


Feeding from a Bottle
8 August 2023 को अपडेट किया गया
कोलिक छोटे बच्चों के पेट दर्द (Colic meaning in Hindi) को कहा जाता है जो आमतौर पर उनके जन्म के पहले कुछ महीनों के दौरान होता है. इसका मुख्य कारण है बच्चों का इमैच्योर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम जो जन्म के बाद भी विकसित होते रहता है. कोलिक इंडाइज़ेशन या फ़ीडिंग के दौरान पेट में हवा जाने या फिर दूध पीने के बाद पेट में गैस बनने के कारण होता है और इससे बच्चे को बहुत तकलीफ़ होती है. हालाँकि, कोलिक बच्चे के छह महीने का होते-होते अपने आप ठीक होने लगता है.
बच्चों को इस परेशानी से बचाने के लिए आजकल मार्केट में एंटी कोलिक बॉटल (Anti colic bottle meaning in Hindi) मिलने लगी हैं जिनसे इस समस्या का बचाव किया जा सकता है. आइये जानते हैं एंटी कोलिक बॉटल क्या होती हैं.
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एंटी-कोलिक बॉटल (Anti colic bottle meaning in Hindi) इस तरह से डिज़ाइन की जाती है कि दूध पीते हुए बच्चे के पेट में दूध के साथ हवा बिल्कुल भी न जाने पाए. इसमें वेंटिंग सिस्टम, एयर वेंट या कोलैप्सिबल बैग जैसे ख़ास फीचर्स होते हैं जिनसे फ़ीडिंग आसान और सुरक्षित हो जाती है. चौड़े मुँह वाली इस बॉटल का आकार इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि इससे दूध का स्मूद फ़्लो मेंटेन रहता है जिससे पेट में गैस नहीं भरती और पेट दर्द जैसी दिक्कतें भी नहीं होती हैं. एंटी कोलिक बॉटल का प्रयोग पेरेंट्स और बच्चे के लिए कोलिक से होने वाले दर्द और परेशानी का एक असरदार सॉल्यूशन है.
इस बॉटल के इस्तेमाल के कई फ़ायदे हैं. आइये इन्हें एक-एक करके जानते हैं.
इसका सबसे बड़ा फ़ायदा तो यह है कि ये जहाँ बच्चे को अनावश्यक दर्द और तकलीफ़ से बचाती है वहीं नए पेरेंट्स के लिए फ़ीडिंग के अनुभव को आसान बनाने में मदद करती है.
सबसे पहला और सबसे बड़ा फ़ायदा है, कोलिक के कारण होने वाली दिक्कतों से बच्चे का बचाव जिसमें पेट में तेज़ दर्द, बहुत ज़्यादा रोना, चिड़चिड़ापन और बेचैनी जैसी तकलीफ़ होती है. एंटी कोलिक बॉटल बच्चे के पेट में गैस बनने से रोकती है जो कोलिक का मुख्य कारण है.
एंटी कोलिक बॉटल्स का डिज़ाइन ऐसा बनाया जाता है जिससे दूध के प्रवाह को अधिक से अधिक प्राकृतिक और कंट्रोल्ड रखा जा सके. इससे डाइज़ेशन में मदद मिलती है और निप्पल को चूसते हुए दूध के साथ हवा अंदर नहीं जाती जिससे बच्चे के लिए फ़ीडिंग अधिक आसान और आरामदायक हो जाती है.
ब्रेस्टफ़ीडिंग करने वाले बच्चों को इस बॉटल के साथ बॉटलफ़ीडिंग की आदत डालना आसान हो जाता है. अक्सर वर्किंग मदर्स जब वापस काम पर जाती हैं तो बच्चे को बॉटल से फीड देना पड़ता है और ऐसे में ब्रेस्टफ़ीड लेने वाले अधिकतर बच्चे इस बदलाव से परेशान हो जाते हैं. लेकिन इन बॉटल्स के सॉफ्ट और लचीले निपल्स ब्रेस्ट से काफी मिलते-जुलते होते हैं जिससे बच्चे को निप्पल कंफ्यूशन नहीं होता और ब्रेस्ट से बॉटल के बीच स्विच करना आसान हो जाता है.
इनका ख़ास आकार और कंट्रोल्ड मिल्क फ़्लो वाली टेक्निक भी ब्रेस्टफ़ीडिंग और लैचिंग के नेचुरल तरीक़े से काफ़ी मिलती जुलती होती है जिससे माँ की अनुपस्थिति में भी इस बॉटल से बच्चे के फ़ीडिंग रूटीन को आसानी से मेंटेन किया जा सकता है.
