hamburgerIcon
login
STORE

VIEW PRODUCTS

ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART

Article continues after adveritsment

Article continues after adveritsment

  • Home arrow
  • Maternity Leave arrow
  • Maternity Leave in Hindi | मैटरनिटी लीव क्या होती है और यह कितने दिन की होती है? arrow

In this Article

    Maternity Leave in Hindi | मैटरनिटी लीव क्या होती है और यह कितने दिन की होती है?

    Maternity Leave

    Maternity Leave in Hindi | मैटरनिटी लीव क्या होती है और यह कितने दिन की होती है?

    8 August 2023 को अपडेट किया गया

    Article continues after adveritsment

    मातृत्व अवकाश या मैटरनिटी लीव कामकाजी महिलाओं के लिए सरकार द्वारा दिया गया एक ऐसा विशेषाधिकार है जो उन्हें प्रेग्नेंसी होने और शिशु के जन्म के बाद आने वाले बदलावों के साथ सामंजस्य बैठाने के उद्देश्य से दिया गया है. इस पोस्ट में आपको मैटरनिटी लीव से जुड़ी हुई कुछ खास बातों के बारे में जानकारी देंगे.

    मातृत्व अवकाश कब से ले सकते हैं?

    मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 के अनुसार कामकाजी महिलाएं प्रेग्नेंसी एस्टैब्लिश होने के बाद कुल 26 हफ्ते की मैटरनिटी लीव ले सकती हैं. इसके लिए आप अपनी डिलीवरी की ड्यू डेट से 8 हफ्ते पहले मैटरनिटी लीव पर जा सकती हैं.

    मातृत्व अवकाश के लिए कौन पात्र है?

    सभी गर्भवती मह‍िलाएं मैटरनिटी बेनीफिट्स के ल‍िए पात्र हैं. मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 के अनुसार सभी फैक्ट्रियों, खदानों या 10 और उससे अधिक वर्कर्स वाली दुकानों एवं प्रतिष्ठानों और राज्य सरकार द्वारा नोटिफाइड सभी अन्य प्रतिष्ठानों में काम करने वाली महिलायें मैटरनिटी बेनीफिट ऐक्ट 2017 के अनुसार दी जाने वाली सुविधाओं के लिए एलिज़िबल हैं.

    मातृत्व अवकाश कैसे मिलता है?

    प्रेग्नेंसी कनफर्म हो जाने के बाद जब आपका दूसरा ट्राइमेस्टर शुरू हो जाए तो अपने बॉस और एचआर डिपार्टमेंट को बता देना बेहतर है क्योंकि ज्यादातर कंपनियां लिखित में एडवांस नोटिस मांगती हैं. एच आर डिपार्टमेन्ट आपको कंपनी की पॉलिसी के बारे में पूरी जानकारी देगा. सामान्यतः आप अपनी डिलीवरी की ड्यू देट से 90 दिन पहले मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन कर सकती हैं.

    मातृत्व अवकाश नियम

    आइये अब जानते हैं कि मैटरनिटी लीव के क्या नियम हैं.

    • 2017 के मैटरनिटी बेनिफिट अधिनियम के अनुसार गर्भवती महिलाओं को 26 हफ्ते का मातृत्व अवकाश दिया जाएगा.

    • अगर आप की कंपनी में 10 या इससे ज्यादा कर्मचारी हैं तभी आप इस अवकाश की पात्र हैं.

    • इस दौरान पड़ने वाले सभी गेजेटेड हौलीडेज़, रविवार और दूसरी गवर्नमेंट छुट्टियां भी इसी अवकाश में शामिल होती हैं.

    • महिलाएं जिनके पहले से ही दो या उससे अधिक बच्चे हैं उन महिलाओं को 12 हफ्ते की मेटरनिटी लीव दी जाएगी.

    • अगर आप 12 या 26 सप्ताह के मातृत्व अवकाश के लिए एलिज़िबल हैं, तो आपको इस अवधि के दौरान वेतन मिलता रहेगा.

