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Pregnancy
8 August 2023 को अपडेट किया गया
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25 साल की निशा शर्मा की डिलीवरी सी-सेक्शन यानी कि सिजेरियन से हुई थी. डिलीवरी को हुए लगभग 2 महीने हो चुके हैं. लेकिन न्यू मॉम बनी निशा के मन में इस वक़्त ख़ुद को लेकर कई सारे सवाल हैं, जिनमें से एक सवाल है कि सी सेक्शन डिलीवरी के बाद पहली बार पीरियड्स कब आएँगे (Periods after c section in Hindi), कहीं सी सेक्शन डिलीवरी के बाद पीरियड्स अनियमित तो नहीं होंगे (Irregular periods after c section in Hindi), क्या सी सेक्शन के बाद होने वाले पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग होगी (Heavy bleeding in periods after C section), आदि.
निशा की ही तरह ऐसी कई न्यू मॉम्स हैं, जिनकी सी सेक्शन से डिलीवरी हुई है और अब उनके मन में पीरियड्स को लेकर कई सवाल हैं. अगर आप भी उन्हीं मॉम्स में से एक हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है, क्योंकि इस आर्टिकल के ज़रिये हम आपको डिटेल में बताएँगे कि आख़िर सी सेक्शन डिलीवरी के बाद पहली बार पीरियड्स कैसे आते हैं (First period after c section in Hindi) और आपको किस तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
सिजेरियन डिलीवरी के बाद आपके पीरियड्स कई चीज़ों से प्रभावित होते हैं. पहली बार आपके पीरियड्स कब होंगे (Periods after delivery c-section in Hindi) इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं; जैसे कि- आपका ब्रेस्टफ़ीडिंग पैटर्न क्या है, आप बच्चे को कितनी देर तक स्तनपान (ब्रेस्टफ़ीडिंग) करवाते हैं, प्रेग्नेंसी के बाद आपके हार्मोन्स नॉर्मल हुए हैं या नहीं, आदि. दरअसल, जो महिलाएँ डिलीवरी के बाद से ही बच्चे को दूध पिलाती हैं, तो हो सकता है कि बच्चे के दूध छोड़ने तक उनके पीरियड्स न आये. वहीं, जो महिलाएँ बच्चे को स्तनपान नहीं करवाती हैं, या कम करवाती हैं, उनके पीरियड्स डिलीवरी के 5 से 6 हफ़्तों बाद आ सकते हैं. हालाँकि, यहाँ पर यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि ऐसा हर महिला के साथ हो, ऐसा ज़रूरी नहीं है. मेडिकल कंडीशन के आधार पर कुछ महिलाओं के लिए यह समय अलग भी हो सकता है.
इसे भी पढ़ें: Recovery from C-section in Hindi | सी सेक्शन के बाद रिकवरी में मदद करेंगे ये टिप्स
सी सेक्शन डिलीवरी के बाद कई ऐसे फैक्टर्स होते हैं जो पीरियड्स को प्रभावित करते हैं. इनमें से कुछ इस प्रकार हैं;
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अगर आप अपने बच्चे को दिन में कई बार स्तनपान करवाती हैं, तो आपके पीरियड्स लेट हो सकते हैं. दरअसल, स्तनपान का असर ओव्यूलेशन और पीरियड्स पर होता है. कई बार सी सेक्शन के बाद ओव्यूलेशन और पीरियड्स अनियमित भी हो सकते हैं. इसमें घबराने की कोई बात नहीं है! ऐसा होना नॉर्मल है.
बेबी को जन्म देने के दौरान एक महिला का शरीर कई तरह के हार्मोनल बदलावों से गुज़रता है. डिलीवरी के बाद इन हार्मोन्स को संतुलित और मासिक चक्र को फिर से नियमित होने में थोड़ा समय लग सकता है.
डिलीवरी के बाद अगर न्यू मॉम ज़्यादा तनाव लेती है, तो इसका असर भी पीरियड्स पर होता है. इसके चलते पीरियड्स आने में देरी हो सकती है.
न्यू मॉम के वज़न का भी पीरियड्स पर असर होता है. अगर न्यू मॉम का वज़न अधिक है, तो ऐसी स्थिति में पहली बार पीरियड्स आने में देरी हो सकती है.
सी सेक्शन के बाद आपके पीरियड्स कब होंगे यह कभी-कभी आपकी फैमिली हिस्ट्री पर भी होता है. जेनेटिक कारणों का भी पीरियड्स पर असर होता है.
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इसे भी पढ़ें: डिलीवरी के बाद होने वाली बदहजमी की समस्या
सी सेक्शन और नॉर्मल डिलीवरी के बाद होने पीरियड्स लगभग एक जैसे ही होते हैं. हालाँकि, यूट्राइन वॉल पर टांके लगने के कारण सी सेक्शन के बाद होने वाले पीरियड्स में अधिक ब्लीडिंग हो सकती है. इस दौरान पीरियड्स सात दिन तक भी हो सकते हैं और पीरियड्स के 4 से 5 दिनों तक आपको हैवी ब्लीडिंग भी हो सकती है. इसके अलावा, आपको प्रेग्नेंसी से पहले होने वाले पीरियड्स की तुलना में इस वक़्त कम दर्द महसूस हो सकता है.
सी सेक्शन के बाद होने वाले पीरियड्स के दौरान आपको कुछ इस तरह के लक्षण महसूस हो सकते हैं
पीरियड्स में आपको पहले की ही तरह क्रैम्प महसूस हो सकते हैं.
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इस दौरान आपको लाइट या हैवी ब्लीडिंग हो सकती है. हर महिला के मामले में यह अलग हो सकता है.
हार्मोनल बदलाव होने के कारण पीरियड्स के दौरान ब्रेस्ट अधिक सेंसिटिव महसूस हो सकते हैं.
हार्मोन्स में बदलाव होने के कारण पीरियड्स के दौरान छोटी-छोटी बातों पर आपको मूड बदल सकता है.
इस दौरान आपकी बॉडी कई तरह के बदलावों को एडजस्ट कर रही होती है. ऐसे में आपको थकान महसूस हो सकती है.
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अगर सी सेक्शन डिलीवरी के बाद होने वाले पीरियड्स के दौरान आपको अधिक दर्द होता है या अधिक ब्लीडिंग होती है, या ब्लींडिंग से गंध आती है या फिर बुखार महसूस होता है, तो ऐसी स्थिति में आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए.
सी सेक्शन के बाद होने वाले पीरियड्स में आपको थोड़ी असहजता हो सकती है. साथ ही, पीरियड्स पहले से थोड़े अलग भी हो सकते हैं. लेकिन आपको चिंता नहीं करना है. हालाँकि, अगर ज़्यादा दर्द या ब्लीडिंग होती है या अन्य कोई लक्षण महसूस होते हैं, तो डॉक्टर से मिलने में देरी न करें!
1. Romano M, Cacciatore A, Giordano R, La Rosa B. (2010). Postpartum period: three distinct but continuous phases.
2. Chauhan G, Tadi P. (2022). Physiology, Postpartum Changes.
3. Sharman A. (1951). Menstruation after childbirth.
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Written by
Jyoti Prajapati
Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more
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