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Pregnancy Journey
10 August 2023 को अपडेट किया गया
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शरीर में एक अंडरएक्टिव थायराइड की वजह से हाइपोथायरायडिज्म होता है, जो थायराइड ग्लैंड को ज़रूरी हार्मोन बनाने से रोकती है. शुरुआत में औरतों में थायराइड के लक्षण ज़ाहिर नहीं होते हैं. लेकिन अगर इलाज नहीं किया जाता है, तो हाइपोथायरायडिज्म की वजह से मोटापा, जोड़ों में दर्द, दिल से जुड़ी समस्याएं और यहां तक कि बांझपन भी हो सकता है.
थायराइड ट्रेकिआ या विंडपाइप के चारों ओर लिपटी हुई, गर्दन के सामने वाली एक छोटी ग्लैंड होती है. इसका आकार एक तितली जैसा होता है. थायराइड ग्लैंड शरीर के ज़रूरी कामों जैसे शुगर रेगुलेशन, शरीर के तापमान और वजन को बनाए रखने जैसे हार्मोन बनाती है. अगर हार्मोन ज़्यादा मात्रा में निकलता है, तो यह शरीर में हाइपरथायरायडिज्म का कारण बन सकता है. जब यह कम बनता है, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहते हैं. दोनों स्थितियों को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
थायराइड ग्लैंड का असली काम मेटाबॉलिज्म पर असर डालने वाले हार्मोन को निकालना और कंट्रोल करना है. मेटाबॉलिज्म वह प्रोसेस है जिससे व्यक्तियों द्वारा खाया जाने वाला खाना एनर्जी में टूटता है और शरीर को ठीक से चलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने वाले थायराइड हार्मोन हैं
1. टी 4-थायरोक्सिन
2. टी 3-ट्राईआयोडोथायरोनिन
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पिट्यूटरी ग्लैंड, ब्लडस्ट्रीम में थायराइड हार्मोन की मात्रा की जांच करती है. अगर कम या ज़्यादा थायराइड हार्मोन बनते हैं, तो पिट्यूटरी ग्लैंड अपने खुद के टीएसएच या थायराइड बढ़ाने वाले हार्मोन का इस्तेमाल करके इसकी भरपाई करेगी.
ये भी पढ़े : सामान्य पोस्टपार्टम डायट प्लान की मदद से अधिक वजन कम करने में कितना समय लगता है?
औरतों में थायराइड के लक्षण दूसरी आम बीमारियों की तरह हो सकते हैं, जिससे थायराइड से जुड़ी समस्याओं को पहचानना मुश्किल हो जाता है.
इन लक्षणों में शामिल हैं
1. चिंता और घबराहट
2. बिना किसी वजह के चिड़चिड़ापन
3. नींद की समस्या
4 अचानक से वजन घटना
5. गॉइटर या बढ़े हुए थायराइड ग्लैंड
6. मांसपेशियों में कमजोरी
7. कंपकंपी
8. अनियमित मेन्स्ट्रूअल चक्र
9. गर्मी के प्रति ज़्यादा सेंसिटिव होना
10. देखने में दिक्कत
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इन लक्षणों में शामिल हैं
1. थकान
2. वजन बढ़ना
3. बार-बार भूलने की बीमारी
4. अधिक मेन्स्ट्रूअल स्त्राव
5. बहुत ज़्यादा सूखे बाल
6. गला बैठना
7. ठंड को न झेल पाना
थायराइड के कारण इसके इसके प्रकार पर निर्भर करते हैं.
औरतों में थायराइड के कारण / हाइपोथायरायडिज्म
1. थायराइडाइटिस - थायराइड ग्लैंड में सूजन, सही मात्रा में हार्मोन बनने से रोकती है.
2. हाशिमोटो थायरायडाइटिस - ऑटोइम्यून की स्थिति जिसमें थायराइड ग्लैंड को नुकसान पहुंचता है.
3. पोस्टपार्टम थायरायडाइटिस - बच्चे के जन्म के बाद लगभग 9% औरतों पर असर डालता है.
4. आयोडीन की कमी - शरीर में कम आयोडीन से हार्मोन का बनना कम हो सकता है.
5. डिसफंक्शनल थायराइड ग्लैंड - ऐसी स्थिति जो कुछ लोगों में उनके पैदा होने के समय से ही हो सकती है.
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हाइपरथाइरॉयडिज़्म के मुख्य कारण हैं:
1. ग्रेव्स डिजीज - इसे डिफ्यूज टॉक्सिक गॉइटर भी कहते हैं, जिसमें थायराइड ग्लैंड ओवरएक्टिव हो सकती है.
2. नोड्यूल - ज़हरीली खुद से काम करने वाली थायराइड नोड्यूल या ग्लैंड जिसमें कई नोड्यूल होते हैं जिन्हें मल्टी-नोड्यूलर गॉइटर कहते हैं.
