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Caring for your Newborn
12 December 2022 को अपडेट किया गया
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शिशु के जन्म के बाद हर माता-पिता की यही ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा स्वस्थ और हेल्दी रहें. साथ ही साथ उसकी वजन व लंबाई भी सही तरीके से बढ़ती रहें. वैसे तो शिशु के पहले तीन साल बेहद महत्वपूर्ण होते है, क्योंकि इस दौरान शिशु का शारीरिक और मानसिक विकास तीव्र गति से होता है. बता दें, नवजात शिशु का वजन ढाई किलों से चार किलो के करीबन सही माना जाता है. परंतु, अगर जन्म के वक्त बच्चे का वजन ढाई किलों से कम होता है तो इसका मतलब है कि आपका शिशु कमज़ोर है और उसे विशेष देखभाल की आवश्यकता है. क्योंकि, इस वक्त अगर शिशु के विकास पर ब्रेक लग जाएं तो फिर यह क्षति जिंदगीभर कभी पूरी नही हो पाएगी. लेकिन, इन टिप्स को अपनाकर आपको अपने शिशु के वजन को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
जन्म से लेकर छह महीने तक शिशु के विकास के लिए मां का दूध अमृत के समान होता है. मां के दूध में एंटीबॉडी नामक एक प्रोटीन होता है जो शिशु के शरीर को कई तरह के संक्रमण से लड़ने में मदद करता है. दरअसल, छोटे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत नहीं होती. जिस वजह से वो खुद एंटी बॉडी नही बना पाते है. परंतु, जैसे- जैसे वह बड़ा होता है उसका इम्यून सिस्टम पूर्ण रूप से विकसित होने लगता है. इसके अलावा, कम वज़न वाले बच्चों के फेफड़े पूरी तरह से विकसित नही होते है. ऐसे में उन्हें दूध पीने में बहुत अधिक परेशानी होती है. ऐसे में आपको शिशु को दूध पिलाने के लिए धैर्य रखने की आवश्यकता होती है और आपको उसे बार-बार दूध पिलाने की कोशिश करनी चाहिए. क्योंकि, अगर आपका बच्चा एक बार दूध पीना सीख जाएगा तो वो आसानी से स्तनपान करेगा. वहीं, अगर लाख कोशिशों के बाद भी आपका शिशु स्तनपान नही कर रहा है तो मां को अपना स्तनदूध एक साफ और उबले हुए कप में निकालकर शिशु को रूई या चम्मच की सहायता से पिलाना चाहिए. वहीं, जब तक आपके शिशु का वज़न सामान्य नही होता तब तक उसे हर दो घंटे में दूध पिलाते रहे.
कम वजन वाले नवजात शिशुओं को अपने शरीर का तापमान सामान्य बनाए रखने में बेहद दिक्कत आती है. क्योंकि अगर शरीर का तापमान नियंत्रित न हो तो उन में संक्रमण होने का ख़तरा बढ़ जाता है. ऐसे में आवश्यक है कि शिशु के शरीर के तापमान को कृत्रिम तरीकों से नियत्रिंत किया जाएं.
स्तनपान के साथ पर्याप्त नींद शिशु के विकास के लिए बेहद लाभदायक है. दरअसल, नवजात शिशु दिन में कम से कम बीस घंटे सोता है, जिसकी वजह से उसके शरीर में उत्तको, मांसपेशियों का विकास होता है. इसके अलावा, उसके वजन में भी परिवर्तन आता है.
शिशु का वज़न बढ़ाने के लिए बेहद कारगार है ये टिप्स
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Written by
Jyoti Prajapati
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