hamburgerIcon
login

VIEW PRODUCTS

ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART

Article Continues below advertisement

  • Home arrow
  • Health & Wellness arrow
  • Symptoms of Low Platelets in Hindi | लो प्लेटलेट्स होने पर शरीर में दिखते हैं ऐसे लक्षण arrow

In this Article

    Symptoms of Low Platelets in Hindi | लो प्लेटलेट्स होने पर शरीर में दिखते हैं ऐसे लक्षण

    Health & Wellness

    Symptoms of Low Platelets in Hindi | लो प्लेटलेट्स होने पर शरीर में दिखते हैं ऐसे लक्षण

    14 August 2023 को अपडेट किया गया

    Article Continues below advertisement

    साधारण शब्दों में लो प्लेटलेट्स का मतलब है व्यक्ति के ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या का सामान्य से कम हो जाना. अगर यह संख्या 10,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर से कम हो जाती है तो यह एक मेडिकल एमेर्जेंसी का संकेत है और ऐसे व्यक्ति को तुरंत ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है.

    इस पोस्ट में आपको बताएँगे कि प्लेटलेट्स कम होने पर क्या होता है और लो प्लेटलेट्स काउंट से जुड़ी अन्य बातों के बारे में विस्तार से.

    लो प्लेटलेट्स काउंट का मतलब क्या होता है? (Low platelets count meaning in Hindi)

    हमारा खून कई तरह की कोशिकाओं से बना होता है जैसे कि रेड ब्लड सेल, वाइट ब्लड सेल और प्लेटलेट्स जिन्हें थ्रोम्बोसाइट्स भी कहा जाता है. ये प्लाज़्मा नामक फ्लुइड में तैरती रहती हैं. जैसे ही त्वचा पर चोट लगती है तो प्लेटलेट्स आपस में चिपक कर थक्का बनाते हैं और खून के बहाव को रोक देते हैं. लेकिन जब आपके खून में पर्याप्त प्लेटलेट्स नहीं होते हैं, तो खून में थक्का नहीं बन पाता और इससे कई बार बहुत ज्यादा खून बह जाने के कारण व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है.

    लो प्लेटलेट काउंट को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहा जाता है जो अक्सर प्रेग्नेंसी, ल्यूकेमिया या कुछ खून पतला करने वाली दवाओं के कारण भी हो सकता है.

    अक्सर लोग जानना चाहते हैं कि नार्मल प्लेटलेट्स कितनी होनी चाहिए? तो आइये आपको बताते हैं कि प्लेटलेट्स की नॉर्मल रेंज क्या है.

    Article continues below advertisment

    प्लेटलेट्स की नॉर्मल रेंज क्या होती है? (Normal range of platelets in Hindi)

    नार्मल प्लेटलेट काउंट 150,000 और 400,000 के बीच (प्रति माइक्रोलीटर ब्लड) होना चाहिए. एक बार बनने के बाद प्लेटलेट्स हमारे शरीर में लगभग 10 दिनों तक रहते हैं और इन की लगातार आपूर्ति के लिए हमारी बोन मैरो प्रतिदिन लाखों प्लेटलेट्स बनाती है. महिलाओं और पुरुषों के लिए एवरेज प्लेटलेट काउंट 1,57,000 और 3,71,000 (प्रति माइक्रोलीटर ब्लड) के बीच माना जाता है.

    जब हमारे शरीर में किसी भी कारण से प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती है तो इसके कुछ बाहरी लक्षण दिखाई देते हैं. आगे आपको बताएँगे कि प्लेटलेट्स कम होने पर क्या होता है.

    लो प्लेटलेट्स के लक्षण (Low platelets symptoms in Hindi)

    लो प्लेटलेट्स के कई शारीरिक लक्षण हो सकते हैं जिनमें से कुछ मुख्य हैं,

    अक्सर चोट लग जाना और गहरे घाव होना

    चोट लगने पर देर तक खून का बहना

    पैरों के निचले हिस्से की त्वचा पर छोटे-छोटे दाने जैसे दिखने वाले लाल-बैंगनी धब्बे

    Article continues below advertisment

    मसूड़ों या नाक से खून आना

    पेशाब या मल में खून आना

    असामान्य रूप से होने वाला भारी मासिक धर्म

    अक्सर थकान महसूस होना

    तिल्ली (स्प्लीन) का बढ़ना

    Article continues below advertisment

    आख़िर कब होती है प्लेटलेट्स कम? (Low platelets causes in Hindi)

    अब आपको बताएँगे प्लेटलेट्स कम होने का मुख्य कारण क्या होते हैं. इसके कई कारण हैं जिनमें से एक है

    इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (ITP). यह तब होता है जब आपके शरीर का इम्यून सिस्टम सही तरह से काम नहीं कर पाता है और आपके एंटीबॉडीज़, बाहरी संक्रमण के कीटाणुओं पर हमला करने के बजाय गलती से आपके ही प्लेटलेट्स को नष्ट करने लगते हैं.

