Exercise & Fitness
23 May 2023 को अपडेट किया गया
योग के कई ऐसे आसन हैं जिनके नियमित अभ्यास से आप शरीर को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रख सकते हैं. इस पोस्ट में ऐसे ही एक आसन के बारे में आपको जानकारी देंगे जिसका नाम है विपरीत नौकासन.
नौकासन नाम से आप समझ ही गए होंगे कि इस आसन का कुछ संबंध नौका यानि कि नाव से है. जी हाँ, यह संस्कृत के दो शब्द '‘विपरीत’ जिसका अर्थ है उल्टा, और ‘नौका' जिसका अर्थ है नाव, से मिलकर बना है जिसका मतलब है ऐसा आसन जिसको करते हुए आपका शरीर उल्टी नाव की तरह हो जाता है और इसीलिए इसे विपरीत नौकासन कहते हैं.
यह आसन पेट के एक्सट्रा फैट को हटाने के साथ ही शरीर के अन्य अंगों के लिए भी बहुत उपयोगी होता है.
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विपरीत नौकासन (Viparita Naukasana) से पीठ की मांसपेशियों को टोन और मजबूत करने में मदद मिलती है. कमजोर और अकड़ी हुई पीठ वाले वाले व्यक्तियों के लिए यह विशेष रूप से बहुत फायदेमंद है क्योंकि यह पीठ के निचले हिस्से की नसों को उत्तेजित करता है और मांसपेशियों में लचीलापन लाता है. एथलीट्स और खिलाड़ियों के लिए यह आसन फायदेमंद है क्योंकि इससे पीठ की मांसपेशियां टोन हो जाती है और शरीर के सामने के हिस्से में लचीलापन आ जाता है.
योग गुरुओं द्वारा विपरीत नौकासन (Viparita Naukasana) करने से पहले आमतौर पर उष्ट्रासन, पश्चिमोत्तानासन, शलभासन और भुजंगासन करने की सलाह दी जाती है. बढ़ा हुआ पेट घटाने और पीठ को मजबूत करने के लिए विपरीत नौकासन (Viparita Naukasana) सबसे अच्छे योगासनों में से एक है. आगे आपको विस्तार से बताएँगे इसके कुछ मुख्य लाभ.
विपरीत नौकासन (Viparita Naukasana) आपके पेट, कमर और कूल्हों की चर्बी कम करने के लिए बेस्ट आसन है. इससे शरीर के इन हिस्सों की मांसपेशियां टोन होती हैं और उनमें लचीलापन आ जाता है.
इस आसन के नियमित अभ्यास से पीठ की मसल्स मजबूत होती हैं और रीढ़ की हड्डी भी स्वस्थ होने लगती है जिससे कमर के निचले हिस्से के दर्द में राहत मिलती है.
विपरीत नौकासन (Viparita Naukasana) करते हुए फेफड़े पूरी तरह से फैल जाते हैं जिससे सामान्य से अधिक ऑक्सीजन अंदर जाती है. अधिक गहरी सांस लेने से शरीर और मस्तिष्क को ज्यादा ऑक्सीज़न मिलने लगती है. इससे स्ट्रैस दूर करने में भी बहुत मदद मिलती है.
विपरीत नौकासन (Viparita Naukasana) के रोजाना अभ्यास से शरीर के अंदरूनी अंगों का भी व्यायाम हो जाता है. जिससे पेट से संबंधित परेशानियों जैसे कि पेट फूलना, गैस बनना और डाइजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी दिक्कतें.
विपरीत नौकासन (Viparita Naukasana) के रोजाना अभ्यास से आंखों से जुड़े रोगों में भी लाभ मिलता है. इसके साथ ही हमेशा सिर में भारीपन और सिरदर्द की समस्या भी दूर होती है.
विपरीत नौकासन (Viparita Naukasana) करने के लिए नीचे बताये गए तरीके को फ़ौलो करते हुए स्टेप बाई स्टेप अभ्यास करें.
जमीन पर योगा मैट बिछाकर पेट के बल सीधे लेट जायें.
अपना सिर जमीन पर रखें, पैरों के पंजों को एकसाथ मिलायें और दोनों हाथों को सीधे ऊपर को ओर ले जाएँ.
अब सांस अंदर भरते हुए सामने से दोनों हाथों, छाती और सिर को ऊपर उठायें और साथ ही अपने पैरों को भी ऊपर की तरफ ले जायें.
ध्यान रहे कि आपके घुटने ना मुड़ें.
सामान्य रूप से सांस लेते हुए कुछ सेकण्ड्स के लिए इसी मुद्रा में बने रहें. इस दौरान शरीर में खिंचाव बना रहेगा.
थोड़ी देर बाद सामान्य मुद्रा में आ जायें और कुछ देर आराम करें.
विपरीत नौकासन (Viparita Naukasana) करने के दौरान बरतनी चाहिए ये सावधानियाँ
शारीरिक क्षमता के अनुसार ही आसन करें
इस आसन की प्रैक्टिस की दौरान अगर आप सहज महसूस न करें या आपको अपने शरीर में दर्द महसूस हो तो विपरीत नौकासन(Viparita Naukasana) ना करें. शुरुआत हल्के व्यायाम से करें और फिर धीरे धीरे अपनी क्षमता के अनुसार इसे बढ़ायें.
हर्निया या हृदय रोगी ना करें
जिन व्यक्तियों को हर्निया की समस्या है या हृदय रोग से ग्रस्त हैं उन्हें भी ये आसन नहीं करना चाहिए.
कमर दर्द, स्लिप डिस्क और पेट के रोगी ना करें
ऐसे व्यक्ति जिन्हें कमर दर्द, स्लिप डिस्क या पेट की पुरानी बीमारी है उन्हें विपरीत नौकासन (Viparita Naukasana) करने से पहले किसी अनुभवी योगाचार्य से सलाह जरूर लेनी चाहिए. किसी पत्रिका में पढ़कर या वीडियो देखकर स्वयं प्रयास ना करें.
गर्भवती स्त्रियां ना करें
गर्भवती महिलाओं को भी विपरीत नौकासन नहीं करना चाहिए.
पेट का ऑपरेशन हुआ है तो ना करें
जिन व्यक्तियों का पेट का ऑपरेशन हुआ हो तो कम से कम तीन महीने तक उन्हें विपरीत नौकासन (Viparita Naukasana) नहीं करना चाहिए. उसके बाद भी इसे शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह
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kavitaupreti
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