आख़िर क्या है लो लाइंग प्लेसेंटा | What is a low-lying placenta in Hindi ?
hamburgerIcon

Search for Bab

Orders

login

Profile

Skin CareHair CarePreg & MomsBaby CareDiapersMoreGet Mylo App

Get MYLO APP

Install Mylo app Now and unlock new features

💰 Extra 20% OFF on 1st purchase

🥗 Get Diet Chart for your little one

📈 Track your baby’s growth

👩‍⚕️ Get daily tips

OR

Cloth Diapers

Diaper Pants

This changing weather, protect your family with big discounts! Use code: FIRST10This changing weather, protect your family with big discounts! Use code: FIRST10
ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART

Article Continues below advertisement

  • Home arrow
  • Low Lying Placenta arrow
  • आख़िर क्या है लो लाइंग प्लेसेंटा | What is a low-lying placenta in Hindi ? arrow

In this Article

  • लो लाइंग प्लेसेंटा क्या होता है? (What is low- lying placenta in Hindi)
  • लो-लाइंग प्लेसेंटा के लक्षण (Symptoms of Low- lying placenta in Hindi)
  • क्या लो-लाइंग प्लेसेंटा जोखिम-भरा है? (Is low-lying placenta risky in Hindi)
  • लो-लाइंग प्लेसेंटा कितनी तरह का होता है? (Types of low-lying placent in Hindi)
  • 1.आंशिक (Partial previa)
  • 2. लो लाइंग (Low-lying placenta)
  • 3. मार्जिनल (Marginal previa)
  • 4. पूरा (complete previa)
  • लो-लाइंग प्लेसेंटा के कारण (Causes of low lying placenta in Hindi)
  • लो-लाइंग प्लेसेंटा कैसे निर्धारित होता है? (How do you know if you have a low-lying placenta?)
  • लो-लाइंग प्लेसेंटा की जाँच करने के लिए कौन-से स्कैन करवाएँ जाते हैं? (Test to check low-lying placenta in Hindi)
  • 1. ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड (Transvaginal ultrasound)
  • 2. ट्रांसएब्डॉमिनल अल्ट्रासाउंड (transabdominal ultrasound)
  • 3. एमआरआई (MRI)
  • लो-लाइंग प्लेसेंटा का इलाज और केयर टिप्स (Low-lying placenta treatment and care tips in Hindi)
 आख़िर क्या है लो लाइंग प्लेसेंटा | What is a low-lying placenta in Hindi ?

Low Lying Placenta

आख़िर क्या है लो लाइंग प्लेसेंटा | What is a low-lying placenta in Hindi ?

16 July 2024 को अपडेट किया गया

प्रेग्नेंसी के नौ माह के सफ़र में एक महिला को कई तरह के बदलावों और जटिलताओं से गुज़रना पड़ता है. लो लाइंग प्लेसेंटा (Low-lying placenta in Hindi) इसी में से एक है. हालाँकि, बहुत कम ऐसे पेरेंट्स होते हैं, जिन्हें इस स्थिति के बारे में जानकारी होती है. अगर आप भी उन्हीं लोगों में से एक हैं, तो परेशान न हो. इस लेख के ज़रिये हम आपको लो लाइंग प्लेसेंटा (Low-lying placenta meaning in Hindi) के बारे में कम्प्लीट जानकारी देंगे; जैसे कि प्लेसेंटा क्या है (Placenta in Hindi), लो लाइंग प्लेसेंटा क्या होता है? (What is low- lying placenta?), लो-लाइंग प्लेसेंटा के लक्षण क्या होते हैं (What are the symptoms of Low- lying placenta?), लो-लाइंग प्लेसेंटा कितनी तरह का होता है? (What are the types of low-lying placent?) और लो लाइंग प्लेसेंटा के लिए सीटिंग पोजीशन (Sitting position for low-lying placenta) क्या होती है!

लो लाइंग प्लेसेंटा क्या होता है? (What is low- lying placenta in Hindi)

तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि प्लेसेंटा क्या होता है (Placenta kya hota hai)! प्लेसेंटा प्रेग्नेंसी के दौरान विकसित होने वाला एक अस्थायी अंग है, जो गर्भाशय की दीवार (Uterine wall) से जुड़ा हुआ होता है. इसका काम गर्भ में पल रहे शिशु तक ऑक्सीजन और ज़रूरी पोषक तत्व पहुँचाना होता है. इतना ही नहीं, यह शिशु के मल को भी बाहर निकालता है. प्लेसेंटा (Placenta meaning in Hindi) शिशु के साथ बढ़ता है और फिर जन्म के बाद शिशु के साथ ही बाहर निकल जाता है. ये विकसित होते भ्रूण के चारों तरफ एक प्रोटेक्टिव लेयर होती है.

