Pregnancy
6 May 2024 को अपडेट किया गया
प्रेग्नेंसी के दौरान हर महिला की ख़्वाहिश होती है कि उसकी डिलीवरी नॉर्मल तरीक़े से हो, और इसके लिए वह लगभग हर तरह की सलाह को मानती है. अगर आप भी नॉर्मल डिलीवरी के लिए इफेक्टिव टिप्स जानना चाहती हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है. इस आर्टिकल के ज़रिये हम आपको बताएँगे कि आख़िर वे कौन-से ऐसे टिप्स (Normal Delivery Tips in Hindi) हैं, जो नॉर्मल डिलीवरी में मदद करते हैं. साथ ही, इस आर्टिकल में हम उन लक्षणों (Normal delivery symptoms in Hindi) के बारे में बात करेंगे जो नॉर्मल डिलीवरी की ओर इशारा करते हैं.
प्रेग्नेंसी के दौरान नॉर्मल डिलीवरी की चाह रखने वाली हर महिला का सवाल होता है कि उन्हें नॉर्मल डिलीवरी के लिए क्या करना चाहिए (Normal delivery ke liye kya kare in Hindi), कौन-से ऐसे उपाय हैं, जो नॉर्मल डिलीवरी की संभावना को बढ़ाते हैं, आदि.
अगर आप भी नॉर्मल या वेजाइनल डिलीवरी की इच्छा रखती हैं, तो आपको इन टिप्स को ज़रूर फॉलो करना चाहिए!
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प्रेग्नेंसी के दौरान आपकी डाइट बहुत अहम हो जाती है. इस दौरान आप जो कुछ भी खाती-पीती हैं, उसका असर आपकी हेल्थ और गर्भ में पल रहे बेबी पर ज़रूर होता है. इसलिए इस दौरान हेल्दी डाइट फॉलो करें. शरीर में आयरन और कैल्शियम की कमी बिल्कुल भी न होने दें. आप चाहें तो इस दौरान आप अपनी डाइट के लिए किसी एक्सपर्ट डायटीशियन की भी मदद ले सकते हैं. इस दौरान आपको अपने चीनी के सेवन पर भी नज़र रखना चाहिए.
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में पानी की कमी आप पर और आपके गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों पर भारी पड़ सकता है और ऐसी स्थिति में अक्सर सिजेरियन डिलीवरी को अपनाया जाता है. इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान अपने शरीर में पानी की कमी बिल्कुल भी न होने दें.
नॉर्मल डिलीवरी के लिए आपको अपने एक्सरसाइज रूटीन (Exercise for normal delivery in Hindi) पर भी ध्यान देना चाहिए. एक्सरसाइज आपकी ओवरऑल हेल्थ के लिए फ़ायदेमंद होती है. प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज करने से आपका स्टेमिना बढ़ता है और इससे आपको लेबर का दर्द सहने में मदद मिलती है. प्रेग्नेंसी के दौरान हल्की-फुल्की मूवमेंट्स से बेबी भी गर्भ में सही पोजीशन में रहता है. हालाँकि, इस दौरान आपको सुरक्षित एक्सरसाइज को ही करना चाहिए. साथ ही, अधिक वज़न उठाने से बचना चाहिए. आप घर में पोंछा लगा सकती हैं या फिर थोड़ा डांस कर सकती हैं या फिर वॉक कर सकती हैं. जी हाँ, प्रेग्नेंसी के दौरान सिर्फ़ बिस्तर पर लेटे ही न रहें; बल्कि वॉक भी करते रहें. टहलने से शरीर एक्टिव रहता है. प्रेग्नेंसी के दौरान एक्टिव रहने से डिलीवरी बहुत स्मूथ तरीक़े से होती है.
प्रेग्नेंसी के दौरान तनाव यानी कि स्ट्रेस लेने से माँ और गर्भ में पल रहे बेबी की सेहत पर नेगेटिव असर होता है. अधिक स्ट्रेस लेने से प्रीमैच्योर डिलीवरी जैसे कई कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं. इसलिए इस दौरान अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों से बात करते रहें. अगर कोई परेशानी हो, तो उनके साथ शेयर करके उसे हल करने की कोशिश करें.
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बढ़े हुए पेट के कारण प्रेग्नेंसी में सोना मुश्किल हो जाता है. इस दौरान शरीर बहुत जल्दी थक भी जाता है. हालाँकि, फिर भी आपको अपनी नींद के साथ समझौता नहीं करना चाहिए. प्रेग्नेंसी में नींद की कमी कई कॉम्प्लिकेशन का कारण बन सकती है. सोने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें; जैसे कि-
सोने से पहले मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल न करें
लाइट बंद कर दें या हल्की लाइट में सोएँ
प्रेग्नेंसी पिलो का उपयोग करें
सोने से पहले आप कोई अच्छी-सी किताब भी पढ़ सकते हैं.
अगर आप सोने में परेशानी महसूस कर रही हैं तो आप एक अच्छे प्रेगनेंसी पिलो में भी इन्वेस्ट कर सकती हैं.प्रेगनेंसी पिलो आपको कमर दर्द से राहत देने में मदद कर सकता है और आप इसकी मदद से आरामदायक पोजिशन में सोने में सफलता हासिल कर सकती हैं.
प्रेग्नेंसी के दौरान आपको लेबर और चाइल्ड बर्थ से जुड़ी सही जानकारी ज़रूर होना चाहिए. इसलिए अपने आप को एजुकेट करते रहें. आप प्रेग्नेंसी से संबंधित किताबें पढ़ सकती हैं या फिर उन महिलाओं से बात कर सकती हैं, जिनकी नॉर्मल डिलीवरी हुई है. हालाँकि, ध्यान रखें हर महिला का प्रेग्नेंसी और डिलीवरी का सफ़र अलग हो सकता है. इसलिए अपने आप की उनसे तुलना न करें.
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डॉक्टर की दी हुई सलाह का पालन करें. प्रेग्नेंसी के दौरान कोई असामान्य स्थिति महसूस होने पर अपने डॉक्टर से परामर्श करने में देरी न करें.
ऊपर बताई गई टिप्स को फॉलो करके आप अपनी नॉर्मल डिलीवरी की संभावनाओं को बढ़ा सकती हैं.
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नॉर्मल डिलीवरी के लिए आपको प्रेग्नेंसी के समय से ही अपनी बॉडी पर ध्यान देना चाहिए. हेल्दी डाइट, लाइफस्टाइल, रेगुलर एक्सरसाइज और तनाव से दूरी बनाकर आप नॉर्मल डिलीवरी की संभावनाओं को बढ़ा सकती हैं.
1. Desai NM, Tsukerman A. (2023). Vaginal Delivery.
2. Counselling for Maternal and Newborn Health Care: A Handbook for Building Skills. (2013). Geneva: World Health Organization. SUPPORT DURING LABOUR AND CHILDBIRTH.
3. Pregnancy, Childbirth, Postpartum and Newborn Care: A Guide for Essential Practice. (2015). Geneva: World Health Organization; . D, CHILDBIRTH: LABOUR, DELIVERY AND IMMEDIATE POSTPARTUM CARE.
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Written by
Jyoti Prajapati
Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more
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