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    Sleep Position During Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए?

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    Sleep Position During Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए?

    30 November 2023 को अपडेट किया गया

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    प्रेग्नेंसी में शरीर कई तरह के बदलाव से गुजरता है जिस की वजह से माँ को थकान, वोमिटिंग, बेचैनी और बौड़ी पेन जैसी कई दिक्कतें होने लगती हैं. बढ़ते हुए पेट के कारण होने वाली माँ को ठीक तरह से सोने में भी दिक्कत आती है और इस बात की भी चिंता रहती है कि ग़लत तरीके़ से सोने पर बच्चे के विकास में बाधा ना उत्पन्न हो जाए. इस पोस्ट में आज आप को बताएँगे कि (pregnancy me kis side sona chahiye) और गर्भावस्था में सोने का सही तरीका क्या है.

    प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए

    प्रेग्नेंसी के दौरान सोने का (pregnancy me kaise sona chahiye) थंब रूल ये है कि आपको पेट के बल नहीं सोना चाहिए क्योंकि इससे शिशु पर दबाव पड़ता है. आइये हम आपको बताते हैं गर्भावस्था में सोने के तरीके जिन्हें पहले से लेकर तीसरे ट्राइमेस्टर तक अपनाने से आपको आराम से सोने में मदद मिलेगी.

    • पहले ट्राइमेस्टर में अच्छी और गहरी नींद लेने के लिए सही करवट से लेटें और समय-समय पर करवट बदलती रहें. पूरी गर्भावस्था में सोने का सही तरीका ये ही है.
    • बायीं ओर करवट लेना ज्यादा अच्छा है क्योंकि इससे जरूरी न्यूट्रीएंट्स और ब्लड प्लेसेंटा के जरिये बच्चे तक आसानी से पहुंचते है. बीच में दायीं करवट लें लेकिन थोड़ी देर के लिए ही.
    • दूसरे ट्राइमेस्टर में शरीर का स्ट्रैस कम हो जाएगा और नींद आना थोड़ा आसान लगेगा. चौथे से पांचवे महीने तक आप पीठ के बल भी सो सकती हैं क्योंकि अभी बेबी बम्प ज्यादा बड़ा न होने के कारण पीठ में दर्द की समस्या नहीं होती.
    • तीसरे ट्राइमेस्टर में पेट का आकार पहले से काफी बढ़ जाता है इसलिए ज़्यादातर बायीं करवट लेकर लेटें. अपने दोनों पैरों के बीच तकिया लगाकर सोयें जिससे नींद बेहतर आएगी.
    • घुटनों को मोड़कर इनके बीच में तकिया रखने से भी शरीर को आराम मिलेगा.
    • आप किसी आर्म रेस्ट चेयर पर औंधा या पीठ के बल आधा लेटा और आधा बैठकर भी सो सकती हैं जिसमें हार्टबर्न जैसी समस्या नहीं होती और नींद पूरी हो जाती है.

    प्रेग्नेंसी में सोने से जुड़ी कैसी मुश्किलें आती हैं

    प्रेग्नेंसी के तीनों ट्राइमेस्टर्स के दौरान अलग अलग तरह की दिक्कतों के कारण नींद संबंधी समस्याएँ होने लगती हैं लेकिन गर्भावस्था में सोने का सही तरीका (pregnancy me kaise sona chahiye) अपनाकर आप इन अपनी नींद की ज़रूरत को पूरा कर सकती हैं. इन दिक्कतों में से कुछ हैं