जब प्लेसेंटा गर्भाशय के नीचे की ओर आ जाता है और सर्विक्स के पूरे हिस्से को कवर कर लेता है, तो इससे गर्भाशय की ओपनिंग बंद हो जाती है, इस स्थिति को ही लो लाइंग प्लेसेंटा (Low-lying placenta) कहा जाता है. लो लाइंग प्लेसेटा के कारण डिलीवरी के दौरान शिशु का वेजाइना से निकलने का रास्ता बंद हो जाता है. लो लाइंग प्लेसेंटा (Low- lying placenta) को प्लेसेंटा प्रिविया (Placenta previa) के नाम से भी जाना जाता है. लो लाइंग प्लेसेंटा की स्थिति होने पर प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के दौरान गंभीर ब्लीडिंग हो सकती है.

Article continues below advertisment

इसे भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी में पीठ के बल क्यों नहीं सोना चाहिए?

लो-लाइंग प्लेसेंटा के लक्षण (Symptoms of Low- lying placenta in Hindi)

अगर प्रेग्नेंसी के 20वें हफ़्ते के बाद वेजाइना से भारी ब्लीडिंग होती है तो यह लो लाइंग प्लेसेंटा (Low-lying placenta) का पहला संकेत होता है. इसके अन्य लक्षण हैं –

  • पेट में क्रेम्प्स और तेज दर्द होना
  • लंबे अंतराल में ब्लीडिंग शुरू और बंद होना
  • ब्लीडिंग होने के साथ ही संकुचन महसूस होना
  • ऐसी स्थिति में प्रेग्नेंसी के दौरान संबंध बनाने पर ब्लीडिंग बढ़ सकती है.

इसे भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी में होने वाला दर्द - सामान्य या असामान्य?

क्या लो-लाइंग प्लेसेंटा जोखिम-भरा है? (Is low-lying placenta risky in Hindi)

लो-लाइंग प्लेसेंटा के चलते भारी ब्लीडिंग और सी-सेक्शन डिलीवरी की संभावना बढ़ जाती है. हालाँकि, इसके जोखिम कुछ अन्य कारकों पर भी निर्भर करता है-

1. प्लेसेंटा की पॉजीशन

Article continues below advertisment

2. प्रेग्नेंसी की स्टेज

3. माँ और होने वाले बच्चे की सामान्य सेहत

4. कम या भारी वेजाइनल ब्लीडिंग

5. यूटरस में बच्चे की पॉजीशन

इसे भी पढ़ें : गर्भावस्था के दौरान योनि में खुजली: लक्षण और इलाज

Article continues below advertisment

लो-लाइंग प्लेसेंटा कितनी तरह का होता है? (Types of low-lying placent in Hindi)

प्लेसेंटा की पॉजीशन के आधार पर 4 तरह के लो-लाइंग प्लेसेंटा या प्लेसेंटा प्रिविया होते हैं-

1.आंशिक (Partial previa)

इसमें जन्म देने वाली नलिका का कुछ हिस्सा ही ब्लॉक होता है. स्थिति में नॉर्मल डिलीवरी हो सकती है.

2. लो लाइंग (Low-lying placenta)

इस स्थिति में प्लेसेंटा जन्म देने वाली नली के बिल्कुल किनारे पर होता है. इस स्थिति में भी नॉर्मल डिलिवरी की संभावना होती है.

3. मार्जिनल (Marginal previa)

इस स्थिति में प्लेसेंटा आपकी जन्म नली के सामने से पुश करता है, जिससे ब्लीडिंग होने लगती है.

4. पूरा (complete previa)

इस स्थिति में प्लेसेंटा पूरी तरह से जन्म देने वाली नली को कवर कर लेता है.

Article continues below advertisment

इसे भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों के दर्द से कैसे राहत पाएँ?

लो-लाइंग प्लेसेंटा के कारण (Causes of low lying placenta in Hindi)

लो-लाइंग प्लेसेंटा के कई कारण होते हैं. यहाँ देखिए इसके कुछ मुख़्य कारण-

1. माँ की उम्र 35 से ज़्यादा हो

2. स्मोकिंग या अन्य किसी तरह की नुकसानदायक आदत

3. पहली डिलीवरी सी-सेक्शन से होना

Article continues below advertisment

4. एक से ज़्यादा बच्चे जैसे - ट्वीन्स या ट्रिपलेट्स होने से

6. पहले भी लो-लाइंग प्लेसेंटा का होना

7. पहला मिसकैरेज होने पर

इसे भी पढ़ें : सर्विक्स की लंबाई का प्रेग्नेंसी पर कैसे पड़ता है असर?

लो-लाइंग प्लेसेंटा कैसे निर्धारित होता है? (How do you know if you have a low-lying placenta?)

आमतौर पर 20वें हफ़्ते में अल्ट्रासाउंड करवाने पर लो-लाइंग प्लेसेंटा के बारे में पता चलता है. प्रेग्नेंसी के शुरुआती हफ़्तों में प्लेसेंटा नीचे की तरफ़ रहना नॉर्मल है, लेकिन अगर 20वें हफ़्ते में भी ये नीचे की तरफ रहे तो ये चिंता की बात है. आपके बच्चे की पॉजीशन को चेक करने के लिए एक फिजिकल टेस्ट भी किया जाता है. कुछ लो-लाइंग प्लेसेंटा मामलों में भ्रूण साइड में हो जाता है.