    कई बार लो प्लेटलेट्स आनुवांशिक कारणों की वजह से भी होते हैं.

    थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे वायरल इन्फेक्शन, चिकनपॉक्स, परवोवायरस, हेपेटाइटिस सी और एचआईवी.

    सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमैटोसस (एस.एल.ई)

    Article continues below advertisment

    ल्यूकेमिया

    कुछ खास तरह के ट्रीटमेंट और दवाओं के कारण भी लो प्लेटलेट्स हो सकते हैं जैसे हृदय रोग से सम्बंधित दवाएँ, खून पतला करने वाली दवाएँ, रेडिएशन ट्रीटमेंट और कीमो थेरेपी इत्यादि.

    ब्लड में होने वाला सेप्सिस नामक गंभीर जीवाणु संक्रमण

    डाइजेस्टिव सिस्टम में रहने वाला हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया

    इसे भी पढ़ें : क्या होती है हाई रिस्क प्रेग्नेंसी? किन महिलाओं को होता है इसका अधिक खतरा?

    Article continues below advertisment

    शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए इन बातों पर करें फोकस (Ways to increase blood platelets in Hindi)

    आइये अब आपको बताते हैं कि प्लेटलेट्स कम होने पर क्या करें?

    जीवन शैली में बदलाव करें

    सबसे पहले, अगर आप धूम्रपान करते हैं तो तुरंत छोड़ दें और शराब का सेवन भी कम से कम करें. धूम्रपान से जहां ब्लड में क्लौटिंग का रिस्क बढ़ जाता है वहीं शराब का अधिक सेवन प्लेटलेट्स के स्तर को प्रभावित करता है. अपने ओरल हाइजीन का ख्याल रखें ताकि मसूढ़ों से खून न निकले.

    डॉक्टर की सलाह लें

    ब्लड प्रेशर और हार्ट की बीमारी में खून को पतला करने के लिए दवा दी जाती है. इनको लेने के पहले डॉक्टर को अपनी स्थिति के बारे में ज़रूर बतायें. इसी तरह किसी भी सर्जरी या डेंटल ट्रीटमेंट से पहले भी डॉक्टर को अपनी दवाओं के बारे में बतायें.

    Article continues below advertisment

    चोट लगने और ब्लीडिंग के खतरों से बचें

    फ़ुटबॉल, बास्केटबॉल जैसे खेल या एडवेंचर स्पोर्ट्स के कारण चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है. लो प्लेटलेट्स की स्थिति में इन सबसे बचकर रहें. वाहन चलाते समय सीट बेल्ट और हेलमेट का उपयोग जरूर करें.

    प्लेटलेट बढ़ाने के लिए सही भोजन का चुनाव करें

    आप सही भोजन का चुनाव करके प्राकृतिक रूप से अपने प्लेटलेट्स को बढ़ा सकते हैं. इसके लिए अपने भोजन में नियमित रूप से दूध, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, चुकंदर, पपीते के पत्ते का रस, अनार, कद्दू, व्हीटग्रास आदि को शामिल करें.

    डॉक्टर से कब करें परामर्श? (When to see a doctor)

    अगर कभी भी आपको लो प्लेटलेट काउंट के लक्षण दिखाई दें तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. अधिक गंभीर लक्षण होने पर जैसे कि गहरा घाव या ऐसी चोट जिसका खून बहना बंद नहीं हो रहा हो या फिर मल या मूत्र में खून आने पर भी तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट लेना ज़रूरी होता है. यदि किसी ट्रीटमेंट या फैमिली हिस्ट्री के कारण आपको थ्रोम्बोसाइटोपेनिया होने का खतरा है, तो नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें.

    Article continues below advertisment

    Is this helpful?

    thumbs_upYes

    thumb_downNo

    Written by

    kavita upraity

    Get baby's diet chart, and growth tips

    Download Mylo today!
    Download Mylo App

    RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

    our most recent articles

    Mylo Logo

    Start Exploring

    wavewave
    About Us
    Mylo_logo

    At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:

    • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
    • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
    • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.