एंटी कोलिक बॉटल के यूज़ से पेरेंट्स अपने और अपने बच्चे के लिए फ़ीडिंग को काफ़ी आसान बना सकते हैं. जहाँ बच्चे के लिए बेकार की परेशानी और तकलीफ़ कम हो जाती है. वहीं, माता-पिता के लिए बच्चे की चिड़चिड़ाहट और पेट दर्द से रोते हुए बच्चे को शांत करने जैसी दिक्कतें नहीं होतीं. साथ ही, बच्चे को खुश देखना और फ़ीडिंग को एंजोएबल बनाने से एक संतुष्टि भी मिलती है.
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एंटी कोलिक बॉटल ख़रीदते हुए आपको कुछ पॉइंट्स पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए; जैसे कि-
सबसे पहले उन अच्छे ब्रांड्स को चेक करें जिनकी एंटी कोलिक बॉटल मार्केट में उपलब्ध हैं. उनके फीचर्स, फीडबैक और यूज़र एक्सपीरिएन्स के बारे में जानकारी इकट्ठा करें.
इन ब्राण्ड्स के एंटी-कोलिक मैकेनिज्म को चेक करें और वेंटिंग सिस्टम, एयर वेंट, या कोलेप्सिबल बैग वाली बोतलों को चुनें जो फ़ीडिंग के दौरान एक्सट्रा हवा को अंदर जाने से रोकती हैं.
ऐसे निपल वाली बॉटल को चुनें जो ब्रेस्ट के आकार और बनावट से मिलते-जुलते हों, क्योंकि इससे बच्चे को ब्रेस्टफ़ीडिंग जैसा ही एक्सपीरिएन्स होता है. सॉफ्ट, लचीले और BPA फ्री मटीरिअल से बने निपल्स बेस्ट होते हैं.
ऐसी बॉटल जिसमें मिल्क फ़्लो को एडजस्ट किया जा सके वह बेस्ट होती हैं. नवजात शिशुओं को हल्के फ़्लो से दूध पिलाना चाहिए जबकि बड़े शिशुओं को तेज़ फ़्लो की ज़रूरत होती है. एडजेस्टेबल फ्लो से आपका बढ़ता हुआ शिशु किसी भी स्टेज में आराम से दूध पी सकेगा.
बॉटल का ऐसा डिज़ाइन चुनें जिसका मुँह चौड़ा हो और जिसमें वेंटिंग कॉम्पोनेंट सहित सभी हिस्सों को अलग कर के साफ़ किया जा सके.
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BPA फ्री सेफ मटीरिअल (BPA-Free and Safe Materials): हमेशा चेक करें कि बॉटल बच्चे के लिए सेफ BPA फ्री प्लास्टिक से बनी हो. आप माइलो 2-इन-1 बेबी फ़ीडिंग बॉटल को इस्तेमाल कर सकते हैं. यह बॉटल बीपीए फ्री मटीरिअल से बनी है. साथ ही, इसका एंटी कोलिक बेबी गैस और कोलिक की समस्या को रोकता है.
फ़ीडिंग से पहले सुनिश्चित करें कि वेंटिंग सिस्टम ठीक से काम कर रहा है और ब्लॉक नहीं है.
अपने बच्चे की उम्र के अनुसार सही निपल फ़्लो चुनें.
बॉटल को हल्का-तिरछा करके पकड़ें ताकि निप्पल दूध से भरा रहे और हवा अंदर ना जाने पाए.
फ़ीडिंग के दौरान बच्चे का सिर थोड़ा ऊँचा रखें.
बच्चे को दूध पिलाने के दौरान बीच में डकार दिलाएँ जिससे पेट में फंसी हवा निकलती रहे.
एक बार में बहुत ज़्यादा दूध पिलाने से बचें.
यदि पंप किए गए ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला का प्रयोग करते हैं, तो इसे ज़्यादा गर्म होने और एयर बबल बनने से बचाने के लिए हल्का गर्म करें.
हर बार प्रयोग के बाद बॉटल को अच्छी तरह से साफ़ करें
निप्पल के किसी भी वजह से डेमेज हो जाने पर इसे बदल दें.
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बच्चे को एंटी कोलिक बॉटल के साथ एडजस्ट होने में कुछ समय लग सकता है इसलिए बॉटल खरीदने के बाद ऑब्जर्व करें बच्चा दूध पीने के दौरान कैसा रिएक्शन दे रहा है. अगर बच्चे के पेट दर्द और चिड़चिड़ाहट के लक्षणों में कमी आती है और वह बॉटल से आसानी से दूध पीने लगे तो इसका मतलब है आपने कोलिक से बचाव करने वाली सही बॉटल चुनी है.
1. Fewtrell MS, Kennedy K, Nicholl R, Khakoo A, Lucas A. (2012). Infant feeding bottle design, growth and behaviour: results from a randomised trial.
2. Kreitschmann M, Epping LC, Hohoff A, Sauerland C, Stamm T. (2018). Sucking behaviour using feeding teats with and without an anticolic system: a randomized controlled clinical trial. BMC Pediatr.
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Kavita Uprety
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