VIEW PRODUCTS
Article Continues below advertisement
Allergies
12 December 2022 को अपडेट किया गया
Article Continues below advertisement
आमतौर पर, शुरूआती छह महीने शिशु अपने माँ के दूध पर निर्भर रहते हैं। लेकिन, जैसे-जैसे वह बड़े होने लगते हैं उन्हें बाहरी फ़ूड की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए, छह महीने के बाद शिशु को बाहरी आहार जरूर दिए जाने चाहिए ताकि उनका सम्पूर्ण विकास हो सके। लेकिन, जब आप अपने शिशु को पहली बार कोई फ़ूड दे रही हों तब उनमें फ़ूड एलर्जी की पहचान अच्छे से कर लें क्योंकि, इससे कुछ बच्चों को एलर्जी की समस्या होने लगती है।
देखा जाए तो शिशु में एलर्जी की पहचान पेट में दर्द और दस्त के रूप में सामने आ सकता है। क्योंकि, इस समय शिशु का डाइजेस्टिव सिस्टम इतना मजबूत नहीं होता है, जिससे कि वह किसी भी तरह के फ़ूड को पचा सकें, ऐसे में इस समय शिशु में पाचन संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है। इन सब के अलावा, इस तरह के लक्षण शिशु में देखने को मिल सकते हैं-
आमतौर पर इस तरह के फ़ूड से बच्चों में ज्यादातर एलर्जी की समस्या देखने को मिलती है, जैसे-
जब आपके बच्चे में खाने के बाद इस तरह की समस्या उत्पन्न हो तब आपको समय रहते डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है, जैसे कि-
जब आप शिशु को पहली बार खाना देने जा रहें तो इन गलतियों को ज़रूर ध्यान में रखें, जो निम्न हैं-
Article continues below advertisment
नमक - अपने शिशु को एक साल से पहले नमक का सेवन न कराएं, क्योंकि इस समय आपके शिशु की किडनी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई होती है, और वो नमक को प्रोसेस नहीं कर पाती। जिससे कि शिशु को ब्लॉटिंग और डीहाइड्रेशन हो सकता है।
अंडे - 6 महीने बाद आपका शिशु ठोस पदार्थ लेना शुरू कर दे तब आप, अपने शिशु को अच्छी तरह से उबला हुआ अंडा दे सकते हैं। लेकिन, इस बात का जरूर ध्यान रखें कि इस दौरान उसे हाफ-बॉइल एग और अंडे की भुर्जी न दें।
मिर्चमसाले या वसायुक्त खाद्य पदार्थ न दें- शुरुआती दिनों में अपने शिशु को मिर्चमसाले या वसायुक्त खाद्य पदार्थ बिल्कुल न दें। खासकर, मीट जैसी चीजें शिशु के लिए हज़म करना मुश्किल होता है। इससे उनका पेट खराब हो सकता है इसलिए एक साल बाद मीट ट्राई करें।
एलर्जी युक्त आहार न दें- जिस चीज से बच्चे को बार-बार ऐलर्जी होती हो, उसे उस चीज से दूर रखें। ऐलर्जी से बचाने के लिए खाने-पीने की चीजों के पैकेट पर लिखा विवरण ध्यान से पढ़ लें ताकि पहले से ही यह मालूम रहे कि जो बच्चे को खिलाने जा रही हैं उस में कोई ऐसा तत्त्व नहीं है जिस से उसे ऐलर्जी हो।
सोया प्रॉडक्ट - सोया प्रॉडक्ट शिशु के पाचन के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। क्योंकि, सोया हाई प्रोटीन फूड है जिसे पचाना थोड़ा मुश्किल होता है।
ऐसे में, इसे तब दें जब तक शिशु का पाचन क्रिया पूरी तरह से विकसित न हो जाए।
Article continues below advertisment
गैस बनाने वाली सब्ज़ियां- अपने शिशु के आहार में वैसी सब्जियों को शामिल न करें जिससे कि उन्हें गैस की समस्या हो। खासकर, बंदगोभी और गोभी जैसी सब्जियां शिशु के पेट में गैस बना सकती हैं और दर्द पैदा कर सकती हैं। ये सब्जियां शिशु को तब खिलाएं जब उन्हें सॉलिड फूड खाने की आदत पड़ चुकी हो।
Yes
No
Written by
Jyoti Prajapati
Get baby's diet chart, and growth tips
मलमल के कपड़े से बने लंगोट को इस्तेमाल करने के 10 ऐसे तरीके जिसके बारें में आप सोच भी नहीं सकते !
ये कैसे सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा हरी पत्तेदार सब्जियाँ खा रहा है?
सरकार ने अनलॉक 5 की गाइडलाइन्स का किया ऐलान, 15 अक्टूबर से 50 फीसदी क्षमता के साथ खुल सकेंगे सिनेमा हॉल
हाई रिस्क प्रेगनेंसी के नाम से ना घबराएं, नॉर्मल डिलीवरी है मुमकिन
लोरी सुनकर क्यों सो जाते हैं बच्चे, जानें वैज्ञानिक कारण
बच्चे को कपड़े में लपेटते समय इन बातों का रखे ध्यान
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby carrier | baby soap | baby wipes | stretch marks cream | baby cream | baby shampoo | baby massage oil | baby hair oil | stretch marks oil | baby body wash | baby powder | baby lotion | diaper rash cream |