    • ब्लड सर्क्युलेशन बढ्ने के कारण किडनी पर प्रेशर बढ़ता है जिससे ज्यादा यूरीन पास होती है. इसके अलावा प्रोजेस्ट्रोन लेवल और यूटृस का साइज़ बढ़ने से यूरीन ब्लेडर पर प्रेशर बढ़ जाता है और बार-बार पेशाब आने के कारण नींद खराब होती है.
    • क्योंकि आने वाले शिशु को संभालने के लिए आपका शरीर तैयार होने लगता है और इस प्रक्रिया में मसल्स और जौइंट्स पर दबाव पड़ता है. इससे शरीर में जगह-जगह दर्द होने लगता है. ब्रेस्ट पेन और सर्विक्स में ऐंठन होने के कारण भी रात की नींद खराब होती है.
    • प्रेग्नेंसी में अधिकतर महिलाओं को पिंडलियों में भी ऐंठन होती है, जिससे रात की नींद खराब होती है.
    • दूसरी ट्राइमेस्टर में बैली बम्प के बढ्ने के कारण पेट पर दबाव बढ़ जाता है जिससे सीने में जलन की समस्या होने लगती है. लेटते पर यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है.
    • तीसरे ट्राइमेस्टर में वेट और ज्यादा बढ़ जाता है और यूट्रस का आकार भी पहले से बड़ा हो जाने के कारण पीठ में दर्द होने लगता है. बार बार पेशाब आने के कारण अधिकतर महिलाओं को रात को नींद आने में दिक्कत आती है.
    • पेट का आकार बढ्ने के कारण सांस लेने में भी दिक्कत महसूस हो सकती है. कई बार स्लीप एपनिया तक की समस्या हो जाती है.
    • आरएलएस या रेस्टलेस लेग सिंड्रोम भी एक ऐसे प्रौबलम है जिसमें अक्सर ऐसा महसूस होता है कि टांगों के अंदर चींटियां चल रही हैं जिससे रात की नींद खराब हो सकती है.

    प्रेग्नेंसी में कितनी देर सोना चाहिए

    अब आप जान गए हैं कि pregnancy me kis side sona chahiye लेकिन क्या आप ये जानते हैं, कि जब गर्भवती माँ सोती है तो उस दौरान उसके गर्भ में पल रहे बच्चे तक ब्लड और ऑक्सीजन का प्रवाह ज्यादा तेज गति से होता है. इसलिए डॉक्टर्स प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए रात में 8 घंटे और दिन में भी करीब 2 घंटे का आराम ज़रूरी मानते हैं. ऐसा ना होने पर प्लेसेंटा तक ब्लड सर्क्युलेशन में दिक्कत आने लगती है. इसका असर बच्चे की ग्रोथ पर पड़ता है और उसकी हार्ट बीट कम होने के साथ साथ उसे खून की कमी भी हो सकती है. नींद की कमी होने पर शरीर में ज़रूरी हार्मोंस भी नहीं बन पाते जिससे बच्चे को नुकसान हो सकता है.

    प्रेग्नेंसी में कैसे नहीं सोना चाहिए

    गर्भावस्था में कैसे सोये ये जानने के बाद आइये आपको बताते हैं कि आपको किस तरह से सोना अवॉइड करना चाहिए.

    • पेट के बल न सोयें इससे भ्रूण पर दबाव पड़ता है
    • दायीं करवट लेकर सोने से बचें या कम से कम लें.
    • शुरुवाती कुछ हफ्तों के बाद पीठ के बल ना सोएँ.
    • पीठ के लेटने से गर्भाशय के वजन का दबाव, रीढ़ की हड्डियों, मांसपेशियों और ब्लड वेसल्स पर पड़ सकता है जिससे बच्चे तक ब्लड सर्क्युलेशन ठीक तरह से नहीं हो पाता.

    प्रेग्नेंसी के दौरान अच्छी नींद आने के लिए क्या करें

    गर्भावस्था में कैसे सोये कि आपकी नींद पूरी हो जाए? आइये आपको देते हैं कुछ आसान टिप्स.

    • पैरों में सूजन और दर्द से राहत के लिए पैरों की हल्की मसाज से अच्छी नींद आती है.
    • रात को सोने से ठीक पहले पानी ना पियें इससे रात में बार-बार टॉयलेट नहीं जाना पड़ेगा.
    • रात को मिर्च-मसालेदार तले हुए खाने से परहेज करें.
    • सोने से करीब दो घंटे पहले हल्का खाना खाएं और फिर कुछ देर चहलकदमी ज़रूर करें.
    • सोने से पहले चाय या कॉफी का सेवन न करें.
    • रोज़ एक ही समय पर सोने का रूटीन बनाएँ जिससे रोज उसी समय आपको नींद आ जाएगी.
    • नियमित सैर, योग और प्राणायाम करें जिससे दिमाग शांत होगा और आप गहरी नींद सो सकेंगी.

    रेफरेंस

    1. Dr. Archana Nirula. October 13, 2021. प्रेगनेंसी में कैसे सोना चाहिए . www.myupchar.com

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    Written by

    Kavita Uprety

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