


Breastfeeding & Lactation
26 October 2023 को अपडेट किया गया
न्यूबौर्न बेबी का मुख्य आहार जन्म के कुछ महीनों बाद तक सिर्फ मां का दूध होता है जिससे न केवल उसकी इमम्युनिटी डेव्लप होती है बल्कि ये उसके शारीरिक विकास के लिए भी ज़रूरी है. समस्या तब आती है जब कुछ महिलाओं को ब्रेस्ट मिल्क नहीं बनता या कम बनता है और कई बार माँ को इतना कम दूध बनता है कि उससे बच्चे का पेट ही नहीं भरता.. ब्रेस्ट मिल्क न बनने के कई कारण हो सकते हैं जैसे स्ट्रैस, डिहाइड्रेशन, नींद की कमी इत्यादि. लेकिन ब्रेस्ट में दूध बढ़ाने के उपाय के कई ऐसे कारगर तरीके भी हैं जो दूध के उत्पादन पर बेहद प्रभावशाली तरीके से असर डालते हैं.
क्या आप जानते हैं स्तनों में दूध बढ़ाने के लिए कुछ खास फूड आइटम्स और प्राकृतिक जड़ी बूटियों के सेवन से बड़ा लाभ मिल सकता है. इस पोस्ट में जानेंगे इन फूड आइटम्स के बारे में और साथ ही ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के उपाय. (breast milk badhane ke upay)
अक्सर लोग सवाल करते हैं कि डिलीवरी के बाद माँ का ब्रेस्ट मिल्क कैसे बढ़ाया जाये? (aurat ke doodh kaise badhaye) ब्रेस्ट मिल्क को दो तरह से बढ़ाया जा सकता है, दवाइयों द्वारा और खाने पीने में कुछ बदलाव करके. आयुर्वेद में भी प्राकृतिक जड़ी बूटियों और उचित खान पान से लड़कियों के दूध बढ़ाने के उपाय बताए गए हैं जिनसे बिना किसी दवा का सेवन करे ही दूध अच्छी और पर्याप्त मात्रा में बनने लगता है. ऐसे ही दो मुख्य फूड आइटम्स हैं खजूर और बादाम.
आइये अब आपको बताते हैं कि खजूर खाने से किस तरह ब्रेस्टमिल्क बढ्ने लगता है. हमारे शरीर को कार्बोहाइड्रेट से एनर्जी मिलती हैं और ब्रेस्टमिल्क बनाने के लिए शरीर को सामान्य से लगभग 500 कैलोरी ज्यादा एनर्जी की ज़रूरत होती है. इस ज़रूरत को एक कप खजूर पूरा कर सकता है और शरीर को ब्रेस्टफीडिंग के लिए जरूरी कैलोरी मिल जाती है. खजूर में सभी जरूरी तत्व जैसे पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन मैंगनीज, कॉपर, और विटामिन बी6 भरपूर मात्रा में पाया जाता है. ये सभी तत्व शरीर को स्वस्थ रखने और ठीक तरह से फंग्शन करने में मददगार हैं. खजूर खाने से शरीर में प्रोलैक्टिन हार्मोन का उत्पादन स्टिम्युलेट होता है जिससे शरीर ज्यादा दूध बनाने लगता है.
खजूर के अलावा ब्रेस्ट में दूध बढ़ाने के उपाय में दूसरी असरदार चीज़ है मेवे जैसे कि बादाम, क्योंकि इनमें भरपूर मात्रा में विटामिन्स, कैलोरीज़ और मिनरल्स होते हैं जिससे शरीर में ऊर्जा व पोषक तत्वों की पूर्ति होती है. इसके साथ ही बादाम से मिलने वाला ओमेगा-3 भी लेक्टेशन में बहुत मददगार है इसीलिए भारतीय परंपरा में विशेष रूप से बच्चे के जन्म के बाद माँ को पंजीरी, लड्डू और हलवे में बादाम डालकर खिलाया जाता है. .
