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  • Safety Rules for Kids in Hindi | बच्चों को अपनी सुरक्षा के लिए जरुर सिखाएँ, ये दस सुरक्षा के नियम arrow

In this Article

  • बच्चों के लिए सुरक्षा नियम (safety rules for child in hindi)
  • 1. अपना नाम, घर का पता और फोन नम्बर याद कराएं (Know your name, address and number)
  • 2. अजनबियों से लेकर कुछ न खाएं (Do not eat things given by strangers)
  • 3. दीवारों या छज्जों पर न चढ़ें (Do not climb fence)
  • 4. अकेले जाने की सीमा तय करें (Define the boundaries to your child)
  • 5. आग से दूरी बनाये रखें (Playing or experimenting with fire is big No-No)
  • 6. अनजान व्यक्ति के साथ कहीं नहीं जाएँ (Never go anywhere with stranger)
  • 7. अगर खो गए हैं तो जहां हैं, वहीं रुकें (Stop wherever you are, if you get lost)
  • 8. अजनबियों को अपना पता और अन्य जानकारी न दें (Do not share your personal information)
  • 9. अपने शरीर को किसी को भी न छूने दें (Do not allow others to touch your body)
  • 10. मुझे अच्छा नहीं लग रहा, तो मैं ऐसा नहीं करूँगा (If I am not comfortable, I will not do it)
  • प्रो टिप (Pro Tip)
Safety Rules for Kids in Hindi | बच्चों को अपनी सुरक्षा के लिए जरुर सिखाएँ, ये दस सुरक्षा के नियम

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Safety Rules for Kids in Hindi | बच्चों को अपनी सुरक्षा के लिए जरुर सिखाएँ, ये दस सुरक्षा के नियम

Updated on 15 February 2024

बच्चे बहुत ही चंचल और मासूम होते हैं और यही वजह है कि बच्चों की सुरक्षा माता-पिता के लिए चिंता का एक बहुत बड़ा कारण भी होती है. घर के साथ-साथ अपने बच्चों की सुरक्षा घर के बाहर भी सुनिश्चित करना माता-पिता की ही ज़िम्मेदारी है, इसलिए ज़रूरी है कि सही समय पर माता-पिता अपने बच्चों को, खुद को सुरक्षित कैसे रखा जाए यह ज़रूर सिखाएँ. आप बच्चों के लिए कुछ नियम तय कर सकते हैं, जिनका पालन करना बच्चों के लिए सिर्फ ज़रूरी नहीं, बल्कि अनिवार्य होना चाहिए. अपने इस आर्टिकल में हम कुछ महत्वपूर्ण नियमों को आपके लिए तैयार कर के लाए हैं. तो चलिए एक नज़र डालते हैं बच्चों की सुरक्षा के 10 नियम .

बच्चों के लिए सुरक्षा नियम (safety rules for child in hindi)

जब बात बच्चों की सुरक्षा की होती है तो माता-पिता अक्सर खुद के अलावा किसी और पर भरोसा नहीं कर पाते. काफी हद तक यह सही भी है. लेकिन क्या आप हर जगह अपने बच्चे के साथ रह सकते हैं और अगर आप ऐसा मानते हैं, तो फिर कितने समय तक ऐसा कर पाएंगे? कभी न कभी, आपको अपने बच्चे को घर से अकेले बाहर निकलने ही देना होगा. भले आपका दिल अभी इस बात को मानने के लिए तैयार न हो, लेकिन सच्चाई तो यही है कि जो बच्चे आत्म-निर्भर होते हैं, वे दूसरे बच्चों के मुकाबले ज़्यादा ज़िम्मेदार भी होते हैं. तो फिर अपने बच्चों की आज़ादी को बरक़रार रखते हुए, आप उन्हें अपनी सुरक्षा को बनाए रखने के लिए ये 10 सुरक्षा नियम ज़रूर सिखाएँ-

1. अपना नाम, घर का पता और फोन नम्बर याद कराएं (Know your name, address and number)

