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    Baby Soap in Hindi | बेबी के लिए किस तरह की साबुन इस्तेमाल करना चाहिए?

    Baby Soap in Hindi | बेबी के लिए किस तरह की साबुन इस्तेमाल करना चाहिए?

    Updated on 4 December 2023

    नए पेरेंट्स के लिए बच्चे की देखभाल के कई पहलुओं में से एक है- साबुन ढूँढना, जो बच्चे की त्वचा को क्लीन और हाइड्रेटेड रखती हो. साथ ही, सुरक्षित भी हो!. अपने बच्चे के लिए एक बढ़िया और केमिकल फ्री साबुन ("baby soap in Hindi) चुनकर आप उसके बाथ टाइम को और भी ज़्यादा मज़ेदार बना सकते हैं.

    बेबी के लिए कैसी साबुन को चुनें? (Which soap is best for baby in Hindi)

    कभी भी आकर्षक विज्ञापनों और फेमस ब्रांड से प्रभावित होकर अपने बच्चे के लिए साबुन ना चुनें. बच्चे के लिए एक सही क्वालिटी का साबुन चुनते (best baby soap in Hindi) समय इन ज़रूरी बातों को ज़रूर ध्यान में रखें.

    1. जेंटल (Gentleness)

    बच्चे की स्किन को मुलायम और कोमल बनाए रखने के लिए हमेशा ऐसा साबुन खरीदें जो उसकी स्किन की जेंटली सफाई करे और मॉइस्चराइज़िंग हो. हमेशा चेक करें कि उसमें विटामिन ए और ई, दूध, प्रोटीन, बादाम और जैतून के तेल के तत्व समाहित हों जिससे स्किन को हाइड्रेटेड रखने में मदद मिल सके. कोई भी आम साबुन का इस्तेमाल बच्चे की स्किन पर खराश पैदा कर सकता है.

    2. हाइपोएलर्जेनिक (Hypoallergenic)

    छोटे बच्चों की स्किन बहुत नाजुक और सेंसिटिव होती है जिससे उन्हें ड्राईनेस और स्किन इन्फेक्शन का खतरा अधिक होता है. इससे बचने के लिए ध्यान रखें कि आप बच्चे के लिए जो साबुन इस्तेमाल कर रहे हैं वह हाइपोएलर्जेनिक होना चाहिए. ये साबुन बच्चे की स्किन पर सौम्य होते हैं और किसी भी तरह की एलर्जी या सूजन का कारण नहीं बनते हैं.

    3. फ्रेगरेंस (Fragrance)

    बहुत से ब्रांड अपन प्रोडक्ट को अधिक पॉपुलर बनाने के लिए आर्टिफिशियल खुशबू और इत्र का उपयोग करते हैं. यह फ्रेगरेंस वाले बेबी साबुन अच्छे तो लगते हैं लेकिन इनसे सावधान रहना चाहिए क्योंकि यह आपके बच्चे की स्किन को नुकसान पहुँचा सकते हैं. इनका इस्तेमाल लंबे समय तक करने पर बच्चे को साँस संबंधी परेशानी (respiratory problems) तक हो सकती है.

    4. पीएच स्तर (pH level)

    छोटे बच्चे के लिए साबुन खरीदते समय उसके पीएच लेवल पर भी ध्यान दें. बच्चे की स्किन का पीएच लेवल 5.5 होता है और इसीलिए एक ऐसा बेबी सोप जिसका पीएच लेवल बच्चे की स्किन के समान हो. बच्चे की त्वचा पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है. बच्चे की स्किन का पीएच डिस्टर्ब नहीं होने से वह साफ़ और मॉइस्चराइज़ रहेगी.

    5. ब्रांड (Brand Reputation)

    अपने बच्चे के लिए किसी भी ब्रांड का साबुन चुनते समय उस ब्रांड की खूबियों को ख़ुद चेक करें. उसके इंग्रेडिएंट्स की जाँच करें. आप इस बारे में डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं.

    इसे भी पढ़ें : बेबी के लिए साबुन का इस्तेमाल कब से करें?

    कैसा होना चाहिए बेबी के लिए साबुन? (Ingredients to loook for in the best baby soap in Hindi)

    बड़ों की तुलना में बच्चों की स्किन जल्दी नमी खो देती है, इसीलिए इसे हाइड्रेटेड रखने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है. ऐसा साबुन चुनना चाहिए (which soap is best for baby in Hindi) जो आपके बच्चे की स्किन टाइप, उसकी उम्र और क्लाइमेट के अनुसार सही हो. इसके लिए आपके बच्चे के साबुन को इन पेरामीटर्स पर खरा उतरना चाहिए.