बादाम को आप किसी भी तरह खा सकती हैं जैसे कि स्नैक्स के रूप में या दूध में मिलाकर टेस्टी बादाम मिल्क की तरह. बादाम प्रोटीन रिच खाद्य पदार्थ है इसलिए अच्छा होगा कि आप इन्हें कच्चा या भिगोकर खाएं. ब्रेस्ट फीड कराने वाली कई माताएँ बादाम को कच्चा या आलमंड मिल्क बनाकर पीना पसंद करती हैं जिससे ब्रेस्टमिल्क की क्रीमीनेस और टेस्ट भी बढ़ जाता है.
खजूर और बादाम के अलावा भी ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के कई अन्य घरेलू उपाय हैं जिन्हें आप आसानी से अपना सकती हैं. इनमें से कुछ हैं, (breast milk badhane ke upay in hindi)
ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए मेथी के बीजों का इस्तेमाल पुराने समय से होता चला आ रहा है. मेथी में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स होते हैं जो ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली माँ के लिए लाभकारी होते हैं और शिशु के ब्रेन डेवलपमेंट के लिए भी महत्वपूर्ण हैं. मेथी के पत्तों में भी बीटाकैरेटिन, विटामिन बी, आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं.
सौंफ ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने का एक ट्रेडीशनल उपाय है जिससे न केवल दूध में वृद्धि होती है बल्कि शिशु का गैस और पेट दर्द की परेशानी से भी बचाव हो जाता है.
जीरा, माँ का दूध बदने के लिए बेहद कारगर माना जाता है साथ ही यह पाचन क्रिया में सुधार और कब्ज, एसिडिटी के साथ पेट फूलने की समस्या से भी राहत देता है. कैल्शियम और राइबोफ्लेविन के रिच सोर्स, ज़ीरे को आप पानी में उबालकर भी पी सकती हैं.
तिल के बीज कैल्शियम का अद्भुद प्राकृतिक सोर्स है जो ब्रेस्ट फीडिंग मदर्स के लिए एक जरुरी न्यूट्रीएंट है. ब्रेस्टमिल्क के जरिये आपके बच्चे को भी कैल्शियम की आपूर्ति होती है और इसलिए स्तनपान कराने वाली माँ को तिल के लड्डू या फिर काले तिल अपने भोजन में मिलाकर खाने चाहिए.
हरी सब्जियां जैसे पालक, मेथी, बथुआ और सरसों के साग में आयरन, कैल्श्यिम और फोलेट भरपूर पाये जाते हैं. इसके अलावा बीटाकैरेटिन और राइबोफ्लेविन जैसे विटामिन भी खूब होते हैं जिनसे स्तनों में दूध बढ़ता है.
ओट्स आयरन, कैल्शियम, फाइबर और विटामिन बी का बेहतरीन सोर्स है और ब्रेस्ट फीडिंग मदर्स को नियमित रूप से खाना चाहिए. ओट्स को खाने का सबसे आसान तरीका है इसका दलीया बना कर नाश्ते में खाना. आप इसमें मेवे, दूध, या फल जैसे आम या केले डालकर भी खा सकती हैं.
ऐसा फैट जो घी, तेल या बटर से मिले वह शरीर को ताकत देता है और ब्रेस्ट मिल्क बढाने में बहुत कारगर है. चावल और रोटी के साथ घी या बटर के अलावा आप सब्जी या दाल में भी एक चम्मच घी डाल कर इसका सेवन कर सकती हैं.
करेले में विटामिन्स और मिनरल्स अच्छी मात्रा में पाये जाते हैं, जिससे शरीर की ब्रेस्ट मिल्क बढाने की क्षमता बढती है. डिलीवरी के बाद इसका सेवन माँ के लैक्टेशन को सही करता है. करेला कम मसालों के साथ पकायें ताकि यह आसानी से डाइजेस्ट हो सके.

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