Article continues below advertisment

लो-लाइंग प्लेसेंटा की जाँच करने के लिए कौन-से स्कैन करवाएँ जाते हैं? (Test to check low-lying placenta in Hindi)

लो-लाइंग प्लेसेंटा के लिए कई तरह के स्कैन होते हैं-

1. ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड (Transvaginal ultrasound)

प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड से प्लेसेंटा की पॉजीशन के बारे में पता लगाया जाता है. इस प्रोसेस में स्कैनिंग डिवाइस को वेजाइना के अंदर रखा जाता है. इस स्कैनिंग में भ्रूण की साफ़ पिक्चर आती है, जिससे डॉक्टर प्लेसेंटा की पॉजीशन अच्छी तरह चेक कर सकते हैं.

2. ट्रांसएब्डॉमिनल अल्ट्रासाउंड (transabdominal ultrasound)

यह सबसे कॉमन स्कैन है. इसमें एक हैंड हेल्ड स्कैनर को पेट पर मूव करवाया जाता है. हालाँकि, ये प्रेग्नेंसी के बाद के स्टेज में काम आता है, जब बच्चा एब्डोमेन के पास होता है.

3. एमआरआई (MRI)

एमआरआई तब करवाया जाता है जब प्लेसेंटा की पॉजीशन का सही पता नहीं लगता है. इस स्कैन से प्लेसेंटा की बिल्कुल सही पॉजीशन का पता चल जाता है और इसकी ख़ास बात ये है कि इसे प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में भी करवाया जा सकता है.

लो-लाइंग प्लेसेंटा का इलाज और केयर टिप्स (Low-lying placenta treatment and care tips in Hindi)

लो-लाइंग प्लेसेंटा का इलाज प्रेग्नेंसी के स्टेज, इस दौरान कितनी ब्लीडिंग हो रही है और मां-बच्चे की सेहत के आधार पर निर्धारित होता है.

Article continues below advertisment

1. अगर हल्की ब्लीडिंग हो रही है तो आपको पूरी तरह से बेड रेस्ट करने और किसी भी तरह की भारी एक्टिविटी ना करने की सलाह दी जाएगी.

2. अगर थोड़ी भी ज़्यादा ब्लीडिंग हो रही है तो माँ को बहुत ध्यान से मॉनिटर किया जाएगा और उन्हें हॉस्पिटल में भी भर्ती करवाया जा सकता है. प्रेग्नेंसी के एडवांस स्टेज में इस स्थिति में सिजेरियन डिलीवरी की ज़रूरत भी पड़ सकती है.

3. इससे बचने के लिए बाहर लंबी वॉक ना करें. घर में ही घूमें और अगर आपको बेड रेस्ट की सलाह दी गई है तो घर पर भी कम वॉक करें.

4. अगर आपको पता चल जाए कि प्लेसेंटा नीचे की तरफ़ है तो पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स करना अवॉइड करें.

5. आयरन युक्त खाने पर ज़ोर दें और डॉक्टर की सलाह पर आयरन सप्लीमेंट्स भी लें. इससे आपको एनीमिया नहीं होगा.

Article continues below advertisment

6. अपनी पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान खुश और पॉजीटिव रहें. लो प्लेसेंटा की वजह से तनाव ना लें. ये आपके और बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है.

उम्मीद है कि इस आर्टिकल की मदद से आप लो लाइंग प्लेसेंटा की स्थिति को अच्छे से समझ गए होंगे.

रेफरेंस

1. Oppenheimer LW, Farine D, Ritchie JW, Lewinsky RM, Telford J, Fairbanks LA. (1991). What is a low-lying placenta? Am J Obstet Gynecol.

Article continues below advertisment

2. Gillieson MS, Winer-Muram HT, Muram D. (1982). Low-lying placenta.

3. Bronsteen R, Valice R, Lee W, Blackwell S, Balasubramaniam M, Comstock C. (2009). Effect of a low-lying placenta on delivery outcome.

Tags

Low-Lying Placenta in English , Low-Lying Placenta in Bengali, Low-Lying Placenta in Tamil, Low-Lying Placenta in Telugu

Trending Articles

एक हफ्ते में कितनी बार संबंध बनाना चाहिए | नार्मल डिलीवरी के संकेत | ओवरी में गांठ | नॉर्मल डिलीवरी के बाद पेट कम करना

Article continues below advertisment

Popular Articles

low lying placenta in hindi | जल्दी प्रसव के घरेलू उपाय | जघवास्थि के बाल | गर्भ में बच्चे का पोस्टीरियर पोजीशन

Is this helpful?

thumbs_upYes

thumb_downNo

Written by

Auli Tyagi

Auli is a skilled content writer with 6 years of experience in the health and lifestyle domain. Turning complex research into simple, captivating content is her specialty. She holds a master's degree in journalism and mass communication.

Read More

Get baby's diet chart, and growth tips

Download Mylo today!
Download Mylo App

Read more on mylo

RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

our most recent articles

foot top wavefoot down wave

AWARDS AND RECOGNITION

Awards

Mylo wins Forbes D2C Disruptor award

Awards

Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022

AS SEEN IN

Mylo Logo

Start Exploring

wavewave
About Us
Mylo_logo

At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:

  • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
  • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
  • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.