back search

Want to raise a happy & healthy Baby?

  • Get baby's growth & weight tips
  • Join the Mylo Moms community
  • Get baby diet chart
  • Get Mylo App
    ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART
    • Home arrow
    • Garbha Sanskar arrow
    • वो दस चीज़ें ज़ो शिशु गर्भ में ही सीख लेता है? पूरी जानकारी इस लेख में  arrow

    In this Article

      Garbha Sanskar

      वो दस चीज़ें ज़ो शिशु गर्भ में ही सीख लेता है? पूरी जानकारी इस लेख में 

      12 December 2022 को अपडेट किया गया

      प्रकृति का करिश्मा ही है कि गर्भ में विकसित हो रहे शिशु का शरीर प्रतिदिन आश्चर्यजनक क्षमतायें विकसित करता है, यहाँ तक कि आपकी कही बातों को सुनता और समझता है. वैज्ञानिक भी यह प्रमाणित कर चुके हैं कि शिशु गर्भ में ही कई चीज़ें सीख लेते हैं और वो भी सिर्फ बाहर की आवाज़ें सुनकर. इस लेख में आपको बताएंगे ऐसे ही कुछ आश्चर्यजनक तथ्य.

      • सुनने की क्षमता

      चौबीसवें हफ्ते यानि कि छंटे महीने के बाद शिशु में सुनने की क्षमता विकसित होने लगती है. इस दौरान बच्‍चे का चेहरा और बाकी अंग भी विकसित होते हैं.

      • मुस्कुराना

      बच्चे गर्भ में ही मुस्कुराना भी सीख लेते हैं. आधुनिक टेक्नोलॉजी ने इस बात को सिद्ध किया है कि बच्चा अपनी माँ के गर्भ में मुस्कुराता है.

      • सूंघने की क्षमता

      28 वें सप्‍ताह में बच्‍चे की सूंघने की क्षमता का विकास भी होने लगता है.

      • रोना

      अमूमन बच्चे गर्भ से निकलते ही रोते हैं और बच्चे का रोना उसके स्वस्थ होने का संकेत माना जाता है पर आश्चर्यजनक बात यह है कि बच्चे गर्भ में ही रोना सीख लेते हैं.

      • सांस लेने का प्रयास करना

      एक रिसर्च ने इस बात को सिद्ध किया है कि गर्भ में ही बच्चे सांस लेने की कोशिश करना शुरू कर देते हैं. हालांकि, उन्हें माँ द्वारा ऑक्सीजन मिलता है, लेकिन शोध कहता है कि भ्रूण गर्भ में 9 हफ्ते के बाद से ही सांस लेने की कोशिश करना आरम्भ कर देता है.

      • स्‍वाद विकसित करना

      गर्भ में विकसित होता हुआ शिशु रोजाना कई औंस एमनियोटिक फ्लुइड पीता है जिसमें उन खाद्य और पेय पदार्थों की गंध और स्वाद होता है जिन्हें मां ने पिछले कुछ घंटों में खाया हो. इस आधार पर बच्चा उन पदार्थों के प्रति स्वाद विकसित कर लेता है और जन्‍म के बाद भी उसे वह पसंद आती हैं.

      • अपनी माँ के करीब आना

      माँ और उसके गर्भस्थ शिशु के बीच शारीरिक कनेक्शन के साथ भावों का संबंध भी होता है. इसलिए माँ के मन के आ रहे सभी भाव जैसे खुशी, उदासी, थकान, हंसी, गुस्सा इत्यादि बच्चे पर भी असर करते हैं और उसका मूड माँ के मूड के मुताबिक़ बदलता है.

      • सपने देखना

      आधुनिक टेक्नोलॉजी ने यह भी साबित कर दिया है कि शिशु गर्भ में वाकई सोते हैं और सपने भी देखते हैं.

      • तनाव पर प्रतिक्रिया देना

      गर्भस्थ शिशु को मां के तनावग्रस्‍त होने पर तुरंत बोध हो जाता है और वह प्रतिक्रिया भी देता है. एक शोध में जब गर्भवती मां के चेहरे को ढकने का प्रयोग किया गया तो उसके शिशु ने तुरंत प्रतिक्रिया कर मां को सांस लेने पर मजबूर कर दिया जिससे उसे आराम मिल गया.

      • अलग अलग स्पर्श को महसूस करना

      शोध यह भी कहते हैं कि गर्भावस्था के 8 हफ़्तों बाद बच्चे वास्तव में किसी भी स्पर्श का जवाब अपने हाथ पैर हिलाकर देने लगते हैं, इसलिए जितनी बार आप अपने पेट को छुएंगी आपका बच्चा हर बार आपके स्पर्श को महसूस करेगा.

      Is this helpful?

      thumbs_upYes

      thumb_downNo

      Written by

      Sanju Rathi

      A Postgraduate in English Literature and a professional diploma holder in Interior Design and Display, Sanju started her career as English TGT. Always interested in writing, shetook to freelance writing to pursue her passion side by side. As a content specialist, She is actively producing and providing content in every possible niche.

      Read More

      Get baby's diet chart, and growth tips

      Download Mylo today!
      Download Mylo App

      RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

      our most recent articles

      Start Exploring

      About Us
      Mylo_logo

      At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:

      • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
      • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
      • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.

      Open in app