जीवन में कभी भी आपातकालीन स्थितियां आ सकती हैं. बच्चे बाहर किसी भी स्थिति में खुद को असुरक्षित या असहाय महसूस कर सकते हैं और ऐसे में उन्हें आपके साथ संपर्क बनाने की ज़रूर भी हो सकती है. इसके लिए ज़रूरी है कि आप अपने बच्चे को माता-पिता के नाम, घर का पता और माता-पिता के फ़ोन नंबर भी याद कराएँ. अगर आपका बच्चा अंकों को दोहरा सकता है, तो फिर यह बिलकुल सही समय है कि आप उसे घर का पता और फ़ोन नंबर याद करवाएं. एक बार याद करवा दिया तो आपका काम खत्म, ऐसा मत सोचिएगा. छोटे बच्चों को बार-बार किसी भी चीज़ को याद करवाना और दोहराना पड़ता है. आप अपने बच्चे को घर के आस-पास की कुछ ख़ास बिल्डिंग्स के बारे में भी ज़रूर बताएं.

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2. अजनबियों से लेकर कुछ न खाएं (Do not eat things given by strangers)

बच्चों के लिए यह जानना बहुत ज़रूरी होता है कि उन्हें किन से दूर रहना चाहिए. इसके लिए उन्हें अजनबियों या ऐसे लोगों के बारे में बताएं, जिन्हें आप बिलकुल भी नहीं जानते. इसके साथ-साथ आप उन्हें समझाएं कि उन्हें किसी से कुछ भी लेकर नहीं खाना चाहिए, भले वह चीज़ उनकी फेवरिट चॉकलेट या कैंडी ही क्यों न हो. आप अपने बच्चे को प्यार से ‘न’ कहना सिखाएं, जिससे दूसरों का दिल भी ना टूटे और आपका बच्चा भी अजनबियों के बीच सुरक्षित रह सके.

3. दीवारों या छज्जों पर न चढ़ें (Do not climb fence)

बच्चे अकसर अपनी चीज़ों, जैसे कि बॉल, कोई खिलौना या फिर पतंग को निकालने के लिए दीवारों या छज्जों पर चढ़ जाते हैं. इससे उन्हें चोट पहुँच सकती है या फिर कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है. अगर उनकी कोई चीज़ या खिलौना कहीं गिर जाता है तो उसे निकालने के लिए वे किसी वयस्क की मदद ले सकते हैं. आपका बच्चा अगर अकेले खेलने के लिए जाना चाहता है तो इस नियम को मानना उसके लिए बेहद ज़रूरी है.

4. अकेले जाने की सीमा तय करें (Define the boundaries to your child)

बच्चा अकेले कहाँ तक जा सकता है, यह भी तय करना बहुत ज़रूरी है. आप उसे अकेले सिर्फ पड़ोस तक भेजना चाहते हैं या फिर अपनी सोसाइटी के पार्क तक, यह आपको तय करना होगा. शुरुआत में बच्चे को खेलने के लिए भेज रहे हैं, तो कोशिश करें कि आप उसे अपनी नज़रों से दूर न होने दें और जैसे-जैसे बच्चा जिम्मेदार होता जाए, आप यह दायरा बढ़ा भी सकते हैं.

5. आग से दूरी बनाये रखें (Playing or experimenting with fire is big No-No)

गैस स्टोव, माचिस, लाइटर आदि कई चीज़ें हमारे घर में मौजूद होती हैं, हो सकता है कि आपका बच्चा भी इनके साथ खेलना या किसी प्रकार का प्रयोग करना चाहे. इसके लिए आप साफ़ और स्पष्ट शब्दों में अपने बच्चे को मना कर दें और उसे समझा दें कि आप घर पर हों या न हों, वे आग के पास नहीं जा सकते और न ही उससे खेल सकते हैं. आपकी निगरानी में आप बच्चे को ऐसे स्थानों के पास भेज सकती हैं, जहां आग जल रही हो, पर सावधानी बरतना ज़रूरी है.

6. अनजान व्यक्ति के साथ कहीं नहीं जाएँ (Never go anywhere with stranger)

‘अरे बेटा! तुम्हारी मम्मी का तो एक्सीडेंट हो गया वो तुम्हें बुला रही हैं.’ या ‘तुम्हारे पापा तो तुम्हें वहाँ पर ढूंढ़ रहे हैं. चलो मैं ले जाता हूँ.’ इस तरह के वाक्य बोल कर कई बार अनजान लोग बच्चों को अपने साथ ले जाते हैं. इसलिए आप अपने बच्चे को सिखाएं कि चाहे कुछ भी हो जाए, उन्हें किसी भी हालत में किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ कहीं नहीं जाना चाहिए. फिर चाहे वह किसी और की मदद करने के लिए ही बच्चे को क्यों न बुला रहा हो. बच्चे को बताएं कि वे तुरंत किसी बड़े को बुलाएं या फिर शोर मचाना शुरू कर दें.

