

    Jyoti Prajapati

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