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Baby Care
16 October 2023 को अपडेट किया गया
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बेबी की मसाज के लिए कई तरह के तेल बाज़ार में उपलब्ध है. लेकिन एक तेल (ऑइल) ऐसा भी है, जो लगभग हर घर में आसानी से मिल जाता है, और यह ऑइल है- नारियल का तेल (कोकोनट ऑइल). नारियल तेल एक ऐसा तेल होता है, जिसे आप बच्चे से लेकर बड़ों तक के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. चलिए इस आर्टिकल के ज़रिये आपको बताते हैं कि नारियल के तेल से बेबी की मसाज (Coconut oil for baby massage in Hindi) करने पर उसे किस तरह के फ़ायदे होते हैं. साथ ही, आपको बताएँगे कि नारियल तेल कितने प्रकार के होते हैं और नारियल तेल ख़रीदने के दौरान आपको किन बातों पर ग़ौर करना चाहिए.
यूँ तो नारियल तेल से बेबी (Coconut oil for babies in Hindi) को कई तरह के फ़ायदे होते हैं, लेकिन यहाँ हम आपको कुछ टॉप फ़ायदों के बारे में बताने जा रहे हैं.
कोकोनट ऑइल बच्चों की त्वचा को पोषण और गर्माहट का एहसास देने का एक नेचुरल तरीक़ा है. इसमें मौजूद फैटी एसिड और विटामिन त्वचा को गहराई से पोषण देते हैं, जिससे बच्चे की त्वचा मुलायम बनी रहती है.
बच्चो की त्वचा पर खुजली, रूखापन और रैशेज होना बहुत ही आम है. ऐसे में नारियल तेल की मसाज बेबी को राहत दे सकती है. दरअसल, नारियल एंटी- इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है, जिसके कारण यह बेबी की नाज़ुक त्वचा के लिए बेहद फ़ायदेमंंद होता है.
नारियल का तेल एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भी भरपूर होता है. इसलिए यह बच्चे की नाज़ुक त्वचा को बैक्टीरिया और फफूंद जैसी सूक्ष्मजीवों से बचाता है. इससे बच्चे की त्वचा और बाल सुरक्षित रहते है.
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नारियल तेल से मसाज करने पर बेबी रिलेक्स महसूस करता है. इसकी हल्की खुशबू बेबी का मूड रिफ्रेश रखती है. इतना ही नहीं, नारियल तेल से मसाज करने पर बेबी का बेहतर तरीक़े से शारीरिक और मानसिक विकास होता है.
नारियल तेल बेबी के ब्लड सर्कुलेशन के लिए भी फ़ायदेमंद होता है. इससे बेबी के ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, जिसका फ़ायदा उसके पूरे शरीर को होता है.
कोकोनट ऑइल बच्चे के बालों की त्वचा के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद होता है. यह बालों का झड़ना बंद करता है और उन्हें नेचुरल तरीक़े से बढ़ने में मदद करता है. इसके अलावा, अगर आपके बेबी को डैंड्रफ की समस्या है,, तो ऐसी स्थिति में भी आप नारियल तेल का उपयोग कर सकते हैं.
इसे भी पढ़ें : घर पर नारियल के तेल की शुद्धता कैसे चेक करें?
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि नारियल तेल भी कई तरह के होते हैं. यहाँ हम आपको नारियल तेल के मुख्य चार प्रकारों के बारे में बताने जा रहे हैं.
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एक्सट्रा वर्जिन कोकोनट ऑइल (Virgin coconut oil for baby massage in Hindi), नारियल तेल का ऐसा रूप होता है, जिसमें बहुत कम प्रोसेस्ड किया जाता है. इसलिए यह न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है. इसमें किसी भी प्रकार के केमिकल्स और प्रिजरवेटिव का इस्तेमाल नहीं होता है. अक्सर बच्चों की मसाज के लिए (Best coconut oil for baby massage in Hindi) एक्सट्रा वर्जिन कोकोनट ऑइल की सलाह दी जाती है.
ऑर्गेनिक कोकोनट ऑइल को बनाने के लिए पेस्टिसाइड या सिंथेटिक फर्टिलाइज़र का उपयोग नहीं किया जाता है. यह बच्चों (Coconut oil for baby skin in Hindi) के लिए सुरक्षित विकल्प होता है. इसमें भी हानिकारक केमिकल्स का इस्तेमाल नहीं होता है.