    1. नेचुरल ऑइल से बना (Natural Oils)

    नेचुरल ऑइल; जैसे - जोजोबा ऑइल, मुरुमुरु बटर और कोकोनट ऑइल पौधों से निकाले गए ऐसे कंपाउंड हैं जो या तो मैकेनिकल तरीके़ से या कोल्ड प्रेस करके निकाले जाते हैं और पोषक तत्वों तथा आवश्यक फैटी एसिड से भरपूर होते हैं. ये स्किन को मॉइस्चराइज करने में मदद करते हैं. यह बेहद आसानी से स्किन में अब्ज़ॉर्ब हो जाते हैं और पोर्स को बंद भी नहीं करते हैं. जिससे कारण यह ऑइल सेंसिटिव स्किन सहित सभी प्रकार की स्किन पर अच्छा काम करते हैं. माइलो का बेबी सोप इन सभी नेचुरल इंग्रेडिएंट्स के अलावा विटामिन ई से युक्त होने के कारण एक बढ़िया ऑप्शन है.

    2. ग्लिसरीन (Glycerin)

    ग्लिसरीन एक ट्रांसपेरेंट, खुशबूरहित, चिपचिपा, लिक्विडी, मीठा और नॉन-टॉक्सिक कंपाउंड है. यह एक नेचुरल मॉइस्चराइज़र होता है जो स्किन की आवश्यक नमी को बनाए रखने में मदद करता है. ग्लिसरीन बच्चे की स्किन के लिपिड को स्वस्थ रखता है, उसे जलन से बचाता है और बाहरी वातावरण से भी उसे सुरक्षित रखता है. ज़्यादा ग्लिसरीन वाले साबुन बच्चे की ड्राई स्किन के उपचार के लिए बहुत फ़ायदेमंद होते हैं.

    3. कैलेंडुला (Calendula)

    आमतौर पर कैलेंडुला के फूल का उपयोग घाव, रैशेज, इन्फेक्शन, सूजन और कई अन्य तरह की स्किन प्रॉब्लम्स को ठीक करने के लिए किया जाता है. कैलेंडुला वाला बेबी साबुन एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, और सूजन को कम करने में मदद करता है. यह साबुन बच्चे की स्किन पर जर्म्स को टिकने नहीं देता जिससे खुजली वाले रेशेस को रोकने में मदद मिलती है.

    4. कैमोमाइल (Chamomile)

    कैमोमाइल का उपयोग पुराने समय से ही एक पारंपरिक औषधि के रूप में किया जाता रहा है. स्किन प्रॉब्लम्स; जैसे- खुजली, दाद, फुंसी आदि में यह लाभकारी है. कैमोमाइल वाले बेबी सोप बेहद सॉफ्ट और जेंटल होते हैं. इनमें बच्चे की नाजुक स्किन के लिए पर्याप्त मात्रा में कैमोमाइल होता है जो स्किन प्रॉब्लम्स और एलर्जी की समस्या के लिए एक बढ़िया ऑप्शन है.

    5. शीया बटर (Shea Butter)

    शीया बटर में अच्छी ख़ासी मात्रा में आवश्यक फैटी एसिड होते हैं, जो स्किन को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं. इससे बच्चे की स्किन की कोमलता और चमक बनी रहती है. इसके साथ ही यह एक एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट का काम भी करता है, जिससे स्किन पर दाने और रैशेज नहीं होते.

    इसे भी पढ़ें : बेबी की रूखी त्वचा का ऐसे रखें ध्यान

    बेबी को साबुन से नहलाने के टिप्स (Tips for bathing your little one with a baby soap in Hindi)

    अगर आप हर बार डायपर बदलने के दौरान डायपर एरिया को अच्छी तरह साफ़ करते हैं तो बच्चे को हफ्ते में केवल दो से तीन बार ही नहलाना काफ़ी है. हालाँकि, बच्चे को नहलाना, उसके साथ समय बिताने और बॉन्डिंग बढ़ाने का एक अच्छा तरीक़ा है. लेकिन पहली बार बच्चे को नहलाते हुए थोड़ा डर लगना स्वाभाविक है इसलिए यहाँ हम आपको देंगे बच्चे को साबुन से नहलाने से जुड़ी ये बड़ी काम की टिप्स जो आपके काम को काफ़ी आसान कर देंगी .