    • इस ऐक्ट के तहत आपकी मैटरनिटी बेनीफिट लीव पे का कैल्कूलेशन आपके पिछले 3 महीने के एवरेज डेली वेजेज़ के आधार पर किया जाता है और ये तीन महीने आपकी छुट्टी से एकदम पहले वाले होते हैं.

    • मैटरनिटी बेनिफिट् लीव पे का लाभ लेने के लिए महिला का मौजूदा कंपनी में पिछले 12 महीनों के दौरान कम से कम 80 दिन तक काम करना ज़रूरी है फिर चाहे वह गवर्नमेंट संस्था हो या प्राइवेट कंपनी.

    • नये संशोधित ऐक्ट 2017 में उन माताओं को भी 12 सप्ताह की पेड़ लीव देने का प्रावधान है, जिन्होंने तीन माह या उससे छोटे शिशु को गोद लिया है या जिन्हें सरोगेसी के जरिये बच्चा हुआ है. जिस वक़्त से महिला को शिशु मिल जाता है उसी वक्त से इस मैटरनिटी पेड़ लीव का कैलकुलेशन किया जाता है.

    • मैटरनिटी बेनीफिट ऐक्ट 2017 महिला को वर्क फ़्रौम होम की सुविधा देने की भी इजाजत देता है. लेकिन यह पूरी तरह से महिला के काम की प्रकृति पर निर्भर करता है. इसके लिए यह ज़रूरी है की वह डिलीवरी से पहले ही वर्क फ़्रौम होम की संभावना के बारे में अपनी कंपनी के अधिकारी से बात कर ले.

    • ऐक्ट में ये भी कहा गया है कि ऐसी कोई भी कंपनी या प्रतिष्ठान जहां 50 या उससे ज्यादा कर्मचारी हैं तो उसे ऐसी माताओं के लिए कहीं आसपास बेबी डे केयर या क्रैश की व्यवस्था करनी होगी.

    • ऐक्ट के अनुसार आप दिन भर में चार बार तक क्रैश में जा कर अपने बच्चे को फीड करा सकती हैं.

    • मैटरनिटी बेनीफिट ऐक्ट 2017 के अनुसार किसी भी महिला कर्मचारी को सिर्फ प्रेग्नेंसी होने की वजह से नौकरी से हटाना कानूनन जुर्म है. ऐसा इसलिए ताकि गर्भवती महिलाओं के साथ भेदभाव न होने पाये.

    • इस ऐक्ट से जुड़ा हुआ कानून यह भी कहता है महिला के प्रसव की ड्यू डेट से 10 हफ्ते पहले तक उससे कोई बहुत ज्यादा मेहनत वाला काम नहीं करवाना चाहिए. वह कई घंटे तक खड़ी न रहे और ऐसा कोई भी काम उसे करने को नहीं कहा जाए जिसकी वजह से कोई और समस्या पैदा हो.

    मातृत्व अवकाश के लिए आवश्यक दस्तावेज

    मैटरनिटी लीव से जुड़ी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए आपको अपनी कंपनी के संबंधित अधिकारी के पास गवर्नमेंट डॉक्टर के द्वारा दिया गया हेल्थ सर्टिफिकेट जमा करना ज़रूरी है. इसके लिए आपको एक मैटरनिटी लीव एप्लीकेशन लिखकर अपनी कंपनी के एच आर डिपार्टमेंट में पास जमा करनी होगी. एप्लीकेशन एक सादे पन्ने पर लिखें और हर शब्द बिल्कुल साफ लिखा हो ताकि हर बात आसानी से समझ में आए. एच आर डिपार्टमेंट सभी ज़रूरी ड़ौक्यूमेंट्स की जांच करने के बाद मेटरनिटी लीव अप्रूव कर देगा.

