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    Low Lying Placenta

    प्लेसेंटा प्रिविया की देखभाल किस तरह की जाती है?

    12 December 2022 को अपडेट किया गया

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    प्लेसेंटा प्रिविया जो गर्भवती माँ और शिशु दोनों के लिए एक जोखिम भरी स्थिति है इसका कोई निश्चित इलाज़ नहीं है. इसका पता चलने पर केवल उचित देखभाल और निगरानी की जाती है और किसी भी तरह की एमेर्जेंसी होने पर शिशु का सर्जरी द्वारा जन्म करवाया जाता है.

    आइये जानते हैं किस तरह से की जाती है प्लेसेंटा प्रिविया में देखभाल और क्या सावधानियाँ लेनी चाहिए.

    • कई बार डॉक्टर्स पूरी गर्भावस्था के दौरान केवल प्लेसेन्टा की स्थिति की निगरानी रखते हैं. यह समय समय पर किये जाने वाले अल्ट्रासाउंड स्कैन के द्वारा किया जाता है.
    • आपकी देखभाल और ट्रीटमेंट इस बात पर भी निर्भर करता है कि कहीं आपको रक्तस्त्राव तो नहीं हो रहा. रक्तस्राव होने पर संभव है कि आपको पूरी गर्भावस्था के दौरान संभोग न करने की हिदायत भी दी जाए.
    • साथ ही आपको घर के कामकाज बहुत सहजता और आराम से करने की सलाह दी जाएगी और सभी कठोर व्यायाम या परिश्रम वाले काम करने के लिए मना कर दिया जायेगा ताकि योनि से दोबारा रक्तस्त्राव शुरु न हो जाए.
    • ज़रूरत महसूस होने पर डॉक्टर कंप्लीट बेड रेस्ट की सलाह भी दे सकते हैं.

    नीचे बताई गयी स्थितियों में डॉक्टर 32 हफ्ते की गर्भावस्था के बाद आपको कुछ कुछ समय के अंतराल में कई अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाने के लिए कह सकते हैं:

    • अगर आपको मेजर प्लेसेंटा प्रिविया है, जिसमें प्लेसेंटा सर्विक्स को पूरी तरह ढक लेती है.
    • आपको रक्तस्त्राव हुआ हो या
    • डॉक्टर को किसी अन्य कोंप्लीकेशन्स की संभावना दिख रही हो.

    कोई अन्य कोंप्लीकेशन्स न होने पर 38 सप्ताह के बाद आपको सिजेरियन ऑपरेशन द्वारा प्रसव करवाने की सलाह दी जा सकती है.

    लेकिन मेजर प्लेसेंटा प्रिविया होने पर या ​भारी रक्तस्त्राव होने पर आपको 34 सप्ताह में ही अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है.

    रक्तस्त्राव न होने पर इस बात की संभावना है कि आप शायद घर पर ही रह पाएँ मगर डॉक्टर की सलाह पर नियमित चेक-अप करवाते रहने होंगे.

    प्लेसेंटा एक्रीटा होने पर अधिक रिस्क होने के कारण 36 से 37 सप्ताह के बीच एमेर्जेंसी सिजेरियन करने की सलाह भी दी जाती है.

    क्योंकि ऑपरेशन के दौरान रक्तस्त्राव होने का खतरा ज्यादा रहता है, इसलिए डॉक्टर्स खून चढ़ाने की व्यवस्था भी तैयार रखते हैं.

    आप खुद क्या सावधानियाँ बरतें?

    1. हमेशा सहायता के लिए अपने आसपास किसी न किसी को रखें.
    2. साथ ही, यदि एमेर्जेंसी में तुरंत अस्पताल पहुंचना हो तो उसके भी इंतज़ाम रखें.
    3. अगर अस्पताल में भर्ती होने की तारीख से पहले ही आपको रक्तस्त्राव, कौंट्रेकशन या पीरियड्स जैसा दर्द महसूस हो, तो तुरंत अस्पताल जाएं.
    4. वहां आपको मेडिकल सुपेरविजन में रखा जाएगा और हो सकता है कि इन लक्षणों के बंद हो जाने पर भी प्रसव तक आपको अस्पताल में ही रहने के लिए कहा जाए.
    5. अगर ये लक्षण बने रहते हैं या फिर आपका समय से पहले प्रसव शुरु हो जाता है, तो एमेर्जेंसी सिजेरियन के जरिये शिशु का जन्म कराया जायेगा.
    6. शिशु के प्रीमैच्योर होने पर डॉक्टर उसे स्टेरॉयड के इंजेक्शन देने की सलाह भी दे सकते हैं, जो शिशु के फेफड़ों को तेजी से विकसित होने में मदद करता है.

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    Written by

    Shaveta Gupta

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