कोल्ड-प्रेस्ड नारियल तेल- एक ऐसा तेल होता है, जिसे बिना गर्म किए एक्सट्रैक्ट किया जाता है. इससे नारियल तेल के सभी पोषक तत्व बरक़रार रहते हैं. यह ऑइल उन बच्चों के लिए भी फ़ायदेमंद होता है, जिनकी त्वचा सेंसिटिव होती है.
नेचुरल फ्लेवर और खुशबू को बरक़रार रखने के लिए इस प्रोसेस की मदद ली जाती है. इसमें नारियल तेल को कम से कम प्रोसेस्ड किया जाता है. इस तरह के ऑइल में भी केमिकल्स का प्रयोग नहीं होता है.
इसे भी पढ़ें :बेबी की स्किन के लिए कौन-सा मसाज ऑइल बेस्ट होता है?
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बेबी के लिए सही कोकोनट ऑइल चुनने के दौरान आपको इन 5 बातों का ध्यान रखना चाहिए.
नारियल तेल चुनने से पहले इसकी क्वालिटी पर ग़ौर करें. नारियल तेल शुद्ध, ऑर्गेनिक और हानिकारक केमिकल्स से मुक्त होना चाहिए. ऑइल की क्वालिटी चेक करने के लिए आप लेबल पर लिखें सर्टिफिकेशन या संकेतों को देखें.
मसाज के दौरान तेल की खुशबू का भी अहम रोल होता है. इसलिए ऐसे तेल को न चुनें, जिसकी खुशबू बहुत स्ट्रांग हो. इस तरह की खुशबू से बेबी को एलर्जी हो सकती है.
टेक्सचर के अनुसार भी कोकोनट ऑइल अलग होते हैं. टेम्परेचर के अनुसार ऑइल; सॉलिड, सेमि-सॉलिड या लिक्विड हो सकता है. मसाज के दौरान आपको जो टेक्सचर बेहतर लगता है, आप उसे चुनें.
कोकोनट ऑइल ख़रीदने के दौरान इसकी पैकेजिंग पर भी ग़ौर करें. ध्यान दें कि ऑइल हाइजीनिक तरीक़े से पैक किया गया हो, साथ ही इसे इस्तेमाल करना आसान हो.
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अगर आपके बेबी को त्वचा से संबंधित कोई एलर्जी है, तो ऐसी स्थिति में पीडियाट्रिशियन की सलाह लें और उनकी सलाह के अनुसार ही कोकोनट ऑइल चुनें.
कोकोनट ऑइल से बेबी की मालिश करने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान;
बेबी की मालिश करने से पहले नारियल तेल का पैच टेस्ट ज़रूर कर लें. बेबी के पूरे शरीर पर ऑइल लगाने से पहले स्मॉल एरिया पर ऑइल लगाएँ. किसी भी तरह की एलर्जी दिखने पर तुरंत इस्तेमाल बंद कर दें.
बेबी की मसाज के लिए सही समय चुनें; जैसे- आप नहलाने से पहले बेबी की मसाज कर सकते हैं. इसके साथ ही फ़ीडिंग के तुरंत बाद बेबी की मसाज न करें. ऐसा करने से बेबी चिड़चिड़ा हो जाता है.
बेबी को ठंडा तेल न लगाएँ. मसाज करने से पहले ऑइल को हल्का गर्म कर लें. इसके अलावा, बेबी को डायरेक्ट ऑइल न लगाएँ. पहले ऑइल को अपनी हथेली पर लें और हथेलियों को आपस में रगड़ें. इसके बाद ही बेबी की त्वचा पर लगाएँ.
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मसाज करने के दौरान अपने बेबी से बात करते रहें. इससे आपका और बेबी का रिश्ता मज़बूत होगा.
नारियल तेल से बेबी की फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों के लिए फ़ायदेमंद होता है. इसलिए आप अपने बेबी की मसाज के लिए इस ऑइल को चुन सकते हैं.
1. Konar MC, Islam K, Roy A, Ghosh T. (2020). Effect of Virgin Coconut Oil Application on the Skin of Preterm Newborns: A Randomized Controlled Trial. J Trop Pediatr.
2. Pupala SS, Rao S, Strunk T, Patole S. (2019). Topical application of coconut oil to the skin of preterm infants: a systematic review. Eur J Pediatr.
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Written by
Jyoti Prajapati
Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more
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