    मातृत्व अवकाश के नियम मध्यप्रदेश

    मध्यप्रदेश में 15 जून 2018 को जारी किए गए गैजेट के अनुसार महिला कर्मचारियों को दो बार 180 दिन यानि कि छह महीने की मैटरनिटी लीव दिए जाने का प्रावधान है. महिला कर्मचारी अगर चाहे तो इस अवकाश को टुकड़ों में भी ले सकती है. इस दौरान उन्हें सैलरी समेत सभी अन्य लाभ भी दिए जाते हैं.

    मातृत्व अवकाश नियम राजस्थान

    कोई भी अधिकृत औफिसर एक महिला स्टेट एम्प्लोई को उसके पूरे सर्विस पीरियड में अधिकतम दो बार मैटरनिटी लीव सेंक्शन कर सकता है. दो बार मैटरनिटी लीव के बाद भी यदि कोई जीवित संतान न हो तो ऐसा औफिसर एक बार और अर्थात् तीसरी बार 135 दिन तक की मैटरनिटी लीव सेंक्शन कर सकता है.

    मातृत्व अवकाश नियम उत्तराखंड

    मातृत्व अवकाश नियम उत्तराखंड के अनुसार उत्तरखंड में महिलाओं को 180 दिन का प्रसूति अवकाश वेतन के साथ मिलता है. इसके अलावा 180 दिनों के मैटरनिटी अवकाश की सुविधा सेरोगेसी के द्वारा माँ बनने पर भी दिये जाने की व्यवस्था की गयी है.

    भारत में मातृत्व अवकाश नियम 2022

    सेंटर गवर्नमेंट ने कुछ नियम और शर्तों के साथ मैटरनिटी लीव से संबन्धित नए आदेश दिये हैं जिसके अंतर्गत 60 दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश देने का निर्णय लिया गया है. इस आदेश का उद्देश्य नवजात शिशु के मृत पैदा होने या प्रसव के तुरंत बाद उसकी मौत हो जाने पर मां को पहुंचने वाली भावनात्मक क्षति और सदमे से बाहर आने में उसकी मदद करना है. इस आदेश के अनुसार महिला कर्मचारी को मृत बच्चे के जन्म या बच्चे की मृत्यु होने पर तुरंत 60 दिनों का विशेष अवकाश दिया जाएगा.

    मातृत्व अवकाश नियम उत्तर प्रदेश

    उत्तर प्रदेश में मैटरनिटी बेनीफिट ऐक्ट, 2017 के अनुसार प्रेग्नेंट महिला 26 सप्ताह के मातृत्व अवकाश की पात्र होती है. इसे वह अपनी ड्यू डेट से आठ सप्ताह पहले से ले सकती है. यह अवकाश पहली दो प्रेग्नेंसी के लिए दिया जाता है और तीसरी प्रेग्नेंसी होने पर इस अवकाश की अवध‍ि सिर्फ 12 सप्ताह की होती है.

    मातृत्व अवकाश स्वीकृति आदेश

    ऊपर बताए गए नियमों के अनुसार ऐसी कोई भी कामकाजी महिला जो ईएसआई के अंतर्गत दी जाने वाली सुविधाओं के दायरे में नहीं आती है उसे मैटरनिटी बेनीफिट ऐक्ट, 2017 के अनुसार इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए अपनी कंपनी के एच आर डिपार्टमेन्ट / कंसर्निंग अधिकारी को सूचित करना होगा. नियमों के अनुसार सभी ज़रूरी डौक्यूमेंट्स की जांच के बाद अधिकृत औफिसर को मातृत्व अवकाश स्वीकृति आदेश देना होगा.

    Is this helpful?

    thumbs_upYes

    thumb_downNo

    Written by

    Kavita Uprety

    Get baby's diet chart, and growth tips

    Download Mylo today!
    Download Mylo App

    Article continues after adveritsment

    Article continues after adveritsment

    Article continues after adveritsment

    RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

    our most recent articles

    Mylo Logo

    Start Exploring

    wavewave
    About Us
    Mylo_logo

    At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:

    • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
    • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
    • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.