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7. अगर खो गए हैं तो जहां हैं, वहीं रुकें (Stop wherever you are, if you get lost)

अकसर बच्चे माता-पिता के साथ होने पर भी खो जााते हैं और ये होता है, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर. आप मॉल में घूम रहे हैं या फिर बाजार में, वहाँ कई बार बच्चे माता-पिता से अलग हो जाते हैं. ऐसे में बच्चे को बताएं कि उन्हें मॉल में कोई कर्मी दिखाई दे या पुलिस जैसा कोई व्यक्ति हो तो वे उनसे मदद मांगे. अगर ऐसा करना संभव न हो तो वे मॉल के काउंटर पर जाएँ और वहाँ खड़े व्यक्ति को सूचित करें. मार्केट आदि में वे पुलिस की मदद ले सकते हैं. उन्हें इस बारे में भी ज़रूर बताएं कि खो जाने की स्थिति में वे खुद से कहीं और न निकल कर जाएँ, बल्कि आपका इंतज़ार वहीं पर करें.

8. अजनबियों को अपना पता और अन्य जानकारी न दें (Do not share your personal information)

बच्चे बहुत भोले होते हैं, वे किसी की भी मीठी बातों में आकर हर वह चीज़ बता देते हैं जो उन्हें याद होती है. ऐसे में एक यह भी जोखिम बना रहता है कि कहीं वे अजनबियों को अपनी निजी जानकारी न दे दें. अगर वे किसी को कुछ बताना भी चाहते हैं तो वो सिर्फ आपकी निगरानी में ही होना चाहिए और वे किसी अनजान व्यक्ति को अपनी निजी जानकारी जैसे घर का पता, फ़ोन नंबर, पिक्चर्स आदि बिलकुल भी न बताएं या दिखाएं.

9. अपने शरीर को किसी को भी न छूने दें (Do not allow others to touch your body)

बच्चों की सुरक्षा के लिए यह नियम बहुत ही ज़रूरी है कि कोई भी आपके बच्चे के शरीर को गलत इरादे से न छुए. इसके लिए आपको अपने बच्चे को गुड टच, बैड टच (good touch, bad touch) सिखाना होगा. आप उन्हें बताएं कि शरीर के किन हिस्सों पर बच्चे को कोई नहीं छू सकता. उन्हें बताएं कि जब भी वे किसी के छूने से असहज या अनकंफर्टेबल महसूस करें तो वे ‘No’ या ‘नहीं’ जैसे शब्दों का प्रयोग करें और आपको ज़रूर सूचित करें.

10. मुझे अच्छा नहीं लग रहा, तो मैं ऐसा नहीं करूँगा (If I am not comfortable, I will not do it)

बिलकुल सही. आप अपने बच्चे को यह ज़रूर सिखाएं कि अगर वे किसी काम को करने में खुश नहीं हैं या उन्हें अच्छा महसूस नहीं हो रहा हो तो उन्हें वो काम नहीं करना चाहिए. बच्चे को समझाएं भले ही उसके दोस्त वह काम कर रहे हों या कोई जबरदस्ती उससे वह काम करवाने की कोशिश कर रहा हो, उसे मना करना आना चाहिए.

प्रो टिप (Pro Tip)

Mylo की पैरेंटिंग एक्सपर्ट टीम का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यहां कुछ नियमों को बताया गया है, जिनके बारे में आप अपने बच्चे को ज़रूर बताएं. बच्चों के लिए नियम जितने ज़रूरी हैं, उससे ज़्यादा ज़रूरी है, आपका प्यार और विश्वास. बच्चों से बातचीत बनाये रखें. बच्चे सबसे ज़्यादा खुद को माता-पिता के साथ सुरक्षित महसूस करते हैं. उन्हें बताएं कि हर स्थिति में आप उनके साथ हैं.

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Written by

Ruchi Gupta

A journalist, writer, & language expert, Ruchi is an experienced content writer with more than 19 years of experience & has been associated with renowned Print Media houses such as Hindustan Times, Business Standard, Amar Ujala & Dainik Jagran.

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