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Labour & Delivery
12 December 2022 को अपडेट किया गया
क्या आपकी डिलीवरी होने का समय बहुत ही नज़दीक है? क्या आप चाहते हैं आपकी नन्ही जान जल्द से जल्द आपके हाथों में आ जाए? डॉक्टर की मानें तो ऐसा कोई एक आहार या खाद्य पदार्थ नहीं जो लेबर को प्रेरित कर सके लेकिन माताओं का अनुभव कुछ और ही कहता है. आज हम आपको बताएँगे कि कैसे कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन करके आप नैचुरली लेबर इंड्यूज़(प्रेरित) कर सकते हैं-
स्पाइसी खाना, अब चाहे वो इंडियन हो, मेक्सिकन या फिर थाई भोजन. ऐसा माना जाता है कि मसालेदार खाना लेबर को इंड्यूज़ करने में बहुत मदद करता है. इस तरह का भोजन एक बार हजम होने के बाद, प्रोस्टाग्लैंडिंस को उत्तेजित करता है जो यूट्रस में कॉन्ट्रैक्शंस पैदा करता है.
कच्चे पपीते में एक एंजाइम होता है जिसे पपाइन कहा जाता है. इस एंजाइम में कॉन्ट्रेशन को बढ़ाने की क्षमता होती है. ये पपाइन कच्चे पपीते या फलों के लैटेक्स में पाया जाता है. पके हुए पपीते में ये लैटेक्स खो जाता है इसीलिए पके हुए फलों को खाने से लेबर पर कोई असर नहीं होता.
अनानास में ब्रोमेलैन होता है, एक ऐसा एक्टिव एन्ज़ाइम जिसमे सर्विक्स को सॉफ्ट करने की शक्ति होती है जिससे कंट्रक्शन होती है और लेबर को प्रेरित किया जा सकता है. कैन वाले अनानास को न खाकर फ्रेश अनानास चुनें क्योंकि कैन फ़ूड की प्रोसेसिंग में ब्रोमेलैन कम हो जाता है जिससे इसका असर भी कम हो जाता है.
बहुत सी दाईयां और डॉक्टर ऐसा मानते हैं कि लेबर को बढ़ाने या उत्तेजित करने में कैस्टर ऑयल बहुत ही असरदार साबित होता है. हालांकि, अपनी ड्यू डेट से पहले कैस्टर ऑयल का यूज़ करके लेबर इंड्यूज़ करने की कोशिश न करें. वैसे तो ये सुरक्षित है लेकिन इससे उल्टी या दस्त जैसी परेशानियां आ सकती हैं.
क्यूमिन टी यानी जीरे की चाय वैसे तो पेट फूलने, गैस या पाचन तंत्र से जुड़ी अन्य परेशानियों के लिए एक बढ़िया नुस्खा माना जाता है लेकिन इसे लेबर को प्रेरित करने के लिए भी लिया जाता है. एक टेबल स्पून जीरा उबलते हुए पानी में डालें और इसे पी जाएँ.
लहसुन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने, पेट को ठीक रखने और उसे खाली करने में सहायक होता है जिससे लेबर को शुरू होने में आसानी हो सकती है. लहसुन को लेबर इंड्यूज़ करने में सबसे पसंदीदा खाद्य पदार्थ माना जाता है.
यूट्रस को मजबूत बनाने में रैड रेस्पबेर्री टी का जवाब नहीं. यहाँ तक कि यूट्रस में मौजूद मांसपेशियों में कॉन्ट्रैक्शंस लाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. यदि आप प्रेगनेंसी के 32वें हफ्ते से लेकर रोज इसे पीयेंगी तो आपकी पोस्ट-टर्म प्रेगनेंसी के चान्सेस कम हो जाएंगे.
नोट: हर महिला और हर प्रेगनेंसी अलग होती है इसीलिए उपरिलिखित किसी भी नुस्खे को आज़माने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें.
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Written by
Priyanka Verma
Priyanka is an experienced editor & content writer with great attention to detail. Mother to a 10-year-old, she's skille
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