3. थायरॉयडिटिस - बहुत ज़्यादा थायराइड हार्मोन का बनना.
4. आयोडीन का काफ़ी बढ़ा हुआ स्तर
थायराइड की बीमारी आम तौर पर दो तरह की होती है
1. हाइपरथाइरॉयडिज़्म: यह बीमारी तब होती है जब शरीर में थायराइड ग्लैंड ओवरएक्टिव होती है. इसमें, टीएसएच या थायराइड बढ़ाने वाले हार्मोन बहुत ज़्यादा बनते हैं.
2. हाइपोथायरायडिज्म: जब थायराइड ग्लैंड सही मात्रा में थायराइड हार्मोन नहीं बना पाती है, तो इससे हाइपोथायरायडिज्म होता है. यह टीएसएच के कम बनने से होता है.
किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को हाइपो या हाइपरथायरायडिज्म हो सकता है; हालांकि, कुछ कारकों की वजह से संभावना बढ़ जाती है. नीचे दिए गए कारक थायराइड की बीमारी फैलाते हैं:
1. एक महिला को
2. 60 साल से ज़्यादा होना.
3. हाइपोथायरायडिज्म या परिवार में किसी को हाइपरथायरायडिज्म रहा हो
4. ऑटोइम्यून हालत जैसे टाइप 1 डायबिटीज या सीलिएक बीमारी.
5. रेडियोधर्मी आयोडीन या थायराइड दवाइयों से जुड़े पिछले इलाज.
6. गर्दन वाली जगह या ऊपरी छाती में हुआ रेडिएशन इलाज.
7. पार्शियल थायरॉयडेक्टॉमी के कारण
8. प्रेग्नेंसी या बच्चे का जन्म
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परेशानियां
Complications
औरतों में थायराइड के लक्षणों का आमतौर पर इलाज हो जाता है. लेकिन थायराइड का इलाज नहीं करवाने से स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं.
1. गॉइटर (Goiter)
इस स्थिति में थायराइड ग्लैंड बहुत बड़ी हो जाती है. इससे सांस लेने और निगलने में परेशानी हो सकती है.
2. दिल से जुड़ी समस्याएं (Cardiac Problems)
हाइपोथायरायडिज्म की वजह से अक्सर दिल से जुड़ी समस्याएं होती हैं, जिसमें दिल का दौरा भी पड़ जाता है. यह लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन या एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने की वजह से होता है, जो शरीर के लिए अच्छा नहीं होता है.
3. मेंटल हेल्थ से जुड़े मामले (Mental Health Issues)
अगर कोई थायराइड की समस्या को झेल रहा है तो उसकी मेंटल हेल्थ पर असर पड़ सकता है. हाइपोथायरायडिज्म में उदासी और दिमाग का सही से काम नहीं कर पाना आम हो सकता है.
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4. पेरीफ़ेरल न्यूरोपैथी (Peripheral Neuropathy)
अनियंत्रित थायराइड बीमारी पेरीफ़ेरल नसों को परमानेंट नुकसान पहुंचा सकती है. इससे दर्द और सुन्न पड़ सकता है.
5. मिक्सिडीमा (Myxedema)
कभी-कभी, लंबे समय तक, अनियंत्रित हाइपोथायरायडिज्म की वजह से मिक्सिडीमा की स्थिति हो सकती है.
6. बांझपन (Infertility)
थायराइड की समस्या से ओव्यूलेशन में रुकावट आ सकती है और कभी-कभी बांझपन का कारण बन जाती है.
7. जन्म दोष (Birth Defects)
थायराइड के लक्षण वाली औरतों से पैदा होने वाले बच्चों में जन्म दोष होने का खतरा ज़्यादा होता है.
8. कैंसर (Cancer)
थायराइड कैंसर का सबसे आम टाइप पैपिलरी कार्सिनोमा थायराइड है. औरतों में थायराइड के लक्षणों में गर्दन के आस-पास एक लंप या नोड्यूल, गर्दन के आस-पास खिंचाव, आवाज़ में बदलाव, निगलने में दिक्कत, गर्दन में बढ़े हुए लिम्फ़ नोड, गर्दन और गले में दर्द होता है.
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औरतों में थायराइड के लक्षण लाइफ़टाइम में कभी भी दिखाई दे सकते हैं. अगर समय पर इनका इलाज किया जाए तो थायराइड की बीमारी से पूरी तरह बचा जा सकता है.
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No
Written by
Parul Sachdeva
A globetrotter and a blogger by passion, Parul loves writing content. She has done M.Phil. in Journalism and Mass Communication and worked for more than 25 clients across Globe with a 100% job success rate. She has been associated with websites pertaining to parenting, travel, food, health & fitness and has also created SEO rich content for a variety of topics.
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