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In Vitro Fertilization (IVF)
17 March 2023 को अपडेट किया गया
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आजकल कई पति पत्नी गर्भधारण में समस्या आने पर फर्टिलिटी ट्रीटमेंट लेने के इच्छुक होते हैं और इसलिए उनके मन में विभिन्न फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स से संबंधित कई सवाल उठना स्वाभाविक है.
ऐसा ही एक सवाल है कि इंट्रा यूट्रीन इनसेमिनेशन (IUI) और इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) में कौन सी तकनीक ज्यादा बेहतर और सफल है. हालांकि इन दोनों को ही प्रभावी और सुरक्षित फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स माना जाता है, लेकिन प्रत्येक दंपति के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह अपने लिए सही विकल्प चुनें. आइए हम इन दोनों को समझने में आपकी मदद करते हैं ताकि आप यह तय कर सकें कि आपके लिए क्या बेहतर है.
IUI और IVF के बीच अंतर
IUI में, शुक्राणु को महिला के मासिक चक्र के लगभग 14 दिन पूरे होने पर गर्भ में रखा जाता है. इससे शुक्राणु के लिए अंडे तक पहुँचने की दूरी कम हो जाती है, जिससे गर्भाधान की संभावना बढ़ जाती है. इसके विपरीत, आईवीएफ में बड़ी संख्या में अंडे विकसित करने के लिए दवाएं दी जाती हैं, जिन्हें बाद में अंडाशय से निकाल कर लैब में निषेचित किया जाता है ताकि भ्रूण विकसित होने पर उसके बेहद शुरुवाती स्तर पर ही उसे माता के गर्भ में प्रत्यारोपित किया जा सके.
कौनसा विकल्प है बेहतर?
आईयूआई और आईवीएफ के बीच एक सीधी तुलना इसलिए नहीं हो सकती क्योंकि इन दोनों की प्रकृति अलग अलग है और इसलिए हर एक दंपति के लिए इनकी उपयुक्तता एक समान नहीं होगी. लेकिन निम्नलिखित जानकारी के द्वारा एक पति पत्नी यह समझ सकते हैं कि इन में से कौन सा ट्रीटमेंट उनके लिए सही और प्रभावी हो सकता है.
गर्भधारण करने में रुकावटों से जूझ रहे हर जोड़े की प्रकृति एवं समस्याएँ अलग हो सकती हैं और इसलिए ऐसे जोड़ों को सबसे पहले एक फर्टिलिटी एक्सपर्ट के साथ परामर्श करना चाहिए ताकि वह सही कारण का पता लगाकर IUI या IVF जैसे किसी विकल्प को अपनाने की राय दें.
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Written by
Priyanka Verma
Priyanka is an experienced editor & content writer with great attention to detail. Mother to an 11-year-old, she's a skilled writer and has written about many niches, in both English & Hindi. She has been playing with words for 13 years.
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