    1. पहले तैयारी कर लें (Prepare Everything in Advance)

    बच्चे को नहलाने का एक रूटीन सेट करें और उसी समय पर रोज़ उसे नहलाएँ जिससे धीरे-धीरे उसे नहाने के समय का अंदाजा हो जाए और वो इस दौरान रिलेक्स फील करे. बच्चे को नहलाने से पहले सब ज़रूरी सामान पहले से तैयार रखें; जैसे- तौलिया, वॉशक्लॉथ, रूई, माइल्ड क्लींजर, साफ़ लंगोट और साफ़ कपड़े. ऐसा करने से आप पूरे वक़्त बच्चे के साथ ही रहेंगी और उसे नहलाते हुए किसी भी कारण से उसे छोड़ कर नहीं जाना पड़ेगा. बच्चे के नाखूनों को साफ़ और ट्रिम रखें क्योंकि अक्सर बच्चे अपनी स्किन को ख़ुद ही खरोंच लगा देते हैं.

    2. पानी का तापमान चेक करें (Test the Water Temperature)

    टब में उतना ही पानी भरें कि वो बैठे हुए बच्चे की नाभि तक आए. बच्चे को पानी में बैठाने से पहले टेम्परेचर चेक करें जिसके लिए अपनी कोहनी को पानी में डुबोकर गर्माहट का अंदाज लगाएँ. पानी का तापमान 37°C और 38°C के बीच होना चाहिए ताकि बच्चे को पानी गुनगुना लगे लेकिन गर्म नहीं. बच्चे को पानी में बैठाने से पहले चेक कर लें कि गर्म और ठन्डे पानी के नल कस कर बंद किए गए हों, क्योंकि कई बार अनजाने में हाथ लगने पर इन नलों में पानी आ सकता है, जिससे बच्चे को नुक़सान पहुँच सकता है.

    3. साबुन का अधिक इस्तेमाल न करें (Use a mild soap sparingly)

    नवजात शिशुओं को नहलाते हुए केवल सादे पानी का इस्तेमाल करें लेकिन एक महीने से बड़े बच्चों को नहलाने के लिए सीमित मात्रा में साबुन का प्रयोग कर सकते हैं. अगर बच्चे के बाल लंबे हैं तो उसके गीले बालों पर किसी सौम्य शैम्पू की केवल एक बूँद लगाएँ और झाग बनाकर धो दें. कुछ बच्चों की स्किन पर फोल्ड्स होते हैं, ख़ासतौर पर गर्दन, जाँघोंं और कलाई के आसपास. यहाँ पर अक्सर दूध फँस जाता है जिससे त्वचा में जलन और दर्द हो सकता है. इन फोल्ड्स के अंदर हल्का साबुन लगाकर धीरे से सफाई करनी चाहिए .

    4. बेबी को अच्छे टॉवेल से पोंछे और मॉइस्चराइज़ करे (Pat dry and moisturize)

    न्यूबोर्न बेबी की स्किन बेहद मुलायम और नाज़ुक होने के कारण स्पेशल केयर की ज़रूरत होती है. नहलाने के बाद बच्चे को साफ़ और मुलायम कॉटन टॉवल से पोछें. स्किन पर टॉवल को रगड़ें नहीं; बल्कि धीरे से थपथपाकर सुखाएँ. न्यूबोर्न बेबी की स्किन को किसी भी क्रीम की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए इससे बचना चाहिए. लेकिन सर्दियों के मौसम में बच्चे की स्किन ड्राई होने पर उसे मॉइस्चराइज़ करना चाहिए. ख़ासतौर पर ड्राई स्किन की प्रॉब्लम वाले बच्चों की स्किन को हाइड्रेटेड रखने के लिए नहाने के तीन मिनट के भीतर ऐसा मॉइस्चराइज़र लगाना चाहिए जो 100% केमिकल फ्री हो जैसे कि माइलो बेबी लोशन जो 24 घंटों तक स्किन को हाइड्रेटेड रखता है.

    प्रो टिप (Pro Tip)

    बच्चे के लिए प्रयोग किया जाने वाला कोई भी प्रोडक्ट फिर चाहे वो साबुन हो या शैम्पू या फिर लोशन पूरी तरह से केमिकलल फ्री होना चाहिए. नहलाने के लिए हमेशा ऐसा प्रोडक्ट चुनें जिसके प्रयोग के बाद बच्चे की त्वचा पर रिसीड्यू ना रहे और बच्चे के हाथों के द्वारा ये उसके मुँह के अंदर भी जा सकते हैं. पहली बार प्रयोग से पहले पैच टेस्ट करना ना भूलें.

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